‘उत्कल गौरव’ के नाम से विख्यात ओड़िया साहित्यकार मधुसूदन दास का जीवन परिचय – Madhusudan Das Ka Jivan Parichay

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Madhusudan Das Ka Jivan Parichay

Madhusudan Das Ka Jivan Parichay: ‘उत्कल गौरव’ के नाम से विख्यात ‘मधुसूदन दास’ ओड़िया साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, राजनीतिज्ञ और उड़िया आंदोलन के वास्तुकार के रूप में जाने जाते हैं। क्या आप जानते हैं कि उन्होंने ही सबसे पहले ‘स्वतंत्र ओड़िशा’ की संकल्पना की और सभी उड़िया भाषी क्षेत्रों के एकीकरण के लिए अथक प्रयास किया, जिसके परिणामस्वरूप 1 अप्रैल, 1936 को ‘ओड़िशा राज्य’ की स्थापना हुई, जिसे वर्तमान में ‘उत्कल दिवस’ यानी ओड़िशा दिवस(Odisha Day) के रूप में मनाया जाता है। इसके साथ ही उन्होंने देश के औद्योगिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 

बता दें कि उन्हें प्यार से ‘कुल ब्रुधा’ (Kula Brudha) व ‘मधु बाबू’ के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष उनकी 176वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। आइए अब हम उत्कल गौरव मधुसूदन दास का जीवन परिचय (Madhusudan Das Ka Jivan Parichay) और उनकी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

मूल नाम  गोबिंदबल्लभ
उपनाम मधुसूदन दास
जन्म 28 अप्रैल, 1848
जन्म स्थान सत्यभामापुर गांव, कटक जिला, ओड़िशा 
पिता का नाम चौधरी रघुनाथ दास 
माता का नाम पार्वती देवी 
पत्नी का नाम सौदामिनी देवी 
शिक्षा एमए और बीएल
पेशा साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार और राजनीतिज्ञ
संस्थापक उत्कल सम्मिलनी
निधन 4 फरवरी, 1934

ओड़िशा के कटक जिले में हुआ था जन्म – Madhusudan Das Ka Jivan Parichay

उत्कल गौरव मधुसूदन दास का जन्म 28 अप्रैल, 1848 को ओड़िशा के कटक जिले के सत्यभामापुर गांव में एक जमींदार परिवार में हुआ था। बता दें कि उनका मूल नाम ‘गोबिंदबल्लभ’ था लेकिन वह अपने उपनाम “मधुसूदन दास” से विख्यात हुए। उनके पिता का नाम ‘चौधरी रघुनाथ दास’ था जो कि पेशे से जमींदार थे। उनकी माता का नाम ‘पार्वती देवी’ था जो कि एक गृहणी थीं। 

एम.ए. और बी.एल. की डिग्री प्राप्त करने वाले पहले उड़िया 

मधुसूदन दास ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सत्यभामापुर गांव के ही स्थानीय विद्यालय से शुरू की थी। इसके बाद वह हायर सेकेंडरी की पढ़ाई के लिए कटक हाई स्कूल चले गए। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1870 में ‘कलकत्ता विश्वविद्यालय’ से स्नातक की डिग्री हासिल की। बता दें कि बी.ए की उपाधि प्राप्त करने वाले वह पहले उड़िया व्यक्ति थे। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और एम.ए. और बी.ए की डिग्री प्राप्त की। 

