Syama Prasad Mukherjee Biography in Hindi : डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक भारतीय राजनीतिज्ञ, बैरिस्टर, शिक्षाविद और मानवतावादी थे। उन्होंने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में उद्योग और आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य किया था। किंतु केंद्रीय मंत्रिमंडल के साथ विभिन्न मुद्दों पर बढ़ते मतभेद के कारण उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने 21 अक्टूबर, 1951 को ‘भारतीय जनसंघ’ की स्थापना की, जो बाद में ‘भारतीय जनता पार्टी’ बनी। आइए अब इस लेख में महान राजनेता और भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जीवनी (Syama Prasad Mukherjee in Hindi) और उनके योगदान के बारे में विस्तार से जानते है।
नाम | डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (Syama Prasad Mukherjee) |
जन्म | 6 जुलाई, 1901 |
जन्म स्थान | कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
पिता का नाम | आशुतोष मुखर्जी |
माता का नाम | जोगमाया देवी मुखर्जी |
शिक्षा | प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, कलकत्ता विश्वविद्यालय |
राजनैतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
स्थापना | भारतीय जनसंघ, भारतीय जनता पार्टी |
निधन | 23 जून, 1953 श्रीनगर |
जीवनकाल | 51 वर्ष |
This Blog Includes:
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जीवनी – Syama Prasad Mukherjee Biography in Hindi
श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई, 1901 को कलकत्ता में एक प्रतिष्ठित बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम ‘आशुतोष मुखर्जी’ था जो कि बंगाल में एक शिक्षाविद् और बुद्धिजीवी के रूप में प्रसिद्ध थे। इनकी माता का नाम ‘जोगमाया देवी मुखर्जी’ था। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपनी स्कूली शिक्षा मित्तर इंस्टिट्यूट, भवानीपुर से ग्रहण की। इसके बाद उन्होंने उच्च अध्यन्न के लिए प्रेसीडेंसी कॉलेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। वर्ष 1919 में उन्होंने इंटर आर्ट्स की परीक्षा में विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान हासिल किया। फिर वर्ष 1921 में अंग्रेजी में बी.ए. ऑनर्स की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। वर्ष 1923 में उन्होंने एम.ए की परीक्षा भी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। इस दौरान उन्होंने बंगाली पत्रिका बंग वाणी प्रारंभ की। फिर इसके कुछ वर्ष बाद उन्होंने पुनः कलकत्ता से ‘द नेशनलिस्ट’ नामक अपना दैनिक समाचार पत्र निकालना आरंभ किया।
सबसे युवा कुलपति बने
श्यामा प्रसाद मुखर्जी वर्ष 1923 में विश्वविद्यालय सीनेट के सदस्य बने। इसके बाद वर्ष 1924 में उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में अपना नामांकन कराया। फिर वर्ष 1926 में उन्होंने इंग्लैंड के लिए प्रस्थान किया जहां ‘लिंकन्स इन’ से वर्ष 1927 में बैरिस्टर की परीक्षा उत्तीर्ण की। इंग्लैंड में रहते हुए उन्होंने ब्रिटिश सरकार के विश्वविद्यालयों के सम्मलेन में कलकत्ता विश्वविद्यालय का बखूबी प्रतिनिधित्व किया। तब से ही उनकी गिनती भारत के शीर्षस्थ शिक्षाविदों में की जाने लगी। वर्ष 1934 में मात्र 33 वर्ष की आयु में उन्हें कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे कम उम्र के कुलपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ। फिर वर्ष 1938 तक उन्होंने इस पद को सुशोभित किया। अपने कार्यकाल के दौरान उन्हीने शिक्षा प्रणाली में रचनात्मक सुधार किए।
भारतीय जनसंघ की स्थापना की
गवर्मेंट ऑफ इंडिया एक्ट, 1935 लागू किए जाने के बाद हुए प्रांतीय विधानमंडलों के चुनावों ने भारतीय राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित किया। लेकिन श्यामा प्रसाद मुखर्जी कांग्रेस प्रत्याशी और कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि के रूप में विधान परिषद के सदस्य चुने गए। इस अवधि के दौरान वह ‘हिंदू महासभा’ में शामिल हुए। वर्ष 1947 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार में उन्हें उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री के रूप में शामिल किया गया। केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने देश में तीन विशाल औधोगिक उपक्रमों अर्थात् ‘हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट फैक्ट्री’, ‘चितरंजन लोकोमोटिव फैक्ट्री’ और ‘सिंदरी उर्वरक निगम’ की स्थापना की।
तथापि केंद्रीय मंत्रिमंडल के साथ विभिन्न मुद्दों पर बढ़ते मतभेद के कारण उन्होंने 6 अप्रैल 1950 को मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया। इसके पश्चात श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 21 अक्टूबर 1951 को ‘भारतीय जनसंघ’ की स्थापना की, जो बाद में ‘भारतीय जनता पार्टी’ बनी। इसके बाद उन्हें इस नई राजनीतिक पार्टी का प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित किया गया।
श्रीनगर में हुई मृत्यु
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (Syama Prasad Mukherjee in Hindi) जम्मू-कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। इसलिए वर्ष 1953 में, कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे के विरोध में वह बिना परमिट लिए कश्मीर की यात्रा के लिए निकल गए। लेकिन वहाँ पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं हिरासत के दौरान गंभीर रूप से बीमार पड़ने के कारण 23 जून, 1953 को उनकी मृत्यु हो गई।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जीवनी (Syama Prasad Mukherjee in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक भारतीय राजनीतिज्ञ, बैरिस्टर, शिक्षाविद और मानवतावादी थे।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई, 1901 को कलकत्ता में एक प्रतिष्ठित बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर को लेकर एक नारा दिया था, “नहीं चलेगा एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान”।
प्रतिवर्ष 6 जुलाई को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती मनाई जाती है।
श्रीनगर में हिरासत के दौरान 23 जून, 1953 को उनकी मृत्यु हो गई थी।
बताया जाता है कि पंडित नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली के बीच हुए समझौते के पश्चात उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था।
आशा है कि आपको डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जीवनी (Syama Prasad Mukherjee in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।