Abdul Ghaffar Khan : ‘सीमांत गांधी’ अब्दुल गफ्फार खान का जीवन परिचय

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Abdul Ghaffar Khan Ka Jivan Parichay

Abdul Ghaffar Khan Ka Jivan Parichay : अब्दुल गफ्फार खान एक राजनीतिक और आध्यात्मिक नेता थे, उन्हें उनके अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाना जाता है। वह महिला अधिकारों और अहिंसा के पुरजोर समर्थक थे। इन्हीं सिद्धांतों के कारण उन्हें भारत में ‘फ्रंटियर गाँधी’ या ‘सीमांत गांधी’ के नाम से भी जाना जाता है। अब्दुल गफ्फार खान ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ अपना अहिंसात्मक विरोध प्रदर्शन और आम लोगों में सामाजिक चेतना जगाने के उद्देश्य से वर्ष 1929 में ‘खुदाई खिदमतगार’ (Khudai Khidmatgar) नामक एक संगठन की स्थापना की थी। उन्होंने अपने 97 वर्ष के जीवनकाल में 35 वर्षों से अधिक जेल में बिताए थे। 

भारत सरकार द्वारा वर्ष 1987 में खान अब्दुल गफ्फार खान को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया था। बता दें कि यह पुरस्कार पाने वाले वह पहले गैर-भारतीय थे। आइए अब ‘सीमांत गांधी’ के नाम से विख्यात अब्दुल गफ्फार खान का जीवन परिचय (Abdul Ghaffar Khan Ka Jivan Parichay) और उनके कार्यों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

नाम अब्दुल गफ्फार खान (Abdul Ghaffar Khan)
अन्य नाम बाचा खान, बादशाह खान, फ्रंटियर गांधी व सीमांत गांधी 
जन्म 6 फरवरी, 1890 
जन्म स्थान उतमंजाई, पाकिस्तान (तत्कालीन ब्रिटिश भारत)
पेशा राजनेता 
आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन (Indian Independence Movement) 
स्थापना ‘खुदाई खिदमतगार’ (Khudai Khidmatgar), वर्ष 1929 
सम्मान भारत रत्न, वर्ष 1987 
निधन 20 जनवरी, 1988 पेशावर, पाकिस्तान  
जीवनकाल 97 वर्ष 

तत्कालीन ब्रिटिश भारत में हुआ था जन्म – Abdul Ghaffar Khan Biography in Hindi

‘फ्रंटियर गांधी’ अब्दुल गफ्फार खान का जन्म 6 फरवरी, 1890 को तत्कालीन ब्रिटिश भारत वर्तमान पाकिस्तान के उतमंजाई नामक गांव में हुआ था। बताया जाता है कि उन्होंने प्रांरभिक शिक्षा मिशनरी स्कूल से प्राप्त की थी। इसके बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए ‘अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय’ आ गए। शिक्षा पूर्ण होने के बाद उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देशसेवा के लिए समर्पित कर दिया। 

‘सीमांत गांधी’ के नाम से हुए विख्यात 

वर्ष 1919 में ब्रितानी हुकूमत द्वारा लागू किए गए अन्यायपूर्ण कानूनरॉलेट एक्ट (Rowlatt Act) के विरोध में चलाए गए जन आंदोलन के दौरान ‘खान अब्दुल गफ्फार खान’ कीमहात्मा गांधी’ से मुलाकात हुई थी। इसके बाद वह ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(Indian National Congress) से जुड़ गए। गाँधी जी की तरह ही वह भी अहिंसा और महिला अधिकारों के पुरजोर समर्थक थे। इन्हीं सिद्धांतों के कारण उन्हें भारत में ‘फ्रंटियर गाँधी’ या ‘सीमांत गांधी’ के नाम से जाना जाता है। 

‘खुदाई खिदमतगार’ संगठन की स्थापना 

वर्ष 1929 में खान अब्दुल गफ्फार खान (Abdul Ghaffar Khan in Hindi) ने कुछ नेताओं के साथ मिलकर ‘खुदाई खिदमतगार’ (Khudai Khidmatgar) संगठन की स्थापना की थी। इसके बाद उन्होंने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध एक अहिंसक आंदोलन की शुरुआत की जो गांधीजी के अहिंसात्मक आंदोलन से प्रेरित था। धीरे-धीरे यह आंदोलन बड़ा हो गया जिसके कारण यह अंग्रेज सरकार की नजर में आ गया। इसके बाद अब्दुल गफ्फार खान और अन्य खुदाई खिदमतगार नेताओं को अंग्रेज सरकार द्वारा वर्ष 1930 में गिरफ्तार कर लिया गया। क्योंकि उन्होंने उटमानज़ई शहर में आयोजित एक जन सभा में भाषण दिया था। 

