Rajesh Joshi Ka Jivan Parichay: राजेश जोशी आधुनिक हिंदी साहित्य में ‘समकालीन कविता’ के महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। उन्होंने कविताओं के अलावा कहानी, लेख, नाटक, नुक्क्ड़ नाटक और आलोचना विधा में लेखनी चलाकर हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है। वहीं उनकी कई कविताओं के भारतीय भाषाओं के साथ साथ अंग्रेजी, रुसी, हंगेरियन, और जर्मन में अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं। बता दें कि ‘एक दिन बोलेंगे पेड़’, ‘मिट्टी का चेहरा’, ‘दो पंक्तियों के बीच’ और ‘नेपथ्य में हँसी’ उनके प्रमुख काव्य संग्रह हैं।
राजेश जोशी को साहित्य के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार’ व मध्य प्रदेश शासन का ‘शिखर सम्मान’ से सम्मानित किया गया है। उनकी लोकप्रिय कविता ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ व अन्य कविताओं को विद्यालय में पढ़ाया जाता हैं। वहीं उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं और बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं।
इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी राजेश जोशी का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब हम विख्यात साहित्यकार राजेश जोशी का जीवन परिचय (Rajesh Joshi Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | राजेश जोशी (Rajesh Joshi) |
जन्म | 18 जुलाई, 1946 |
जन्म स्थान | नरसिंहगढ़ जिला, मध्य प्रदेश |
शिक्षा | पत्रकारिता |
पेशा | लेखक,कवि, अध्यापक |
भाषा | हिंदी |
विधाएँ | कविता, कहानी, नाटक, नुक्क्ड़ नाटक व आलोचना |
साहित्य काल | आधुनिक काल |
पुरस्कार एवं सम्मान | ‘माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार’, ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘पहल सम्मान’ व ‘शमशेर सम्मान’ आदि। |
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मध्य प्रदेश के नरसिंहगढ़ जिले में हुआ था जन्म
आठवें दशक के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक राजेश जोशी का जन्म 18 जुलाई, 1946 को मध्य प्रदेश राज्य के नरसिंहगढ़ जिले में हुआ था। बताया जाता है कि एमएससी (जीव विज्ञान) और एमए (समाजशास्त्र) की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पत्रकारिता शुरू की। फिर कुछ साल अध्यापन कार्य भी किया।
साहित्य के क्षेत्र में पर्दापण
माना जाता है कि उच्च शिक्षा के दौरान ही राजेश जोशी का साहित्य के क्षेत्र में पर्दापण हो गया था। शुरुआत में वे कविताएं लिखते थे लेकिन बाद में अन्य विधाओं में भी साहित्य सृजन करने लगे। बता दें कि उनकी प्रारंभिक कविताएं ‘लहर’, ‘धर्मयुग’, ‘साप्ताहिक हिंदुस्थान’ और ‘सारिका’ आदि पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। वहीं साहित्यिक पत्रिका का संपादन करने के अतिरिक्त उन्होंने कुछ लघु फिल्मों की पटकथाएँ भी लिखीं हैं। इसके साथ ही उन्होंने संस्कृत के महान कवि ‘भर्तृहरि’ की कविताओं की अनुरचना ‘भूमि का कल्पतरु यह भी’ और रूसी कवि, नाटककार एवं कलाकार ‘व्लादिमीर मायाकोव्स्की’ की कविता का अनुवाद ‘पतलून पहिना बादल’ नाम से किया है।
राजेश जोशी की साहित्यिक रचनाएँ – Rajesh Joshi Ki Rachnaye
राजेश जोशी ने कविताओं के अतिरिक्त कहानी, नाटक, लेख और अनुवाद और आलोचनात्मक टिप्पणियाँ लिखी हैं। इसके साथ ही उन्होंने कई साहित्यिक रचनाओं का संपादन किया है। यहाँ राजेश जोशी का जीवन परिचय (Rajesh Joshi Ka Jivan Parichay) के साथ ही उनकी संपूर्ण रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-
काव्य-संग्रह
- एक दिन बोलेंगे पेड़
- मिट्टी का चेहरा
- नेपथ्य में हँसी
- दो पंक्तियों के बीच
- चाँद की वर्तनी
- जि़द
- गेंद निराली मीठू की
- कवि ने कहा
लंबी कविता
- समरगाथा
कहानी-संग्रह
- सोमवार और अन्य कहानियाँ
- कपिल का पेड़
- मेरी चुनी हुई कहानियाँ
आख्यान
- क़िस्सा-कोताह
नाटक
- जादू जंगल
- अच्छे आदमी
- पाँसे
- सपना मेरा यही सखी
- ब्रह्मराक्षस का नाई
नुक्कड़ नाटक
- हमें जवाब चाहिए
संपादन
- इसलिए
- नया पथ
- वर्तमान साहित्य
- ताप के ताए हुए दिन
