Vikram Batra: “परमवीर चक्र” विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा का जीवन परिचय 

1 minute read
Vikram Batra in Hindi

Vikram Batra in Hindi: कैप्टन विक्रम बत्रा भारतीय सेना के एक अधिकारी थे जिन्होंने कारगिल युद्ध में अभूतपूर्व वीरता का परिचय देते हुए वीरगति प्राप्त की। उन्हें वर्ष 1999 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। बता दें कि पॉइंट 5140 पर कब्ज़ा करना कारगिल युद्ध में एक महत्वपूर्ण मोड़ था और कैप्टन विक्रम बत्रा की वीरता ने जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस दिन, उन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, लेकिन उनकी विरासत उनके साथी सैनिकों, देश और दुनिया के दिलों और दिमागों में अंकित हो गई।

आइए अब “परमवीर चक्र” विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा का जीवन परिचय (Vikram Batra in Hindi) और कारगिल युद्ध के बारे में विस्तार से जानते है। 

नाम विक्रम बत्रा (Vikram Batra)
जन्म 09 सितंबर, 1974
जन्म स्थान पालमपुर, हिमाचल प्रदेश
शिक्षा डीएवी कॉलेज, भारतीय सैन्य अकादमी व पंजाब विश्वविद्यालय
पिता का नामगिरधारी लाल बत्रा 
माता का नामकमलकांत बत्रा 
भाई का नाम विशाल बत्रा 
सेवाभारतीय थलसेना
उपाधिकैप्टन
सेवा संख्यांकIC-57556
सेना में यूनिट 13 JAK RIF
युद्धकारगिल युद्ध (ऑपेरशन विजय)
शहादत07 जुलाई, 1999 (वर्ष 24)
सम्मानपरमवीर चक्र (Param Vir Chakra) 

हिमाचल प्रदेश के पालमपुर जिले में हुआ था जन्म – Vikram Batra Ka Jivan Parichay 

विक्रम बत्रा का जन्म 9 सितंबर, 1974 को पालमपुर, हिमाचल प्रदेश, भारत में हुआ था। वे एक साधारण मध्यम वर्गीय परिवार से थे, जिसने उन्हें कड़ी मेहनत, अनुशासन और देशभक्ति के मूल्यों से परिचित कराया। छोटी उम्र से ही, उन्होंने असाधारण नेतृत्व क्षमता और अपने देश की सेवा करने की अटूट इच्छा दिखाई।

विक्रम ने पालमपुर के डीएवी पब्लिक स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और बाद में पालमपुर के सरकारी कॉलेज में दाखिला लिया। भारतीय सेना में शामिल होने की उनकी इच्छा ने उन्हें चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से कला में डिग्री हासिल करने के लिए प्रेरित किया। अपने कॉलेज के दिनों में भी, वह अपने दृढ़ संकल्प और जीवन के प्रति उत्साह के लिए जाने जाते थे।

विक्रम बत्रा का सेना में करियर

विक्रम बत्रा ने वर्ष 1996 में सेना में भर्ती होने के लिए ‘संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा’ (CDS Exam) पास की थी। वह शीर्ष 35 परीक्षा उम्मीदवारों में से एक थे और उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी में शामिल होने के लिए कॉलेज छोड़ दिया था। उन्हें मार्च 1998 में मध्य प्रदेश के इन्फैंट्री स्कूल में पांच महीने के यंग ऑफिसर्स कोर्स में नियुक्त किया गया था। अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, उन्हें 6 दिसंबर, 1997 को जम्मू के सोपोर में सेना की 13 जम्मू और कश्मीर राइफल्स (13 JAK RIF) में लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया गया था।

होली की छुट्टियों में जब वह अपने घर आए थे तब उन्होंने अपने सबसे करीबी दोस्त और मंगेतर ‘डिंपल चीमा’ से मुलाकात की थी, इस दौरान जब उनके दोस्त ने कहा, “अब तुम फ़ौज में हो। अपना ध्यान रखना…” तो विक्रम बत्रा ने जवाब दिया था, “चिंता मत करो। या तो मैं जीत के बाद तिरंगा लहरा कर आउंगा या फिर उसी तिरंगे में लिपट कर आउंगा। लेकिन आउंगा ज़रूर।”

विक्रम बत्रा की पोस्टिंग

विक्रम बत्रा (Vikram Batra in Hindi) को जम्मू और कश्मीर के सोपोर में 30 दिनों का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद 6 दिसंबर 1997 को लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन दिया गया था।

विक्रम बत्रा ने भारतीय सेना में भर्ती होने के बाद 1998 से 1999 तक मध्य प्रदेश में यंग ऑफिसर्स कोर्स पूरा किया। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, विक्रम बत्रा को अल्फा ग्रेडिंग मिली और उन्हें जम्मू-कश्मीर में उनकी ड्यूटी पर वापस भेज दिया गया। उन्होंने 1999 में कर्नाटक में दो महीने का कमांडो प्रशिक्षण पूरा किया। कर्नाटक में पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद, विक्रम को सर्वोच्च ग्रेड – प्रशिक्षक ग्रेड प्राप्त हुआ।

