Kailash Satyarthi Information in Hindi: कैलाश सत्यार्थी एक भारतीय बाल अधिकार कार्यकर्ता एवं समाज सुधारक हैं। वह भारत के एक गैर सरकारी संगठन-NGO ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ (Bachpan Bachao Andolan) चलाते हैं, जो बच्चों को बाल श्रम, गुलामी, तस्करी और अन्य प्रकार के शोषण से मुक्त कराने के काम करती है। 2014 में, उन्हें बच्चों और युवाओं के उत्पीड़न के खिलाफ उनके अथक अभियान और हर बच्चे के शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए ‘नोबेल शांति पुरस्कार’ (Nobel Peace Prize) से सम्मानित किया गया था।
उन्होंने पाकिस्तान की ‘मलाला युसुफ़ज़ई’ (Malala Yousafzai) के साथ ये नोबेल पुरस्कार साझा किया था। बता दें कि वर्ष 1979 में ‘मदर टेरेसा’ (Mother Teresa) के बाद कैलाश सत्यार्थी दूसरे ऐसे भारतीय हैं, जिन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया है। आइए अब इस ब्लॉग में कैलाश सत्यार्थी का जीवन परिचय (Kailash Satyarthi Information in Hindi) और उनकी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi) |
जन्म | 11 जनवरी, 1954 |
जन्म स्थान | विदिशा, मध्य प्रदेश |
शिक्षा | सम्राट अशोक प्रौद्योगिकी संस्थान, विदिशा – बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल |
पिता का नाम | रामप्रसाद शर्मा |
माता का नाम | चिरोंजी |
पत्नी का नाम | सुमेधा |
संतान | भुवन रिभु, अस्मिता सत्यार्थी |
कार्य क्षेत्र | भारतीय बाल अधिकार कार्यकर्ता एवं समाज सुधारक |
गैर सरकारी संगठन-NGO | ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ (Bachpan Bachao Andolan) |
पुस्तक | ‘चलो हवाओं का रुख मोड़ें’ (कविता-संग्रह) |
पुरस्कार एवं सम्मान | ‘नोबेल शांति पुरस्कार’ (2014), ‘द एयकनर इंटरनेशनल पीस अवॉर्ड’ (1994), ‘रॉबर्ट एफ़ कैनेडी ह्यूमन राइट्स अवॉर्ड’ (1995), ‘मेडल ऑफ़ इटेलियन सीनेट’ (2007), ‘डिफ़ेंडर्स ऑफ़ डेमोक्रेसी अवॉर्ड’ (2009), वॉकहार्ट फाउंडेशन, ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ (2019) |
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मध्य प्रदेश के विदिशा में हुआ था जन्म – Kailash Satyarthi Information in Hindi
कैलाश सत्यार्थी का जन्म 11 जनवरी, 1954 को मध्य प्रदेश के विदिशा शहर में हुआ था। इनके पिता का नाम ‘रामप्रसाद शर्मा’ व माता का नाम ‘चिरोंजी’ हैं। कैलाश सत्यार्थी ने उच्च शिक्षा सम्राट अशोक प्रौद्योगिकी संस्थान, विदिशा और बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से प्राप्त की हैं। वहीं पेशे से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर रहे कैलाश सत्यार्थी ने 26 वर्ष की उम्र में ही करियर छोड़कर बच्चों के लिए काम करना शुरू कर दिया था। वह पिछले चार दशक से ज्यादा समय से बाल अधिकारों की रक्षा और उन्हें मजबूती से लागू कराने की दिशा में काम कर रहे है।
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‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की स्थापना
कैलाश सत्यार्थी ने वर्ष 1980 में ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ (Bachpan Bachao Andolan) की स्थापना एक जन आंदोलन के रूप में की थी, जिसका उद्देश्य एक ऐसा बाल-मित्र समाज बनाना था, जहाँ सभी बच्चे बहिष्कार और शोषण से मुक्त हों और उन्हें निःशुल्क शिक्षा मिले। वहीं अपने संगठन बचपन बचाओ आंदोलन के माध्यम से कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi in Hindi) ने लगभग 100,000 से अधिक बच्चों को बाल श्रम, गुलामी, तस्करी और अन्य प्रकार के शोषण से मुक्त कराया है तथा उनकी शिक्षा, पुनर्वास और समाज की मुख्यधारा में पुनः एकीकरण के लिए एक सफल मॉडल विकसित किया है। उन्हें और उनके NGO को बाल श्रम के ख़िलाफ़ अभियान चलाकर हजारों बच्चों की जिंदगियां बचाने का श्रेय दिया जाता है।
