Indian Women Freedom Fighter in Hindi: जानिए भारत की उन वीरांगनाओं के बारे में, जिन्होंनें आज़ादी के महासमर में अपना योगदान दिया

1 minute read
Indian Women Freedom Fighter in Hindi

Indian Women Freedom Fighter in Hindi: जब भी हम भारत की आज़ादी की बात करते हैं, तो हमारे मन में महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे कई महान पुरुषों के नाम आते हैं। लेकिन क्या हम उन महिलाओं को याद करते हैं, जिन्होंने बिना किसी स्वार्थ के, बिना डर के, अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया? भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सिर्फ पुरुषों की कहानी नहीं थी – यह उन बहादुर महिलाओं की भी गाथा है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना भारत माता को आज़ाद कराने का सपना देखा और उसे साकार करने के लिए कदम उठाया। इन महिलाओं ने न केवल अंग्रेजों का विरोध किया, बल्कि समाज की रूढ़ियों को भी तोड़ा। उस समय जब महिलाओं का घर से बाहर निकलना भी वर्जित समझा जाता था, तब इन वीरांगनाओं ने जेल की सलाखों को चुना, विद्रोह किया, आंदोलन का नेतृत्व किया, और कुछ ने तो अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए। ये महिलाएं न केवल प्रेरणा हैं, बल्कि भारतीय इतिहास का एक अमिट हिस्सा भी हैं। इस लेख में आपको Indian Women Freedom Fighter in Hindi के बारे में जानने का अवसर मिलेगा, जिसके लिए आपको यह लेख अंत तक पढ़ना पड़ेगा।

Top 10 Indian Women Freedom Fighter

आज़ादी के लिए कई वीर-वीरांगनाओं ने अपने प्राणों को मातृभूमि के लिए समर्पित किया, Indian Women Freedom Fighter in Hindi के माध्यम से आपको भारत की उन वीरांगनाओं के बारे में जानने को मिलेगा, जो कि कुछ इस प्रकार है-

  1. रानी लक्ष्मी बाई
  2. कित्तूर चेन्नम्मा
  3. कस्तूरबा गांधी
  4. कमला नेहरू
  5. विजय लक्ष्मी पंडित
  6. सरोजिनी नायडू
  7. कमला चट्टोपाध्याय
  8. सुचेता कृपलानी
  9. सावित्रीबाई फुले
  10. लक्ष्मी सहगल

भारत की आज़ादी में वीरांगनाओं का योगदान

भारत की आज़ादी में केवल किसी एक परिवार, एक व्यक्ति या किसी एक विचारधारा ने अपना योगदान नहीं दिया। बल्कि इसके लिए तो अनेकों वीर-वीरांगनाओं ने अपना योगदान दिया है। आज़ादी एक जन आंदोलन था, जिसमें लोगों ने हर बंधनों से मुक्त होकर स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया था। असंख्य बलिदानों को तो यहाँ लिख पाना संभव नहीं होगा, लेकिन Indian Women Freedom Fighter in Hindi के माध्यम से आप कुछ वीरांगनाओं की शौर्य गाथा और आज़ादी में उनके योगदान के बारे में जान पाएंगे। यह जानकारी कुछ इस प्रकार है-

स्वतंत्रता सेनानी (वीरांगना) का नाम भारत की स्वतंत्रता में उनका योगदान और आज़ाद भारत में इनकी भूमिका
रानी लक्ष्मी बाईरानी लक्ष्मी बाई ने 1857 के विद्रोह में महिलाओं का नेतृत्व किया और आज़ादी की अलख जगाई।
कित्तूर चेन्नम्मारानी कित्तूर चेन्नम्मा ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करके क्रूरता के खिलाफ विद्रोह करके लोगों की चेतना जगाने वाली पहली महिला शासक बनी।
कस्तूरबा गांधीकस्तूरबा गांधी ने भारत छोड़ों आंदोलन में भाग लेकर आज़ादी के लिए अपना मोर्चा संभाला।
कमला नेहरूकमला नेहरू ने असहयोग आंदोलन और विदेशी शराब के विरोध में प्रदर्शन में अपनी भूमिका सुनिश्चित करके आज़ादी के लिए लड़ाई लड़ी।
विजय लक्ष्मी पंडितविजय लक्ष्मी पंडित ही संयुक्त राष्ट्र में पहली भारतीय महिला राजदूत बनी और भारत का पक्ष विश्व के सामने मजबूती से रखा। 
सरोजिनी नायडूसरोजिनी नायडू ही वह पहली भारतीय महिला हैं, जिन्होंने राज्यपाल (यूपी) के रूप में कार्य किया और लोकहित के लिए खुद को राष्ट्र के नाम सर्पित किया।
कमला चट्टोपाध्यायकमला चट्टोपाध्याय ही भारत के मद्रास प्रांत में विधायी सीट के लिए निर्वाचित होने वाली पहली महिला बनी, जिन्होंने जीवन भर भारत की आज़ादी के लिए खुद के सुखों का भी त्याग किया।
सुचेता कृपलानीसुचेता कृपलानी ने आज़ाद भारत में प्रथम महिला मुख्यमंत्री (यूपी) का दर्जा प्राप्त किया और आज़ाद भारत की उन्नति में अनेकों कार्य किए।
सावित्रीबाई फुलेसावित्रीबाई फुले जी ने भारत में प्रथम महिला शिक्षिका बनकर भारत के सभ्य समाज को शिक्षित करने का निर्णय लिया। 
लक्ष्मी सहगललक्ष्मी सहगल ने इंडिया डेमोक्रेटिक वूमेन एसोसिएशन (आईडीडब्ल्यूए)(1981) के माध्यम से देश के लोगों को एक नई राह दिखाई।

