आधुनिक एकांकी के जनक भुवनेश्वर का जीवन परिचय: Bhuvneshwar ka Jivan Parichay

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Bhuvneshwar ka Jivan Parichay

Bhuvneshwar ka jivan parichay: भुवनेश्वर आधुनिक हिंदी साहित्य के विख्यात एकांकीकार, लेखक और कवि थे। वहीं, उनकी रचनाओं में मध्य वर्ग की विडंबनाओं, स्त्री-पुरुष संबंध, प्रेम, विवाह और जीवन के कटु सत्य का सजीव चित्रण देखने को मिलता है। बता दें कि उन्होंने हिंदी साहित्य में नाटक, कहानी, आलोचना और कविता में अनुपम साहित्य का सृजन किया है लेकिन उन्हें एकांकीकार के रूप में सबसे ज्यादा प्रसिद्धि मिली है। माना जाता है कि उनपर पाश्चात्य विद्वान ‘हेनरिक इबसन’, ‘जॉर्ज बर्नार्ड शॉ’ और ‘डी.एच लॉरेंस’ का अधिक प्रभाव था। 

बता दें कि भुवनेश्वर की कई रचनाएँ जिनमें ‘श्यामा’, ‘तांबे के कीड़े’, ‘रहस्य’, ‘लॉटरी’ (एकांकी) ‘एक रात’, ‘जीवन की झलक’, ‘भेड़िये’, ‘भविष्य के गर्भ में’ और ‘लड़ाई’ (कहानी) आदि को विद्यालय के अलावा बी.ए. और एम.ए. के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। वहीं बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी भुवनेश्वर का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। 

आइए अब हम आधुनिक एकांकी के जनक भुवनेश्वर का जीवन परिचय (Bhuvneshwar ka jivan parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

मूल नाम भुवनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव 
उपनाम भुवनेश्वर
जन्म सन 1910 
जन्म स्थान शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश
पिता का नाम ओंकार बख्श 
शिक्षा इंटरमीडिएट 
पेशा लेखक व साहित्यकार 
भाषा हिंदी 
विधाएँ कविता, कहानी, नाटककार, एकांकीकार 
साहित्य काल आधुनिक काल 
निधन सन 1957 

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में हुआ था जन्म – (Bhuvneshwar ka Jivan Parichay)

हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित साहित्यकार भुवनेश्वर का जन्म सन 1910 में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। बता दें कि उनका मूल नाम ‘भुवनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव’ था लेकिन वह साहित्य जगत में ‘भुवनेश्वर’ के नाम से जाने गए। उनके पिता का नाम ‘ओंकार बख्श’ था वहीं अल्प आयु में ही माता का निधन हो जाने के कारण उनका पालन-पोषण उनकी सौतेली माँ ने किया। बताया जाता है कि उनका शुरूआती जीवन दुखद और आभावों में बीता। 

पाठ्य-पुस्तकों में नहीं लगता था मन 

भुवनेश्वर की प्रारंभिक शिक्षा शाहजहांपुर में ही हुई थी। इसके बाद उन्होंने इंटरमीडिएट की शिक्षा बरेली से प्राप्त की और बाद में वह उच्च शिक्षा के लिए इलाहाबाद आ गए। वह एक मेधावी छात्र थे और साहित्य में उनकी गहरी रूचि थी किंतु पाठ्य-पुस्तकों में उनका मन नहीं लगता था। वहीं अपने छात्र जीवन में उन्होंने हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी भाषा का गहन अधयन्न किया था।

आरंभिक रचनाएँ ‘हंस’ पत्रिका में हुई प्रकाशित 

भुवनेश्वर का साहित्य के क्षेत्र में पर्दापण विद्यालय के दिनों में ही हो गया था। उनकी आरंभिक रचनाएँ ‘मुंशी प्रेमचंद की पत्रिका ‘हंस’ में प्रकाशित होती थी। उनका पहला एकांकी नाटक ‘श्यामा’ नाम से ‘हंस’ के दिसंबर 1933 अंक में प्रकाशित हुआ था। बताया जाता है कि वे कुछ समय तक ‘प्रगतिशील लेखक संघ’ से भी जुड़े हुए थे। किंतु शिक्षा पूर्ण होने के बाद उन्होंने आजीविका हेतु इलाहाबाद और लखनऊ को अपना कार्यक्षेत्र बनाया। 