- नागार्जुन संचयन
- मुक्तिबोध संचयन
पुरस्कार एवं सम्मान
राजेश जोशी (Rajesh Joshi Ka Jivan Parichay) को आधुनिक हिंदी साहित्य में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- साहित्य अकादमी पुरस्कार
- श्रीकांत वर्मा स्मृति सम्मान
- मुक्तिबोध पुरस्कार
- माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार
- शिखर सम्मान
- पहल सम्मान
- शमशेर सम्मान
- मुकुटबिहारी सरोज स्मृति सम्मान
- निराला स्मृति सम्मान
- कैफ़ी आज़मी अवार्ड
- प्रो. आफ़ाक़ अहमद स्मृति अवार्ड
- जनकवि नागार्जुन स्मृति सम्मान
- शशिभूषण स्मृति नाट्य सम्मान
राजेश जोशी की कविताएँ
यहाँ राजेश जोशी का जीवन परिचय के साथ ही उनकी कुछ लोकप्रिय कविताओं के बारे में बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-
बच्चे काम पर जा रहे हैं
कुहरे से ढँकी सड़क पर बच्चे काम पर जा रहे हैं सुबह-सुबह बच्चे काम पर जा रहे हैं हमारे समय की सबसे भयानक पंक्ति है यह भयानक है इसे विवरण की तरह लिखा जाना लिखा जाना चाहिए इसे सवाल की तरह काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे? क्या अंतरिक्ष में गिर गई हैं सारी गेंदें क्या दीमकों ने खा लिया है सारी रंग-बिरंगी किताबों को क्या काले पहाड़ के नीचे दब गए हैं सारे खिलौने क्या किसी भूकंप में ढह गई हैं सारे मदरसों की इमारतें क्या सारे मैदान, सारे बग़ीचे और घरों के आँगन ख़त्म हो गए हैं एकाएक तो फिर बचा ही क्या है इस दुनिया में? कितना भयानक होता अगर ऐसा होता भयानक है लेकिन इससे भी ज़्यादा यह कि हैं सारी चीज़ें हस्बमामूल पर दुनिया की हज़ारों सड़कों से गुज़रते हुए बच्चे, बहुत छोटे छोटे बच्चे काम पर जा रहे हैं।
– राजेश जोशी
मारे जाएँगे
जो इस पागलपन में शामिल नहीं होंगे मारे जाएँगे कटघरे में खड़े कर दिए जाएँगे, जो विरोध में बोलेंगे जो सच-सच बोलेंगे, मारे जाएँगे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा कि किसी की क़मीज़ हो ‘उनकी’ क़मीज़ से ज़्यादा सफ़ेद क़मीज़ पर जिनके दाग़ नहीं होंगे, मारे जाएँगे धकेल दिए जाएँगे कला की दुनिया से बाहर, जो चारण नहीं जो गुन नहीं गाएँगे, मारे जाएँगे धर्म की ध्वजा उठाए जो नहीं जाएँगे जुलूस में गोलियाँ भून डालेंगी उन्हें, काफ़िर क़रार दिए जाएँगे सबसे बड़ा अपराध है इस समय निहत्थे और निरपराध होना जो अपराधी नहीं होंगे मारे जाएँगे।
– राजेश जोशी
नेपथ्य में हँसी
इस डिब्बे में अभी प्रकट होगा एक रंग-बिरंगा दृश्य फिर आएगा एक आदमी और एक औरत या कुछ आदमी और कुछ औरतें बीच में कोई कुत्ता भी गुज़र सकता है कान हिलाता हुआ ये सब लोग मिल-जुलकर कुछ करेंगे किसी भाषा को ग़लत ढंग से बोलेंगे किसी जाति के उच्चारण का मज़ाक़ उड़ाएँगे और तभी परदे के पीछे से गूँजेगी हँसी इसमें हँसने की क्या बात थी? तुम धुनते रहो अपना सर परदे के पीछे से लेकिन बीच-बीच में बजती रहेगी हँसी कोई गुज़रे हमारे आसमान से कोई गुज़रे हमारे बग़ल के समुद्र से, नदी से लगेगा उसे बाक़ी है, बाक़ी है अभी हमारे घरों में हँसी हमारी हँसी ठीक इसी समय उम्मीद के सबसे कमज़ोर घोड़े पर सवार कहीं अँधेरे में टटोल रही होगी अपना रास्ता।
– राजेश जोशी
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ विख्यात साहित्यकार राजेश जोशी का जीवन परिचय (Rajesh Joshi Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
उनका जन्म 18 जुलाई, 1946 को मध्य प्रदेश राज्य के नरसिंहगढ़ जिले में हुआ था।
‘एक दिन बोलेंगे पेड़’, ‘मिट्टी का चेहरा’, ‘दो पंक्तियों के बीच’ और ‘नेपथ्य में हँसी’ उनकी प्रमुख काव्य रचनाएँ हैं।
यह राजेश जोशी की लोकप्रिय कविता है।
हिंदी साहित्य में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें सहित्य अकादमी पुरस्कार, माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार और मध्य प्रदेश शासन का शिखर सम्मान से पुरस्कृत किया गया है।
उनकी कविताओं में स्थानीय बोली-बानी, मिजाज़ और मौसम सभी कुछ व्याप्त है।
आशा है कि आपको हिंदी के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक राजेश जोशी का जीवन परिचय (Rajesh Joshi Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।