Abdul Bismillah – समादृत साहित्यकार अब्दुल बिस्मिल्लाह का जीवन परिचय

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Abdul Bismillah Ka Jivan Parichay

Abdul Bismillah Ka Jivan Parichay : अब्दुल बिस्मिल्लाह हिंदी साहित्य जगत के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार, कथाकार एवं प्रबुद्ध चिंतक हैं। वे पिछले लगभग चार दशकों से साहित्य में अनुपम कृतियों का सृजन कर रहे हैं। उन्होंने उपन्यास, कहानी, कविता, नाटक, बाल-साहित्य व लोकसाहित्य आदि विधाओं में लेखन किया है। वहीं उनकी रचनाओं के भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं। 

हिंदी साहित्य में अपना उल्लेखनीय योगदान देने के लिए अब्दुल बिस्मिल्लाह जी को ‘उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार’ (1977), ‘सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार’ (1987), ‘मध्य प्रदेश का केडिया पुरस्कार’ (1987) व ‘दिल्ली हिंदी अकादमी पुरस्कार’ (1981) आदि कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।  

बता दें कि अब्दुल बिस्मिल्लाह की कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी अब्दुल बिस्मिल्लाह का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। 

आइए अब सुप्रसिद्ध साहित्यकार अब्दुल बिस्मिल्लाह का जीवन परिचय (Abdul Bismillah Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नाम अब्दुल बिस्मिल्लाह (Abdul Bismillah)
जन्म 05 जुलाई, 1949 
जन्म स्थान बलापुर गांव, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश 
पिता का नाम वलीमुहम्मद 
माता का नाम करीमन बी 
शिक्षा एम.ए. तथा डी.फिल. (इलाहाबाद विश्वविद्यालय) 
पेशा प्रोफ़ेसर, साहित्यकार 
भाषा हिंदी 
मुख्य रचनाएँ झीनी-झीनी बीनी चदरिया, रावी लिखता है (उपन्यास) अतिथि देवो भव, रैन बसेरा (कहानी-संग्रह) व दो पैसे की जन्नत (नाटक) आदि। 
पुरस्कार एवं सम्मान सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, देव पुरस्कार, मध्य प्रदेश का केडिया पुरस्कार व दिल्ली हिंदी अकादमी पुरस्कार। 

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में हुआ था जन्म – Abdul Bismillah Ka Jivan Parichay

अब्दुल बिस्मिल्लाह का जन्म 05 जुलाई, 1949 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) जिले में बलापुर नामक गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम ‘वलीमुहम्मद’ और माता का नाम ‘करीमन बी’ था। बताया जाता है कि अल्प आयु में ही उनके माता-पिता का देहांत हो गया था। उनकी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की शिक्षा उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित लालगंज नामक कस्बे में हुई थी। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एम.ए. तथा डी.फिल. की शिक्षा प्राप्त की।  

अध्यापन कार्य 

जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष और प्रोफ़ेसर के पद से सेवानिवृत्त अब्दुल बिस्मिल्लाह जी ने 1993-95 के दौरान वार्सा यूनिवर्सिटी, वार्सा (पोलैंड) में तथा 2003-05 के दौरान भारतीय दूतावास, मॉस्को (रूस) के जवाहरलाल नेहरू सांस्कृतिक केंद्र में विजि़टिंग प्रोफ़ेसर के रूप में अध्यापन कार्य किया था। विदेश में अध्यापन के दौरान उन्होंने सोवियत संघ समेत ट्यूनीशिया, पोलैंड, हंगरी, जर्मनी, प्राग और अमरीका की यात्राएं की थी।

अब्दुल बिस्मिल्लाह की प्रमुख रचनाएँ – Abdul Bismillah Ki Rachnaye

अब्दुल बिस्मिल्लाह का कृतित्व बहुआयामी रहा है। उन्होंने विभिन्न विधाओं में लेखन कार्य किया है। इसके साथ ही उनके लोकप्रिय उपन्यास ‘झीनी-झीनी बीनी चदरिया’ का उर्दू तथा अंग्रेज़ी में अनुवाद प्रकाशित हो चुका है। वहीं उनकी अनेक कहानियां मराठी, पंजाबी, मलयालम, तेलुगू, बांग्ला, उर्दू, जापानी, स्पैनिश, रूसी तथा अंग्रेज़ी में अनूदित हुई हैं। बता दें कि ‘रफ़ रफ़ मेल’ की 12 कहानियाँ ‘रफ़ रफ़ एक्सप्रेस’ शीर्षक से फ़्रेंच में अनूदित एवं पेरिस से प्रकाशित हुई है। यहाँ अब्दुल बिस्मिल्लाह का जीवन परिचय (Abdul Bismillah Ka Jivan Parichay) के साथ ही उनकी संपूर्ण रचनाओं के बारे में बताया गया हैं:-

