Sanjay Gandhi Rashtriya Udyan: मुंबई, जिसे लोग आमतौर पर भीड़, ट्रैफिक और भाग-दौड़ की ज़िंदगी से जोड़ते हैं, उसी शहर के बीचों-बीच एक ऐसी जगह है जहां शांति, हरियाली और प्रकृति का अनोखा संगम देखने को मिलता है। इस जगह का नाम संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान है, यह भारत के उन दुर्लभ राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है जो न केवल प्राकृतिक प्रेमियों के लिए स्वर्ग है, बल्कि इतिहास, पर्यावरण और जैव विविधता में रुचि रखने वालों के लिए भी एक विशेष महत्व रखता है। इसलिए इस लेख में आपके लिए संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (Sanjay Gandhi Rashtriya Udyan) की विस्तृत जानकारी दी गई है। संजय गांधी नेशनल पार्क के बारे में जानने के लिए इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
विषय | विवरण |
स्थान (Location) | मुंबई, महाराष्ट्र (बोरीवली में मुख्य प्रवेश) |
स्थापना वर्ष | 1969 (पूर्व में इसे बोरिवली नेशनल पार्क कहा जाता था) |
आकार (क्षेत्रफल) | लगभग 87 वर्ग किमी |
प्रवेश द्वार | बोरीवली और येऊर (ठाणे) से |
उद्यान में बहने वाली नदियाँ | दहिसर नदी और पोइसर नदी |
प्रमुख आकर्षण | कन्हेरी गुफाएँ (2000 वर्ष पुरानी बौद्ध गुफाएँ), टाइगर सफारी, बोटिंग, नेचर ट्रेल्स |
प्रमुख वन्यजीव | तेंदुआ, सांभर, चीतल, काले नीलगाय, मगरमच्छ, सूअर |
प्रमुख पक्षी प्रजातियाँ | हॉर्नबिल, किंगफिशर, उल्लू, पर्पल सनबर्ड, ग्रीन पिजन |
कितनी प्रजातियाँ मौजूद हैं | 35+ स्तनधारी, 78+ सरीसृप व उभयचर, 274+ पक्षी, 150+ तितलियाँ, 1300+ पौधों की प्रजातियाँ |
निकटतम रेलवे स्टेशन | बोरीवली रेलवे स्टेशन (लगभग 1 किमी दूर) |
समय अवधि | मुख्य भ्रमण के लिए 4-6 घंटे; पूरी एक्सप्लोरेशन (कन्हेरी गुफाएँ आदि) के लिए 1 दिन |
क्या मगरमच्छ हैं? | हाँ, तुलसी और विहार झीलों में |
खुलने का समय | सुबह 7:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक (सोमवार को बंद) |
टिकट शुल्क | सामान्य प्रवेश ₹85-100 (अलग-अलग गतिविधियों के लिए अतिरिक्त शुल्क) |
उपयुक्त समय घूमने का | अक्टूबर से मार्च (ठंडा मौसम) |
विशेष गतिविधियाँ | सफारी राइड, साइकिलिंग, ट्रेकिंग, बोटिंग, नाइट ट्रेल्स |
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संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान किसके लिए प्रसिद्ध है?
