Chandoli Rashtriya Udyan: चंदौली राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास 

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Chandoli Rashtriya Udyan

Chandoli Rashtriya Udyan: चंदौली राष्ट्रीय उद्यान महाराष्ट के पश्चिमी घाटों में स्थित है। यह राष्ट्रीय उद्यान जैव विविधता और पारिस्थितिकी के संरक्षण का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1985 में की गई थी। 2004 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्रदान किया गया था। यह एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यान है। यह उद्यान न केवल वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों का उदाहरण है, बल्कि यह भारत की समृद्ध पारिस्थितिक विविधता और सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है। इस ब्लॉग में चंदौली राष्ट्रीय उद्यान (Chandoli Rashtriya Udyan) के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। 

उद्यान का नामचंदौली राष्ट्रीय उद्यान
स्थानमहाराष्ट्र (सांगली, कोल्हापुर, सतारा और रत्नागिरी जिलों में)
स्थापना वर्ष1985 (वन्यजीव अभयारण्य), 2004 (राष्ट्रीय उद्यान घोषित)
क्षेत्रफललगभग 317.67 वर्ग किलोमीटर
ऊँचाईसमुद्र तल से 589 मीटर से 1,044 मीटर के बीच
पर्यावरणीय क्षेत्रपश्चिमी घाट (जैव विविधता हॉटस्पॉट)
प्रमुख वन प्रकारनम पर्णपाती वन, घास के मैदान, झाड़ियाँ
प्रमुख जीव-जंतुबंगाल टाइगर, तेंदुआ, गौर (भारतीय बाइसन), भालू, सांभर, बार्किंग डियर
संरक्षण योजना2007 से ‘सह्याद्री टाइगर रिज़र्व’ के तहत (प्रोजेक्ट टाइगर)

चंदौली राष्ट्रीय उद्यान के बारे में

चंदोली राष्ट्रीय उद्यान महाराष्ट्र में के सांगली, सतारा, कोल्हापुर और रत्नागिरी जिलों के निकट स्थित है। यह राष्ट्रीय उद्यान पश्चिमी घाट की सह्याद्री पर्वतमाला की ऊँचाइयों पर फैला हुआ है। यह जैव विविधता से भरपूर क्षेत्र है। यहां पर कई सारे बारहमासी जल स्रोत, प्राकृतिक जलकुंड और प्रसिद्ध वसंत सागर जलाशय उपलब्ध हैं। ये सभी जल स्रोत इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

चंदौली राष्ट्रीय उद्यान विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों के साथ-साथ कई स्तनधारी, सरीसृप और पक्षी प्रजातियों का आवास क्षेत्र है। चंदोली राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महाराष्ट्र में वन्यजीव पर्यटन के क्षेत्र में यह उद्यान एक प्रमुख आकर्षण है।

चंदौली राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास

वर्तमान में जहां चंदोली राष्ट्रीय उद्यान एक संरक्षित क्षेत्र और जैव विविधता का सुरक्षित आश्रय स्थल है, वहीं अतीत में यह स्थान मराठा साम्राज्य के गौरवशाली इतिहास का साक्षी रहा है। यह क्षेत्र एक समय पर छत्रपति शिवाजी महाराज की सेनाओं और युद्धबंदियों के लिए खुली जेल के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। उनके पुत्र संभाजी महाराज ने इस क्षेत्र के प्राचीतगढ़ किले को न केवल एक निगरानी चौकी के रूप में, बल्कि अपने विश्राम और मनोरंजन स्थल के रूप में भी अपनाया था।

इस ऐतिहासिक रूप से समृद्ध क्षेत्र को 1985 में वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था। इस उद्यान के प्राकृतिक महत्व को देखते हुए साल 2004 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्रदान कर दिया गया था। यह उद्यान लगभग 317.67 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और प्राकृतिक संसाधनों के साथ-साथ कई वन्य प्रजातियों का घर है।

21 मई 2007 को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा चंदोली राष्ट्रीय उद्यान और कोयना वन्यजीव अभयारण्य को मिलाकर सह्याद्री टाइगर रिज़र्व के रूप में शामिल किया गया था। यह कदम न केवल बाघों के संरक्षण की दिशा में एक अहम पहल था, बल्कि पश्चिमी घाट की पारिस्थितिकी को संरक्षित रखने में भी महत्वपूर्ण साबित हुआ।

चंदौली राष्ट्रीय उद्यान में वनस्पति और जीव

चंदौली राष्ट्रीय उद्यान में वनस्पति और जीव इस प्रकार हैं: 

