कुँवर नारायण: समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक का जीवन परिचय – Kunwar Narayan Ka Jivan Parichay

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Kunwar Narayan Ka Jivan Parichay

Kunwar Narayan Ka Jivan Parichay: ‘भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित कुँवर नारायण आधुनिक हिंदी साहित्य के समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक माने जाते हैं। उन्होंने साहित्य जगत में कई अनुपम काव्य रचनाओं का सृजन करने के साथ-साथ कहानियां, चिंतनपरक लेख, फिल्म समीक्षा तथा अन्य कलाओं पर समीक्षा लिखीं हैं। इसके अलावा कुँवर नारायण ने अनुवाद क्षेत्र में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। बता दें कि कुँवर नारायण ने कई विदेशी कवियों के काव्य व गद्य लेखन का अनुवाद किया था। इनमें ‘पाब्लो नेरूदा’,‘होर्खे लुइस बोर्खेस’, ‘गुंटर ग्रास’ और ‘कंस्तांतिन कवाफ़ी’ आदि जैसे कई विख्यात लेखकों की रचनाएँ शामिल थीं। 

हिंदी साहित्य में अपना विशेष योगदान देने के लिए कुँवर नारायण को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2009 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया जा चुका हैं। बता दें कि कुँवर नारायण की कई कविताएँ जिनमें ‘कविता के बहाने’, ‘बात सीधी थी पर’, ‘अबकी अगर लौटा तो’, ‘प्रस्थान के बाद’, ‘मैं कहीं और भी होता हूँ’, ‘नई किताबें’ आदि को विद्यालय के साथ ही बी.ए. और एम.ए. के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। 

वहीं बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी कुँवर नारायण का जीवन परिचय (Kunwar Narayan in Hindi) और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब हम समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक कुँवर नारायण का जीवन परिचय (Kunwar Narayan Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

नाम कुँवर नारायण (Kunwar Narayan)
जन्म 19 सितंबर 1927
जन्म स्थान अयोध्या, उत्तर प्रदेश 
शिक्षा एम.ए अंग्रेजी (लखनऊ विश्वविद्यालय)
पेशा कवि, आलोचक, अनुवादक, फिल्म समीक्षक  
विधाएँ कविता, कहानी, समीक्षा, अनुवाद 
भाषा हिंदी 
काव्य-संग्रह चक्रव्यूह, परिवेश: हम तुम, अपने सामने, कोई दूसरा नहीं आदि। 
कहानी-संग्रह आकारों के आस-पास 
समीक्षा आज और आज से पहले 
पुरस्कार एवं सम्मान पद्म भूषण, भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार, व्यास सम्मान, प्रेमचंद पुरस्कार आदि। 
निधन 15 नवंबर 2017 

उत्तर प्रदेश के फ़ैज़ाबाद जिले में हुआ जन्म 

हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित साहित्यकार कुँवर नारायण का जन्म 19 सितंबर 1927 को उत्तर प्रदेश के फ़ैज़ाबाद जिले के अयोध्या में एक संपन्न परिवार में हुआ था। वहीं जीवन के कुछ प्रारंभिक वर्ष अयोध्या और फ़ैज़ाबाद में बीतने के बाद वह लखनऊ आ गए। यहीं से उन्होंने बी.ए और ‘लखनऊ विश्वविद्यालय’ से अंग्रेजी में एम.ए की डिग्री हासिल की। 

लेखन के साथ विभिन्न विषयों में रूचि 

अपनी शिक्षा के दौरान कुँवर नारायण के परिवार के निकट संपर्क में रहे भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी ‘आचार्य नरेंद्र देव’, ‘राम मनोहर लोहिया’ ‘आचार्य जे. बी कृपलानी’ का उनपर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। इन महान व्यक्तियों के प्रभाव के कारण ही वह गंभीर अध्ययन और स्वतंत्र चिंतन की ओर प्रेरित हुए। 

कुँवर नारायण ने साठ के दशक में ‘नई कहानी आंदोलन’ से जुड़ने के बाद साहित्य की कई विधाओं में अनुपम रचनाओं का सृजन किया। इसके साथ ही उन्होंने इतिहास, समकालीन विश्व साहित्य, क्लासिकल साहित्य, पुरातत्व, सिनेमा, कला, आधुनिक चिंतन, संस्कृति विमर्श व बौद्ध दर्शन आदि विषयों का भी गंभीर अध्ययन किया। बता दें कि लखनऊ में उनका आवास साहित्यिक गतिविधियों और संगीत सभाओं का केंद्र माना जाता था। 