वहीं उनके नेतृत्व में बाल श्रम के विरुद्ध वैश्विक मार्च ने 103 देशों में समर्थन जुटाया, जिसके परिणामस्वरूप बाल श्रम के सबसे बुरे रूपों पर ILO कन्वेंशन 182 को अपनाया गया, जो ILO के इतिहास में एकमात्र सार्वभौमिक रूप से अनुमोदित कन्वेंशन बन गया। इसके बाद साल 2016 में, श्री सत्यार्थी ने ‘लॉरियेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रन’ (Laureates and Leaders for Children) नामक एक मंच की शुरुआत की, जो नोबेल पुरस्कार विजेताओं और दुनिया में सबसे कमज़ोर बच्चों के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध नेताओं को एक साथ लाता है।
कैलाश सत्यार्थी का व्यक्तिगत जीवन
कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi Information in Hindi) अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहते हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी सुमेधा, भुवन रिभु (पुत्र), अस्मिता सत्यार्थी (पुत्री) और बहू शामिल हैं।
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‘नोबेल शांति पुरस्कार’ से किया गया सम्मानित
कैलाश सत्यार्थी को बाल अधिकारों के लिए काम करने और उनकी शिक्षा की दिशा में किए गए प्रयासों के लिए मलाला यूसुफजई के साथ संयुक्त रूप से वर्ष 2014 का ‘नोबेल शांति पुरस्कार’ दिया गया था। वह 1980 से ही बच्चों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ‘नोबेल शांति पुरस्कार’ के साथ ही उन्हें देश-विदेश के कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका हैं, कैलाश सत्यार्थी की वेबसाइट के मुताबिक़, उन्हें मिले कुछ प्रमुख पुरस्कारों की सूची इस प्रकार हैं:-
- वॉकहार्ट फाउंडेशन, लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड – 2019
- संतोकबा मानवतावादी पुरस्कार – 2018
- विज्ञान में मानद उपाधि, एमिटी यूनिवर्सिटी – 2018-भारत
- सबसे बड़े बाल सुरक्षा संरक्षण पाठ के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड – 2017
- डॉक्टर ऑफ लॉ (एलएलडी), पश्चिम बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज – 2016-भारत
- डॉक्टर ऑफ ह्यूमेन लेटर्स, लिंचबर्ग कॉलेज – 2016-संयुक्त राज्य अमरीका
- सदस्य-अध्येता, ऑस्ट्रेलियाई प्रबंधन संस्थान – 2016
- हार्वर्ड मानवतावादी पुरस्कार – 2015 संयुक्त राज्य अमरीका
- नोबेल शांति पुरस्कार – 2014
- डिफ़ेंडर्स ऑफ़ डेमोक्रेसी अवार्ड – 2009- संयुक्त राज्य अमरीका
- अल्फोंसो कॉमिन अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार – 2008-स्पेन
- इटैलियन सीनेट का पदक – 2007-इटली
- फ्रेडरिक एबर्ट स्टिफ्टंग पुरस्कार – 1999-जर्मनी
- ला हॉस्पिटेलेट पुरस्कार – 1999-स्पेन
- डी गौडेन विम्पेल पुरस्कार – 1998-नीदरलैंड
- रॉबर्ट एफ़ कैनेडी ह्यूमन राइट्स अवॉर्ड – 1995-संयुक्त राज्य अमरीका
- ट्रम्पेटर पुरस्कार – 1995-संयुक्त राज्य अमरीका
- द एयकनर इंटरनेशनल पीस अवॉर्ड – 1994-जर्मनी
FAQs
कैलाश सत्यार्थी का जन्म 11 जनवरी, 1954 को मध्य प्रदेश के विदिशा शहर में हुआ था।
कैलाश सत्यार्थी के एनजीओ का नाम ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ है जिसकी स्थापना वर्ष 1980 में की गई थी।
कैलाश सत्यार्थी को बाल अधिकारों के लिए काम करने और उनकी शिक्षा की दिशा में किए गए प्रयासों के लिए मलाला यूसुफजई के साथ संयुक्त रूप से वर्ष 2014 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था।
‘चलो हवाओं का रुख मोड़ें’ कैलाश सत्यार्थी का लोकप्रिय काव्य-संग्रह हैं।
उन्हें बच्चों और युवाओं के दमन के ख़िलाफ़ और सभी को शिक्षा के अधिकार के लिए संघर्ष करने के लिए शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया है।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ भारतीय बाल अधिकार कार्यकर्ता एवं नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का जीवन परिचय (Kailash Satyarthi Information in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों के जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-
आशा है कि आपको नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का जीवन परिचय (Kailash Satyarthi Information in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।