  • चंदोली राष्ट्रीय उद्यान, पश्चिमी घाट की जैव विविधता से समृद्ध पर्वतीय श्रृंखलाओं में स्थित है। इसमें विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ और जीव-जंतु पाए जाते हैं। 
  • चंदौली राष्ट्रीय उद्यान में नम पर्णपाती वन, शुष्क पर्णपाती वन, घास के मैदान और सदाबहार वृक्षों की प्रचुरता देखने को मिलती है। 
  • तेंदू, अर्जुन, बांस, साज, मोह और अंजन जैसे वृक्ष इस क्षेत्र की वनस्पति का प्रमुख हिस्सा हैं।
  • वनस्पति की इस विविधता के कारण यह पार्क अनेकों वन्यजीवों का आदर्श निवास स्थल है। 
  • यहाँ बंगाल टाइगर, भारतीय गौर (बाइसन), तेंदुआ, स्लॉथ बियर, सांभर, चितल, भौंकने वाला हिरण, जंगली सूअर, और चार-सिंघा जैसे स्तनधारी जानवर पाए जाते हैं। 
  • पक्षी प्रेमियों के लिए यह पार्क एक स्वर्ग है, जहाँ हरियाल, किंगफिशर, मोर, बगुले और अन्य जल और स्थलीय पक्षी प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं।
  • साँप, गोह, और कछुए जैसे सरीसृप भी यहाँ के पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। 
  • यह जैविक विविधता चंदोली राष्ट्रीय उद्यान को न केवल संरक्षण के दृष्टिकोण से, बल्कि शोध और इको-टूरिज्म के लिए भी एक महत्त्वपूर्ण स्थल बनाती है।

चंदौली राष्ट्रीय उद्यान के प्रमुख आकर्षण

चंदौली राष्ट्रीय उद्यान के प्रमुख आकर्षण इस प्रकार हैं:

  • पश्चिमी घाट की ऊँचाइयों पर फैला चंदौली राष्ट्रीय उद्यान प्राकृतिक सौंदर्य और हरियाली से भरपूर है।
  • यह शांत और रमणीय जलाशय हैं जो पक्षी देखने और फोटो लेने के लिए आदर्श क्षेत्र माने जाते हैं।
  • मानसून में अत्यंत खूबसूरत इसके झरने ट्रेकिंग और पिकनिक के लिए लोकप्रिय हैं।
  • यह एक ऐतिहासिक किला है जहाँ से संभाजी महाराज ने क्षेत्र की निगरानी की थी। यह इतिहास प्रेमियों के लिए खास किला है।
  • चंदौली राष्ट्रीय उद्यान बाघ, गौर और अन्य जंगली जानवरों को देखने का रोमांचक क्षेत्र माना जाता है।
  • हरियाल, किंगफिशर, मोर आदि को देखने का शानदार अनुभव, खासकर बर्ड वॉचिंग प्रेमियों के लिए यह एक आदर्श स्थान है।
  • यह पार्क ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के तहत बाघों के संरक्षण का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
  • चंदौली राष्ट्रीय उद्यान यूनेस्को विश्व धरोहर क्षेत्र है क्योंकि इसकी जैव विविधता और पारिस्थितिक महत्त्व के कारण यह यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त है।

FAQs 

चंदोली राष्ट्रीय उद्यान किस लिए प्रसिद्ध है?

महाराष्ट्र में चंदोली राष्ट्रीय उद्यान अपनी जैव विविधता, वन्यजीव और ट्रेकिंग ट्रेल्स के लिए प्रसिद्ध है। ट्रेकिंग ट्रेल्स सभी स्तरों के विशेषज्ञों के लिए ट्रेल्स प्रदान करता है, प्राचीन जंगलों के बीच से होकर गुजरता है और वन्यजीवों से मिलने के अवसर प्रदान करता है। अन्य गतिविधियाँ पक्षी देखना, नौका विहार, जीप सफारी और नदी किनारे रिट्रीट।

चंदोली किस राज्य में स्थित है?

चंदौली राष्ट्रीय उद्यान एक खूबसूरत जगह है, जो महाराष्ट्र राज्य के सांगली और सतारा, कोल्हापुर और रत्नागिरी जिलों के पास स्थित है। यह पार्क उत्तरी पश्चिमी घाट की सह्याद्री पर्वतमाला के शिखर पर फैला हुआ है।

क्या चंदोली नेशनल पार्क में बाघ हैं?

चंदौली के जंगलों में स्तनधारियों की लगभग 23 प्रजातियाँ, पक्षियों की 122 प्रजातियाँ, उभयचरों और सरीसृपों की 20 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। बाघ, तेंदुआ, भारतीय बाइसन, तेंदुआ बिल्ली, सुस्त भालू और विशाल गिलहरी यहाँ काफी प्रमुख हैं ।

चंदोली राष्ट्रीय उद्यान से कौन सी नदी बहती है?

वार्ना नदी चंदोली राष्ट्रीय उद्यान से होकर बहती है। चंदौली राष्ट्रीय उद्यान में अर्ध-शुष्क जलवायु स्थितियाँ हैं, और औसत तापमान 19 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।

क्या चंदोली नेशनल पार्क देखने लायक है?

चंदौली नेशनल पार्क जंगल सफारी और ट्रैकिंग के लिए एक अच्छा विकल्प है, जब बारिश का मौसम खत्म होने वाला हो । यह प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है, फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए यह स्वर्ग है। यहां झरने के ट्रेक को मिस न करें। चंदौली नेशनल पार्क घूमने के लिए बहुत अच्छी जगह है और हम इसका आनंद ले सकते हैं।

चंदोली नेशनल पार्क के पास कौन सा रेलवे स्टेशन है?

चंदोली से निकटतम रेलवे जंक्शन सांगली है जो 75 किमी दूर स्थित है। अन्य नजदीकी रेलवे स्टेशन मिराज (83 किमी), कोल्हापुर (80 किमी), और कराड (47 किमी) में हैं।

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उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको चंदौली राष्ट्रीय उद्यान (Chandoli Rashtriya Udyan) की जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही UPSC से जुड़े ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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