क्या आप जानते हैं भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द को वर्ष 2017 में भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। बता दें कि वह पेशे से एक वकील और सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने से पहले बिहार राज्य के राज्यपाल भी रह चुके हैं। इसके साथ ही राम नाथ कोविंद उत्तर प्रदेश राज्य से चुने जाने वाले दूसरे राष्ट्रपति भी हैं। आइए जानते हैं श्री राम नाथ कोविन्द का जीवन परिचय और उनकी राजनितिक यात्रा।
नाम | श्री राम नाथ कोविन्द |
जन्म तिथि | 1 अक्टूबर 1945 |
जन्म स्थान | परौख गाँव, कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश |
पिता का नाम | स्व. मैकूलाल |
माता का नाम | स्व. फूलवती |
पत्नी का नाम | श्रीमति सविता |
संतान | प्रशांत कुमार (पुत्र)स्वाति (पुत्री) |
शिक्षा | बीकॉम एवं एलएलबी |
कॉलेज | कानपूर विश्वविद्यालय, कानपूर |
पेशा | पॉलिटिशियन एवं अधिवक्ता |
राजनीतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
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राम नाथ कोविंद का प्रारंभिक जीवन
श्री राम नाथ कोविन्द का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर जिले के परौख गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम ‘मैकूलाल’ था, जो एक परचून की दुकान चलाते थे और माता का नाम ‘कलावती’ था जो एक गृहिणी थीं। वह पांच भाइयों और दो बहनों में सबसे छोटे थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सीमित संसाधनों के साथ कानुपर में ही पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने ‘कानपुर विश्वविद्यालय’ से बी.कॉम में अपनी ग्रेजुएशन की और फिर एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। 30 मई 1974 को राम नाथ कोविंद का विवाह ‘सविता कोविंद’ से हुआ। इनके एक बेटे प्रशांत हैं और बेटी का नाम स्वाति है।
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अधिवक्ता के रूप में राम नाथ कोविंद का करियर
श्री राम नाथ कोविन्द ने वर्ष 1971 में दिल्ली बार कॉउंसिल में एक वकील के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने वर्ष 1977 से 1979 दिल्ली उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के वकील के रूप में कार्य किया। इसी बीच उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री ‘मोरारजी देसाई’ के निजी सहायक के रूप में कार्य किया। इसके बाद वह वर्ष 1978 में सर्वोच्च न्यायालय में ‘एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड’ बन गए।
फिर उन्होंने वर्ष 1980 से 1993 तक भारत के सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के लिए स्थायी वकील के रूप में कार्य किया। एक वकील के रूप में कार्य करते हुए राम नाथ कोविंद ने नई दिल्ली की नि:शुल्क कानूनी सहायता सोसायटी के तहत, समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर महिलाओं और गरीबों को निःशुल्क सहायता भी प्रदान की। बता दें कि श्री राम नाथ कोविन्द ने दिल्ली हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 16 वर्षों तक प्रैक्टिस की और अपनी सेवाएं दी।
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राम नाथ कोविन्द का राजनितिक सफर
यहाँ राम नाथ कोविन्द का जीवन परिचय के साथ अब जानते हैं उनके राजनितिक सफर के बारे में। आपको बता दें कि वर्ष 1991 राम नाथ कोविन्द ‘भारतीय जनता पार्टी’ (बीजेपी) में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1998 से 2002 के मध्य ‘भाजपा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति मोर्चा’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। फिर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के ‘राष्ट्रीय प्रवक्ता’ के रूप में भी कार्य किया। इसके बाद राम नाथ कोविन्द ने वर्ष 2007 में भोगनीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा लेकिन वह हार गए।
वर्ष 1994 में राम नाथ कोविन्द उत्तर प्रदेश से राजयसभा सांसद बने और 12 वर्षों तक राज्यसभा सांसद रहे। वे कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं। अपने राजनितिक कार्यकाल के दौरान राम नाथ कोविन्द ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, होम अफ़ेयर, सामाजिक न्याय, क़ानून न्याय व्यवस्था की संसदीय समिति में कार्य किया। इसके अलावा वह राज्यसभा हाउस कमेटी के भी चेयरमैन रह चुके हैं।
इसके साथ ही उन्होंने वर्ष 2002 में ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ (United Nations- UN) में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था। बता दें कि राम नाथ कोविन्द ने डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रबंधन बोर्ड में सदस्य के रूप में और भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), कोलकाता के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में सदस्य के रूप में भी कार्य किया हैं।
बिहार के राज्यपाल
राम नाथ कोविन्द को 8 अगस्त 2015 को बिहार राज्य के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था। राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल को संविधान के मूल्यों को बनाए रखने के लिए बहुत सराहना मिली। बिहार के राज्यपाल के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने राज्य विश्वविद्यालयों के कामकाज में कई सुधार और आधुनिक तकनीक पेश की और कुलपतियों की नियुक्ति में पारदर्शिता लाई। इसके साथ ही उन्होंने अयोग्य शिक्षकों की पदोन्नति, धन के कुप्रबंधन और विश्वविद्यालयों में अयोग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति में अनियमितताओं की जांच के लिए ‘न्यायिक आयोग’ का गठन किया।
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भारत के 14वें राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द
वर्ष 2017 में भारत के तत्कालिक राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने राम नाथ कोविन्द को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में नामांकित किया, उन्होंने 20 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति चुनाव जीता और 65.5% वोट प्राप्त किये। बता दें कि इस चुनाव में राम नाथ कोविन्द ने लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीना कुमार को भारी मतों से हराया था। इसके बाद उन्होंने 25 जुलाई 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। उन्हें उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर’ ने भारत के राष्ट्रपति पद की शपथ दिलायी थीं।
उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान जून 2022 तक 33 देशों का राजकीय दौरा किया। इन राजकीय यात्राओं पर, राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने भारत के शांति, प्रगति और सद्भाव का शाश्वत संदेश दिया। भारत के राष्ट्रपति के रूप में, उन्हें छह देशों, मेडागास्कर, इक्वेटोरियल गिनी, इस्वातिनी, क्रोएशिया, बोलीविया और गिनी गणराज्य से ‘सर्वोच्च राजकीय सम्मान’ प्राप्त हुआ है।
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