Aruna Asaf Ali in Hindi: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में ‘ग्रैंड ओल्ड लेडी’ के नाम से विख्यात ‘अरुणा आसफ अली’ एक महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षिका और राजनीतिक कार्यकर्ता थीं, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वहीं 08 अगस्त 1942 को जब ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ (INC) ने अपने मुंबई अधिवेशन में भारत छोड़ो प्रस्ताव पारित किया तो ब्रिटिश हुकूमत ने इसके सख्त विरोध में ‘महात्मा गांधी’, ‘पंडित जवाहरलाल नेहरू’ समेत सभी कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया, तब कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन में अरुणा आसफ अली ने भाग लिया और अगले ही दिन 09 अगस्त को ‘गोवालिया टैंक मैदान’ (वर्तमान आजाद मैदान) में कांग्रेस का झंडा फहरा दिया।
अरुणा आसफ अली (Aruna Asaf Ali) को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपना अहम योगदान देने के लिए वर्ष 1997 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ (मरणोपरांत) प्रदान किया गया था। इसके साथ ही उन्हें ‘पद्म विभूषण’, ‘लेनिन शांति पुरस्कार’ व ‘जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार’ आदि से सम्मानित किया जा चुका हैं। आइए अब हम भारत की ‘ग्रैंड ओल्ड लेडी’ अरुणा आसफ अली का जीवन परिचय (Aruna Asaf Ali in Hindi) और उनके योगदान के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मूल नाम | अरुणा गांगुली |
उपनाम | अरुणा आसफ़ अली (Aruna Asaf Ali) |
जन्म | 16 जुलाई, 1909 |
जन्म स्थान | कालका (हरियाणा) |
शिक्षा | ऑल सेंट्स कॉलेज नैनीताल |
पेशा | शिक्षक, राजनीतिक कार्यकर्ता |
पिता का नाम | उपेंद्रनाथ गांगुली |
माता का नाम | अंबालिका देवी |
पति का नाम | आसफ अली |
विख्यात | ‘ग्रैंड ओल्ड लेडी’ (Grand Old Lady) |
धारित पद | दिल्ली नगर निगम की प्रथम मेयर |
पुस्तक | The Resurgence of Indian Women |
पुरस्कार एवं सम्मान | ‘भारत रत्न’ (मरणोपरांत), ‘पद्म विभूषण’, ‘लेनिन शांति पुरस्कार’ व ‘जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार’ |
निधन | 29 जुलाई, 1996 नई दिल्ली |
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अरुणा आसफ अली का जीवन परिचय – Aruna Asaf Ali in Hindi
अरुणा आसफ अली का जन्म 16 जुलाई 1909 को तात्कालिक पंजाब के कालका नामक स्थान पर हुआ था जो अब हरियाणा का भाग है। उनका मूल नाम ‘अरुणा गांगुली’ था और वह ब्राह्मण बंगाली परिवार से थीं। उनके पिता का नाम ‘उपेंद्रनाथ गांगुली’ जबकि माता का नाम ‘अंबालिका देवी’ था। बताया जाता है कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा नैनीताल के ऑल सेंट्स कॉलेज नैनीताल से हुई। इसके बाद उन्होंने ‘सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल’, लाहौर (वर्तमान पाकिस्तान) से उच्च शिक्षा हासिल की। वहीं वर्ष 1928 में उन्होंने अपनी उम्र से 21 साल बड़े कांग्रेस पार्टी के नेता ‘आसफ अली’ से प्रेम विवाह कर लिया। क्या आप जानते हैं कि आसफ अली स्वतंत्र भारत में अमेरिका के प्रथम राजदूत और ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रह चुके हैं।
‘गोवालिया टैंक मैदान’ में फहराया झंडा
शिक्षा के उपरांत अरुणा आसफ अली ने शिक्षिका के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने कोलकाता के गोखले मेमोरियल काॅलेज में कुछ समय तक अध्यापन कार्य किया व बाद में स्वतंत्रता संग्राम में अपनी अहम भूमिका निभाई। वर्ष 1942 में उन्होंने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान मुंबई के ‘गोवालिया टैंक मैदान’ (वर्तमान आजाद मैदान) में कांग्रेस का झंडा फहराया और आजादी का बिगुल फूंक दिया। इसी कारण उन्हें भारत की ‘ग्रैंड ओल्ड लेडी’ (Grand Old Lady) के नाम से जाना जाता है। लगभग तीन वर्ष तक भूमिगत रहते हुए भी उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन जारी रखा। इस दौरान ब्रिटिश सरकार ने उनकी संपत्ति जब्त कर ली जिसका उनपर कोई प्रभाव न पड़ा।
