Kalidas Ka Jivan Parichay : संस्कृत के महान कवि कालिदास का जीवन परिचय

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Kalidas Ka Jivan Parichay

Kalidas Ka Jivan Parichay : महाकवि कालिदास दार्शनिक एवं नाटककार होने के साथ-साथ संस्कृत भाषा के विद्वान भी थे। कालिदास की गणना भारत के श्रेष्ठ कवियों में होती है। उन्होंने भारत की पौराणिक कथाओं और दर्शन को आधार मानकर अनुपम साहित्यिक कृतियों का सृजन किया हैं। वे राजा ‘विक्रमादित्य’ (Vikramaditya) के दरबार में नवरत्नों में से एक थे। बता दें कि उनकी रचनाओं का साहित्य के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व भी है। ‘रघुवंश’, ‘कुमारसंभव’ (महाकाव्य) ‘अभिज्ञान शाकुंतलम’ (Abhigyan Shakuntalam), ‘मालविकागिनमित्र’ व ‘विक्रमोर्वशीयम्’ (नाटक) उनकी सर्वश्रेठ कालजयी रचनाएँ मानी जाती हैं। 

कालिदास की रचनाओं को विद्यालय के अलावा बीए और एमए के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी व संस्कृत विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी कालिदास का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। 

आइए अब संस्कृत के महान कवि कालिदास का जीवन परिचय (Kalidas Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नाम कालिदास (Kālidāsa) 
जन्म गुप्त काल 
जन्म स्थान उज्जैन, मध्य प्रदेश (विद्वानों के अनुसार)
भाषा संस्कृत 
विधाएँ काव्य, नाटक 
महाकाव्य ‘रघुवंश’ व ‘कुमारसंभव’ 
खंडकाव्य ‘मेघदूत’ 
नाटक ‘अभिज्ञान शाकुंतलम’, ‘मालविकागिनमित्र’ व ‘विक्रमोर्वशीयम्’
पत्नी का नाम विद्योत्मा (Vidyotma)  
मृत्यु गुप्त काल 

गुप्त काल में हुआ था जन्म – Kalidas Ka Jivan Parichay

भारत के महान कवि कालिदास के जन्म काल व जन्म स्थान के बारे में कोई प्रमाणिक जीवन वृत्त अब तक सुलभ नहीं हो सका हैं। किंतु उन्होंने अपने खंडकाव्य ‘मेघदूत’ (Meghadūta) में मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर का विस्तृत वर्णन किया है इसलिए बहुत से इतिहासकार और विद्वान मानते हैं कि कालिदास उज्जैन के निवासी थे। 

कालिदास के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने विद्याध्ययन नहीं किया था और उन्हें चीजों की पर्याप्त समझ नहीं थी। लेकिन विवाहोपरांत वे साहित्य के विद्वान बन गए थे और उन्हें कालांतर में हिंदी साहित्य के महान कवि का दर्जा मिला। इसके साथ ही वे राजा ‘विक्रमादित्य’ (Vikramaditya) के दरबार में नवरत्नों में से एक थे। 

राजकुमारी विद्योत्मा से हुआ था विवाह 

बताया जाता है कि कालिदास का विवाह संयोग से राजकुमारी ‘विद्योत्मा’ (Vidyotma) से हुआ था। किंतु कुछ दिनों बाद जब राजकुमारी विद्योत्मा को उनके अल्प ज्ञान के बारे में पता चला तो वह अत्यंत दुखी हुईं और उन्होंने कालिदास जी को सच्चे विद्वान बनकर ही वापस घर आने को कहा। फिर कालिदास घर से निकल पड़े और कुछ समय बाद परम ज्ञानी और साहित्य के विद्वान बनकर घर लौटे। 

महाकवि कालिदास की रचनाएँ – Kalidas Ki Rachnaye

कालिदास ने कालजयी महाकाव्य और खंडकाव्य की रचना के साथ ही सर्वश्रेष्ठ नाटकों का सृजन किया हैं। उनकी रचनाओं का साहित्य के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व भी है। क्या आप जानते हैं कि उन्हें ज्योतिष विद्या का भी अच्छा ज्ञान था। उन्होंने ‘उत्तर कालामृतम’ पुस्तक की रचना की थी जो मुख्य रूप से ज्योतिष पर आधारित है। 

