Yatindra Mishra Ka Jeevan Parichay: यतींद्र मिश्र साहित्य जगत में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। वे रचनाकार के रूप में मूलतः एक कवि हैं उनके अबतक चार काव्य-संग्रह ‘अयोध्या तथा अन्य कविताएं’, ‘यदा कदा’, ‘ड्योढ़ी पर आलाप’ और ‘विभास’ प्रकाशित हो चुके हैं। इसके साथ ही उनकी कला, संगीत, सिनेमा, नृत्य और चित्रकला में भी गहरी रूचि है। बता दें कि उन्होंने साहित्य सृजन के साथ कई पत्रिकाओं का संपादन भी किया हैं। वहीं साहित्य और कला में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें ‘भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार’, राजीव गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार, रजा पुरस्कार व ‘लता: सुर-गाथा’ पुस्तक के लिए राष्ट्रीय फिल्म समारोह निदेशालय द्वारा 64वां राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
बता दें कि यतींद्र मिश्र (Yatindra Mishra) की रचना ‘नौबतखाने में इबादत’ (व्यक्ति-चित्र) को विद्यालय में पढ़ाया जाता हैं। उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। आइए अब हम प्रख्यात साहित्यकार यतींद्र मिश्र का जीवन परिचय (Yatindra Mishra Ka Jeevan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | यतींद्र मिश्र (Yatindra Mishra) |
जन्म | 12 अप्रैल, 1977 |
जन्म स्थान | अयोध्या, उत्तर प्रदेश |
शिक्षा | एम.ए हिंदी, लखनऊ विश्वविद्यालय |
पेशा | कवि, लेखक, संपादक |
साहित्य काल | आधुनिक काल |
विधाएँ | कविता, संपादन |
पुरस्कार एवं सम्मान | ‘भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार’, राजीव गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार, रजा पुरस्कार व ऋतुराज सम्मान आदि। |
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उत्तर प्रदेश के अयोध्या शहर में हुआ था जन्म – Yatindra Mishra Ka Jeevan Parichay
यतींद्र मिश्र का जन्म सन 1977 में उत्तर प्रदेश के अयोध्या शहर में एक संपन्न परिवार में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। बताया जाता है कि उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से हिंदी में एम.ए किया था। वहीं साहित्य, कला और संगीत में गहरी रूचि होने के कारण उन्हें युवावस्था में ही साहित्य और कला जगत के दिग्गजों का सानिध्य प्राप्त हुआ। इनमें ‘गिरिजा देवी’, ‘बिस्मिल्लाह खॉं’, ‘विद्यानिवास मिश्र’, ‘शायर आमिल’, ‘श्रीलाल शुक्ल’, ‘कुंवर नारायण’ और ‘अशोक वाजपेयी’ जैसे प्रतिष्ठित विद्वान शामिल थे।
साहित्य सृजन और संपादन
यतींद्र मिश्र का साहित्य के क्षेत्र में पर्दापण एक कवि के रूप में हुआ था। अभी तक उनके चार काव्य-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। वहीं साहित्य सृजन के अलावा उन्होंने संपादन के क्षेत्र में अपना अहम योगदान दिया है। वे स्वतंत्र लेखन के साथ सन 1999 से साहित्य और कलाओं के संवर्द्धन और अनुशीलन के लिए एक सांस्कृतिक न्यास ‘विमला देवी फॉउंडेशन’ का संचालन कर रहे हैं।
इसके साथ ही वे अर्द्धवार्षिक ‘सहित’ पत्रिका का भी संपादन का रहे हैं। उन्होंने सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका ‘गिरिजा देवी’ के जीवन और संगीत साधना पर एक पुस्तक ‘गिरिजा’ लिखी हैं। वहीं ऐतिहासिक अयोध्या शहर के सांस्कृतिक, सामाजिक और सांगीतिक इतिहास पर उन्होंने ‘शहरनामा फैजाबाद’ नाम से एक पुस्तक लिखी हैं। ‘भारत रत्न’ से सम्मानित स्वर कोकिला लता मंगेशकर पर उनकी पुस्तक ‘लता: सुर गाथा’ (Lata: Sur Gatha) प्रकाशित हो चुकी हैं।