विदेशी रचनाओं का किया अनुवाद 

कुँवर नारायण एक प्रतिष्ठित रचनाकार होने के साथ साथ कुशल अनुवादक भी थे। उन्होंने कई विदेशी कवियों और लेखकों की रचनाओं का अनुवाद किया था। इनमें मुख्य रूप से ‘पाब्लो नेरूदा’,‘होर्खे लुइस बोर्खेस’, ‘गुंटर ग्रास’ और ‘कंस्तांतिन कवाफ़ी’ आदि जैसे कई विख्यात कवियों और लेखकों की रचनाएँ शामिल थीं। 

विदेश यात्राएँ 

कुँवर नारायण ने अपने साहित्यिक जीवन में कई विदेश यात्राएँ भी की थी। वर्ष 1955 में वह भारत के पड़ोसी देश चीन व रूस, चेकस्लोवाकिया, पोलैंड देशों की यात्रा पर रहें। वहीं इसके बाद उन्होंने दुनिया के अन्य देशों की यात्राएँ की और दुनिया के विख्यात साहित्यकारों से मुलाकात की। इसके साथ ही हिंदी और विश्व साहित्य के बीच एक पुल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। 

कुँवर नारायण की साहित्यिक रचनाएँ 

कुँवर नारायण (Kunwar Narayan Ka Jivan Parichay) ने ‘नई कहानी आंदोलन’ में कई विधाओं में साहित्य का सृजन किया। इनमें मुख्य रूप से कविता, कहानी, समीक्षा और अनुवाद कार्य शामिल हैं। यहाँ कुँवर नारायण की संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं (Kunwar Narayan Poems in Hindi) के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-

कविता-संग्रह 

कविता-संग्रह प्रकाशन 
चक्रव्यूहवर्ष 1956 
परिवेश: हम तुम वर्ष 1961 
अपने सामने वर्ष 1979 
कोई दूसरा नहीं वर्ष 1993 
इन दिनों वर्ष 2002 
हाशिए का गवाह वर्ष 2009 

कहानी

कहानीप्रकाशन 
आकारों के आसपासवर्ष 1971

प्रबंध काव्य 

प्रबंध काव्य प्रकाशन 
आत्मजयीवर्ष 1965
वाजश्रवा के बहानेवर्ष 2008
कुमारजीववर्ष 2015

समीक्षा और विचार

समीक्षा और विचारप्रकाशन 
आज और आज से पहले वर्ष 1998 
मेरे साक्षात्कारवर्ष 1999
साहित्य के कुछ अंतरवर्ष 2003 

पुरस्कार एवं सम्मान 

कुँवर नारायण (Kunwar Narayan Ka Jivan Parichay) को आधुनिक हिंदी साहित्य में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • साहित्य अकादेमी पुरस्कार – वर्ष 1995 
  • भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार – वर्ष 2008 
  • पद्म भूषण – वर्ष 2009 
  • प्रेमचंद पुरस्कार 
  • व्यास सम्मान 
  • शलाका सम्मान 
  • कबीर सम्मान 
  • हिंदुस्तानी अकादमी पुरस्कार 
  • उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार 
  • तुलसी सम्मान 

निधन 

कुँवर नारायण ने कई दशकों तक साहित्य का सृजन किया। वहीं उनकी कई रचनाओं का भारतीय और विदेशी भाषाओं में भी अनुवाद हो चुका हैं। इनमे मुख्य रूप से रूसी, अंग्रेजी, पोलिश, इतालव, स्पेनिश, एस्टोनियाई, पंजाबी, मराठी, बांग्ला, असमिया, ओड़िया, गुजराती, कन्नड़, डोंगरी में अनूदित पुस्तकें शामिल हैं। वहीं साहित्य जगत को अपने साहित्य का बहुमुल्य खजाना सौंप कर उन्होंने 15 नवंबर 2017 को 90 वर्ष की आयु में दुनिया का अलविदा कह दिया। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक कुँवर नारायण का जीवन परिचय (Kunwar Narayan Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा

FAQs 

कुँवर नारायण का जन्म कहाँ हुआ था?

कुँवर नारायण का जन्म 19 सितंबर 1927 को उत्तर प्रदेश के फ़ैज़ाबाद जिले में हुआ था। 

कुँवर नारायण ने किस विश्वविद्यालय से एम.ए की डिग्री प्राप्त की थी?

कुँवर नारायण ने लखनऊ विश्वविद्यालय से एम.ए की डिग्री हासिल की थी। 

कुंवर नारायण कौन से काल के कवि हैं?

कुँवर नारायण आधुनिक हिंदी साहित्य में ‘नई कहानी आंदोलन’ के प्रमुख कवि थे। 

कुंवर नारायण को किस वर्ष पद्म भूषण से नवाजा गया था?

बता दें कि कुँवर नारायण को वर्ष 2009 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। 

कुंवर नारायण का निधन कब हुआ था?

कुँवर नारायण का 90 वर्ष की आयु में 15 नवंबर 2017 को निधन हो गया था। 

आशा है कि आपको समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक कुँवर नारायण का जीवन परिचय (Kunwar Narayan Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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