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान न केवल अपने समृद्ध वन्यजीव और हरियाली के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह भारत के सबसे शांत, सुरम्य और जैव विविधता से भरपूर राष्ट्रीय उद्यानों में से एक माना जाता है। बताना चाहेंगे संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान की ही पहले बोरीवली नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता था, यह नेशनल पार्क महाराष्ट्र के मुंबई महानगर में स्थित है, बता दें कि निम्नलिखित कारणों के चलते संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान प्रसिद्ध है –
- संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित है। यह भारत के उन गिने-चुने राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है, जो किसी मेट्रो शहर के अंदर स्थित है।
- इस उद्यान की सबसे ऐतिहासिक पहचान इसकी 2000 साल पुरानी बौद्ध गुफाएं हैं।
- यहां हजारों प्रकार के पौधे, जंगली जानवर और पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- यहाँ कई ट्रैकिंग ट्रेल्स और साइक्लिंग रूट्स हैं, जो इसे एडवेंचर प्रेमियों के लिए खास बनाते हैं।
- बताना चाहेंगे सुबह-सुबह की सैर करने वालों के लिए भी यह उद्यान एक विशेष स्थल के समान है।
- महाराष्ट्र सरकार द्वारा नियमित रूप से यहां की जैव विविधता की निगरानी और वन्य जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
Sanjay Gandhi Rashtriya Udyan के बारे में
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान, जिसे पहले बोरीवली नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता था, महाराष्ट्र राज्य में मुंबई उपनगर के बोरीवली इलाके में स्थित है। बात अगर इस पार्क के क्षेत्रफल की की जाए तो आप जानेंगे कि यह उद्यान करीब 103 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसे वर्ष 1990 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त हुआ। बता दें कि पर्यावरण मंत्रालय (MoEF&CC) और महाराष्ट्र वन विभाग के अधीन आने वाला यह उद्यान न सिर्फ जैव विविधता से भरपूर है, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास
भारत जैसे जैव विविधताओं से भरपूर देश में कुछ ऐसे विशेष स्थल हैं जो प्रकृति, इतिहास और मानव विकास की कहानी एक साथ कहते हैं। ऐसे ही प्रमुख स्थानों में से एक मुंबई के उत्तर में स्थित संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (SGNP), जिसे पहले बोरीवली राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता था। बता दें कि लगभग 103 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह उद्यान भारत के सबसे व्यस्त महानगर के बीचोंबीच स्थित होने के बावजूद, प्रकृति की शांति, जैव विविधता और ऐतिहासिक धरोहरों का अद्भुत मेल प्रस्तुत करता है।
संजय गांधी नेशनल पार्क की नींव ब्रिटिश शासन काल में पड़ी थी। उस समय यह क्षेत्र बोरीवली और ठाणे के आसपास के जलाशयों को संरक्षित रखने के लिए आरक्षित जंगल के रूप में चिह्नित किया गया था। जलाशयों की सुरक्षा के लिए इस वन क्षेत्र को आवश्यक माना गया, जिससे मुंबई को पीने का स्वच्छ पानी मिल सके। वर्ष 1969 में इसे आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला। इसके बाद वर्ष 1981 में बोरीवली राष्ट्रीय उद्यान के नाम से मशहूर इस उद्यान का नाम संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान रखा गया।
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान की जैव विविधता
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान की सबसे बड़ी खासियत इसकी जैव विविधता है। बताते चलें कि इस उद्यान में हजारों प्रजातियों के पौधे, स्तनधारी, सरीसृप, पक्षी और कीट पाए जाते हैं, जिनमें से कई संकटग्रस्त और संरक्षित श्रेणी में आते हैं। एक अनुमान के अनुसार यहाँ लगभग 270 से अधिक प्रजातियों के पक्षी, 40 से अधिक स्तनधारी, 130 तितलियों की प्रजातियाँ, और 170 से अधिक पौधों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
इस पार्क की सबसे रोचक बात यह है कि यहाँ चित्तियों के साथ-साथ तेंदुए भी निवास करते हैं। बता दें कि वर्ष 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, यहाँ 40 से अधिक तेंदुए सक्रिय रूप से देखे गए हैं, जो बताता है कि यह पार्क अभी भी बड़ी बिल्लियों के लिए सुरक्षित आश्रय बना हुआ है। महाराष्ट्र वन विभाग और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS) द्वारा किए गए संयुक्त सर्वेक्षणों ने इस जैव विविधता को वैज्ञानिक रूप से दर्ज किया है।