कुछ अन्य वीरांगनाओं के नाम

यहाँ आपके लिए कुछ ऐसी वीरांगनाओं के नाम (Indian Women Freedom Fighter in Hindi) बारे में भी जानने को मिलेगा, जिनको इतिहास लिखने वालों ने वो उचित सम्मान नहीं दिया, जो कि उनके तप त्याग को समय रहते मिलना चाहिए था। कुछ अन्य वीरांगनाओं की जानकारी कुछ इस प्रकार है-

  1. कुंतला कुमारी साबत
  2. सरला देवी चौधरानी
  3. अन्नपूर्णा महराना
  4. झलकारी बाई
  5. उमाबाई कुंडापुर
  6. हंसा मेहता
  7. राजकुमारी गुप्ता
  8. नलिनीबाला देवी
  9. अमल प्रभा दास
  10. चंद्रप्रवा सैकियानी
  11.  सरला देवी
  12. कृष्णम्मल जगन्नाथन
  13. यशोधरा दासप्पा
  14. अमृत ​​कौर
  15. ऊदा देवी
  16. मूलमती 
  17. जानकी अथि नहप्पन
  18. अम्मू स्वामीनाथन
  19. मातंगिनी हाजरा
  20. पार्वती गिरि

भारत की आज़ादी में उपरोक्त वीरांगनाओं का योगदान

भारत की आज़ादी में उपरोक्त वीरांगनाओं का योगदान अतुल्नीय है, इन योगदान के बारे में जितना लिखा जाए उतना कम है। Indian Women Freedom Fighter in Hindi के माध्यम से आप उपरोक्त वीरांगनाओं के योगदान से प्रेरणा लेकर भारत की उन्नति में अपना योगदान दे सकते हैं और भारत की नारी शक्ति से परिचित हो सकते हैं-

स्वतंत्रता सेनानी (वीरांगना) का नाम भारत की स्वतंत्रता में उनका योगदान 
कुंतला कुमारी साबतकुंतला कुमारी साबत ने अपनी कविताओं के सहारे जनता को आज़ादी के लिए जगाने का काम किया। 
सरला देवी चौधरानीसरला देवी चौधरानी ने अपने संगीत के माध्यम से जनता में देशभक्ति की अलख जगाई। 
अन्नपूर्णा महरानाअन्नपूर्णा महराना ने जब जेल की सज़ा के दौरान गरीबों की सेवा करने का वादा किया।
झलकारी बाईझलकारी बाई ने रानी लक्ष्मी बाई की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। 
उमाबाई कुंडापुरउमाबाई कुंडापुर ने आज़ादी की लड़ाई में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाले क्रांतिकारियों को, ब्रिटिश सरकार से संरक्षण दिया।
हंसा मेहताहंसा मेहता, बड़ौदा के दीवान की बेटी थी। जिन्होंने लैंगिक समानता के लिए लड़ाई लड़ी और आज़ादी की जंग लड़ी। 
राजकुमारी गुप्ताराजकुमारी गुप्ता एक ऐसी वीरांगना थी, जिन्होंने काकोरी कांड में लूटपाट के लिए क्रांतिकारियों के लिए गन-पिस्टल सप्प्लाई की।
नलिनीबाला देवीनलिनीबाला देवी जी ने असम में अपनी कविताओं के माध्यम से जनता में आज़ादी की अलख जगाई।
अमल प्रभा दासअमल प्रभा दास ने नार्थ ईस्ट में राष्ट्रवाद की कमान संभाल कर स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी। 
चंद्रप्रवा सैकियानीचंद्रप्रवा सैकियानी असम से आने वाली महिला थी, जिन्होंने सत्याग्रह से जुड़कर स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी।
सरला देवीसरला देवी ओड़िशा से आने वाली पहली महिला थी, जिन्होंने गाँधी जी के असहयोग आंदोलन से जुड़कर आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया।
कृष्णम्मल जगन्नाथनगाँधीवादी विचारों से प्रभावित कृष्णम्मल जगन्नाथन जी तमिलनाडु से थी, जो ब्रिटिश हुकूमत के साथ-साथ गरीबी से भी लड़ती रहीं। 
यशोधरा दासप्पाबैंगलोर से आने वाली यशोधरा दासप्पा ने महिलाओं को सत्याग्रह आंदोलन से जोड़ा। 
अमृत ​​कौरअमृत ​​कौर ने दांडी मार्च से लेकर भारत छोड़ों आंदोलन में अपनी मुख्य भूमिका निभाई। 
ऊदा देवीऊदा देवी लखनऊ की वीरांगना थी जिन्होंने 1857 की क्रांति में 30 से अधिक ब्रिटिश सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था।
मूलमती मूलमती जी महान स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल की माँ थी, उन्होंने भी जनजागरूकता में अपना अहम योगदान दिया था।
जानकी अथि नहप्पनजानकी अथि नहप्पन ने आज़ाद हिन्द फ़ौज में ‘झाँसी की रानी’ रेजिमेंट को लीड किया था।
अम्मू स्वामीनाथनअम्मू स्वामीनाथन उन 15 महिलाओं में से एक हैं जिन्होंने संविधान के ड्राफ्ट के समय अपना योगदान दिया।
मातंगिनी हाजरामातंगिनी हाजरा को वन्दे मातरम गाने से कारण अंग्रेजों ने गोली मार दी थी, उनके बलिदान के बाद लोगों ने बढ़चढ़कर वन्दे मातरम गया। 
पार्वती गिरिपार्वती गिरि को मदर टेरेसा ऑफ ओड़िसा के नाम से जाना जाता है, इन्होंने लोगों को आज़ादी के लिए एकता सूत्र में रहना सिखाया।

