Shekhar Joshi Ka Jivan Parichay : शेखर जोशी आधुनिक हिंदी साहित्य में ‘नई कहानी आंदोलन’ के विख्यात रचनाकार माने जाते हैं। उनकी कहानियाँ नई कहानी आंदोलन के प्रगतिशील पक्ष का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने मुख्यतः गद्य साहित्य को अपनी लेखनी से समृद्ध किया है। ‘कोसी का घटवार’, ‘दाज्यू’ और ‘गलता लोहा’ उनकी लोकप्रिय कहानियाँ हैं। बता दें कि उनकी कुछ कहानियों का विभिन्न भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेज़ी, पोलिश और रूसी भाषाओं में अनुवाद हुआ है।
वहीं साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के ‘महावीरप्रसाद द्विवेदी पुरस्कार’, ‘साहित्य भूषण सम्मान’, ‘पहल सम्मान’ और ‘मैथिलीशरण गुप्त सम्मान’ आदि से सम्मानित किया जा चुका हैं। बता दें कि शेखर जोशी (Shekhar Joshi) की कुछ कहानियों को विद्यालय के अलावा बीए और एमए के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं।
इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी शेखर जोशी का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब हम समादृत कथाकार शेखर जोशी का जीवन परिचय (Shekhar Joshi Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | शेखर जोशी (Shekhar Joshi) |
जन्म | 10 सितंबर 1932 |
जन्म स्थान | ओलिया गांव, अल्मोड़ा जिला, उतराखंड |
शिक्षा | इंटरमीडिएट (ईएमई अप्रेंटिसशिप में चयन) |
पेशा | कथाकार, लेखक |
भाषा | हिंदी |
विधाएँ | कहानी, शब्द-चित्र |
साहित्य काल | आधुनिक काल (नई कहानी आंदोलन) |
पुरस्कार एवं सम्मान | ‘महावीरप्रसाद द्विवेदी पुरस्कार’, ‘साहित्य भूषण सम्मान’, ‘पहल सम्मान’ और ‘मैथिलीशरण गुप्त सम्मान’ आदि। |
निधन | 4 अक्टूबर, 2022 |
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शेखर जोशी का जन्म और शिक्षा
प्रतिष्ठित कथाकार शेखर जोशी का जन्म 10 सितंबर, 1932 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में ओलिया नामक गांव में हुआ था। बताया जाता हैं कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर और देहरादून में हुई। फिर उनका इंटरमीडिएट की पढ़ाई के दौरान ही सुरक्षा-विभाग में ईएमई अप्रेंटिसशिप के लिए चयन हो गया। जहाँ वे वर्ष 1955 से 1986 तक सेवा में रहे, तत्पश्चात् स्वैच्छिक रूप से पद त्यागकर पूर्ण रूप से लेखन कार्य में जुट गए।
वहीं प्रारंभिक शिक्षा के दौरान ही उनका साहित्य के क्षेत्र में पर्दापण हो गया था। बता दें कि वर्ष 1955 में ‘धर्मयुग’ द्वारा आयोजित कहानी-प्रतियोगिता में उन्हें प्रथम स्थान मिला था।
शेखर जोशी का साहित्यिक परिचय
शेखर जोशी की अधिकांश कहानियों में समाज के मेहनतकश और सुविधाहीन तबके का सजीव चित्रण देखने को मिलता है। वे निहायत सहज और आडंबरहीन भाषा शैली में सामाजिक यथार्थ के बारीक नुक्तों को पकड़ते और प्रस्तुत करते हैं। क्या आप जानते हैं कि उनकी बहुचर्चित कहानी ‘दाज्यू’ पर ‘चिल्ड्रंस फिल्म सोसाइटी’ द्वारा फिल्म भी बनाई जा चुकी है।
शेखर जोशी की रचनाएँ – Shekhar Joshi Ki Rachnaye
शेखर जोशी ने नई कहानी आंदोलन में कई अनुपम कृतियों का सृजन किया हैं। यहाँ शेखर जोशी का जीवन परिचय (Shekhar Joshi Ka Jivan Parichay) के साथ ही उनकी संपूर्ण रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-
कहानी-संग्रह
- कोसी का घटवार 1958
- साथ के लोग 1978
- हलवाहा 1981
- नौरंगी बीमार है 1990
- मेरा पहाड़ 1989
- डागरी वाला 1994
- बच्चे का सपना 2004
- आदमी का डर 2011
- एक पेड़ की याद
- प्रतिनिधि कहानियां
शब्द-चित्र संग्रह
- एक पेड़ की याद
पुरस्कार एवं सम्मान
शेखर जोशी (Shekhar Joshi Ka Jivan Parichay) को आधुनिक हिंदी साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- वर्ष 1987 में शेखर जोशी को ‘एक पेड़ की याद’ शब्दचित्र संकलन के लिए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा ‘महावीरप्रसाद द्विवेदी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
- साहित्य भूषण सम्मान
- पहल सम्मान
- मैथिलीशरण गुप्त सम्मान
- श्रीलाल शुक्ल सम्मान
90 वर्ष की आयु में हुआ निधन
शेखर जोशी ने कई दशकों तक हिंदी साहित्य में अनुपम कृतियों का सृजन किया हैं। किंतु वृद्धावस्था में बीमारी के कारण उनका 10 सितंबर 1932 को 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लेकिन आज भी वे अपनी लोकप्रिय कहानियों के लिए हिंदी-कथा साहित्य में विख्यात हैं।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ समादृत कथाकार शेखर जोशी का जीवन परिचय (Shekhar Joshi Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
उनका जन्म 10 सितंबर, 1932 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में ओलिया नामक गांव में हुआ था।
उन्हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के ‘महावीरप्रसाद द्विवेदी पुरस्कार’, ‘साहित्य भूषण सम्मान’, ‘पहल सम्मान’ और ‘मैथिलीशरण गुप्त सम्मान’ आदि से सम्मानित किया जा चुका हैं।
यह शेखर जोशी की लोकप्रिय कहानी है।
यह शेखर जोशी का बहुचर्चित शब्द-चित्र संग्रह है।
बीमारी के कारण उनका 4 अक्टूबर, 2022 को 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।
आशा है कि आपको समादृत कथाकार शेखर जोशी का जीवन परिचय (Shekhar Joshi Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।