प्रख्यात साहित्यकार अमर गोस्वामी का जीवन परिचय – Amar Goswami Ka Jivan Parichay

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अमर गोस्वामी का जीवन परिचय

अमर गोस्वामी का जीवन परिचय: अमर गोस्वामी विख्यात साहित्यकार, लेखक, संपादक, अनुवादक और प्रध्यापक थे। आधुनिक हिंदी साहित्य की कई विधाओं में श्रेष्ठ कृतियों का सृजन करने के साथ ही वे ‘मनोरमा’ और ‘गंगा’ जैसी देश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं से जुड़े रहे थे। इसके अलावा उन्होंने बँगला से हिंदी में पचास से अधिक पुस्तकें अनूदित की थी और कुछ कहानियों का टीवी रूपांतरण भी किया था। बता दें कि हिंदी साहित्य में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें ‘अहिंदी भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार’ और ‘प्रेमचंद पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है।

बता दें कि अमर गोस्वामी की कई रचनाओं को विद्यालय के अलावा बीए और एमए के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। वहीं बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी अमर गोस्वामी का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है।

आइए अब हम प्रख्यात साहित्यकार अमर गोस्वामी का जीवन परिचय (Amar Goswami Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नाम अमर गोस्वामी (Amar Goswami) 
जन्म 28 नवंबर, 1944  
जन्म स्थान मुल्तान, (अविभाजित भारत)
शिक्षा स्नातकोत्तर, हिंदी साहित्य 
पेशा प्रध्यापक, साहित्यकार, लेखक, संपादक, अनुवादक काल 
भाषा हिंदी
साहित्य काल आधुनिक काल 
विधाएँ कहानी, उपन्यास, बाल साहित्य, अनुवाद, संपादन 
पुरस्कार एवं सम्मान ‘अहिंदी भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार’ व  ‘प्रेमचंद पुरस्कार’ 
निधन 28 जून, 2012, गाजियाबाद 

मुल्तान (अविभाजित भारत) में हुआ था जन्म 

अमर गोस्वामी का जन्म 28 नवंबर, 1944 को मुल्तान (अविभाजित भारत) में एक बांग्लाभाषी परिवार में हुआ था। वर्तमान समय में मुल्तान, पाकिस्तान का हिस्सा है। बताया जाता है कि जब अमर गोस्वामी मात्र दो वर्ष के थे, तभी उनका परिवार देश के बंटवारे के दौरान मुल्तान से उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर नगर में आकर बस गया था। बता दें कि उनके माता-पिता और प्रारंभिक जीवन के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिलती।   

हिंदी विषय में किया स्नातकोत्तर (ग्रेजुएशन)

अमर गोस्वामी ने ‘इलाहाबाद विश्वविद्यालय’ से हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने के बाद दो महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य किया था। किंतु कुछ समय तक अध्यापन करने के बाद वे पत्रकारिता में सक्रिय हो गए। उन्होंने महिलाओं की बहुचर्चित पत्रिका ‘मनोरमा’ में बतौर उप-संपादक कार्य किया था। उन दिनों समादृत कथाकारअमरकांत इस पत्रिका के संपादक थे। ‘वैचारिकी’ नामक साहित्यिक संस्था की स्थापना भी उन्होंने ही की थी। 

अमर गोस्वामी का साहित्यिक परिचय 

अमर गोस्वामी की रचनाओं में मानव जीवन की समस्याओं का सजीव चित्रण देखने को मिलता है। उन्होंने कई गंभीर विषयों पर अनेक विधाओं में साहित्य का सृजन किया है। इसके साथ ही उनकी बाल साहित्य पर 20 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। 

अमर गोस्वामी की रचनाएँ – Amar Goswami Ki Rachnaye

अमर गोस्वामी हिंदी साहित्य जगत में कहानीकार एवं उपन्यासकार के रूप में विख्यात हैं। उन्होंने मुख्यत गद्य विधा में अपनी लेखनी चलाई हैं। यहाँ अमर गोस्वामी का जीवन परिचय (Amar Goswami Ka Jivan Parichay) के साथ ही उनकी संपूर्ण रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-

उपन्यास 

  • इस दौर में हमसफर

कहानी-संग्रह 

  • महाबली 
  • अपनी-अपनी दुनिया 
  • कल का भरोसा 
  • भूल-भुल्लैया 
  • उदास राघवदास 
  • बूजो बहादुर
  • इक्कीस कहानियाँ
  • हिमायती 
  • महुए का पेड़
  • अरण्य में हम
  • धरतीपुत्र 

बाल साहित्य

  • बता दें कि ‘शाबाश मुन्नू’ सहित बच्चों की कहानियों की कुल सोलह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

संपादन 

  • कथा-पत्रिका कथांतर 
  • आगामी कल 
  • विकल्प 
  • मनोरमा 
  • गंगा 
  • संडे ऑब्जर्वर 
  • अक्षत भारत 
  • नया ज्ञनोदय 

पुरस्कार एवं सम्मान 

अमर गोस्वामी (Amar Goswami Ka Jivan Parichay) को हिंदी साहित्य में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:

  • अमर गोस्वामी को ‘हिमायती’ कहानी-संग्रह पर केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा ‘अहिंदी भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। 
  • उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा उन्हें ‘प्रेमचंद पुरस्कार’ से नवाजा गया था। 
  • उन्हें हिंदी अकादमी, दिल्ली व  इंडो सोवियत लिटरेरी सोसायटी द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका हैं। 

अमर गोस्वामी का निधन

अमर गोस्वामी ने हिंदी साहित्य में दशकों तक अनुपम कृतियों का सृजन किया। किंतु 28 जून, 2012 को 66 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। लेकिन आज भी वे अपनी लोकप्रिय रचनाओं के लिए जाने जाते हैं। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ प्रख्यात साहित्यकार अमर गोस्वामी का जीवन परिचय (Amar Goswami Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 

FAQs 

अमर गोस्वामी का जन्म कहाँ हुआ था?

उनका जन्म 28 नवंबर, 1944 को मुल्तान (अविभाजित भारत) में एक बांग्लाभाषी परिवार में हुआ था।

अमर गोस्वामी ने किन पत्रिकाओं का संपादन किया था?

उन्होंने मुख्यत ‘मनोरमा’ और ‘गंगा’ का संपादन किया था।

‘हिमायती’ कहानी-संग्रह के लिए अमर गोस्वामी को किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था?

उन्हें ‘हिमायती’ कहानी-संग्रह पर केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा ‘अहिंदी भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।

‘इस दौर में हमसफर’ किस रचनाकार का उपन्यास है?

यह अमर गोस्वामी का लोकप्रिय उपन्यास है।

अमर गोस्वामी का निधन कब हुआ था?

उनका 66 वर्ष की आयु में 28 जून, 2012 को गाजियाबाद में निधन हुआ था।

आशा है कि आपको प्रख्यात साहित्यकार अमर गोस्वामी का जीवन परिचय (Amar Goswami Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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