बता दें कि उनके और विख्यात भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना ‘सोनल मानसिंह’ (Sonal Mansingh) के संवाद ‘देवप्रिया’ नामक पुस्तक में संकलित है। यह भारतीय नृत्यकलाओं पर विमर्श की एक पुस्तक है। उन्होंने हिंदी साहित्य के रीतिकाल के अंतिम प्रतिनिधि कवि ‘द्विजदेव’ की ग्रंथावली का सह-संपादन किया है।
आधुनिक हिंदी साहित्य के समादृत कवि ‘कुँवरनारायण’ पर केंद्रित दो पुस्तकों के साथ ही उन्होंने हिंदी सिनेमा के लोकप्रिय कवि और गीतकार ‘गुलजार’ की कविताओं का ‘यार जुलाहे’ (Yaar Julahe) नाम से संपादन किया है। उन्होंने स्पिक मैके के लिए ‘विरासत 2001’ कार्यक्रम के लिए रूपंकर कलाओं पर केंद्रित ‘थाती’ का भी संपादन किया है।
यतींद्र मिश्र की भाषा शैली
यतींद्र मिश्र की भाषा सहज, प्रवाहमयी भावाभिव्यक्ति में सक्षम तथा प्रसंगों के अनुकूल है। वहीं, उनकी रचनाओं में उर्दू शब्दों के साथ ही तत्सम और देशज शब्दों का बहुलता से प्रयोग हुआ है। वे विषय के अनुसार भाषा बदलते रहते हैं।
यतींद्र मिश्र की प्रमुख रचनाएं – Yatindra Mishra Ki Rachnaye
यतींद्र मिश्र ने आधुनिक हिंदी साहित्य में अनुपम काव्य कृतियों का सृजन किया है। इसके साथ ही उन्होंने कला, संगीत और सिनेमा जगत की महान विभूतियों पर कई पुस्तके लिखी है। यहाँ यतींद्र मिश्र का जीवन परिचय (Yatindra Mishra Ka Jeevan Parichay) के साथ ही उनकी संपूर्ण रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:
काव्य-संग्रह
- यदा कदा
- अयोध्या तथा अन्य कविताएं
- ड्योढ़ी पर आलाप
- विभास
प्रकाशित पुस्तकें
- गिरिजा
- शहरनामा फैजाबाद
- लता: सुर गाथा
- देवप्रिया
- यार जुलाहे
- विस्मय का बखान
- मीलों से दिन
- भैरवी
संपादन
- सहित
- थाती
पुरस्कार एवं सम्मान
यतींद्र मिश्र (Yatindra Mishra Ka Jeevan Parichay) को आधुनिक साहित्य, कला, संगीत और सिनेमा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार
- राजीव गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार
- रजा पुरस्कार
- ऋतुराज सम्मान
- हरिकृष्ण त्रिेवेदी स्मृति युवा पत्रकारिता पुरस्कार
- हेमंत स्मृति कविता सम्मान
- भारतीय भाषा परिषद युवा पुरस्कार
- उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
- महाराणा मेवाड़ सम्मान
- कलिंग साहित्य पुरस्कार
- स्पन्दन ललित कला सम्मान
- द्वारका प्रसाद अग्रवाल भास्कर युवा पुरस्कार
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ प्रख्यात कवि-लेखक और संपादक यतींद्र मिश्र का जीवन परिचय (Yatindra Mishra Ka Jeevan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
वे वर्ष 1999 से सांस्कृतिक न्यास ‘विमला देवी फॉउंडेशन’ का संचालन कर रहे हैं।
उनका जन्म सन 1977 में उत्तर प्रदेश के अयोध्या शहर में हुआ था।
यदा कदा, अयोध्या तथा अन्य कविताएं, ड्योढ़ी पर आलाप और विभास उनके लोकप्रिय काव्य संग्रह माने जाते हैं।
उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से हिंदी में एम.ए की डिग्री प्राप्त की है।
‘लता: सुर-गाथा’ पुस्तक के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म समारोह निदेशालय द्वारा 64वें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
आशा है कि आपको प्रख्यात कवि-लेखक और संपादक यतींद्र मिश्र का जीवन परिचय (Yatindra Mishra Ka Jeevan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।