सत्याग्रह के दौरान गईं जेल
अरुणा आसफ अली ने राष्ट्रपिता ‘महात्मा गांधी‘ के द्वारा चलाए गए ‘नमक सत्याग्रह’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थीं और वह 1930, 1932 और 1941 के व्यक्तिगत सत्याग्रह के दौरान जेल भी गईं। किंतु जब उन्हें वर्ष 1932 में दिल्ली के तिहाड़ जेल भेजा गया, तब उन्होंने जेल में बंद राजनैतिक कैदियों के साथ हो रहे बुरे बर्ताव के विरोध में ‘भूख हड़ताल’ (Hunger Strike) कर दी जिससे ब्रिटिश हुकूमत की नींव कमजोर होने लगी।
क्या आप जानते हैं कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्होंने भारतीय राजनीतिज्ञ और कार्यकर्ता ‘राम मनोहर लोहिया’ के साथ कांग्रेस की मासिक पत्रिका ‘इंकलाब’ का संपादन किया था। इसके अलावा प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी ‘ऊषा मेहता’ के साथ मिलकर कांग्रेस के एक गुप्त रेडियो स्टेशन से प्रसारण करना शुरू किया था।
इन पुरस्कारों से किया गया सम्मानित
अरुणा आसफ अली (Aruna Asaf Ali in Hindi) को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपना अहम योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- भारत रत्न (मरणोपरांत) – वर्ष 1997
- पद्म विभूषण – वर्ष 1992
- जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार – वर्ष 1991
- अंतरराष्ट्रीय लेनिन पुरस्कार – वर्ष 1964
अरुणा आसफ अली की प्रकाशित पुस्तकें
यहाँ ‘ग्रैंड ओल्ड लेडी’ के नाम से विख्यात अरुणा आसफ अली का जीवन परिचय के साथ ही उनके द्वारा लिखित प्रकाशित पुस्तकों के बारे में बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- Fragments from the Past
- Great Women of Modern India
- Ideas of a Nation
- Private Face of a Public Person: A Study of Jawaharlal Nehru – Aruna Asaf Ali and G. N. S. Raghavan
- The Resurgence of Indian Women – Aruna Asaf Ali and G. N. S. Raghavan
87 वर्ष की आयु में हुआ निधन
भारतीय स्वतंत्रता के बाद अरुणा आसफ अली का राजनीति में प्रवेश हुआ और वह वर्ष 1958 में दिल्ली नगर निगम की प्रथम मेयर बनी। किंतु 29 जुलाई, 1996 को उनका नई दिल्ली में निधन हो गया। लेकिन अपने अतुलनीय योगदान और कार्यों के लिए वह आज भी जानी जाती हैं।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ ‘ग्रैंड ओल्ड लेडी’ अरुणा आसफ अली का जीवन परिचय (Aruna Asaf Ali in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
उनका मूल नाम ‘अरुणा गांगुली’ था।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें वर्ष 1997 में ‘भारत रत्न’ (मरणोपरांत) प्रदान किया गया था।
उनके पिता का नाम ‘उपेंद्रनाथ गांगुली’ जबकि माता का नाम ‘अंबालिका देवी’ था।
अरुणा आसफ अली (Aruna Asaf Ali) को भारत की ‘ग्रैंड ओल्ड लेडी’ के रूप में जाना जाता है।
वर्ष 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान में झंडा फहराने के लिए उन्हें याद किया जाता है।
29 जुलाई, 1996 को 87 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था।
वर्ष 1960 में उन्होंने एक मीडिया पब्लिशिंग हाउस की स्थापना की थी।
आशा है कि आपको ‘ग्रैंड ओल्ड लेडी’ अरुणा आसफ अली का जीवन परिचय (Aruna Asaf Ali in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।