उपन्यास 

  • समर शेष है 
  • झीनी-झीनी बीनी चदरिया
  • जहरबाद 
  • दंतकथा 
  • मुखड़ा क्या देखे 

कहानी-संग्रह 

  • टूटा हुआ पंख 
  • कितने-कितने सवाल 
  • रैन बसेरा 
  • अतिथि देवो भव 
  • जीनिया के फूल 
  • रफ-रफ मेल 
  • शादी का जोकर
  • ताकि सनद रहे
  • अब्दुल बिस्मिल्लाह की विशिष्ट कहानियां 

कविता-संग्रह 

  • वली मुहम्मद और करीमन बी की कविताएँ
  • छोटे बुतों का बयान
  • मुझे बोलने दो 

नाटक

  • दो पैसे की जन्नत
  • कलियुग का रथ 

आलोचना

  • अल्पविराम
  • कजरी
  • विमर्श के आयाम

अनुवाद

  • दस्तंबू

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पुरस्कार एवं सम्मान 

अब्दुल बिस्मिल्लाह (Abdul Bismillah Ka Jivan Parichay) को हिंदी साहित्य में अपना उल्लेखनीय योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं :- 

  • वर्ष 1977 में अब्दुल बिस्मिल्लाह को ‘मुझे बोलने दो’ (कविता-संग्रह) के लिए ‘उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार’ से पुरस्कृत किया गया था।
  • ‘रैन बसेरा’ (कहानी-संग्रह) के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा ‘यशपाल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। 
  • वर्ष 1987 में लोकप्रिय उपन्यास ‘झीनी-झीनी बीनी चदरिया’ के लिए उन्हें प्रतिष्ठित ‘सोवियत नेहरू लैंड पुरस्कार’ मिला था।  
  • वर्ष 1987 में ‘झीनी-झीनी बीनी चदरिया’ उपन्यास के लिए उन्हें मध्य प्रदेश का ‘केडिया पुरस्कार’ मिला था।  
  • ‘वली मुहम्मद और करीमन बी की कविताएँ’ (काव्य-संग्रह) के लिए उन्हें वर्ष 1981 में दिल्ली हिंदी अकादमी द्वारा पुरस्कृत किया गया था। 
  • वर्ष 2001 में अब्दुल बिस्मिल्लाह के ‘मुखड़ा क्या देखे’ उपन्यास को मध्य प्रदेश साहित्य परिषद का ‘वीर सिंह देव पुरस्कार’ मिला था। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ सुप्रसिद्ध साहित्यकार अब्दुल बिस्मिल्लाह का जीवन परिचय (Abdul Bismillah Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
मैथिलीशरण गुप्तअशोक वाजपेयीजाबिर हुसैन
विष्णु खरे उमाशंकर जोशी आलोक धन्वा 
घनानंद अयोध्या सिंह उपाध्यायबिहारी 
शिवपूजन सहायअमीर खुसरोमधु कांकरिया 
घनश्यामदास बिड़लाकेदारनाथ अग्रवालशकील बदायूंनी
मधुसूदन दासमहापंडित राहुल सांकृत्यायनभुवनेश्वर 
सत्यजित रेशिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’ भगवती चरण वर्मा
मोतीलाल नेहरू कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ श्री अरबिंदो 
अमर गोस्वामीशमशेर बहादुर सिंहरस्किन बॉन्ड 
राजेंद्र यादव गोपालराम गहमरी राजी सेठ
गजानन माधव मुक्तिबोधसेवा राम यात्री ममता कालिया 
शरद जोशीकमला दासमृणाल पांडे
विद्यापति पदुमलाल पुन्नालाल बख्शीश्रीकांत वर्मा 
यतींद्र मिश्ररामविलास शर्मामास्ति वेंकटेश अय्यंगार
शैलेश मटियानीरहीमस्वयं प्रकाश 

FAQs 

अब्दुल बिस्मिल्लाह का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

अब्दुल बिस्मिल्लाह का जन्म 05 जुलाई, 1949 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) जिले में बलापुर नामक गाँव में हुआ था। 

झीनी झीनी बीनी चदरिया के लेखक कौन थे?

झीनी-झीनी बीनी चदरिया, अब्दुल बिस्मिल्लाह का बचुचर्चित उपन्यास है। 

अब्दुल बिस्मिल्लाह के माता-पिता का क्या नाम था?

अब्दुल बिस्मिल्लाह की माता का नाम ‘करीमन बी’ जबकि पिता का नाम ‘वलीमुहम्मद’ था। 

अब्दुल बिस्मिल्लाह को सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार कब मिला था?

वर्ष 1987 में ‘झीनी-झीनी बीनी चदरिया’ उपन्यास के लिए उन्हें प्रतिष्ठित ‘सोवियत नेहरू लैंड पुरस्कार’ मिला था।  

आशा है कि आपको समादृत साहित्यकार अब्दुल बिस्मिल्लाह का जीवन परिचय (Abdul Bismillah Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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