खान अब्दुल गफ्फार खान की गिरफ़्तारी के बाद पेशावर के ‘किस्सा ख्वानी बाज़ार’ (Qissa Khwani Bazaar) सहित पड़ोसी शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। इसके बाद ब्रिटिश सरकार ने इस अहिंसात्मक प्रदर्शन को रोकने के लिए निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोलियाँ चलवा दी जिसके कारन बहुत से बेगुनाह लोग मारे गए। 

देश विभाजन की मांग का किया विरोध 

स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जब ‘ऑल इंडिया मुस्लिम लीग’ (All India Muslim League) भारत के बंटवारे की मांग पर अड़ी हुई थी। तब कांग्रेस पार्टी के अन्य बड़े नेताओं के साथ खान अब्दुल गफ्फार खान ने भी इस मांग का कड़ा विरोध किया था। किंतु जब कांग्रेस ने देश विभाजन को स्वीकार कर लिया तब उन्हें बहुत निराशा हुई। वहीं विभाजन के बाद उन्होंने पाकिस्तान में रहने का निर्णय लिया। 

पेशावर में हुआ निधन 

पाकिस्तान सरकार खान अब्दुल गफ्फार खान को अपना विरोधी समझती थी इसलिए उन्हें कई वर्षों तक जेल में रखा गया। वर्ष 1988 में हॉउस अरेस्ट के दौरान उनका 97 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 

‘भारत रत्न’ से किया गया सम्मानित 

भारत सरकार ने खान अब्दुल गफ्फार खान को 14 अगस्त, 1987 को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया था। ‘भारत रत्न’ से सम्मानित होने वाले वे पहले गैर भारतीय थे। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ भारत रत्न से सम्मानित खान अब्दुल गफ्फार खान का जीवन परिचय (Abdul Ghaffar Khan Biography in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
मैथिलीशरण गुप्तअशोक वाजपेयीजाबिर हुसैन
विष्णु खरे उमाशंकर जोशी आलोक धन्वा 
घनानंद अयोध्या सिंह उपाध्यायबिहारी 
शिवपूजन सहायअमीर खुसरोमधु कांकरिया 
घनश्यामदास बिड़लाकेदारनाथ अग्रवालशकील बदायूंनी
मधुसूदन दासमहापंडित राहुल सांकृत्यायनभुवनेश्वर 
सत्यजित रेशिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’ भगवती चरण वर्मा
मोतीलाल नेहरू कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ श्री अरबिंदो 
अमर गोस्वामीशमशेर बहादुर सिंहरस्किन बॉन्ड 
राजेंद्र यादव गोपालराम गहमरी राजी सेठ
गजानन माधव मुक्तिबोधसेवा राम यात्री ममता कालिया 
शरद जोशीकमला दासमृणाल पांडे
विद्यापति पदुमलाल पुन्नालाल बख्शीश्रीकांत वर्मा 
यतींद्र मिश्ररामविलास शर्मामास्ति वेंकटेश अय्यंगार
शैलेश मटियानीरहीमस्वयं प्रकाश 

FAQs

अब्दुल गफ्फार खान का दूसरा नाम क्या है?

ख़ान अब्दुल गफ्फार खान को ‘बाचा खान’ और ‘बादशाह खान’ के नाम से भी जाना जाता है। 

अब्दुल गफ्फार खान का जन्म कहाँ हुआ था?

अब्दुल गफ्फार खान का जन्म 6 फरवरी, 1890 को तत्कालीन ब्रिटिश भारत वर्तमान पाकिस्तान के उतमंजाई नामक गांव में हुआ था। 

स्वतंत्रता आंदोलन में कौन से नेता थे जिनको सीमांत गांधी भी कहा जाता है?

स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ख़ान अब्दुल गफ्फार खान को ‘सीमांत गांधी’ व ‘फ्रंटियर गांधी’ पुकारा जाता था।  

खान अब्दुल गफ्फार खान को भारत रत्न कब मिला?

वर्ष 1987 में खान अब्दुल गफ्फार खान को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था। 

सीमांत गांधी किसे कहा जाता है?

ख़ान अब्दुल गफ्फार खान को ‘सीमांत गांधी’ भी कहा जाता है।  

अब्दुल गफ्फार खान ने किस संगठन की स्थापना की थी?

अब्दुल गफ्फार खान ने वर्ष 1929 में ‘खुदाई खिदमतगार’ नामक संगठन की स्थापना की थी।

आशा है कि आपको ‘सीमांत गांधी’ खान अब्दुल गफ्फार खान का जीवन परिचय (Abdul Ghaffar Khan Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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