कालिदास ने अपनी साहित्यिक रचनाओं में अलंकार युक्त, सरल और मधुर भाषा का प्रयोग किया है। यहाँ महाकवि कालिदास की संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया हैं :- 

महाकाव्य 

  • रघुवंश
  • कुमारसंभव 

खंडकाव्य 

  • मेघदूत 
  • ऋतुसंहार 

नाटक 

  • अभिज्ञान शाकुंतलम
  • मालविकागिनमित्र
  • विक्रमोर्वशीयम्

अन्य रचनाएँ 

  • सेतुकाव्यम् 
  • श्रुतबोधम्
  • श्रृंगार तिलकम् 
  • कर्पूरमंजरी
  • पुष्पबाण विलासम्
  • श्यामा दंडकम् 
  •  ज्योतिर्विद्याभरणम्
  • शृंगार रसाशतम् 

कालिदास की भाषा शैली – Kalidas Ki Bhasha Shaili 

कालिदास अपनी रचनाओं में अलंकार युक्त, सरल और मधुर भाषा का प्रयोग करते हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं में शृंगार रस का अनुपम चित्रण किया है। वहीं उनके साहित्य में संगीत प्रमुख अंग रहा है। वे जिस प्रकार के भाव जिस स्थल पर अभिव्यक्त करना चाहते हैं उसके अनुकूल ही उन्होंने भाषा का प्रयोग किया हैं।  

निधन 

इतिहासकारों और विद्वानों द्वारा महाकवि कालिदास की मृत्यु गुप्त काल में हुई थी। किंतु आज भी वे अपनी श्रेष्ठ रचनाओं के लिए जाने जाते हैं। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ कालिदास का जीवन परिचय (Kalidas Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
मैथिलीशरण गुप्तअशोक वाजपेयीजाबिर हुसैन
विष्णु खरे उमाशंकर जोशी आलोक धन्वा 
घनानंद अयोध्या सिंह उपाध्यायबिहारी 
शिवपूजन सहायअमीर खुसरोमधु कांकरिया 
घनश्यामदास बिड़लाकेदारनाथ अग्रवालशकील बदायूंनी
मधुसूदन दासमहापंडित राहुल सांकृत्यायनभुवनेश्वर 
सत्यजित रेशिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’ भगवती चरण वर्मा
मोतीलाल नेहरू कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ श्री अरबिंदो 
अमर गोस्वामीशमशेर बहादुर सिंहरस्किन बॉन्ड 
राजेंद्र यादव गोपालराम गहमरी राजी सेठ
गजानन माधव मुक्तिबोधसेवा राम यात्री ममता कालिया 
शरद जोशीकमला दासमृणाल पांडे
विद्यापति पदुमलाल पुन्नालाल बख्शीश्रीकांत वर्मा 
यतींद्र मिश्ररामविलास शर्मामास्ति वेंकटेश अय्यंगार
शैलेश मटियानीरहीमस्वयं प्रकाश 

FAQs 

महाकवि कालिदास का जन्म कब और कहां हुआ था? 

विद्वानों द्वारा माना जाता हैं कि उनका जन्म गुप्त काल में हुआ था और वह मध्य प्रदेश में उज्जैन के निवासी थे। 

कालिदास की प्रमुख रचनाएँ कौनसी हैं?

‘रघुवंश’, ‘कुमारसंभव’ (महाकाव्य)  मेघदूत, ऋतुसंहार (खंडकाव्य) अभिज्ञान शाकुंतलम, मालविकागिनमित्र व 
विक्रमोर्वशीयम् (नाटक) कालिदास की प्रमुख रचनाएँ मानी जाती हैं। 

कालिदास की पत्नी का नाम क्या था?

उनकी पत्नी का नाम राजकुमारी विद्योत्मा था। 

कालिदास किस भाषा के कवि थे?

वे संस्कृत भाषा के महान कवि एवं नाटककार थे। 

आशा है कि आपको  संस्कृत के महान कवि कालिदास का जीवन परिचय (Kalidas Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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