Shrilal Shukla: प्रख्यात साहित्यकार ‘श्रीलाल शुक्ल’ का जीवन परिचय 

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Shrilal Shukla Biography in Hindi

Shrilal Shukla Biography in Hindi: श्रीलाल शुक्ल आधुनिक हिंदी साहित्य के व्यंग्यकारों में अपना एक विशिष्ठ स्थान रखते है। वहीं हिंदी व्यंग्यात्मक उपन्यास परंपरा में उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई हैं। बता दें कि श्रीलाल शुक्ल ने आधुनिक हिंदी साहित्य की कई विधाओं में साहित्य का सृजन किया और साहित्य जगत को कई अनुपम कृतियाँ दी। श्रीलाल शुक्ल की कई रचनाओं का भारतीय भाषाओं के साथ साथ विदेशी भाषाओं में भी अनुवाद हो चुका हैं। 

श्रीलाल शुक्ल जी को हिंदी साहित्य में अपना विशेष योगदान देने के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से पुरस्कृत किया जा चुका है, जिनमें भारत सरकार द्वारा ‘पद्मभूषण सम्मान’, ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘ज्ञानपीठ पुरस्‍कार’‘व्यास सम्मान’ ‘लोहिया अतिविशिष्ट सम्मान’ आदि शामिल हैं।  

वहीं श्रीलाल शुक्ल कि कई रचनाएँ जिनमें ‘राग दरबारी’, सुनी घाटी का सूरज (उपन्यास), अंगद का पाँव, ‘यहाँ से वहाँ’, ‘कुछ जमीन पर कुछ हवा में’ (व्यंग्य-संग्रह) आदि को स्कूल के साथ ही बी.ए. और एम.ए. के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। वहीं बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की हैं। 

इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी श्रीलाल शुक्ल का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब हम हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार का संपूर्ण जीवन परिचय (Shrilal Shukla Biography in Hindi) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नाम श्रीलाल शुक्ल (Shrilal Shukla)
जन्म 31 दिसंबर, 1925
जन्म स्थान अतरौली गाँव, लखनऊ, उत्तर प्रदेश 
शिक्षा बी.ए  (इलाहाबाद विश्वविद्यालय) 
पेशा लेखक, प्रशासनिक अधिकारी 
विधाएँ उपन्यास, कहानी, व्यंग्य, आलोचना, संस्मरण, बाल साहित्य 
साहित्य काल आधुनिक काल 
उपन्यास राग दरबारी, सीमाएँ टूटती हैं, अज्ञातवास, सूनी घाटी का सूरज आदि। 
कहानी-संग्रह यह घर मेरा नहीं, इस उम्र में, सुरक्षा तथा अन्य कहानियाँ। 
व्यंग्य-संग्रह अंगद का पाँव, यहाँ से वहाँ, उमरावनगर में कुछ दिन, कुछ ज़मीन पर कुछ हवा में आदि। 
आलोचना अज्ञेय : कुछ राग और कुछ रंग, अमृतलाल नागर, विनिबन्ध – भगवतीचरण वर्मा आदि। 
बाल साहित्य बब्बर सिंह और उसके साथी 
पुरस्कार ‘पद्मभूषण सम्मान’, ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘ज्ञानपीठ पुरस्‍कार’, ‘व्यास सम्मान’ आदि। 
निधन 28 अक्टूबर, 2011

श्रीलाल शुक्ल का प्रारंभिक जीवन 

प्रख्यात साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल का जन्म 31 दिसंबर, 1925 को लखनऊ जनपद, उत्तर प्रदेश के अतरौली गाँव में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके दादा हिंदी भाषा के साथ ही उर्दू और फारसी के भी ज्ञाता थे तथा  अध्यापन कार्य करते थे। किंतु कुछ समय बाद उन्होंने अध्यापन कार्य छोड़कर किसानी को चुन लिया और गांव में खेती-बाड़ी करके परिवार का जीवन यापन करने लगे। बता दें कि श्रीलाल शुक्ल जी माता-पिता के बारे में कोई विशेष जानकारी प्राप्त नहीं होती। 

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आर्थिक समस्याओं के कारण छोड़नी पड़ी पढ़ाई 

श्रीलाल शुक्ल (Shrilal Shukla) का जन्म एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था। वहीं खेती-बाड़ी से बड़ी मुश्किल से घर की जीविका चलती थी। जब वह ‘इलाहाबाद विश्वविद्यालय’ से अपनी बी.ए की पढ़ाई कर रहे थे उसी दौरान उनके पिता का निधन हो गया। किशोरावस्था में पिता का साया सर से उठने से परिवार की सारी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गयी। इस कारण उन्हें जीवन में कई समझौते करने पड़े, वह लॉ की पढ़ाई करना चाहते थे लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों का वहन करने हेतु उन्हें लॉ की पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। बता दें कि बी.ए की पढ़ाई के दौरान ही उनका विवाह ‘गिरिजा देवी’ से हो गया था, जिससे उनकी चार संतान हुई। 

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मेहनत के दम पर मिली सरकारी नौकरी 

