Sarojini Naidu Biography in Hindi: सरोजिनी नायडू, एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, सुप्रसिद्ध कवयित्री और राजनीतिज्ञ थीं। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उन महिलाओं में शामिल थीं, जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए कड़ा संघर्ष किया था। बताना चाहेंगे सरोजिनी नायडू एक महान कवयित्री भी थीं। उनकी कविताओं से प्रभावित होकर महात्मा गांधी ने उन्हें ‘भारत कोकिला’ (नाइटिंगेल ऑफ इंडिया) की उपाधि दी थी। वहीं ब्रिटिश हुकूमत ने भारत में प्लेग महामारी के दौरान उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें ‘कैसर-ए-हिंद’ पदक से सम्मानित किया था। सरोजिनी नायडू की प्रमुख कृतियों में ‘इन द बज़ार्स ऑफ हैदराबाद’, ‘द गोल्डन थ्रेशोल्ड’, ‘द बर्ड ऑफ टाइम’ व ‘द ब्रोकन विंग’ आदि शामिल हैं।
क्या आप जानते हैं कि वर्ष 1925 में सरोजिनी नायडू कांग्रेस की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष बनीं थीं और वह वर्ष 1928 तक इस पद पर बनी रहीं। हालांकि कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष ‘एनी बीसेंट’ (Annie Besant) थीं, लेकिन सरोजिनी नायडू इस पद तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला थीं। वहीं स्वतंत्र भारत में सरोजिनी नायडू को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था, जो भारत में राज्यपाल का पद संभालने वाली पहली महिला बनीं।
भारत में हर वर्ष 13 फरवरी को सरोजिनी नायडू की जयंती के उपलक्ष्य में ‘राष्ट्रीय महिला दिवस’ मनाया जाता है। इस वर्ष उनकी 146वीं जयंती मनाई जाएगी। इस ब्लॉग में ‘भारत कोकिला’ सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय (Sarojini Naidu Ka Jivan Parichay) और उनके कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई है।
नाम | सरोजिनी नायडू (Sarojini Naidu) |
उपनाम | ‘भारत कोकिला’ व ‘नाइटिंगेल ऑफ इंडिया’ |
जन्म | 13 फरवरी 1879 |
जन्म स्थान | हैदराबाद, तेलंगाना |
शिक्षा | किंग्स कॉलेज, लंदन, निज़ाम कॉलेज |
पिता का नाम | अघोरनाथ चट्टोपाध्याय |
माता का नाम | वरदा सुंदरी देवी |
पति का नाम | डॉ. गोविंदराजालु नायडू |
संतान | जयसूर्या नायडू, पद्मजा नायडू, रणधीर नायडू, लीलामणि नायडू, निलावर नायडू |
संगठन | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-INC |
आंदोलन | भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन |
रचनाएँ | ‘इन द बज़ार्स ऑफ हैदराबाद’, ‘द गोल्डन थ्रेशोल्ड’, ‘द बर्ड ऑफ टाइम’ व ‘द ब्रोकन विंग’ आदि |
सम्मान | ‘कैसर-ए-हिंद’ |
प्रमुख उपलब्धियां | कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष, देश की पहली महिला राज्यपाल |
निधन | 2 मार्च, 1949 लखनऊ |
जीवनकाल | 70 वर्ष |
This Blog Includes:
- हैदराबाद में हुआ था जन्म – Sarojini Naidu Biography in Hindi
- सरोजिनी नायडू की शिक्षा
- सरोजिनी नायडू का व्यक्तिगत जीवन
- महात्मा गांधी से पहली मुलाकात
- भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में भागीदारी
- भारत की पहली महिला राज्यपाल बनीं
- सरोजिनी नायडू की रचनाएं – Sarojini Naidu Books in Hindi
- सरोजिनी नायडू की मृत्यु
- राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत
- FAQs
हैदराबाद में हुआ था जन्म – Sarojini Naidu Biography in Hindi
