विख्यात कवि-लेखक और संपादक अरुण कमल का जीवन परिचय

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अरुण कमल का जीवन परिचय

अरुण कमल आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित कवि, लेखक, संपादक और अनुवादक हैं। उन्होंने मुख्यतः कविता और आलोचना विधा में लेखनी चलाकर हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है। इसके अलावा उन्होंने कई देशी-विदेशी पुस्तकों और रचनाओं का अनुवाद भी किया है। वहीं साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’,’भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार’, ‘सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार’,‘श्रीकान्‍त वर्मा स्मृति पुरस्कार’ और ‘रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार’ आदि से सम्मानित किया जा चुका हैंI 

अरुण कमल की कविता ‘नए इलाके में’ व ‘अपनी केवल धार’ को विद्यालय के अलावा बीए और एमए के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर रिसर्च (PHD) किया हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी अरुण कमल का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है।

नाम अरुण कमल
जन्म 15 फरवरी, 1954
जन्म स्थान नासरीगंज गांव, रोहतास जिला, बिहार 
पेशा प्राध्यापक, कवि, लेखक, अनुवादक, संपादक 
भाषा हिंदी, अंग्रेजी 
विधाएँ कविता, आलोचना
संपादन ‘आलोचना’ पत्रिका का तीस अंकों तक संपादन 
साहित्य काल आधुनिक काल 
पुरस्कार एवं सम्मान ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’,’भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार’, ‘सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार’ व ‘श्रीकान्‍त वर्मा स्मृति पुरस्कार’ आदि 

बिहार के रोहतास जिले में हुआ था जन्म

प्रतिष्ठित कवि और आलोचक अरुण कमल का जन्म 15 फरवरी, 1954 को बिहार के रोहतास जिले में नासरीगंज नामक गांव में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा और माता-पिता के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। वे इन दिनों पटना विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्राध्यापक हैं। वहीं माना जाता है कि साहित्य के क्षेत्र में उनका पर्दापण काव्य लेखन से हुआ था। इसके बाद उन्होंने कई देशी और विदेशी भाषाओं की पुस्तकों और रचनाओं का अनुवाद किया है।

अनुवाद और संपादन के क्षेत्र में किया काम 

अरुण कमल ने हिंदी साहित्य को समृद्ध करने के साथ ही अनुवाद और संपादन के क्षेत्र में भी काम किया है। बता दें कि उन्होंने मायकोव्यस्की की आत्मकथा और ‘जंगल बुक’ का हिंदी में अनुवाद किया है। इसके साथ ही उन्होंने हिंदी के युवा कवियों की कविताओं का अंग्रेजी में अनुवाद किया जो बाद में ‘वॉयसेज’ नाम से प्रकाशित हुई। इसके अलावा उनके ‘नागार्जुन’, ‘त्रिलोचन’, ‘शमशेर बहादुर सिंह’, ‘मुक्तिबोध’, ‘केदारनाथ सिंह’ की कविताओं के अंग्रेजी अनुवाद भी प्रकाशित हुए।

वहीं ‘नामवर सिंह’ के प्रधान सम्पादकत्व में उन्होंने आलोचना पत्रिका के लगभग तीस अंकों तक संपादन किया। साथ ही उन्होंने ‘नवभारत टाइम्स’, ‘मराठी सकाल’ व ‘प्रभात खबर’ में सामयिक विषयों पर स्तम्भ लेख लिखे। ‘लिटरेट वर्ल्ड’ में साहित्यिक विषयों पर भी उनके स्तम्भ लेख प्रकाशित हुए।

अरुण कमल की साहित्यिक रचनाएं

अरुण कमल ने आधुनिक हिंदी साहित्य में मुख्यतः कविता और आलोचना विधा में रचनाएं की हैं। वहीं उनकी कविताओं में बोलचाल की भाषा, नए बिंब और खड़ी बोली के अनेक लय छंदों का समावेश है। इनकी कविताओं में जीवन के विविध क्षेत्रों के सजीव चित्रण देखने को मिलते है। जिसमें वर्तमान शोषणमूलक व्यवस्था के खिलाफ आक्रोश और उसे बदलकर एक नई मानवीय व्यवस्था का निर्माण करने की आकुलता साफ दिखाई देती है। नीचे अरुण कमल की प्रमुख साहित्यिक रचनाओं की सूची दी गई है:-

कविता-संग्रह 

  • अपनी केवल धार 
  • सबूत 
  • नये इलाक़े में 
  • पुतली में संसार 
  • मैं वो शंख महाशंख 
  • पुतली में संसार

आलोचना 

  • कविता और समय
  • गोलमेज

पुरस्कार एवं सम्मान 

अरुण कमल को आधुनिक हिंदी काव्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार
  • सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार 
  • श्रीकांत वर्मा स्मृति पुरस्कार 
  • रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार 
  • शमशेर सम्मान
  • ‘नये इलाके’ में पुस्तक के लिए वर्ष 1998 का साहित्य अकादमी पुरस्कार  
  • नागार्जुन पुरस्कार 
  • भारतीय भाषा परिषद् का समग्र कृतित्व सम्मान

FAQs 

अरुण कमल का जन्म कब और कहां हुआ था?

अरुण कमल का जन्म 15 फरवरी, 1954 को बिहार के रोहतास जिले में नासरीगंज नामक गांव में हुआ था।

अरुण कमल की प्रसिद्ध रचना कौन सी है?

‘नए इलाके में’ व ‘अपनी केवल धार’ काव्य संग्रह अरुण कमल की प्रसिद्ध रचनाएँ मानी जाती हैं।

अरुण कमल को साहित्य अकादमी पुरस्कार कब मिला था?

‘नये इलाके में’ काव्य संग्रह के लिए अरुण कमल को वर्ष 1998 में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।

‘पुतली में संसार’ किसकी रचना है?

‘पुतली में संसार’ अरुण कमल की लोकप्रिय रचना मानी जाती है।

आशा है कि आपको विख्यात कवि-लेखक और संपादक अरुण कमल का जीवन परिचय पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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