Mokshagundam Visvesvaraya : ‘भारत रत्न’ सर एम. विश्वेश्वरैया का जीवन परिचय 

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M Visvesvaraya in Hindi

M Visvesvaraya in Hindi : सर एम. विश्वेश्वरैया आधुनिक भारत के महान इंजीनियर एवं राजनयिक थे। इसके साथ ही वह मैसूर के 19वें दीवान थे जिनका कार्यकाल वर्ष 1912 से 1918 के बीच रहा। आधुनिक भारत की प्रगति में अपना अहम योगदान देने के लिए उन्हें वर्ष 1955 में भारत सरकार द्वारा देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। वहीं ब्रिटिश भारत में उन्हें किंग जॉर्ज पंचम ने ब्रिटिश इंडियन एम्पायर के ‘नाइट कमांडर’ के सम्मान से सम्मानित किया था। 

भारत में प्रतिवर्ष 15 सितंबर को सर एम. विश्वेश्वरैया की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय अभियंता दिवस(National Engineers’ Day 2024) मनाया जाता है। वर्ष 2024 का इंजीनियर्स दिवस “Engineering Solutions for a Sustainable World” थीम के साथ मनाया जा रहा है। इस वर्ष 15 सितंबर 2024 को उनकी 163वीं जयंती मनाई जाएगी। 

आइए अब आधुनिक भारत के महान इंजीनियर सर एम. विश्वेश्वरैया का जीवन परिचय (M Visvesvaraya in Hindi) और उनकी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

मूल नाम मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Mokshagundam Visvesvaraya)
जन्म 15 सितंबर, 1861
जन्म स्थान मुद्देनहल्ली, कर्नाटक 
पिता का नाम मोक्षगुंडम श्रीनिवास शास्त्री
माता का नाम वेंकटालक्ष्मम्मा
शिक्षा सीओईपी टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (1983), सेंट्रल कॉलेज बेंगलुरु (1881), मुंबई विश्वविद्यालय 
पेशा इंजीनियर, दीवान  
उल्लेखनीय पदमैसूर के 19वें दीवान 
सम्मान भारत रत्न (वर्ष 1955) 
दिवस राष्ट्रीय अभियंता दिवस’ (National Engineers’ Day) 
निधन 14 अप्रैल, 1962 बेंगलुरु  

सर एम. विश्वेश्वरैया का प्रारंभिक जीवन – M Visvesvaraya in Hindi

सर एम. विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर, 1861 को कर्नाटक के चिकबल्लापुर ज़िले के मुद्देनहल्ली नामक गांव में हुआ था। उनका मूल नाम मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Mokshagundam Visvesvaraya) था लेकिन वह बाद में ‘सर एम. विश्वेश्वरैया’ के नाम से जाने गए। उनके पिता का नाम ‘मोक्षगुंडम श्रीनिवास शास्त्री’ था जो कि संस्कृत के विद्वान थे। जबकि माता का नाम ‘वेंकटालक्ष्मम्मा’ था। बताया जाता है कि जब वह 12 वर्ष के थे उसी दौरान उनके पिता का निधन हो गया था। 

विश्वेश्वरैया जी ने प्रारंभिक शिक्षा चिकबल्लापुर से पूरी की थी। फिर वे आगे की पढ़ाई के लिए ‘सेंट्रल कॉलेज बेंगलुरु’ आ गए जहाँ से उन्होंने वर्ष 1881 में बी.ए की डिग्री हासिल की। इसके बाद वह पुणे गए और वर्ष 1983 में ‘सीओईपी टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी’, पुणे से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इसके उपरांत उन्होंने बॉम्बे में ‘लोक निर्माण विभाग’ (पीडब्ल्यूडी) के साथ कुछ समय तक कार्य किया और उसके बाद ‘भारतीय सिंचाई आयोग’ में अपनी सेवाएं दी। 

आधुनिक भारत के इंजीनियर

सर एम. विश्वेश्वरैया, कर्नाटक के मांड्या ज़िले में बने ‘कृष्णराज सागर बांध’ (KrishnaRajaSagara Dam) के निर्माण के मुख्य स्तंभ माने जाते हैं। इसके अलावा उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय, मैसूर संदल ऑयल एंड सोप फ़ैक्टरी और बैंक ऑफ़ मैसूर समेत कई संस्थानों और औद्योगिक कारखानों को बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। वह उद्योग को देश की जान मानते थे। वहीं महज 32 वर्ष की आयु में उन्होंने सिंधु नदी से सक्खर कस्बे को पानी भेजने का प्लान बनाया था जो कि एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। यहीं कारण था कि उन्हें कर्नाटक का ‘भगीरथ’ भी कहा जाता है। 