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हैदराबाद में एक बंगाली परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम ‘अघोरनाथ चट्टोपध्याय’ था जो कि एक वैज्ञानिक और शिक्षाशास्त्री थे। जबकि माता ‘वरदा सुंदरी देवी’ कवयित्री थीं और बंगाली भाषा में कविताएं लिखती थीं। बताना चाहेंगे सरोजिनी नायडू आठ भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। उनके एक भाई विरेंद्रनाथ क्रांतिकारी थे और एक भाई हरिद्रनाथ कवि, कथाकार और कलाकार थे।
सरोजिनी नायडू की शिक्षा
सरोजिनी नायडू बचपन से एक मेधावी छात्रा थीं और उर्दू, फ़ारसी, इंग्लिश, बांग्ला और तेलगू भाषा में निपुण थीं। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा में टॉप किया था। फिर 16 वर्ष की आयु में वह उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड चली गईं और अगले तीन वर्षों तक किंग्स कॉलेज, लंदन में और बाद में गिर्टन कॉलेज, कैंब्रिज में अध्ययन किया।
सरोजिनी नायडू का व्यक्तिगत जीवन
सरोजिनी नायडू उच्च शिक्षा के उपरांत जब इंग्लैंड से लौटीं तब सन 1898 में 19 साल की उम्र में उनका विवाह पेशे से डॉ. गोविंदराजालु नायडू से हो गया। इनकी पांच संताने हुईं जयसूर्या नायडू, पद्मजा नायडू, रणधीर नायडू, लीलामणि नायडू, निलावर नायडू।
महात्मा गांधी से पहली मुलाकात
बताया जाता है कि सरोजिनी नायडू की महात्मा गांधी से पहली मुलाकात सन 1914 में लंदन में हुई थी। गांधीजी से मिलने के बाद उनके जीवन की दिशा बदल गई। यहीं से वह देश की आजादी के आंदोलन से जुड़ गईं। वहीं गांधीजी के भारत आने से पहले वह दक्षिण अफ्रीका में उनकी सहयोगी रही थीं। बाद में वह सन 1905 में बंगाल के विभाजन के बाद भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन (Indian Independence Movement) में शामिल हो गईं।
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में भागीदारी
सरोजिनी नायडू ने वर्ष 1920 में महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और विभिन्न स्वतंत्रता गतिविधियों में शामिल होने के कारण वे कई बार गिरफ्तार भी हुईं। इसके बाद वर्ष 1930 में भारत में नमक उत्पादन पर ब्रिटिश एकाधिकार के खिलाफ अहिंसक विरोध, नमक सत्याग्रह में भी उन्होंने हिस्सा लिया था।
बताना चाहेंगे वर्ष 1942 में सरोजिनी नायडू को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान ब्रिटिश सरकार द्वारा गिरफ्तार किया गया और गांधीजी के साथ 21 महीने के लिए जेल में डाल दिया गया। किंतु उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और भारत के संघर्ष के बारे में जागरूकता बढ़ाने और अंतर्राष्ट्रीय समर्थन जुटाने के लिए उन्होंने अमरीका व यूनाइटेड किंगडम सहित विभिन्न देशों की यात्राएं की। वर्ष 1931 में वह भारतीय-ब्रिटिश सहयोग हेतु ‘गोलमेज सम्मेलन’ (Round Table Conferences) के अनिर्णायक दूसरे सत्र के लिए गांधीजी के साथ लंदन गई थीं।
भारत की पहली महिला राज्यपाल बनीं
वर्ष 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद सरोजिनी नायडू को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया, जो भारत में राज्यपाल का पद संभालने वाली पहली महिला बनीं। उन्हें यह पद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सौंपा था। वे अपने निधन तक इस पद पर रहीं।
सरोजिनी नायडू की रचनाएं – Sarojini Naidu Books in Hindi
सरोजिनी नायडू भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक महान कवयित्री भी थीं। बताया जाता है कि उन्होंने अल्प आयु में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उनकी अनुपम काव्य कृतियों से प्रभावित होकर महात्मा गांधी ने उन्हें ‘भारत कोकिला’ (नाइटिंगेल ऑफ इंडिया) की उपाधि दी थी। सरोजिनी नायडू का प्रथम कविता संग्रह ‘द गोल्डन थ्रेशहोल्ड’ (The Golden Threshold) वर्ष 1905 में प्रकाशित हुआ था। जो आज भी पुस्तक प्रेमियों के द्वारा खास पसंद किया जाता है। यहाँ सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय (Sarojini Naidu Biography in Hindi) के साथ ही उनकी कुछ प्रमुख रचनाओं के बारे में बताया गया हैं:-
