Ali Sardar Jafri Poems in Hindi : पढ़िए अली सरदार जाफ़री की वो रचनाएं, जो आपको प्रखरता से अपनी बात रखना सिखाएंगी

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Ali Sardar Jafri Poems in Hindi

भारत की पुण्यभूमि पर कई ऐसे शायर हुए हैं, जिन्होंने हिंदी-उर्दू शब्दों के महासंगम से जन्मे साहित्य से समाज को राह दिखाने का काम किया है। अतीत में ऐसे कई शायर हुए है जिन्होंने जनता की पीड़ाओं को प्रखरता के साथ कहने का साहस किया है। ऐसे ही शायरों में से एक शायर “अली सरदार जाफ़री” भी हैं, जिनके शब्द आज की परिस्थितियों में भी प्रासंगिक हैं। कविताएं, ग़ज़लें और शायरी ही मानव को समाज की कुरीतियों और अन्याय के विरुद्ध लड़ना सिखाती हैं। इसी कड़ी में Ali Sardar Jafri Poems in Hindi (अली सरदार जाफ़री की कविताएं) भी आती हैं, जिन्हें पढ़कर विद्यार्थियों को प्रेरणा मिल सकती है, जिसके बाद उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं।

कौन थे अली सरदार जाफ़री?

Ali Sardar Jafri Poems in Hindi (अली सरदार जाफ़री की कविताएं) पढ़ने सेे पहले आपको अली सरदार जाफ़री जी का जीवन परिचय पढ़ लेना चाहिए। भारतीय साहित्य की अप्रतीम अनमोल मणियों में से एक बहुमूल्य मणि अली सरदार जाफ़री भी हैं, जिनकी लेखनी आज भी लाखों युवाओं को प्रेरित करती है। अली सरदार जाफरी एक उर्दू कवि और आलोचक थे।

23 अप्रैल 1913 को अली सरदार जाफ़री का जन्म महाराष्ट्र के मुंबई में हुआ था। अपने कॉलेज के समय से ही अली सरदार जाफ़री का रुझान साहित्य की ओर ज्यादा था। अली सरदार जाफ़री ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में प्राप्त करने के बाद, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

अली सरदार जाफ़री ने वर्ष 1930 से कविताओं का लेखन आरम्भ किया, जिसमें उनकी अधिकांश कविताएं प्रेम और प्रकृति पर आधारित होती थी। हालांकि, वर्ष 1940 में, उन्होंने अपनी कविताओं में सामाजिक और राजनीतिक विषयों को शामिल करना शुरू कर दिया। इसके बाद से उनकी लोकप्रियता में बढ़ोत्तरी हुई थी।

अली सरदार जाफ़री जी के साहित्य और समाजहित में दिए गए अविस्मरणीय योगदान को देखते हुए वर्ष 1997 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अपने समय के एक महान शायर अली सरदार जाफ़री का निधन 21 जनवरी 2000 को हुआ।

काम अब कोई न आएगा बस इक दिल के सिवा

Ali Sardar Jafri Poems in Hindi (अली सरदार जाफ़री की कविताएं) आपको साहित्य से परिचित करवाएंगी। अली सरदार जाफ़री जी की प्रसिद्ध रचनाओं में से एक “काम अब कोई न आएगा बस इक दिल के सिवा” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

काम अब कोई न आएगा बस इक दिल के सिवा 
रास्ते बंद हैं सब कूचा-ए-क़ातिल के सिवा 

बाइस-ए-रश्क है तन्हा-रवी-ए-रह-रव-ए-शौक़ 
हम-सफ़र कोई नहीं दूरी-ए-मंज़िल के सिवा 

हम ने दुनिया की हर इक शय से उठाया दिल को 
लेकिन एक शोख़ के हंगामा-ए-महफ़िल के सिवा 

तेग़ मुंसिफ़ हो जहाँ दार-ओ-रसन हों शाहिद 
बे-गुनह कौन है उस शहर में क़ातिल के सिवा 

जाने किस रंग से आई है गुलिस्ताँ में बहार 
कोई नग़्मा ही नहीं शोर-ए-सलासिल के सिवा

-अली सरदार जाफ़री

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से अली सरदार जाफ़री एक गहरी भावना को व्यक्त करते हैं, जो एक अत्यंत गहरे संदेश को समाज तक ले जाता है। यह कविता जीवन की व्यर्थता और मृत्यु के बाद की अनिश्चितता की भावना को व्यक्त करती है। कविता के माध्यम से कवि कहना चाहते हैं कि इस दुनिया में कोई भी काम स्थायी नहीं है, और अंततः सब कुछ नष्ट हो जाएगा। केवल एक चीज जो स्थायी है वह है दिल, जो प्रेम और स्नेह का घर है। यह कविता मानव को दिल से प्रेम करना सिखाती है।

