Ali Sardar Jafri Biography in Hindi: अली सरदार जाफरी उर्दू अदब के अजीम शायर, आलोचक, बुद्धिजीवी और प्रख्यात संपादक थे। उन्होंने साहित्य की अनेक विधाओं में अपनी लेखनी चलाकर साहित्य को समृद्ध किया हैं। अली सरदार जाफरी का लेखकीय जीवन वर्ष 1938 में प्रकाशित उनके प्रथम लघु कहानी-संग्रह ‘मंज़िल’ से आरंभ हुआ था। वहीं एक शायर के रूप में श्री जाफरी वर्ष 1943 में प्रकाशित अपनी पहली काव्य-कृति ‘परवाज़’ से प्रतिष्ठित हुए। उन्होंने भारतीय सिनेमा में भी अहम योगदान दिया था। एक गीतकार के रूप में उनके महत्वपूर्ण कामों में ‘ग्यारह हजार लड़कियां’, ‘जलजला’ और ‘धरती के लाल’ जैसी फिल्मों का गीत लेखन शामिल है।
आपको बता दें कि अली सरदार जाफरी को उनके साहित्यिक योगदान के लिए वर्ष 1998 में साहित्य के सर्वोच्च सम्मान ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें ‘पद्म श्री’ (1967) ‘सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार’, उत्तर प्रदेश सरकार का ‘उर्दू अकादमी पुरस्कार’ तथा मध्य प्रदेश सरकार के ‘इक़बाल सम्मान’ से नवाजा जा चुका हैं। ध्यान दें कि अली सरदार जाफरी (Ali Sardar Jafri) और उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET और UPSC में उर्दू विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी अली सरदार जाफरी का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है।
आइए अब इस लेख में उर्दू के मशहूर शायर अली सरदार जाफरी का जीवन परिचय (Ali Sardar Jafri Biography in Hindi) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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नाम | अली सरदार जाफरी (Ali Sardar Jafri) |
जन्म | 29 नवंबर 1913 |
जन्म स्थान | बलरामपुर गांव, गोंडा जिला, उत्तर प्रदेश |
शिक्षा | M.A. लखनऊ विश्वविद्यालय |
कार्य क्षेत्र | शायर, आलोचक, संपादक व नाटक आदि। |
भाषा | उर्दू, हिंदी |
विधा | शायरी, काव्य, कहानी |
मुख्य रचनाएँ | परवाज़ (1944), नई दुनिया को सलाम (1946), ख़ून की लकीर (1949), अमन का सितारा (1950), एशिया जाग उठा (1964) तथा एक ख़्वाब और (1965) आदि। |
पुरस्कार एवं सम्मान | ज्ञानपीठ पुरस्कार (1998), पद्म श्री (1967) सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार व इक़बाल सम्मान। |
निधन | 01 अगस्त, 2000 मुंबई |
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में हुआ था जन्म – Ali Sardar Jafri Biography in Hindi
अली सरदार जाफरी का जन्म 29 नवंबर, 1913 को उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में बलरामपुर नामक गांव में हुआ था। श्री जाफरी ने हाईस्कूल तक की शिक्षा बलरामपुर में ही प्राप्त की थी। फिर वे आगे की पढ़ाई के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय आ गए। यहाँ उन्हें उस समय के मशहूर और उभरते हुए शायरों की संगत मिली। इनमें ‘जांनिसार अख़्तर’, ‘ख़्वाजा अहमद अब्बास’, ‘अख़्तर हुसैन रायपुरी’ जैसे प्रसिद्ध साहित्यकार शामिल थे।
लखनऊ विश्वविद्यालय से किया एम.ए.