FAQs

भारत की स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की क्या भूमिका रही?

भारत की स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं ने बहादुरी, नेतृत्व और प्रेरणा का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने आंदोलन में भाग लिया, विदेशी सामानों का बहिष्कार किया, जेल गईं और जनजागृति फैलाई।

सरोजिनी नायडू का स्वतंत्रता आंदोलन में क्या योगदान था?

सरोजिनी नायडू एक प्रभावशाली कवयित्री और स्वतंत्रता सेनानी थीं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला और गांधीजी के आंदोलनों में बढ़-चढ़कर भाग लिया।

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को स्वतंत्रता संग्राम में क्यों याद किया जाता है?

रानी लक्ष्मीबाई 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख योद्धा थीं। उन्होंने अंग्रेजों से वीरता से युद्ध किया और भारत में महिला सशक्तिकरण की प्रतीक बनीं।

भारत की आजादी में महिला क्रांतिकारियों की सूची कैसे तैयार करें?

विश्वसनीय स्रोतों जैसे एनसीईआरटी पुस्तकें, स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित आधिकारिक वेबसाइटें, जीवनी आधारित साहित्य और समाचार पत्रों से जानकारी एकत्रित कर सूची बनाई जा सकती है।

अरुणा आसफ अली किस आंदोलन से जुड़ी थीं?

अरुणा आसफ अली 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन की अग्रणी महिला थीं। उन्होंने बंबई में कांग्रेस का झंडा फहराकर स्वतंत्रता की मांग को मुखर किया।

महिलाओं के योगदान को इतिहास में पर्याप्त स्थान क्यों नहीं मिला?

इतिहास लेखन में लंबे समय तक पुरुष प्रधान दृष्टिकोण रहा, जिससे महिलाओं के योगदान को सीमित रूप में प्रस्तुत किया गया। आज नई पीढ़ी इस पहलू को उभारने का प्रयास कर रही है।

कौन-कौन सी महिलाएं भारत के आजादी के आंदोलन में जेल गई थीं?

कस्तूरबा गांधी, कल्पना दत्त, बीना दास, सुचेता कृपलानी जैसी कई महिलाएं आंदोलन में भाग लेने के कारण जेल गईं और साहस का परिचय दिया।

कस्तूरबा गांधी का स्वतंत्रता आंदोलन में क्या योगदान था?

कस्तूरबा गांधी ने सत्याग्रह, खादी प्रचार और महिलाओं को संगठित करने में अहम भूमिका निभाई। वे गांधीजी की प्रेरणा और सहयोगी रहीं।

कल्पना दत्त कौन थीं और उनका क्या योगदान रहा?

कल्पना दत्त एक क्रांतिकारी महिला थीं जो सूर्य सेन के संगठन से जुड़ी थीं। उन्होंने हथियारों के साथ ब्रिटिश हुकूमत का विरोध किया और गिरफ्तार होकर लंबी सजा पाई।

संबंधित आर्टिकल्स

आशा है कि Indian Women Freedom Fighter in Hindi का यह ब्लॉग आपको देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत लगा होगा, साथ ही इसमें लिखें संदेशों को आप अपने यार-दोस्त के साथ साझा कर पाएंगे। आधुनिक भारत के इतिहास से जुड़े ऐसे ही अन्य टॉपिक पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*