Nameri Rashtriya Udyan: नामेरी राष्ट्रीय उद्यान क्यों प्रसिद्ध है? जानें इसका इतिहास और प्रमुख आकर्षण केंद्र

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Nameri Rashtriya Udyan

Nameri Rashtriya Udyan: भारत के पूर्वोतर में स्थित असम राज्य न केवल अपनी चाय और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ के घने वन और जैव विविधता भी इसे राज्य को बेहद खास बनाते हैं। बता दें कि असम के इन्हीं प्राकृतिक धरोहरों में एक “नामेरी राष्ट्रीय उद्यान” (Nameri National Park) भी है, जिसे असम का अनमोल रत्न कहा जाता है। जैव विविधता से समृद्ध, यह उद्यान कई प्रकार की वन्य प्रजातियों सहित वनस्पतियों और जीवों का घर है। यूपीएससी की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को नामेरी राष्ट्रीय उद्यान के बारे में जरूर पढ़ लेना चाहिए, क्योंकि यह उद्यान पर्यावरण और भौगोलिक दृष्टिकोण से भारत का एक महत्वपूर्ण उद्यान है। इसलिए इस लेख में आपके लिए नामेरी राष्ट्रीय उद्यान (Nameri Rashtriya Udyan) की विस्तृत जानकारी दी गई है।

नामेरी राष्ट्रीय उद्यान के बारे में

यह उद्यान असम के सोनितपुर ज़िले में स्थित है, जिसकी सीमाएं अरुणाचल प्रदेश के पर्वतीय इलाकों से मिलती हैं। इसे वर्ष 1978 में ‘वन्यजीव अभयारण्य’ घोषित किया गया था, और बाद में इसे वर्ष 1998 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला। बता दें कि नामेरी राष्ट्रीय उद्यान लगभग 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है और यह ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदी जिया-भरोली के किनारे स्थित है।

यह उद्यान खास तौर पर पक्षी प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहाँ पर भारत के सबसे दुर्लभ और संकटग्रस्त पक्षियों में से एक – सफेद पंखों वाला वुड डक (White Winged Wood Duck) पाया जाता है, जो इसे और भी खास बनाता है।

नामेरी राष्ट्रीय उद्यान किसके लिए प्रसिद्ध है?

नामेरी राष्ट्रीय उद्यान न केवल अपने समृद्ध वन्यजीव और हरियाली के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह भारत के सबसे शांत, सुरम्य और जैव विविधता से भरपूर राष्ट्रीय उद्यानों में से एक माना जाता है। असम राज्य के सोनितपुर जिले में स्थित यह राष्ट्रीय उद्यान प्रकृति प्रेमियों, पक्षी वैज्ञानिकों (Ornithologists), वन्यजीव छायाकारों और पर्यावरण के क्षेत्र में शोध करने वालों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। बता दें कि निम्नलिखित कारणों के चलते भी नामेरी राष्ट्रीय उद्यान प्रसिद्ध है:-

  • नामेरी राष्ट्रीय उद्यान खासतौर पर अपने वन्यजीवों, प्राकृतिक दृश्यों और दुर्लभ पक्षियों की प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है।
  • यहां पाए जाने वाले ‘व्हाइट विंग्ड वुड डक’ (White Winged Wood Duck) को स्थानीय लोग “देवता बतख” कहते हैं, जो कि एक प्रमुख आकर्षण है और यह बतख अत्यंत दुर्लभ मानी जाती है।
  • यह क्षेत्र बाघ संरक्षण परियोजना (Project Tiger) का भी हिस्सा है, और यहां बंगाल टाइगर, हिमालयन ब्लैक बियर, हाथी, हॉग डियर, गौर, और तेंदुआ जैसे कई प्रमुख वन्यजीव पाए जाते हैं।
  • पर्यटक यहां “रिवर राफ्टिंग” के दौरान भी हाथियों और पक्षियों का प्राकृतिक अवलोकन कर सकते हैं, जो रोमांच और ज्ञान का एक दुर्लभ संगम की तरह है।
  • नामेरी की एक और बड़ी खासियत है कि यहां 300 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं। इनमें ग्रेट पाइड हॉर्नबिल, ब्लू नेक्ड पिट्टा, रूफस नेक्ड हॉर्नबिल जैसे पक्षी शामिल हैं।
  • इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय पक्षी संगठनों द्वारा नामेरी को Important Bird Area (IBA) भी घोषित किया गया है।
  • पर्यटन के नजरिए से भी नामेरी एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहां इको कैंप की सुविधा उपलब्ध है, जहां पर्यटक द्वारा प्रकृति के बीच रहकर वन्यजीवों को नजदीक से महसूस किया जा सकता है।
  • नामेरी में पर्यटन पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए किया जाता है ताकि यहाँ कि जैव विविधता को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचे।