इसके साथ ही यहाँ लगभग 1,000 से अधिक वनस्पतियों की प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध करवी का पौधा है। यह ऐसी वनस्पति है, जो हर आठ साल में सिर्फ एक बार खिलता है। बता दें कि मुम्बई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवेलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) और नेशनल पार्क प्रबंधन मिलकर यहाँ “मानव-वन्यजीव सहअस्तित्व” की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं, जिसके तहत यहाँ जैव गलियारे के विकास की योजनाओं के साथ-साथ, रात्रि में निगरानी के लिए कैमरों की स्थापना की जा रही है।
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के प्रमुख आकर्षण केंद्र
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के प्रमुख आकर्षण केंद्र की जानकारी निम्नलिखित है –
- इस नेशनल पार्क में लगभग 40 से अधिक स्तनधारी, 250 पक्षी प्रजातियां, 38 सरीसृप, और 150+ तितली प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से भी बंगाल टाइगर, तेंदुआ, सांभर, चीतल, और निलगाय जैसे जीव यहां के प्रमुख आकर्षण हैं।
- यहाँ “वनी रानी” नाम की मिनी ट्रेन बच्चों और परिवारों के बीच बेहद लोकप्रिय है, जो पर्यटकों को एक छोटा सर्किट बनाकर पूरे उद्यान की एक झलक दिखाती है। बताना चाहेंगे यह ट्रेन जंगली जानवरों, झीलों और पहाड़ियों के बीच से होकर गुजरती है।
- इस नेशनल पार्क में कई ट्रेकिंग ट्रेल्स जैसे- शिलोंदा ट्रेल और मालाड ट्रेल हैं, जो मॉनसून और सर्दियों के मौसम में बहुत लोकप्रिय हैं।
- यहाँ पर्यावरण विभाग द्वारा आयोजित गाइडेड नेचर वॉक्स और बर्ड वॉचिंग टूर भी पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है।
- यहाँ लगभग 2,000 वर्ष पुरानी कनहेरी की गुफाएँ हैं, जो आकर्षण का एक प्रमुख केंद्र हैं। बता दें कि यहाँ ध्यान स्थल और प्राचीन शिल्पकला के सुंदर उदाहरण पर्यटकों का मन मोह लेते हैं।
- यहां इको-टूरिज्म जोन, प्लास्टिक प्रतिबंध, और सौर ऊर्जा चालित कैंपिंग साइट्स की योजना भी बनाई जा रही है, जो यहाँ का प्रमुख आकर्षक बन सकती है।
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से संबंधित रोचक तथ्य
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि एक संरक्षित प्राकृतिक धरोहर है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल की तरह है। इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य निम्नलिखित हैं-
- यह पार्क वन विभाग, महाराष्ट्र सरकार द्वारा संरक्षित है और बच्चों व छात्रों के लिए प्रकृति शिक्षा कार्यक्रमों का आयोजन करता है।
- संजय गांधी नेशनल पार्क में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समय-समय पर कई प्रकार के कैम्प्स और वर्कशॉप्स का आयोजन होता है।
- इस उद्यान में 1,300 से अधिक पौधों की प्रजातियाँ मौजूद हैं, जिनमें लगभग 250 पक्षी, 40 स्तनधारी और 70 से अधिक तितलियों की प्रजातियाँ शामिल हैं।
- यहाँ का एक प्रमुख आकर्षण है – तेंदुआ (Leopard)। बता दें कि यह मुंबई के एकमात्र ऐसे क्षेत्र में पाया जाता है, जहाँ वन्य जीव और शहरी आबादी के बीच समन्वय को सरलता से देखा जा सकता है।
- इस उद्यान के अंदर कनहेरी गुफाएँ स्थित हैं, जो बौद्ध धर्म से संबंधित हैं। बता दें कि लगभग 2,000 वर्ष पुरानी यह गुफाएं इतिहास की गवाही देने में भी सक्षम हैं।
- यहाँ चलने वाली मिनी ट्रेन ‘वनरानी पर्यटकों के लिए एक खास आकर्षण है, जो लगभग 7.5 किलोमीटर के क्षेत्र में चलकर पर्यटकों को यहाँ के विहंगम दृश्य दिखाती है।
FAQs
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में बोरिवली इलाके में स्थित है, जो भारत के व्यस्ततम महानगरों में एक हरित क्षेत्र के रूप में जाना जाता है।
जी हां, उद्यान में शेर और बाघ सफारी की सुविधा उपलब्ध है, जहां पर्यटक विशेष रूप से संरक्षित बसों के माध्यम से जंगली जानवरों को सुरक्षित रूप से देख सकते हैं।
यहां कन्हेरी गुफाएं, जंगल सफारी, हर्बल गार्डन, ट्रैकिंग ट्रेल्स और बच्चों के लिए मनोरंजक स्थल प्रमुख आकर्षण हैं।
इस उद्यान की स्थापना वर्ष 1969 में की गई थी और इसे 1990 में संजय गांधी के नाम पर समर्पित किया गया, जो पर्यावरण संरक्षण में विश्वास रखते थे।
यह पार्क भारत के कुछ शहरों में स्थित वन्यजीव अभ्यारण्यों में से एक है, जहां तेंदुए, हिरण, मोर, भालू जैसे जानवर प्राकृतिक वातावरण में देखे जा सकते हैं। इसके अंदर कन्हेरी गुफाएं भी ऐतिहासिक महत्व रखती हैं।
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में तेंदुआ, हिरण, नीलगाय, जंगली सूअर, कई प्रकार की पक्षियों और तितलियों की प्रजातियां पाई जाती हैं, जो जैव विविधता को दर्शाती हैं।
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