उड़िया आंदोलन के वास्तुकार 

वर्ष 1881 में अपनी शिक्षा पूर्ण होने के बाद वह अपने गृह राज्य में कानून की प्रैक्टिस करने लगे। ये वो दौर था जब ब्रितानी सरकार की दमनकारी नीतियों के कारण ओड़िया भाषा का अस्तित्व संकट में था। लेकिन उस समय कुछ व्यक्तियों के निःस्वार्थ प्रयासों से ओड़िसा राज्य को स्वतंत्र रूप से अपना स्वरूप प्राप्त हुआ। वहीं, उड़िया भाषी लोगों को एकत्र करके एक स्वतंत्र प्रदेश निर्माण के लिये अनेक चिंतक, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और स्वतंत्रता सेनानी एकजुट हुए। उन महान व्यक्तियों में मधुसूदन दास सबसे पहले और प्रमुख व्यक्ति थे जिनके अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप 1 अप्रैल, 1936 को ओडिशा राज्य की स्थापना हुई, जिसे वर्तमान में ‘उत्कल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

यह भी पढ़ें – कैसे और क्यों हुई उत्कल दिवस की शुरुआत?

एक कुशल राजनीतिज्ञ

क्या आप जानते हैं कि मधुसूदन दास बंगाल प्रांतीय विधान परिषद और केंद्रीय विधान सभा में प्रवेश करने वाले पहले उड़िया व्यक्ति थे। बाद में उन्हें ‘मोंटागु-चेम्सफोर्ड सुधारों’ (Montagu–Chelmsford Reforms) के तहत बिहार और उड़ीसा प्रांत की विधान परिषद के सदस्य के रूप में चुना गया था। इसके साथ ही उन्हें प्रथम भारतीय मंत्री होने का गौरव प्राप्त हैं।

वहीं, शुरुआत में वह ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ (INC) के सदस्य भी थे किंतु भाषाई राज्यों की मांग पर असहमति के कारण वह कांग्रेस पार्टी से अलग हो गए थे। इसके बाद उड़िया भाषा की सुरक्षा एवं स्वतंत्र ओड़िशा प्रदेश गठन हेतु उन्होंने ‘उत्कल सम्मिलनी’ (Utkal Sammilani) की स्थापना की। 

वकील दिवस 

मधुसूदन दास एक महान नेता, सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार होने के साथ साथ एक प्रतिष्ठित कवि और लेखक भी थे। वहीं, उनकी अंग्रेजी और उड़िया भाषा में लिखी रचनाएँ लोगों को प्रेरित और मार्गदर्शन देने का कार्य करती थी। इसके साथ ही उन्होंने देश के औद्योगिक विकास में भी अपना अतुलनीय योगदान दिया है। किंतु 4 फरवरी 1934 को 85 वर्ष की आयु में उनका कटक, ओड़िशा में निधन हो गया। उनकी जयंती को ओड़िशा में ‘वकील दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ उत्कल गौरव मधुसूदन दास का जीवन परिचय (Madhusudan Das Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही है। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शन ऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
अशोक वाजपेयी मैथिलीशरण गुप्त राजगुरु 
सुखदेव जाबिर हुसैन विष्णु खरे
शमशेर बहादुर सिंहउमाशंकर जोशी आलोक धन्वा 
घनानंदअयोध्या सिंह उपाध्यायबिहारी
आचार्य शिवपूजन सहाय अमीर खुसरोमधु कांकरिया

FAQs 

मधुसूदन दास का जन्म कहाँ हुआ था?

उनका जन्म 28 अप्रैल, 1848 को ओड़िशा के कटक जिले के सत्यभामापुर गांव में हुआ था। 

मधुसूदन दास के पिता का नाम क्या था?

उनके पिता का नाम ‘चौधरी रघुनाथ दास’ था जो कि पेशे से जमींदार थे। 

मधुसूदन दास ने कहाँ तक शिक्षा प्राप्त की थी?

उन्होंने एम.ए. और बी.ए की डिग्री हासिल की थी। 

‘उत्कल सम्मिलनी’ की स्थापना किसने की थी?

‘उत्कल सम्मिलनी’ की स्थापना उत्कल गौरव मधुसूदन दास ने की थी।  

मधुसूदन दास का निधन कब हुआ था?

4 फरवरी 1934 को 85 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था।

आशा है कि आपको उत्कल गौरव मधुसूदन दास का जीवन परिचय (Madhusudan Das Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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