Tansen Ka Jivan Parichay: भारत के महान शास्त्रीय संगीतज्ञ तानसेन का जीवन परिचय

1 minute read
Tansen Ka Jivan Parichay

Tansen Ka Jivan Parichay: तानसेन एक महान शास्त्रीय संगीतज्ञ थे। वे मुगल काल में बादशाह अकबर के नवरत्नों में एक थे। बताया जाता है कि उन्हें अकबर के दरबार में दरबारी संगीतकार और प्रतिष्ठित संगीत महाविद्यालय के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। मुग़ल काल में तानसेन की गायन क्षमता और अपने गायन के माध्यम से विभिन्न भावनाओं को चित्रित करने की क्षमता के कारण उन्हें “रसराज” की उपाधि से सम्मानित किया गया था। 

बताना चाहेंगे प्रतिवर्ष मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत कला अकादमी एवं मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद, भोपाल के सहयोग से संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति में तानसेन समारोह का आयोजन ग्वालियर एवं उनकी कर्मस्थली बेहट में किया जाता है। गौरतलब है कि सिंधिया राज्यकाल में ही सन 1924 में तानसेन समारोह का शुभारंभ हुआ था। 

इस अवसर पर संस्कृति विभाग, मध्य प्रदेश शासन द्वारा देश के किसी शीर्षस्थ कलाकार को “तानसेन सम्मान” से विभूषित किया जाता है। बता दें कि यह पुरस्कार वर्ष 1980 में स्थापित किया गया था। आइए अब हम महान शास्त्रीय संगीतज्ञ तानसेन का जीवन परिचय (Tansen Ka Jivan Parichay) और उनके शास्त्रीय योगदान के बारे में विस्तार से जानते हैं।

मूल नाम रामतनु पांडे
उपनाम तानसेन 
जन्म सन 1506
जन्म स्थान बेहट, ग्वालियर, मध्य प्रदेश 
पेशाएकल गायक
पिता का नाम मुकुंद राम 
गुरु का नाम स्वामी हरिदास
दरबारी कवि बादशाह अकबर
अकबर द्वारा प्रदत्त उपाधि‘मियाँ’ की उपाधि’
उपाधि “रसराज”
मृत्यु सन 1589
समाधि ग्वालियर, मध्य प्रदेश 

मध्य प्रदेश के बेहट में हुआ था जन्म – Tansen Ka Jivan Parichay

तानसेन की जन्मतिथि और जन्म स्थान स्पष्ट नहीं है, लेकिन अधिकांश स्रोत और विद्वानों के अनुसार उनका जन्म सन 1506 में मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर जिले के पास बेहट में हुआ था। तानसेन के बारे में तथ्यों और कल्पना को मिलाकर अनेक किंवदंतियाँ लिखी गई हैं और इन कहानियों की ऐतिहासिकता संदिग्ध है। 

महान संगीतज्ञ गुरु हरिदास के शिष्य बने 

माना जाता है कि तानसेन के पिता मुकुंद राम उनके प्रथम संगीत शिक्षक थे। उन्होंने तानसेन की संगीत क्षमताओं को अल्प आयु में ही पहचान लिया था। फिर उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत और गायन की प्राचीन शैली ध्रुपद दोनों में प्रशिक्षण प्राप्त किया। बाद में उन्हें, उस समय के महान संगीतज्ञ गुरु हरिदास ने अपना शिष्य बनाया और उनको संगीत की शिक्षा दी। इसके बाद तानसेन ने वीणा, रबाब और मृदंग सहित विभिन्न संगीत वाद्ययंत्रों को बजाने में महारत हासिल की। वे संस्कृत भाषा में भी निपुण थे तथा साहित्य एवं कविता में भी पारंगत थे। 

बादशाह अकबर के नवरत्न 

इसके बाद कला प्रेमी बादशाह अकबर ने तानसेन को अपने नवरत्नों में स्थान देकर सम्मानित किया था। वहीं बादशाह अकबर ने तानसेन को ‘मियाँ’ की उपाधि प्रदान की थी, जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘विद्वान व्यक्ति’। ऐसा माना जाता है कि तानसेन ने वर्षा का आह्वान करने के लिए “मियाँ का मल्हार” नामक राग का आविष्कार किया था। इसके अतिरिक्त भारतीय शास्त्रीय संगीत में सरगम के उपयोग को लोकप्रिय बनाने का श्रेय भी तानसेन को ही दिया जाता है। 

तानसेन का संगीत में योगदान

तानसेन ने अपने जीवनकाल में ब्रज, फारसी और अवधी सहित विभिन्न भाषाओं में गीतों की रचना की थी। जो आज भी प्रसिद्ध हैं और विभिन्न आयोजनों में प्रेमपूर्वक गाए जाते हैं। उनकी रचनाएँ हिंदुस्तानी, द्रविड़ और फारसी सहित विभिन्न क्षेत्रीय संगीत शैलियों से प्रभावित थीं।

जीवन पर बनी फिल्म 

लेखकों द्वारा तानसेन के जीवन और संगीत यात्रा को विभिन्न पुस्तकों में लिखा गया है। इसके अलावा उनके जीवन पर कुछ फिल्मों का भी निर्माण हुआ जिनमें ‘तानसेन’ (1943) और ‘संगीत सम्राट तानसेन’ (1962) प्रमुख हैं। 

ग्वालियर में ली अंतिम सांस 

माना जाता है कि तानसेन का निधन सन 1589 में हुआ था। उनकी समाधि (स्मारक) ग्वालियर में ही स्थित है। बताना चाहेंगे शास्त्रीय संगीतज्ञ तानसेन की स्मृति में प्रतिवर्ष तानसेन समारोह का आयोजन ग्वालियर एवं उनकी कर्मस्थली बेहट में किया जाता है। यह देश का अत्यंत प्रतिष्ठित एवं स्थापित संगीत समारोह है, जो अनवरत् 101 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। तानसेन के सम्मान में भारतीय डाक द्वारा वर्ष 1986 में एक डाक टिकट भी जारी किया गया था। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ महान शास्त्रीय संगीतज्ञ तानसेन का जीवन परिचय (Tansen Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों के जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
मैथिलीशरण गुप्तअशोक वाजपेयीराजगुरु
सुखदेवजाबिर हुसैनविष्णु खरे 

FAQs 

तानसेन का जन्म कहा हुआ था?

विद्वानों के अनुसार तानसेन का जन्म वर्ष 1506 में ग्वालियर के पास बेहट में हुआ था।

तानसेन का असली नाम क्या था?

तानसेन का मूल नाम रामतनु पांडे (Ramtanu Pandey) था। 

तानसेन के प्रथम गुरु कौन थे?

प्रसिद्ध संगीतकार स्वामी हरिदास तानसेन के प्रथम गुरु थे। 

तानसेन की बेटी का क्या नाम था?

तानसेन की बेटी का नाम सरस्वती देवी था। 

तानसेन की पत्नी का नाम क्या था?

ऐसा माना जाता है कि तानसेन ने ग्वालियर की हुसैनी नाम की लड़की से शादी की और इस शादी से उनके चार बेटे और एक बेटी हुई। 

तानसेन की मृत्यु कब हुई?

वर्ष 1586 में तानसेन का निधन हो गया था।

तानसेन की मृत्यु कहाँ हुई थी?

तानसेन की मृत्यु मध्य प्रदेश ग्वालियर में हुई थी। वहीं उनकी समाधि है।

आशा है कि आपको महान शास्त्रीय संगीतज्ञ तानसेन का जीवन परिचय (Tansen Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*