कैप्टन विक्रम बत्रा पर बनी फ़िल्में

वर्ष 2013 में, अभिनेता अभिषेक बच्चन ने कारगिल युद्ध पर आधारित फिल्म “एलओसी कारगिल” में कैप्टन विक्रम बत्रा की भूमिका निभाई थी। जबकि अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा ​​ने वर्ष 2021 में रिलीज हुई विष्णुवर्धन द्वारा निर्देशित और धर्मा प्रोडक्शंस और पेन इंडिया लिमिटेड द्वारा निर्मित जीवनी ‘शेरशाह’ में विक्रम बत्रा की भूमिका निभाई है।

विक्रम बत्रा की शहादत

  • 13 JAK RIF के भाग के रूप में, कैप्टन बत्रा को युद्ध क्षेत्र में भेजा गया। 
  • प्वाइंट 4875, जो एक भारी सुरक्षा वाला पाकिस्तानी स्थान था, पर पुनः कब्जा करने के लिए महत्वपूर्ण लड़ाई के दौरान, कैप्टन बत्रा ने अपने कौशल और सामरिक सूझबूझ का परिचय दिया। 
  • इसके अलावा, उन्होंने अपने सैनिकों का दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़कर नेतृत्व किया, जिसके कारण उनके सैनिकों ने उन्हें “शेर शाह” (शेर राजा) उपनाम दिया।
  • 19 जून 1999 को कैप्टन बत्रा ने अपनी सैन्य टुकड़ी के साथ प्वाइंट 5140 पर सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया, जो प्वाइंट 4875 पर नजर रखने वाला एक महत्वपूर्ण बिंदु था। 
  • यद्यपि उन्हें बहुत चोटें आईं थी, फिर भी उन्होंने चिकित्सा कराने से इनकार कर दिया और दुश्मन सेना पर हमला जारी रखा। 
  • जुलाई 1999 को, प्वाइंट 4875 पर एक और साहसिक हमले का नेतृत्व करते हुए, कैप्टन बत्रा ने ग्रेनेड से दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर दिया।
  • इसके अलावा, उन्होंने एक मशीन गन पोस्ट को निष्क्रिय करके अपने साथी सैनिकों के लिए रास्ता साफ किया, हालांकि इस प्रक्रिया में उन्होंने अपने जीवन का बलिदान दे दिया।

मरणोपरांत “परमवीर चक्र” से किया गया सम्मानित 

भारत सरकार ने वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान वीरता के अपने विशिष्ट कार्यों के लिए कैप्टन विक्रम बत्रा को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया था। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ “परमवीर चक्र” विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा का जीवन परिचय (Vikram Batra in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
मैथिलीशरण गुप्तअशोक वाजपेयीजाबिर हुसैन
विष्णु खरे उमाशंकर जोशी आलोक धन्वा 
घनानंद अयोध्या सिंह उपाध्यायबिहारी 
शिवपूजन सहायअमीर खुसरोमधु कांकरिया 
घनश्यामदास बिड़लाकेदारनाथ अग्रवालशकील बदायूंनी
मधुसूदन दासमहापंडित राहुल सांकृत्यायनभुवनेश्वर 
सत्यजित रेशिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’ भगवती चरण वर्मा
मोतीलाल नेहरू कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ श्री अरबिंदो 
अमर गोस्वामीशमशेर बहादुर सिंहरस्किन बॉन्ड 
राजेंद्र यादव गोपालराम गहमरी राजी सेठ
गजानन माधव मुक्तिबोधसेवा राम यात्री ममता कालिया 
शरद जोशीकमला दासमृणाल पांडे
विद्यापति पदुमलाल पुन्नालाल बख्शीश्रीकांत वर्मा 
यतींद्र मिश्ररामविलास शर्मामास्ति वेंकटेश अय्यंगार
शैलेश मटियानीरहीमस्वयं प्रकाश 

FAQs

विक्रम बत्रा का जन्म कहाँ हुआ था?

कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म 9 सितंबर, 1974 को हिमाचल प्रदेश के पालमपुर जिले में हुआ था। 
कारगिल युद्ध का मुख्य नायक कौन था?

कारगिल युद्ध का मुख्य नायक कौन था?

कैप्टन विक्रम बत्रा 1999 में कारगिल युद्ध के मुख्य नायक थे। 

विक्रम बत्रा क्यों प्रसिद्ध हैं?

विक्रम बत्रा एक बहादुर योद्धा के रूप में प्रसिद्ध हैं, जिन्होंने युद्ध के दौरान अपने साथियों को बचाने के लिए स्वयं का बलिदान दे दिया था।

कारगिल युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री कौन थे?

कारगिल युद्ध के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे।

कारगिल के लिए परमवीर चक्र किसे मिला?

कैप्टन विक्रम बत्रा को वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान उनके अदम्य साहस और वीरता के कार्यों के लिए मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

आशा है कि आपको कैप्टन विक्रम बत्रा का जीवन परिचय (Vikram Batra in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*