यह वह दौर था जब संपूर्ण भारत में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आजादी के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन हो रहे थे। वहीं छात्रों में भी देश की आजादी के लिए जूनून सवार था। अली सरदार जाफरी भी उन्हीं में से एक थे। ऐसे में एक आंदोलन के दौरान वॉयसराय के एक्जीक्यूटिव कौंसिल के सदस्यों के विरुद्ध हड़ताल के अपराध में उन्हें विश्वविद्यालय से निकाल दिया गया। किंतु श्री जाफरी ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और एंग्लो अरेबिक कॉलेज, दिल्ली से बी.ए. पास किया और बाद में लखनऊ विश्वविद्यालय से एम.ए. की डिग्री हासिल की।
प्रगतिशील लेखक संघ से जुड़े
अली सरदार जाफरी ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और उसके बाद भी कई बार जेल की यात्रा कीं, इस दौरान उनकी मुलाकात ‘प्रगतिशील लेखक संघ’ (Progressive Writers’ Movement) के मेंबर और मार्क्सवादी चिंतक ‘सज्जाद ज़हीर’ (Sajjad Zaheer) से हुई। उन्हीं के प्रभाव से उन्होंने लेनिन व मार्क्स साहित्य का गहन अध्यन्न किया तथा यहीं से उनके चिंतन और दर्शन को ठोस आधार मिला। इस दौरान उन्होंने मुंशी प्रेमचंद, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, अख़्तर शीरानी, रवींद्रनाथ टैगोर व मुल्कराज आनंद जैसे सुप्रसिद्ध भारतीय साहित्यकारों सहित पाश्चात्य साहित्यकारों की रचनाओं को पढ़ा और उनके विचारों को समझा।
अली सरदार जाफरी की प्रमुख रचनाएँ – Ali Sardar Jafri Ki Rachnaye
अली सरदार जाफरी (Ali Sardar Jafri) ने उर्दू साहित्य की अनेक विधाओं में अनुपम कृतियों का सृजन किया हैं। उनका लेखकीय जीवन वर्ष 1938 में प्रकाशित उनके पहले लघु कहानी-संग्रह ‘मंज़िल’ से प्रारंभ हुआ। वहीं एक शायर के रूप में श्री जाफ़ी वर्ष 1943 में प्रकाशित अपनी प्रथम काव्य-कृति ‘परवाज़’ से प्रतिष्ठित हुए। उनका आखिरी काव्य-संग्रह ‘सरहद’ के नाम से प्रकाशित हुआ था, जो वर्ष 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री ‘अटल बिहारी वाजपेयी’ की लाहौर यात्रा के दौरान लिखा गया था। बता दें कि उनकी काव्य रचनाओं के अनुवाद दुनिया की विभिन्न भाषाओँ में किए गए हैं। यहाँ अली सरदार जाफरी का जीवन परिचय के साथ ही उनकी संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं के बारे में बताया गया है:-
काव्य-संग्रह
काव्य-संग्रह | प्रकाशन |
परवाज़ | वर्ष 1944 |
जम्हूर | वर्ष 1946 |
नई दुनिया को सलाम | वर्ष 1947 |
खूब की लकीर | वर्ष 1949 |
अम्मन का सितारा | वर्ष 1950 |
एशिया जाग उठा | वर्ष 1950 |
पत्थर की दीवार | वर्ष 1953 |
एक ख्वाब और | वर्ष 1965 |
पैराहने शरर | वर्ष 1966 |
लहु पुकारता है | वर्ष 1978 |
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फ़िल्मी दुनिया का सफर
अली सरदार जाफरी ने उर्दू साहित्य को समृद्ध करने के साथ ही भारतीय सिनेमा में भी अहम योगदान दिया था। एक गीतकार के रूप में उन्होंने ‘जलजला’, ‘धरती के लाल’ और ‘परदेसी’ जैसी फिल्मों के लिए सदाबहार गीत लिखें हैं। उन्होंने ‘इंडियन पीपल्स थिएटर एसोसिएशन’ (इप्टा) के लिए भी दो नाटक लिखे, जो बहुत लोकप्रिय हुए। इसके साथ ही श्री जाफरी ने दो डाक्यूमेंट्री फिल्में भी बनाईं और उर्दू के सात प्रसिद्ध शायरों के जीवन पर आधारित ‘कहकशाँ’ नामक धारावाहिक का निर्माण किया।
पुरस्कार एवं सम्मान
अली सरदार जाफरी ( Ali Sardar Jafri Biography in Hindi) को साहित्य और कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- अली सरदार जाफरी को वर्ष 1998 में साहित्य के सर्वोच्च सम्मान ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। क्या आप जानते हैं कि वे ‘फिराक गोरखपुरी’ और ‘कुर्तुल एन हैदर’ के बाद ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले उर्दू के तीसरे साहित्यकार थे।
- पद्म श्री – 1967
- सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार
- उत्तर प्रदेश का उर्दू अकादमी पुरस्कार
- मध्य प्रदेश सरकार का इक़बाल सम्मान
- कुमारन आशान पुरस्कार
86 वर्ष की आयु में हुआ था निधन
अली सरदार जाफरी का ब्रेन ट्यूमर की बीमारी के कारण 01 अगस्त, 2000 को मुंबई में निधन हुआ था। लेकिन आज भी वे अपनी लोकप्रिय रचनाओं के लिए जाने जाते हैं।
FAQs
अली सरदार जाफरी का जन्म 29 नवंबर, 1913 को उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में बलरामपुर नामक गांव में हुआ था।
अली सरदार जाफरी को वर्ष 1998 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
खून की लकीर, अली सरदार जाफरी का लोकप्रिय काव्य-संग्रह है जिसका प्रकाशन वर्ष 1949 में हुआ था।
श्री जाफरी ने लखनऊ विश्वविद्यालय से एम.ए. की पढ़ाई की थी।
अली सरदार जाफरी का 1 अगस्त, 2000 को मुंबई में निधन हुआ था।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ मशहूर शायर अली सरदार जाफरी का जीवन परिचय (Ali Sardar Jafri Biography in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
आशा है कि आपको प्रख्यात शायर अली सरदार जाफरी का जीवन परिचय (Ali Sardar Jafri Biography in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।