सर एम. विश्वेश्वरैया एक महान इंजीनियर होने के साथ ही मैसूर के 19वें दीवान थे जिनका कार्यकाल साल 1912 से 1918 के बीच रहा। ब्रिटिश भारत के दौरान उन्हें मैसूर का चीफ़ इंजीनियर भी नियुक्त किया गया था। 

‘भारत रत्न’ से किया गया सम्मानित 

सर एम. विश्वेश्वरैया को आधुनिक भारत में अपने विशेष योगदान देने के लिए वर्ष 1955 में भारत सरकार द्वारा देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था। जबकि भारतीय डाक विभाग ने उनके सम्मान में वर्ष 1960 में एक डाक टिकट जारी किया था। 

बेंगलुरु में हुआ निधन 

सर एम. विश्वेश्वरैया का 14 अप्रैल, 1962 को 100 वर्ष की आयु में निधन हुआ था। उनके जन्म दिवस के उपलक्ष्य में भारत में हर वर्ष 15 सितंबर को ‘राष्ट्रीय अभियंता दिवस(National Engineers’ Day) मनाया जाता है। 

यह भी पढ़ें – स्टूडेंट्स के लिए इंजीनियर्स दिवस पर निबंध 

सर एम. विश्वेश्वरैया की किताबें 

सर एम. विश्वेश्वरैया ने अपने लंबे जीवनकाल में कुछ पुस्तकें (M Visvesvaraya Books in Hindi) भी लिखी थी जो कि इस प्रकार हैं:- 

सर एम. विश्वेश्वरैया की किताबें प्रकाशन 
Speechesवर्ष 1917 
Reconstructing Indiaवर्ष 1920 
Municipal Retrenchment and Reform: Preliminary Reportवर्ष 1924 
Nation Buildingवर्ष 1937 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ आधुनिक भारत के महान इंजीनियर सर एम. विश्वेश्वरैया का जीवन परिचय (M Visvesvaraya in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
मैथिलीशरण गुप्तअशोक वाजपेयीजाबिर हुसैन
विष्णु खरे उमाशंकर जोशी आलोक धन्वा 
घनानंद अयोध्या सिंह उपाध्यायबिहारी 
शिवपूजन सहायअमीर खुसरोमधु कांकरिया 
घनश्यामदास बिड़लाकेदारनाथ अग्रवालशकील बदायूंनी
मधुसूदन दासमहापंडित राहुल सांकृत्यायनभुवनेश्वर 
सत्यजित रेशिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’ भगवती चरण वर्मा
मोतीलाल नेहरू कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ श्री अरबिंदो 
अमर गोस्वामीशमशेर बहादुर सिंहरस्किन बॉन्ड 
राजेंद्र यादव गोपालराम गहमरी राजी सेठ
गजानन माधव मुक्तिबोधसेवा राम यात्री ममता कालिया 
शरद जोशीकमला दासमृणाल पांडे
विद्यापति पदुमलाल पुन्नालाल बख्शीश्रीकांत वर्मा 
यतींद्र मिश्ररामविलास शर्मामास्ति वेंकटेश अय्यंगार
शैलेश मटियानीरहीमस्वयं प्रकाश 

FAQs

विश्वेश्वरैया दिवस कब मनाया जाता है?

भारत में प्रतिवर्ष 15 सितंबर को सर एम. विश्वेश्वरैया की जयंती के उपलक्ष्य में ‘राष्ट्रीय अभियंता दिवस’ (इंजीनियर्स डे) मनाया जाता है। 

सर विश्वेश्वरैया कौन थे?

सर एम. विश्वेश्वरैया आधुनिक भारत के महान इंजीनियर एवं राजनयिक थे। 

विश्वेश्वरैया का पूरा नाम क्या था?

उनका मूल नाम मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Mokshagundam Visvesvaraya) था। 

विश्वेश्वरैया इंजीनियरिंग की किस शाखा में इंजीनियर थे?

सर एम. विश्वेश्वरैया इंजीनियरिंग की सिविल शाखा के इंजीनियर थे। 

विश्वेश्वरैया को भारत रत्न कब मिला था?

वर्ष 1955 में सर एम. विश्वेश्वरैया को भारत सरकार द्वारा ‘भारत रत्न’ सम्मान से सम्मानित किया गया था। 

विश्वेश्वरैया को सर की उपाधि किसने दी?

ब्रिटिश सरकार ने सर एम. विश्वेश्वरैया को ‘नाइट कमांडर’ की उपाधि से सम्मानित किया था। इसके बाद उनके नाम के आगे ‘सर’ की उपाधि जुड़ गई थी।

विश्वेश्वरैया ने किस बांध का निर्माण किया था?

सर एम. विश्वेश्वरैया ने कर्नाटक के मांड्या ज़िले में ‘कृष्णराज सागर बांध’ का निर्माण करवाया था। 

आशा है कि आपको “भारत रत्न” सर एम. विश्वेश्वरैया का जीवन परिचय (M Visvesvaraya in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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