Independence Day Poem in Hindi: स्वतंत्रता दिवस पर लिखी कुछ बेहतरीन कविताएं, जो आप में देशभक्ति की अलख जगायेंगी

1 minute read
Independence Day Poem in Hindi

स्वतंत्रता एक ऐसी पवित्र भावना है, जिसका लक्ष्य लोकहित के लिए समाज को सशक्त करने का होता है। स्वतंत्रता दिवस एक ऐसा पवित्र दिन है, जिस दिन भारत को क्रूर ब्रिटिश शासन से मुक्ति मिली थी। इस पोस्ट में आप swatantrata diwas par kavita को पढ़ पाएंगे क्योंकि Independence Day Poem in Hindi का उद्देश्य उन बलिदानों की गाथाएं गाने और सुनाने का है, जिसके कारण आप आज़ादी के सही अर्थ को जान पाएं। इसके लिए आपको ब्लॉग को अंत तक पढ़ना होगा।

Independence Day Poem in Hindi

Independence Day Poem in Hindi

Independence Day Poem in Hindi के माध्यम से आप नीचे दी गई कुछ कविताओं को पढ़ सकते हैं-

आज़ादी

“कैद में थी आहट आज़ादी की
मौन थी आवाज़ आज़ादी की
बलिदानियों के अनेकों बलिदान हुए
कोई क्या ही कीमत लगाएगी आज़ादी की

सभ्यताओं का सरेआम कत्लेआम होता था
भू पर देख ऐसी क्रूरता, आकाश भी रोता था
असंख्य बलिदान हुए, तब जाकर मिली है आज़ादी
मत कहो कि चरखे चलाने से मिली है आज़ादी

प्रयास करो कि सच को जान सको
झूठ की खींची लकीरों को लांघ सको
विचारों से हो जाओ आज़ाद ज़रा
प्रयास करो आज़ादी को पहचान सको…”

-मयंक विश्नोई
 Independence Day Poem in Hindi

भारत 

“अनेकों उतार-चढ़ाव देख कर भी
अनेकों आक्रमण स्वयं पर झेल कर भी
चट्टान सा खड़ा है, एक गुरु की भांति
माँ की ममता है इसमें, यह अविरल है नदियों की भांति

असंख्य साधकों की तपस्थली है भारत
असंख्य वीरों की जननी है भारत
बलिदानों से सिंचित यहाँ की माटी है
अतुल्नीय ज्ञान की धरती है भारत
अकल्पनीय है भारत के बिना विश्व की उन्नति
अद्वित्य है भारत की सम्पन्नता और समृद्धि
भारत के कण-कण में माँ की ममता है
भारत की स्वतंत्र हवाओं में पिता सा दुलार है

शरणागतों की सदा ही रक्षा करती
वीरता का पर्याय अपनी मातृभूमि भारत है
निज ज्ञान से विश्व के अज्ञान का नाश करती
बलिदानों की पुण्यभूमि अपना भारत है…”

-मयंक विश्नोई
Independence Day Poem in Hindi

विद्यार्थियों के लिए Independence Day Poem in Hindi

Independence Day Poem in Hindi के माध्यम से आप Swatantrata diwas par kavita के उन शब्दों को भी पढ़ पाएंगे, जो विद्यार्थियों के जीवन को प्रेरित कर सकती हैं। यह कविताएं निम्नलिखित हैं-

राष्ट्रहित सर्वोपरि

“छात्र शक्ति हैं, हम हमारे राष्ट्र की राष्ट्र शक्ति है
ज्ञान पाना हमारा लक्ष्य है, यही हमारी राष्ट्र भक्ति है
गुलाम मानसिकता में पनपती नहीं देशभक्ति कभी
राष्ट्रहित सर्वोपरि ही हमारी पहली युक्ति है
देश का भविष्य है हम
हम ही विकासशील भारत का गौरव हैं
विश्व-कल्याण की कामना से तत्पर
हम ही भारत की शौर्य गाथा हैं…”
मयंक विश्नोई

Independence Day Poem in Hindi

स्वतंत्रता दिवस

“विद्या के मंदिर से एक ही शंखनाद होता है
हर बुराई के अंत के पीछे एक प्रकाश होता है
स्वतंत्रता दिवस प्रतीक है सुशासन और सम्मान का
स्वतंत्रता दिवस प्रतीक है सच्चे लोक कल्याण का
इस स्वतंत्रता की ऋतु का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है
पुरखों के बलिदान से मिली ये स्वतंत्रता हमारी जिम्मेदारी है
इस जिम्मेदारी को निभाने वाले नन्हें सिपाही हैं
भारत माँ के लाल हैं हम, हम सद्कर्मों के सिपाही हैं…”
-मयंक विश्नोई

Independence Day Poem in Hindi

कुछ शॉर्ट Independence Day Poem in Hindi

इस ब्लॉग में आप कुछ शार्ट (लघु) कविताओं को भी पढ़ पाएंगे, जो आपको प्रेरित करेंगी। ऐसी कुछ कविताएं निम्नवत हैं-

स्वतंत्र भारत

“तमस को त्याग नित नई खोज में निकलता
सूर्य की किरणों से स्वयं को प्रकाशित करता
समग्र विश्व को अपना कुटुंब मानता
उन्नत हो, समृद्ध हो अपना स्वतंत्र भारत

