Arun Kamal Poems in Hindi : पढ़िए अरुण कमल की वो कविताएं, जो आपका परिचय साहित्य के सौंदर्य से करवाएंगी

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Arun Kamal Poems in Hindi

विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थियों का उद्देश्य अधिकाधिक ज्ञान अर्जित करने का होता है, इसी ज्ञान की कड़ी में विद्यार्थियों को कविताओं की महत्वता को भी समझ लेना चाहिए। कविताएं समाज को साहसिक और निडर बनाती हैं, कविताएं मानव को समाज की कुरीतियों और अन्याय के विरुद्ध लड़ना सिखाती हैं। कविताओं के माध्यम से समाज की चेतना को जागृत करने वाले कवि “अरुण कमल” की लेखनी ने सदा ही समाज के हर वर्ग को प्रेरित करने का काम किया है। Arun Kamal Poems in Hindi विद्यार्थियों को प्रेरणा से भर देंगी, जिसके बाद उनके जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा।

कौन हैं अरुण कमल?

Arun Kamal Poems in Hindi पढ़ने सेे पहले आपको अरुण कमल जी का जीवन परिचय पढ़ लेना चाहिए। भारतीय साहित्य की अप्रतीम अनमोल मणियों में से एक बहुमूल्य मणि अरुण कमल भी हैं, जिनकी लेखनी आज के आधुनिक दौर में भी प्रासंगिक हैं।

15 फ़रवरी 1954 को अरुण कमल का जन्म बिहार के रोहतास ज़िले के नासरीगंज में हुआ था। अरुण कमल जी ने अपनी आरंभिक शिक्षा-दीक्षा रोहतास ज़िले के नासरीगंज में प्राप्त की, जिसके बाद उन्होंने आगे की शिक्षा के लिए पटना जाने का निर्णय लिया और अपना अध्ययन पूरा किया। अरुण कमल का पहला काव्य संग्रह वर्ष 1980 में प्रकाशित हुआ, जिसका शीर्षक ‘अपनी केवल धार’ था। उनकी कविताओं की भाषा सरल, सहज और प्रवाहपूर्ण है, जिस कारण आज भी उनकी कविताएं बेहद प्रासंगिक हैं।

अरुण कमल जी की प्रमुख रचनाओं में वर्ष 1980 में प्रकाशित ‘अपनी केवल धार’, वर्ष 1989 में प्रकाशित ‘सबूत’, वर्ष 1996 में ‘नए इलाक़े में’, वर्ष 2004 में प्रकाशित ‘पुतली  में संसार’, वर्ष 2013 में प्रकाशित ‘मैं वो शंख महाशंख’ और वर्ष 2019 में प्रकाशित ‘योगफल’ इत्यादि आती हैं।

अरुण कमल जी की रचना ‘नए इलाक़े में’, के कारण उन्हें वर्ष 1998 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया। अरुण कमल जी की कविताएं युवाओं का मार्गदर्शन तथा समाज को संगठित करने का काम करती हैं।

उत्सव

Arun Kamal Poems in Hindi आपकी जीवनशैली में साकारत्मक बदलाव कर सकती हैं, अरुण कमल जी की कविताओं की श्रेणी में से एक कविता “उत्सव” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

देखो हत्यारों को मिलता राजपाट सम्मान 
जिनके मुँह में कौर मांस का उनको मगही पान 
प्राइवेट बंदूक़ों में अब है सरकारी गोली
गली-गली फगुआ गाती है हत्यारों की टोली 
देखो घेरा बाँध खड़े हैं ज़मींदार के गुंडे 
उनके कंधे हाथ धरे नेता बनिया मुँछमुंडे 
गाँव-गाँव दौड़ाते घोड़े उड़ा रहे हैं धूर 
नक्सल कह-कह काटे जाते संग्रामी मज़दूर 
दिन दोपहर चलती है गोली रात कहीं पर धावा 
धधक रहा है प्रांत समूचा ज्यों कुम्हार का आवा 
हत्या-हत्या केवल हत्या-हत्या का ही राज 
अघा गए जो मांस चबाते फेंके रहे हैं गाज 
प्रजातंत्र का महामहोत्सव छप्पन विध पकवान 
जिनके मुँह में कौर मांस का उनको मगही पान।

-अरुण कमल

कुछ परिभाषाएँ

Arun Kamal Poems in Hindi आपकी सोच का विस्तार कर सकती हैं, अरुण कमल जी की कविताओं की श्रेणी में से एक कविता “कुछ परिभाषाएँ” भी है। यह कविता कुछ इस प्रकार है:

जो जितना ज़्यादा लोगों का जितना ज़्यादा नुक़सान कर सके 
वो उतना ही बड़ा है 
छोटा है वो जो किसी का नुक़सान न कर सके 
उस हर बात में राजनीति है 
जहाँ दो में से एक को चुनना पड़े 
कम से कम कपड़े अश्लीलता नहीं 
अश्लील है ज़रूरत से ज़्यादा कपड़े 
जो सरकार ऊपर से कुछ न करे 
वो अमीरों का काम सबसे अच्छा करती है 
सितारा बनने से अच्छा है 
गंदी गली का लैंप पोस्ट बनना—कवि की इच्छा है।