मैं जहाँ तुम को बुलाता हूँ वहाँ तक आओ

Ali Sardar Jafri Poems in Hindi (अली सरदार जाफ़री की कविताएं) आपको साहित्य से परिचित करवाएंगी। अली सरदार जाफ़री जी की सुप्रसिद्ध रचनाओं में से एक रचना “मैं जहाँ तुम को बुलाता हूँ वहाँ तक आओ” भी है। यह कविता कुछ इस प्रकार है:

मैं जहाँ तुम को बुलाता हूँ वहाँ तक आओ 
मेरी नज़रों से गुज़र कर दिल-ओ-जाँ तक आओ 

फिर ये देखो कि ज़माने की हवा है कैसी 
साथ मेरे मिरे फ़िरदौस-ए-जवाँ तक आओ 

हौसला हो तो उड़ो मेरे तसव्वुर की तरह 
मेरी तख़्ईल के गुलज़ार-ए-जिनाँ तक आओ 

तेग़ की तरह चलो छोड़ के आग़ोश-ए-नियाम 
तीर की तरह से आग़ोश-ए-कमाँ तक आओ 

फूल के गिर्द फिरो बाग़ में मानिंद-ए-नसीम 
मिस्ल-ए-परवाना किसी शम-ए-तपाँ तक आओ 

लो वो सदियों के जहन्नम की हदें ख़त्म हुईं 
अब है फ़िरदौस ही फ़िरदौस जहाँ तक आओ 

छोड़ कर वहम-ओ-गुमाँ हुस्न-ए-यक़ीं तक पहुँचो 
पर यक़ीं से भी कभी वहम-ओ-गुमाँ तक आओ 

इसी दुनिया में दिखा दें तुम्हें जन्नत की बहार 
शैख़-जी तुम भी ज़रा कू-ए-बुताँ तक आओ

-अली सरदार जाफ़री

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि अली सरदार जाफ़री एक प्रेरणादायक संदेश देना चाहते हैं कि हम में ऐसी समर्पण भावना होनी चाहिए जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाए। कविता के माध्यम से कवि हमें अपने डर और सीमाओं के पार ले जाने का प्रयास करते हैं। साथ ही कविता का हर लफ़्ज़ हमें यह सिखाता है कि हमें अपने लक्ष्यों के लिए दृढ़ संकल्पित रहना चाहिए। यह एक ऐसी कविता है जो सरल भाषा में होने के साथ-साथ एक गहरा संदेश देने का काम करती है।

इक सुब्ह है जो हुई नहीं है

Ali Sardar Jafri Poems in Hindi आपको हिंदी-उर्दू साहित्य के संगम से परिचित करवाएंगी। अली सरदार जाफ़री जी की सुप्रसिद्ध रचनाओं की श्रेणी में से एक रचना “इक सुब्ह है जो हुई नहीं है” भी है। यह कविता कुछ इस प्रकार है:

इक सुब्ह है जो हुई नहीं है 
इक रात है जो कटी नहीं है 

मक़्तूलों का क़हत पड़ न जाए 
क़ातिल की कहीं कमी नहीं है 

वीरानों से आ रही है आवाज़ 
तख़्लीक़-ए-जुनूँ रुकी नहीं है 

है और ही कारोबार-ए-मस्ती 
जी लेना तो ज़िंदगी नहीं है 

साक़ी से जो जाम ले न बढ़ कर 
वो तिश्नगी तिश्नगी नहीं है 

आशिक़-कुशी ओ फ़रेब-कारी 
ये शेवा-ए-दिलबरी नहीं है 

भूखों की निगाह में है बिजली 
ये बर्क़ अभी गिरी नहीं है 

दिल में जो जलाई थी किसी ने 
वो शम-ए-तरब बुझी नहीं है 

इक धूप सी है जो ज़ेर-ए-मिज़्गाँ 
वो आँख अभी उठी नहीं है 

हैं काम बहुत अभी कि दुनिया 
शाइस्ता-ए-आदमी नहीं है 

हर रंग के आ चुके हैं फ़िरऔन 
लेकिन ये जबीं झुकी नहीं है

-अली सरदार जाफ़री

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से अली सरदार जाफ़री एक आशावादपूर्ण संदेश देने का प्रयास करते हैं। यह कविता हमें एक बेहतर भविष्य की संभावनाओं के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित करती है। कविता में कवि कहते हैं कि भले ही वर्तमान समय में सब कुछ ठीक न हो, लेकिन एक ऐसा भविष्य है जो बेहतर हो सकता है। इस कविता में एक ऐसी सुबह की कल्पना की गयी है, जो अभी तक हुई नहीं लेकिन उसके निकलने पर सभी को समान अधिकार मिलेंगे।