भुवनेश्वर का साहित्यिक परिचय

भुवनेश्वर ने मानव जीवन में व्याप्त विषमताओं से उपजे कटु यथार्थ को अपने साहित्य में प्रस्तुत किया है। वहीं अपनी रचनाओं के लिए उन्होंने कहानी, कविता और एकांकी विधाओं को चुना लेकिन साहित्य जगत में वह एकांकीकार एवं नाटककार के रूप में विख्यात हुए। उपन्यास सम्राटमुंशी प्रेमचंदने उनके बारे में लिखा था:- “भुवनेश्वर प्रसाद जी में प्रतिभा है, गहराई है, दर्द है, पते की बात कहने की शक्ति है, और मर्म को हिला देने वाली वाक्चातुरी है।”  

भुवनेश्वर की रचनाएँ – Bhuvneshwar Ki Rachnaye

भुवनेश्वर ने आधुनिक हिंदी साहित्य में गद्य और पद्य विधाओं में अनुपम साहित्य का सृजन किया हैं। यहाँ भुवनेश्वर का जीवन परिचय (Bhuvneshwar ka jivan parichay) के साथ ही उनकी संपूर्ण रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-

एकांकी 

एकांकी संग्रहप्रकाशन 
एक सम्यहीन साम्यवादी वर्ष 1934 
रहस्य-रोमांच वर्ष 1935 
कारंवा वर्ष 1935 
लॉटरी वर्ष 1936 
मृत्यु वर्ष 1936 
रोशनी और आग वर्ष 1941 
ताँबे के कीड़े वर्ष 1946 
इतिहास के केंचुल वर्ष 1948 

नाटक 

  • आजादी की नींद 
  • जेरुसलम 
  • सिकंदर 

कहानी

  • एक रात
  • जीवन की झलक
  • डाकमुंशी
  • भेड़िये
  • माँ-बेटे
  • मास्टरनी
  • मौसी
  • लड़ाई
  • सूर्यपूजा
  • आजादी : एक पत्र
  • हाय रे, मानव हृदय!
  • भविष्य के गर्भ में

कविताएँ 

  • आँखों की धुंध में 
  • कहीं कभी 
  • खुल सीसामा!
  • नदी के दोनों पाट 
  • बौछार पर बौछार 
  • यदि ऐसा हो तो
  • रुथ के लिए 

निधन 

भुवनेश्वर ने अपने छोटे से जीवनकाल में लीक से हटकर साहित्य का सृजन किया था। वहीं निधन से लगभग दो वर्ष पूर्व उनकी मानसिक अवस्था चिंतनीय हो गई थी। जिसके बाद वर्ष 1957 में वे बनारस की एक घर्मशाला में मृत पाए गए थे। किंतु अपनी लोकप्रिय रचनाओं के लिए वे आज भी साहित्य जगत में जाने जाते हैं। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ आधुनिक एकांकी के जनक भुवनेश्वर का जीवन परिचय (Bhuvneshwar ka jivan parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही है। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शन ऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
अशोक वाजपेयी मैथिलीशरण गुप्त राजगुरु 
सुखदेव जाबिर हुसैन विष्णु खरे
शमशेर बहादुर सिंहउमाशंकर जोशी आलोक धन्वा 
घनानंदअयोध्या सिंह उपाध्यायबिहारी
आचार्य शिवपूजन सहाय अमीर खुसरोमधु कांकरिया

FAQs 

भुवनेश्वर का जन्म कहाँ हुआ था?

उनका जन्म सन 1910 में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर नामक स्थान पर हुआ था।

भुवनेश्वर के पिता का क्या नाम था?

उनके पिता का नाम ओंकार बख्श था। 

भुवनेश्वर की आरंभिक रचनाएँ किस पत्रिका में प्रकाशित हुई थी?

उनकी आरंभिक रचनाएँ ‘हंस’ पत्रिका में प्रकाशित हुई थी। 

‘ताँबे के कीड़े’ एकांकी के रचनाकार का क्या नाम है?

‘ताँबे के कीड़े’ भुवनेश्वर का लोकप्रिय एकांकी संग्रह है। 

भुवनेश्वर का निधन कब हुआ था?

उनका निधन सन 1957 में बनारस में हुआ था। 

आशा है कि आपको आधुनिक एकांकी के जनक भुवनेश्वर का जीवन परिचय (Bhuvneshwar ka jivan parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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