S.No. | Books | प्रकाशित होने का वर्ष |
1. | स्वर्णिम दहलीज | 1905 |
2. | समय का पंछी: जीवन, मृत्यु और बसंत के गीत | 1912 |
3. | द ब्रोकन विंग: सांग्स ऑफ लव, डेथ एंड डेस्टिनी | 1917 |
4. | Speeches and Writings of Sarojini Naidu | 1919 |
5. | इन द बाज़ार्स ऑफ़ हैदराबाद | 1912 |
6. | Songs of Nature – With an Introduction by Edmund Gosse | – |
7. | सरोजिनी नायडू, सिलेक्टेड पोएट्री एंड प्रोज़सरोजिनी नायडू द्वारा पुस्तक | 1993 |
8. | The Bird of Time – Songs of Life, Death & The Spring: With a Chapter from ‘Studies of Contemporary Poets’ by Mary C. Sturgeon | 1912 |
यह भी पढ़ें – पढ़िए सरोजिनी नायडू की कविताएं
पुरस्कार एवं सम्मान
ब्रिटिश सरकार ने भारत में प्लेग महामारी के दौरान सरोजिनी नायडू की उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें ‘कैसर-ए-हिंद’ पदक से सम्मानित किया था। वहीं 13 फरवरी, 1964 को भारत सरकार ने उनकी जयंती के अवसर पर उनके सम्मान में 15 नए पैसे का एक स्मारक डाकटिकट जारी किया था।
सरोजिनी नायडू की मृत्यु
सरोजिनी नायडू का 2 मार्च, 1949 को हार्ट अटैक से 70 वर्ष की आयु में लखनऊ में निधन हुआ था। किंतु अपने अतुलनीय कार्यों के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है।
राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत
क्या आप जानते हैं कि 13 फरवरी, 2014 को सरोजिनी नायडू की 135वीं जयंती के अवसर पर भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी। तब से हर वर्ष उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में 13 फरवरी को ‘राष्ट्रीय महिला दिवस’ (National Women’s Day 2025) मनाया जाता है। इस वर्ष उनकी 146वीं जयंती मनाई जाएगी।
यह भी पढ़ें – सरोजिनी नायडू के प्रेरक विचार
FAQs
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हैदराबाद में एक बंगाली परिवार में हुआ था।
सरोजिनी नायडू, एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, सुप्रसिद्ध कवयित्री और राजनीतिज्ञ थीं। उन्हें ‘भारत कोकिला’ के नाम से जाना जाता था।
सरोजिनी नायडू असहयोग आंदोलन, होम रूल आंदोलन, नमक सत्याग्रह में शामिल थीं। उन्हें वर्ष 1925 (कानपुर सत्र) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
सरोजिनी नायडू 1925 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष चुनी गईं थीं।
ब्रिटिश सरकार ने भारत में प्लेग महामारी के दौरान उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें ‘कैसर-ए-हिंद’ पदक से सम्मानित किया था।
सरोजिनी नायडू को ‘भारत कोकिला’ (नाइटिंगेल ऑफ इंडिया) के नाम से भी जाना जाता है।
2 मार्च, 1949 को हार्ट अटैक से 70 वर्ष की उम्र में सरोजिनी नायडू का निधन हुआ था।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ ‘भारत कोकिला’ सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय (Sarojini Naidu Biography in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों के जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-
आशा है कि आपको सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय (Sarojini Naidu Biography in Hindi, Sarojini Naidu Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।