-अरुण कमल

सबसे ज़रूरी सवाल

Arun Kamal Poems in Hindi आपकी जीवनशैली में साकारत्मक बदलाव कर सकती हैं, अरुण कमल जी की कविताओं की श्रेणी में से एक कविता “सबसे ज़रूरी सवाल” भी है। यह कविता कुछ इस प्रकार है:

सबसे ज़रूरी सवाल यही है मेरे लिए 
क्या हमारे बच्चों को भर पेट दूध मिल रहा है 
सबसे ज़रूरी सवाल यही है कि 
क्या प्रसूति माओं को मिल रहा है हल्दी-छुहारे का हलवा 
और दादा-दादी को हर रात दूध में रोटी? 
सबसे ज़रूरी सवाल यही है मेरे लिए कि 
हमारे नौजवान काम से लौटते थके तो नहीं ज़्यादा? 
क्या हर बीमार के सिरहाने रक्खा है अनार 
और हर बीमार को वही इलाज जो देश के प्रधान को? 
सबसे ज़रूरी सवाल यही है मेरे लिए कि इतने लोग 
भादों की रात में भीग क्यों रहे हैं 
कहाँ गए वे लोग इन बस्तियों को छोड़ कर 
हमारी गौवें क्यों खड़ी हैं कूड़े के ढेर में 
इस अँधेरी रात में किसने फेंका मेरी माँ को घर से बाहर? 
जिस देश में भूखे हों बच्चे, माँएँ और गौवें 
उस देश को धरती पर रहने का हक़ नहीं।

-अरुण कमल

नए इलाक़े में

Arun Kamal Poems in Hindi के माध्यम से आपको कवि की भावनाओं का अनुमान लगेगा, अरुण कमल जी की कविताओं में से एक कविता “नए इलाक़े में” भी है। यह कविता कुछ इस प्रकार है:

इन नए बसते इलाक़ों में 
जहाँ रोज़ बन रहे हैं नए-नए मकान 
मैं अक्सर रास्ता भूल जाता हूँ 
धोखा दे जाते हैं पुराने निशान 
खोजता हूँ ताकता पीपल का पेड़ 
खोजता हूँ ढहा हुआ घर 
और ज़मीन का ख़ाली टुकड़ा जहाँ से बाएँ 
मुड़ना था मुझे 
फिर दो मकान बाद बिना रंग वाले लोहे के फाटक का 
घर था इकमंज़िला 
और मैं हर बार एक घर पीछे 
चल देता हूँ 
या दो घर आगे ठकमकाता 
यहाँ रोज़ कुछ बन रहा है 
रोज़ कुछ घट रहा है 
यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं 
एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया 
जैसे वसंत का गया पतझड़ को लौटा हूँ 
जैसे बैशाख का गया भादों को लौटा हूँ 
अब यही है उपाय कि हर दरवाज़ा खटखटाओ 
और पूछो— 
क्या यही है वो घर? 
समय बहुत कम है तुम्हारे पास 
आ चला पानी ढहा आ रहा अकास 
शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देख कर

-अरुण कमल

डेली पैसेंजर

Arun Kamal Poems in Hindi के माध्यम से आपको कवि की भावनाओं का अनुमान लगेगा, अरुण कमल जी की कविताओं में से एक कविता “डेली पैसेंजर” भी है। यह कविता कुछ इस प्रकार है:

मैंने उसे कुछ भी तो नहीं दिया 
इसे प्यार भी तो नहीं कहेंगे 
एक धुँधले-से स्टेशन पर वह हमारे डब्बे में 
चढ़ी 
और भीड़ में खड़ी रही कुछ देर सीकड़ पकड़े 
पाँव बदलती 
फिर मेरी ओर देखा 
और मैंने पाँव सीट से नीचे कर लिए 
और नीचे उतार दिया झोला 
उसने कुछ कहा तो नहीं था 
वह आ गई 
और मेरी बग़ल में बैठ गई 
धीरे से पीठ तख़्ते से टिकाई
और लंबी साँस ली 
ट्रेन बहुत तेज़ चल रही थी 
आवाज़ से लगता था 
ट्रेन बहुत तेज़ चल रही थी 
झोंक रही थी हवा को खिड़कियों की राह 
बेलचे में भर-भर 
चेहरे पर 
बाँहों पर 
खुल रहा था रंध्र-रंध्र 
कि सहसा मेरे कंधे से 
लग गया 
उस युवती का माथा 
लगता है बहुत थकी थी 
वह कामगार औरत 
काम से वापस घर लौट रही थी 
एक डेली पैसेंजर।

-अरुण कमल

आशा है कि Arun Kamal Poems in Hindi के माध्यम से आप अरुण कमल की कविताएं पढ़ पाएं होंगे, जो कि आपको सदा प्रेरित करती रहेंगी। साथ ही यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और इंफॉर्मेटिव भी लगा होगा, इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

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