नामेरी राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास

भारत की जैव विविधता में असम राज्य का एक खास स्थान है, और इस राज्य की प्राकृतिक संपदा में नामेरी राष्ट्रीय उद्यान एक अनमोल रत्न के रूप में जाना जाता है। ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी किनारे पर बसा यह राष्ट्रीय उद्यान सिर्फ एक वन क्षेत्र नहीं है, बल्कि यह भारत की वन्यजीव संरक्षण यात्रा का एक अहम पड़ाव भी है। यह उद्यान असम के सोनितपुर जिले में स्थित है और इसे वर्ष 1978 में वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था। इसके बाद, इसकी प्राकृतिक विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की महत्ता को देखते हुए वर्ष 1998 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया।

नामेरी राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल लगभग 200 वर्ग किलोमीटर है, जो कि पूर्वी हिमालय की तलहटी में फैला हुआ है। यह उद्यान पाकुई (पखुई) वन्यजीव अभयारण्य (अरुणाचल प्रदेश) के साथ अपनी सीमाएं साझा करता है, जिससे यह पूरे क्षेत्र में एक जैविक गलियारा (biological corridor) का कार्य करता है। यह गलियारा असंख्य वन्यजीवों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक सुरक्षित आवागमन की सुविधा देता है।

नामेरी राष्ट्रीय उद्यान की जैव विविधता

नामेरी राष्ट्रीय उद्यान की सबसे बड़ी खासियत इसकी जैव विविधता है। यहां के घने वर्षावनों, घास के मैदानों और नदी तटों पर हजारों प्रकार की वनस्पतियाँ और जीव-जंतु पाए जाते हैं। उद्यान का प्रमुख आकर्षण इसका पक्षी जीवन है। बता दें कि यहाँ 300 से अधिक प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं, जिनमें ग्रेट हॉर्नबिल, वाइट विंग्ड वुड डक (जो विलुप्त होने की कगार पर है), प्लॉवर और किंगफिशर प्रमुख हैं।

इसके साथ ही वन्यजीवों की बात करें तो यहां एशियाई हाथी, बाघ, तेंदुआ, सांभर, बार्किंग डियर, जंगली सूअर, और कैप्ड लैंगूर जैसे स्तनधारी पाए जाते हैं। यह पार्क टाइगर रिजर्व के रूप में भी कार्य करता है क्योंकि यह काजीरंगा टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है, जिससे जानवरों की आवाजाही बनी रहती है। यह एक कॉरिडोर की तरह काम करता है जो विभिन्न प्रजातियों को सुरक्षित प्रवास देता है।

नामेरी सिर्फ जानवरों और पक्षियों का घर नहीं है, बल्कि यह अनेक प्रकार की वनस्पतियों से भी भरा हुआ है। यहाँ साल, शीशम, बांस, और अन्य स्थानीय वृक्षों के साथ-साथ, अनेक औषधीय पौधे भी पाए जाते हैं। यहाँ के कुछ स्थानों पर बर्फीली नदी की धाराओं के किनारे जलीय पौधों की अद्भुत प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं।

नामेरी राष्ट्रीय उद्यान के प्रमुख आकर्षण केंद्र

नामेरी राष्ट्रीय उद्यान के प्रमुख आकर्षण केंद्र की जानकारी निम्नलिखित बिंदुओं में दी गई है, जो इस प्रकार है:-

  • नामेरी राष्ट्रीय उद्यान की सीमा से बहने वाली जयभराली नदी, इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती में से एक है। बता दें कि यह नदी न केवल वन्य जीवों के लिए जीवनरेखा है, बल्कि पर्यटकों के लिए रिवर राफ्टिंग और बर्ड वॉचिंग का एक बड़ा केंद्र है।
  • यह पार्क प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व का हिस्सा है, और यहाँ पर बाघों की उपस्थिति देखी जा सकती है। इसके साथ ही यहाँ अन्य प्रमुख जानवरों में हाथी, लेपर्ड, जंगली भैंसा, और सांभर हिरण आदि भी शामिल हैं।
  • यहाँ की सबसे खास बात है कि यहाँ जंगल कम घनत्व वाले है, जिससे जानवरों को प्राकृतिक आज़ादी मिलती है।
  • नामेरी में लगभग 300 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ दर्ज की गई हैं। बता दें कि इनमें व्हाइट विंग्ड वुड डक और रुड्डी किंगफिशर जैसी दुर्लभ प्रजातियाँ भी शामिल हैं।
  • पार्क के भीतर जंगल ट्रेल्स और गाइडेड वॉकिंग टूर उपलब्ध हैं, जो पर्यटकों को प्रकृति के करीब ले जाते हैं। इसलिए यह एडवेंचर और ट्रैकिंग के लिए आदर्श स्थान है।
  • पार्क के आसपास इको-टूरिज्म कैंप्स बनाए गए हैं जहाँ स्थानीय गाइड्स और समुदाय आपको प्रकृति और जनजातीय संस्कृति से जोड़ते हैं।
  • यहाँ ठहरना अपने आप में एक अद्भुत प्राकृतिक अनुभव के समान है।

