Keshavdas Ka Jivan Parichay – आचार्य केशवदास का जीवन परिचय 

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Keshavdas Ka Jivan Parichay

Keshavdas Ka Jivan Parichay : केशवदास समय की दृष्टि से ‘भक्तिकाल’ के और प्रवृति की दृष्टि से ‘रीतिकाल’ के कवि माने जाते हैं। हालांकि रीतिकाल में लक्षण-ग्रंथों की परंपरा केशवदास से ही प्रारंभ हुई है। उन्होंने ‘कविप्रिया’ और ‘रसिकप्रिया’ के माध्यम से इस परंपरा का सूत्रपात किया था। वहीं साहित्य के अलावा वे संगीत, घर्मशास्त्र, राजनीति, ज्योतिष और वैद्यक सभी विषयों के अध्येता थे। ‘रामचंद्रिका’ उनकी अनुपम काव्य कृति मानी जाती है।

आपको बता दें कि केशवदास की रचनाओं को विद्यालय के अलावा बीए और एमए के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी केशवदास का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। 

आइए अब आचार्य केशवदास का जीवन परिचय (Keshavdas Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नाम केशवदास (Keshavdas)
जन्म सन 1555 (विद्वानों के अनुसार)
जन्म स्थान ओरछा नगर, टीकमगढ़ जिला, मध्य प्रदेश 
आश्रयदाता महाराज इंद्रजीत सिंह 
भाषा ब्रज 
विधा काव्य 
प्रमुख रचनाएँ रामचंद्रिका, ‘कविप्रिया’ और ‘रसिकप्रिया’ 
साहित्य काल रीतिकाल 
मृत्यु सन 1617 

मध्यप्रदेश के ओरछा नगर में हुआ था जन्म – Keshavdas Ka Jivan Parichay

ऐसा माना जाता है कि केशवदास का जन्म बेतवा नदी के तट पर स्थित ओरछा नगर में हुआ था। किंतु उनकी जन्मतिथि के संबंध में विद्वानों में भारी मतभेद है। बता दें कि ‘शिव सिंह सरोज’ ग्रंथ के लेखक शिवसिंह सेंगर संवत 1624 में तथा ‘मिश्र बंधु’, ‘डॉ. रामकुमार वर्मा’,आचार्य रामचंद्र शुक्ल एवं ‘रामनेरश त्रिपाठी’ संवत 1612 में केशवदास के जन्म को स्वीकार करते हैं। जबकि ‘गौरीशंकर द्विवेदी’, ‘डॉ किरणचंद्र शर्मा’, ‘लाला भगवानदीन’ एवं ‘डॉ. विजयपाल सिंह केशव’ का जन्म संवत 1618 में मानते हैं।  

विद्वानों द्वारा माना जाता है कि केशवदास के पिता का नाम ‘काशीनाथ’ था। उनका कुल संस्कृत का प्रकांड विद्वान था। वहीं यह भी माना जाता है कि केशवदास विवाहित थे और इनकी संतानें भी थीं। 

महाराज इंद्रजीत सिंह थे प्रधान आश्रयदाता 

ओरछापति ‘महाराज इंद्रजीत सिंह’ केशवदास के प्रधान आश्रयदाता थे जिन्होंने 21 गाँव उन्हें भेंट स्वरूप दिए थे। उन्हें ‘वीरसिंह देव’ का भी आश्रय प्राप्त था। माना जाता है कि ओरछा दरबार की नर्तकी ‘राय प्रवीण’ को कवि शिक्षा प्रदान करने के लिए केशव ने ‘कविप्रिया’ और ‘रसिकप्रिया’ ग्रंथों की रचना की थी। वहीं राज दरबार और राज परिवार में केशवदास को अत्यधिक सम्मान प्राप्त था।  

