प्रख्यात साहित्यकार विष्णु खरे का जीवन परिचय – Vishnu Khare Ka Jivan Parichay

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विष्णु खरे का जीवन परिचय

Vishnu Khare Ka Jivan Parichay (विष्णु खरे का जीवन परिचय): विष्णु खरे आधुनिक हिंदी काव्य में अपना अग्रणी स्थान रखते हैं। वह एक प्रतिष्ठित कवि होने के साथ-साथ एक  पत्रकार, संपादक, अनुवादक और आलोचक भी थे। वहीं हिंदी काव्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए ‘साहित्यकार सम्मान’, ‘रघुवीर सहाय सम्मान’, ‘मैथलीशरण गुप्त सम्मान’ व फिनलैंड के राष्ट्रीय सम्मान ‘नाइट ऑफ द आर्डर ऑफ द व्हाइट रोज़’ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका हैं। 

बता दें कि विष्णु खरे की कई रचनाएँ जिनमें ‘एक कम’, ‘लालटेन जलाना’, ‘गुंग महल’, ‘जो टेंपो में घर बदलते हैं’ ‘जिल्लत’ आदि को विभिन्न विद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। वहीं, हिंदी साहित्य के बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी विष्णु खरे का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। 

आइए अब हम प्रख्यात साहित्यकार विष्णु खरे का जीवन परिचय (Vishnu Khare Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नाम विष्णु खरे (Vishnu Khare)
जन्म 09 फरवरी, 1940
जन्म स्थान छिंदवाड़ा जिला, मध्य प्रदेश 
शिक्षा एमए (अंग्रेजी साहित्य)
पेशा प्राध्यापक, अनुवादक, संपादक, कवि 
भाषा हिंदी, अंग्रेजी 
विधाएँ कविता 
कविता-संग्रह ‘मरू प्रदेश और अन्य कविताएँ’, ‘एक गैर-रूमानी समय में’, ‘खुद अपनी आँख से’, ‘सबकी आवाज के परदे में’ आदि।  
संपादन नवभारत टाइम्स
पुरस्कार एवं सम्मान ‘साहित्यकार सम्मान’, ‘रघुवीर सहाय सम्मान’, ‘मैथलीशरण गुप्त सम्मान’ व ‘नाइट ऑफ द आर्डर ऑफ द व्हाइट रोज़’ आदि। 
निधन 19 सितंबर 2018 

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में हुआ था जन्म – Vishnu Khare Ka Jivan Parichay

समादृत साहित्यकार विष्णु खरे (Vishnu Khare) का जन्म 09 फरवरी, 1940 को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा इंदौर में हुई इसके बाद उन्होंने वर्ष 1963 में ‘क्रिश्चियन कालेज’ से अंग्रेजी साहित्य में एमए की डिग्री प्राप्त की। 

विस्तृत रहा कार्य क्षेत्र 

विष्णु खरे ने अपने जीवन में दर्जनों नौकरियां पकड़ी और छोड़ी लेकिन जीवन के किसी भी दौर में उनकी साहित्यिक यात्रा रुकी नहीं। ना ही उनके अंदर का रचनाकार हारा और थका। बता दें कि वर्ष 1962-1963 में दैनिक ‘इंदौर समाचार’ में उप संपादक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1963-1975 तक मध्य प्रदेश और दिल्ली के महाविद्यालयों में अध्यापन का कार्य किया। 

इस बीच उन्होंने लघु पत्रिका ‘व्यास’ का भी संपादन किया। वर्ष 1976-84 तक वह साहित्य अकादमी में उप सचिव (कार्यक्रम) रहे। फिर वह ‘नवभारत टाइम्स’ (हिंदी) और अंग्रेजी ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के संपादन कार्य से भी जुड़े रहे। वर्ष 1993 में उन्होंने ‘जयपुर नवभारत टाइम्स’ के संपादक के रूप में भी कार्य किया। इसके बाद वह ‘नेहरू स्मारक संग्राहलय तथा पुस्तकालय’ (वर्तमान पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी) में कुछ वर्षों तक अध्येता भी रहे। 