नामेरी राष्ट्रीय उद्यान से संबंधित रोचक तथ्य

नामेरी राष्ट्रीय उद्यान सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि एक संरक्षित प्राकृतिक धरोहर है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल की तरह है। इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य निम्नलिखित हैं:-

  • नामेरी राष्ट्रीय उद्यान, असम राज्य के सोनितपुर जिले में स्थित है। यह उद्यान भारत के कुछ प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है।
  • हिमालय की तलहटी में स्थित यह उद्यान अरुणाचल प्रदेश की सीमाओं से सटा हुआ है।
  • इस उद्यान का निकटतम शहर तेजपुर है, जिसकी इस उद्यान से कुल दूरी लगभग 35 किलोमीटर है।
  • नामेरी राष्ट्रीय उद्यान को ही पहले नामेरी वन्यजीव अभयारण्य कहा जाता था। बता दें कि वर्ष 1978 में इसे वन्यजीव अभयारण्य और वर्ष 1998 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला।
  • यह उद्यान भारत के उन गिने-चुने राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है, जहां बाघ और हाथी दोनों की उपस्थिति पाई जाती है।
  • नामेरी में नदी और जंगल का अनोखा मेल है। यहां की प्रमुख नदी जिया-भोरेली (Kameng River) है, जो अरुणाचल प्रदेश से बहती हुई असम में प्रवेश करती है।
  • नामेरी को बर्ड वॉचिंग का स्वर्ग भी कहा जाता है। यहां 300 से अधिक पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें व्हाइट-विंग्ड वुड डक, ग्रेट हॉर्नबिल, ओरिएंटल हॉबी आदि प्रमुख हैं।
  • इस राष्ट्रीय उद्यान को जैव विविधता का खज़ाना भी कहा जाता है।
  • यह उद्यान काजीरंगा बायोस्फीयर रिजर्व का भी हिस्सा है। इसके साथ ही यहां प्रकृति संरक्षण और स्थानीय समुदाय की सहभागिता पर विशेष ध्यान दिया गया है।
  • यह उद्यान हमें प्रकृति और वन्यजीवों के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता की सीख देता है।

FAQs

नमेरी राष्ट्रीय उद्यान कहां स्थित है?

नमेरी राष्ट्रीय उद्यान भारत के असम राज्य के सोनितपुर ज़िले में स्थित है, जो अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे फैला हुआ है।

नमेरी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना कब हुई थी?

इस उद्यान की स्थापना वर्ष 1998 में की गई थी, जिसे बाद में टाइगर रिजर्व का दर्जा भी मिला।

नमेरी राष्ट्रीय उद्यान क्यों प्रसिद्ध है?

यह उद्यान दुर्लभ पक्षियों की प्रजातियों, बाघों, हाथियों और राफ्टिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है।

नमेरी राष्ट्रीय उद्यान में कौन-कौन से जानवर देखने को मिलते हैं?

यहां बाघ, एशियाई हाथी, तेंदुआ, जंगली भैंसे, सांभर, और कई प्रकार की पक्षी प्रजातियां देखी जा सकती हैं।

नमेरी राष्ट्रीय उद्यान घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

नवंबर से अप्रैल का समय नमेरी राष्ट्रीय उद्यान घूमने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि इस दौरान मौसम साफ और सुहावना रहता है।

नमेरी राष्ट्रीय उद्यान में कौन-कौन सी गतिविधियाँ की जा सकती हैं?

यहां बर्ड वॉचिंग, रिवर राफ्टिंग, जंगल ट्रैकिंग और नेचर वॉक जैसी गतिविधियाँ लोकप्रिय हैं।

क्या नमेरी राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व का दर्जा प्राप्त है?

जी हां, नमेरी राष्ट्रीय उद्यान को प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है।

नमेरी राष्ट्रीय उद्यान तक कैसे पहुंचा जा सकता है?

नमेरी राष्ट्रीय उद्यान तक पहुँचने के लिए गुवाहाटी से तेजपुर तक का सड़क मार्ग चुना जा सकता है। बताना चाहेंगे तेजपुर से नमेरी उद्यान लगभग 35 किलोमीटर दूर है।

क्या नमेरी राष्ट्रीय उद्यान में रुकने की सुविधा उपलब्ध है?

जी हां, यहां इको कैंप्स और फॉरेस्ट गेस्ट हाउस जैसी ठहरने की सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिन्हें पर्यटक पहले से बुक कर सकते हैं।

नमेरी राष्ट्रीय उद्यान का पर्यावरणीय महत्व क्या है?

यह उद्यान पूर्वोत्तर भारत की जैव विविधता को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाता है, खासकर ब्रह्मपुत्र घाटी की वनस्पतियों और वन्य जीवों की रक्षा के लिए।

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