केशवदास की रचनाएँ – Keshav Das Ki Rachnaye

केशवदास ने ही हिंदी में संस्कृत की परंपरा की व्यवस्थापूर्वक स्थापना की थी। हालांकि उनके पहले भी रीतिग्रंथ लिखे गए थे पर व्यवस्थित और स्वार्गपूर्ण ग्रंथ सबसे पहले उन्होंने ही प्रस्तुत किए थे। यहाँ केशवदास की प्रमुख प्रामाणिक रचनाओं के बारे में बताया गया है :- 

  • रसिकप्रिया
  • कविप्रिया 
  • रामचंद्रिका 
  • वीरसिंह देव चरित 
  • विज्ञान गीता 
  • जहाँगीर जसचंद्रिका 
  • बता दें कि ‘रतनबावनी’ का रचनाकाल अज्ञात है किंतु इसे उनकी सर्वप्रथम रचना माना जाता है। 

केशवदास की भाषा शैली –  Keshav Das Ki Bhasha Shaili 

केशवदास की रचना में उनके तीन रूप आचार्य, महाकवि और इतिहासकार दिखाई पड़ते हैं। केशवदास की काव्यभाषा ब्रज है। बुंदेल निवासी होने के कारण उनकी रचना में बुंदेली के शब्दों का प्रयोग अधिक देखने को मिलता है। उन्होंने अपनी रचनाओं में अलंकारों का भी भरपूर प्रयोग किया है। वहीं माना जाता है कि केशवदास ने संस्कृत आचार्य भामह और उदभट की परंपरा को हिंदी में प्रस्तुत किया है। 

निधन 

केशवदास के जन्म के समान ही उनकी मृत्यु तिथि भी विवादास्पद है। किंतु विद्वानों द्वारा माना जाता है कि उनका निधन संवत 1674 से संवत 1680 के मध्य हुआ होगा।  

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ आचार्य केशवदास का जीवन परिचय (Keshavdas Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
मैथिलीशरण गुप्तअशोक वाजपेयीजाबिर हुसैन
विष्णु खरे उमाशंकर जोशी आलोक धन्वा 
घनानंद अयोध्या सिंह उपाध्यायबिहारी 
शिवपूजन सहायअमीर खुसरोमधु कांकरिया 
घनश्यामदास बिड़लाकेदारनाथ अग्रवालशकील बदायूंनी
मधुसूदन दासमहापंडित राहुल सांकृत्यायनभुवनेश्वर 
सत्यजित रेशिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’ भगवती चरण वर्मा
मोतीलाल नेहरू कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ श्री अरबिंदो 
अमर गोस्वामीशमशेर बहादुर सिंहरस्किन बॉन्ड 
राजेंद्र यादव गोपालराम गहमरी राजी सेठ
गजानन माधव मुक्तिबोधसेवा राम यात्री ममता कालिया 
शरद जोशीकमला दासमृणाल पांडे
विद्यापति पदुमलाल पुन्नालाल बख्शीश्रीकांत वर्मा 
यतींद्र मिश्ररामविलास शर्मामास्ति वेंकटेश अय्यंगार
शैलेश मटियानीरहीमस्वयं प्रकाश 

FAQs

केशव का जन्म कहां हुआ था?

केशवदास का जन्म बेतवा नदी के तट पर स्थित ओरछा नगर में हुआ था।

केशव दास को आचार्य कवि क्यों कहा जाता है?

अपनी रचनाओं में पूर्णत: शास्त्रीय तथा रीतिबद्ध होने के कारण केशवदास हिंदी कविता के आचार्य कवि माने जाते हैं।

केशवदास जी की भाषा कौन सी है?

केशवदास की काव्यभाषा ब्रज है। 

केशवदास ने राम कथा से संबंधित कौनसे महाकाव्य की रचना की?

रामचंद्रिका, हिंदी साहित्य के रीतिकाल के आरंभ के सुप्रसिद्ध कवि केशवदास रचित महाकाव्य है।

जहांगीर जस चंद्रिका के रचनाकार कौन है?

जहांगीर जस चंद्रिका, आचार्य केशवदास की प्रमुख रचना मानी जाती है।

आशा है कि आपको आचार्य केशवदास का जीवन परिचय (Keshavdas Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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