अब आ गया है जहाँ में तो मुस्कुराता जा

Ali Sardar Jafri Poems in Hindi आपको साहित्य के सौंदर्य से परिचित करवाएंगी। अली सरदार जाफ़री जी की सुप्रसिद्ध रचनाओं में से एक रचना “अब आ गया है जहाँ में तो मुस्कुराता जा” भी है, यह कुछ इस प्रकार है:

अब आ गया है जहाँ में तो मुस्कुराता जा 
चमन के फूल दिलों के कँवल खिलाता जा 

अदम हयात से पहले अदम हयात के बा'द 
ये एक पल है उसे जावेदाँ बनाता जा 

भटक रही है अँधेरे में ज़िंदगी की बरात 
कोई चराग़ सर-ए-रहगुज़र जलाता जा 

गुज़र चमन से मिसाल-ए-नसीम-ए-सुब्ह-ए-बहार 
गुलों को छेड़ के काँटों को गुदगुदाता जा 

रह-ए-दराज़ है और दूर शौक़ की मंज़िल 
गराँ है मरहला-ए-उम्र गीत गाता जा 

बला से बज़्म में गर ज़ौक़-ए-नग़्मगी कम है 
नवा-ए-तल्ख़ को कुछ तल्ख़-तर बनाता जा 

जो हो सके तो बदल ज़िंदगी को ख़ुद वर्ना 
नज़ाद-ए-नौ को तरीक़-ए-जुनूँ सिखाता जा 

दिखा के जलवा-ए-फ़र्दा बना दे दीवाना 
नए ज़माने के रुख़ से नक़ाब उठाता जा 

बहुत दिनों से दिल-ओ-जाँ की महफ़िलें हैं उदास 
कोई तराना कोई दास्ताँ सुनाता जा

-अली सरदार जाफ़री

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से अली सरदार जाफ़री हमें जीवन का आनंद लेने और दूसरों को खुश करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। कवि कहते हैं कि जीवन एक उपहार है और हमें इसका पूरा आनंद लेना चाहिए। इस कविता का भाव सरल और स्पष्ट है कि हमें जीवन का आनंद लेना चाहिए और दूसरों को खुश करने के लिए काम करना चाहिए। हमें अपने आसपास की दुनिया को खूबसूरत बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए।

मस्ती-ए-रिंदाना हम सैराबी-ए-मय-ख़ाना हम

Ali Sardar Jafri Poems in Hindi आपको हिंदी-उर्दू साहित्य की सुंदरता से परिचित करवाएंगी। अली सरदार जाफ़री जी की महान रचनाओं में से एक रचना “मस्ती-ए-रिंदाना हम सैराबी-ए-मय-ख़ाना हम” भी है। यह कविता कुछ इस प्रकार है:

मस्ती-ए-रिंदाना हम सैराबी-ए-मय-ख़ाना हम 
गर्दिश-ए-तक़दीर से हैं गर्दिश-ए-पैमाना हम 

ख़ून-ए-दिल से चश्म-ए-तर तक चश्म-ए-तर से ता-ब-ख़ाक 
कर गए आख़िर गुल-ओ-गुलज़ार हर वीराना हम 

क्या बला जब्र-ए-असीरी है कि आज़ादी में भी 
दोश पर अपने लिए फिरते हैं ज़िंदाँ-ख़ाना हम 

राह में फ़ौजों के पहरे सर पे तलवारों की छाँव 
आए हैं ज़िंदाँ में भी बा-शौकत-ए-शाहाना हम 

मिटते मिटते दे गए हम ज़िंदगी को रंग-ओ-नूर 
रफ़्ता रफ़्ता बन गए इस अहद का अफ़्साना हम 

या जगा देते हैं ज़र्रों के दिलों में मय-कदे 
या बना लेते हैं मेहर-ओ-माह को पैमाना हम 

क़ैद हो कर और भी ज़िंदाँ में उड़ता है ख़याल 
रक़्स ज़ंजीरों में भी करते हैं आज़ादाना हम

-अली सरदार जाफ़री

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि अली सरदार जाफ़री प्रेम को एहमियत देने का सफल प्रयास करते हैं। यह कविता एक सुंदर और भावपूर्ण कविता है जो प्रेम, जुनून और जीवन की खुशियों को दर्शाती है। यह कविता प्रेम के पवित्र भाव समर्पण को दर्शाती है, जहाँ प्रेमियों का अपने प्रेमियों के बिना रहना असंभव ही है। यह कविता प्रेम की पवित्रता, प्रेम में प्रतीक्षा (इंतज़ार) और प्रेम के आनंद को बखूबी परिभाषित करती है।

आशा है कि Ali Sardar Jafri Poems in Hindi (अली सरदार जाफ़री की कविताएं) के माध्यम से आप अली सरदार जाफ़री की सुप्रसिद्ध रचनाओं को पढ़ पाएं होंगे, जो कि आपको सदा प्रेरित करती रहेंगी। साथ ही यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और इंफॉर्मेटिव भी लगा होगा, इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

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