बलिदानियों को न कभी भुलाया जाए
राष्ट्र पर मर मिटने वालों का न कभी उपहास बनाया जाए
वीरों की भांति वीरता को अपनाया जाए
कर्तव्य पथ पर हो अग्रसर अपना स्वतंत्र भारत…”

-मयंक विश्नोई

झंडा ऊंचा हमारा रहे

“शरीर का रोम-रोम, रक्त में उबाल भरे
राष्ट्र पर समर्पण के लिए तन-मन तैयार रहे
निराशाओं का नाश आओ मिलकर करें
आज़ाद हवाओं में हमेशा झंडा ऊंचा हमारा रहे

अतीत की सारी बदल कर तस्वीरें
तोड़कर मन से गुलामी की जंजीरें
विचार आजादी की गौरव गाथाएं कहें
आज़ादी के इस जश्न में झंडा ऊंचा हमारा रहे…”

-मयंक विश्नोई
Independence Day Poem in Hindi

मातृभूमि

“जिस भूमि ने आप पर लाड जताया सदा
उस माटी को सिर पर तिलक के रूप में स्वीकार करें
जिस मातृभूमि के लिए आपने यश कमाया सदा
उस पुण्यभूमि पर अपना सब कुछ बलिदान करें
क्योंकि मातृभूमि माँ होती है
और माँ की पीड़ाओं के आगे अपने
सारे सुख और वैभव को त्यागना ही,
सबसे बड़ी देशभक्ति होती है…”
-मयंक विश्नोई

Independence Day Poem in Hindi

प्रसिद्ध कवियों की Swatantrata diwas par kavita

आज़ादी पर प्रसिद्ध कवियों द्वारा लिखी गई कविताएं नीचे दी गई है:

जिस देश में गंगा बहती है

होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफ़ाई रहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है
मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है
ज़्यादा की नहीं लालच हमको, थोड़े मे गुज़ारा होता है
बच्चों के लिये जो धरती माँ, सदियों से सभी कुछ सहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है

कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं, इन्सान को कम पहचानते हैं
ये पूरब है पूरबवाले, हर जान की कीमत जानते हैं
मिल जुल के रहो और प्यार करो, एक चीज़ यही जो रहती
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है

जो जिससे मिला सिखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने
मतलब के लिये अन्धे होकर, रोटी को नही पूजा हमने
अब हम तो क्या सारी दुनिया, सारी दुनिया से कहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है…”

-शैलेन्द्र
Independence Day Poem in Hindi

आज़ादी 

इलाही ख़ैर! वो हरदम नई बेदाद करते हैं,
हमें तोहमत लगाते हैं, जो हम फ़रियाद करते हैं
कभी आज़ाद करते हैं, कभी बेदाद करते हैं
मगर इस पर भी हम सौ जी से उनको याद करते हैं
असीराने-क़फ़स से काश, यह सैयाद कह देता
रहो आज़ाद होकर, हम तुम्हें आज़ाद करते हैं
रहा करता है अहले-ग़म को क्या-क्या इंतज़ार इसका
कि देखें वो दिले-नाशाद को कब शाद करते हैं
यह कह-कहकर बसर की, उम्र हमने कै़दे-उल्फ़त में
वो अब आज़ाद करते हैं, वो अब आज़ाद करते हैं

सितम ऐसा नहीं देखा, जफ़ा ऐसी नहीं देखी,
वो चुप रहने को कहते हैं, जो हम फ़रियाद करते हैं
यह बात अच्छी नहीं होती, यह बात अच्छी नहीं करते
हमें बेकस समझकर आप क्यों बरबाद करते हैं?
कोई बिस्मिल बनाता है, जो मक़तल में हमें ‘बिस्मिल’
तो हम डरकर दबी आवाज़ से फ़रियाद करते हैं…”

-राम प्रसाद बिस्मिल
Independence Day Poem in Hindi

आह्वान

कस ली है कमर अब तो, कुछ करके दिखाएंगे,
आजाद ही हो लेंगे, या सर ही कटा देंगे
हटने के नहीं पीछे, डरकर कभी जुल्मों से
तुम हाथ उठाओगे, हम पैर बढ़ा देंगे
बेशस्त्र नहीं हैं हम, बल है हमें चरख़े का,
चरख़े से ज़मीं को हम, ता चर्ख़ गुंजा देंगे
परवाह नहीं कुछ दम की, ग़म की नहीं, मातम की,

है जान हथेली पर, एक दम में गंवा देंगे
उफ़ तक भी जुबां से हम हरगिज़ न निकालेंगे
तलवार उठाओ तुम, हम सर को झुका देंगे
सीखा है नया हमने लड़ने का यह तरीका
चलवाओ गन मशीनें, हम सीना अड़ा देंगे
दिलवाओ हमें फांसी, ऐलान से कहते हैं
ख़ूं से ही हम शहीदों के, फ़ौज बना देंगे
मुसाफ़िर जो अंडमान के, तूने बनाए, ज़ालिम
आज़ाद ही होने पर, हम उनको बुला लेंगे…”
-अशफाकउल्ला खां

Independence Day Poem in Hindi

आशा है कि Independence Day Poem in Hindi का यह ब्लॉग आपको देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत लगा होगा, साथ ही Swatantrata diwas par kavita में लिखी कविताएं आपको देशभक्ति के लिए प्रेरित करेंगी। ऐसे ही देशभक्ति से जुड़े ऐसे ही अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*