विष्णु खरे की साहित्यिक रचनाएँ – Vishnu Khare ki Rachnaye

विष्णु खरे (Vishnu Khare Ka Jivan Parichay) ने हिंदी कविता, अनुवाद, संपादन और समीक्षा के क्षेत्र में अपना अतुल्नीय योगदान दिया हैं। वह उन चुनिंदा कवियों में से एक हैं, जिन्होंने हिंदी कविता को एक नया मुहावरा और एक नया विन्यास दिया। उन्हें हिंदी और अंग्रेजी भाषा में समान अधिकार प्राप्त था। 

विष्णु खरे की प्रारंभिक रचनाएँ ‘गजानन माधव मुक्तिबोध’ द्वारा नागपुर के साप्ताहिक ‘सारथी’ 1956-57 में प्रकाशित हुई थी। फिर वह ‘वसुधा’, ‘कृति’, ‘कहानी’, ‘नई कविता’, ‘धर्मयुग’ आदि पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई। इसके बाद उन्होंने बहुत कम समय में ही साहित्य जगत में अपना एक विशिष्ठ स्थान बना लिया था। यहाँ विष्णु खरे की संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-

कविता-संग्रह 

कविता-संग्रह प्रकाशन 
मरू प्रदेश और अन्य कविताएँसन 1960 
एक गैर-रूमानी समय मेंसन 1970 
खुद अपनी आँख सेसन 1978 
सबकी आवाज के परदे मेंसन 1994 
पिछला बाकी अज्ञात 
काल और अवधि के दरमियान अज्ञात 

समीक्षा-पुस्तक 

  • आलोचना की पहली किताब – सन 1983 

पुरस्कार एवं सम्मान 

विष्णु खरे (Vishnu Khare Ka Jivan Parichay) को हिंदी काव्य और शिक्षा के क्षेत्र में अतुल्नीय योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • साहित्यकार सम्मान
  • रघुवीर सहाय सम्मान
  • मैथलीशरण गुप्त सम्मान 
  • नाइट ऑफ द आर्डर ऑफ द व्हाइट रोज़
  • शिखर सम्मान 

ब्रेन हैमरेज के कारण हुआ निधन 

विष्णु खरे ने कई दशकों तक हिंदी साहित्य में अनुपम काव्य कृतियों का सृजन किया था। किंतु वृद्वावस्था में ब्रेन हैमरेज के कारण 79 वर्ष की आयु में उनका दिल्ली के जीबी पंत सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में 19 सितंबर 2018 को निधन हो गया। किंतु आज भी वह अपनी रचनाओं के लिए साहित्य जगत में जाने जाते हैं। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ प्रख्यात साहित्यकार विष्णु खरे का जीवन परिचय (Vishnu Khare Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 

FAQs 

विष्णु खरे का जन्म कहाँ हुआ था?

विष्णु खरे का जन्म 09 फरवरी, 1940 को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में हुआ था। 

विष्णु खरे को कौन सा सम्मान मिला है?

विष्णु खरे को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में ‘साहित्यकार सम्मान’, ‘रघुवीर सहाय सम्मान’, ‘मैथलीशरण गुप्त सम्मान’ व ‘नाइट ऑफ द आर्डर ऑफ द व्हाइट रोज़’ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। 

‘एक गैर-रूमानी समय में’ कविता-संग्रह के रचनाकार कौन है?

यह विष्णु खरे का लोकप्रिय कविता-संग्रह है। 

विष्णु खरे जी की मृत्यु कब हुई थी?

ब्रेन हैमरेज के कारण 79 वर्ष की आयु में उनका 19 सितंबर 2018 को निधन हो गया था। 

आशा है कि आपको प्रख्यात साहित्यकार विष्णु खरे का जीवन परिचय (Vishnu Khare Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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