संघर्षमय जीवन में कई चुनौतियों का सामना करते हुए श्रीलाल शुक्ल ने वर्ष 1949 में उत्तर प्रदेश राज्य की प्रतिष्ठित ‘प्रांतीय सिविल सेवा’ (PCS) की परीक्षा पास की। प्रशासनिक अधिकारी के रूप में कार्य करते हुए भी उनकी रचनाओं में व्यंग्यात्मक का भाव कम नहीं हुआ। वहीं अपनी कई रचनाओं के माध्यम से उन्होंने सरकारी वयवस्था पर गुदगुदाती मगर करारी चोट की। जिसका एक उदहारण उनके बहुचर्चित उपन्यास ‘राग दरबारी’ में देखा जा सकता है। यह आधुनिक हिंदी साहित्य का एक ऐसा लोकप्रिय उपन्यास है जिसे शायद ही किसी हिंदी साहित्य में गोते लगाने वाले शख्स ने न पढ़ा हो। 

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श्रीलाल शुक्ल की साहित्यिक रचनाएँ 

श्रीलाल शुक्ल (Shrilal Shukla) ने आधुनिक हिंदी साहित्य की कई विधाओं में साहित्य का सृजन किया जिनमे मुख्य रूप से उपन्यास, कहानी, आलोचना, व्यंग्य और बाल साहित्य विधाएँ शामिल हैं। यहाँ श्रीलाल शुक्ल की संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं (Shrilal Shukla Books) के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-

उपन्यास

  • सूनी घाटी का सूरज – वर्ष 1957
  • अज्ञातवास
  • राग दरबारी – वर्ष 1968
  • आदमी का ज़हर
  • सीमाएँ टूटती हैं 
  • मकान
  • पहला पड़ाव
  • बिस्रामपुर का संत 
  • राग विराग 

कहानी-संग्रह

  • यह घर मेरा नहीं
  • सुरक्षा तथा अन्य कहानियाँ 
  • इस उम्र में

 व्यंग्य-संग्रह

  • अंगद का पाँव – वर्ष 1958
  • यहाँ से वहाँ
  • मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ
  • उमरावनगर में कुछ दिन
  • कुछ ज़मीन पर कुछ हवा में
  • आओ बैठ लें कुछ देर
  • अगली शताब्दी का शहर
  • जहालत के पचास साल
  • खबरों की जुगाली 

आलोचना

  • अज्ञेय : कुछ राग और कुछ रंग
  • भगवतीचरण वर्मा 
  • अमृतलाल नागर

बाल साहित्य

  • बब्बर सिंह और उसके साथी
  • एक चोर की कहानी 

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पुरस्कार एवं सम्मान 

शुक्ल जी (Shrilal Shukla Biography in Hindi) को आधुनिक हिंदी कथा-साहित्य में विशेष योगदान देने के लिए कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • साहित्य अकादमी पुरस्कार – वर्ष 1969
  • पद्मभूषण सम्मान – वर्ष 2008 
  • ज्ञानपीठ पुरस्‍कार – वर्ष 2009 
  • व्यास सम्मान
  • साहित्य भूषण सम्मान 
  • गोयल साहित्य पुरस्कार – (कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित)
  • लोहिया अतिविशिष्ट सम्मान
  • शरद जोशी सम्मान – (म.प्र. शासन द्वारा सम्मानित) 
  • मैथिलीशरण गुप्त सम्मान 
  • यश भारती पुरस्कार

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निधन 

श्रीलाल शुक्ल (Shrilal Shukla) जी ने हिंदी साहित्य जगत को कई अनुपम रचनाएँ दी। वहीं प्रशासनिक सेवा में रहते हुए भी वह साहित्य का सृजन करते रहे। किंतु वृदावस्था के कारण लंबे समय तक बीमार रहने के कारण व अंतिम समय में फेफड़ों का संक्रमण होने से 86 वर्ष की आयु में 28 अक्टूबर 2011 को उनका लखनऊ के एक अस्पताल में निधन हो गया। किंतु हिंदी साहित्य जगत में उनकी रचनाओं के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता है और किया जाता रहेगा। 

FAQs 

श्रीलाल शुक्ल का जन्म कहाँ हुआ था?

श्रीलाल शुक्ल का जन्म 31 दिसंबर, 1925 को लखनऊ जनपद, उत्तर प्रदेश के अतरौली गाँव में हुआ था। 

श्रीलाल शुक्ल का पहला उपन्यास कौन सा है?

श्रीलाल शुक्ल के प्रथम उपन्यास का नाम ‘सूनी घाटी का सूरज’ है जिसका प्रकाशन वर्ष 1957 में हुआ था। 

श्रीलाल शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार कब मिला था?

बता दें कि श्रीलाल शुक्ल को वर्ष 2009 में ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। 

राग दरबारी किस रचनाकार का उपन्यास है?

यह श्रीलाल शुक्ल का बहुचर्चित उपन्यास है, जिसका प्रकाशन वर्ष 1968 में हुआ था। 

श्रीलाल शुक्ल का निधन कब हुआ था?

विख्यात साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल का निधन 86 वर्ष की आयु में 28 अक्टूबर 2011 को हुआ था। 

आशा है कि आपको प्रख्यात साहित्यकार ‘श्रीलाल शुक्ल’ (Shrilal Shukla Biography in Hindi) का संपूर्ण जीवन परिचय पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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