Chandraprabha Rashtriya Udyan: चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह भारत के सुंदर और जैव विविधता से समृद्ध संरक्षित क्षेत्रों में से एक है। चंद्रप्रभा नेशनल पार्क की स्थापना 1957 में की गई थी। यह राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश के वाराणसी के पास चंदौली जिले में स्थित है। यह पार्क अपने घने जंगलों, शांत झरनों जैसे राजदरी और देवदरी, और विविध वन्यजीवों के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र पहले भारत के प्रोजेक्ट टाइगर का हिस्सा भी रहा है। वर्तमान में वहाँ बाघों की स्थायी आबादी नहीं है। यहां अन्य कई प्रकार के जानवर और वनस्पतियां पाए जाते हैं। इस ब्लॉग में हम चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान (Chandraprabha National Park) के इतिहास, भूगोल और जैव विविधता की विस्तार से जानकारी दी गई है।
उद्यान का नाम | चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान |
स्थापना वर्ष | 1957 |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
जिला | चंदौली (वाराणसी के पास) |
क्षेत्रफल | लगभग 78 वर्ग किलोमीटर |
प्रसिद्ध जलप्रपात | राजदरी और देवदरी झरने |
मुख्य वनस्पति | उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन |
मुख्य जीव-जंतु | तेंदुआ, चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली सूअर, पक्षियों की विविध प्रजातियाँ |
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चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान किसके लिए प्रसिद्ध है?
चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान (Chandraprabha Rashtriya Udyan) देश-विदेश में कई कारणों से प्रसिद्ध हैं जोकि निम्न प्रकार से है:
- चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश राज्य के चंदौली जिले में स्थित है, यह एक सुंदर और जैव विविधता से भरपूर संरक्षित क्षेत्र है।
- यहाँ हरित वन क्षेत्र और शांत वातावरण है। उद्यान में दो प्रसिद्ध झरने राजदरी और देवदरी हैं जो इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए खास बनाते हैं।
- यह राष्ट्रीय उद्यान तेंदुआ, चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली सूअर, साही और कई पक्षियों की प्रजातियों का घर है।
- साल 1979 में इसे कुछ समय के लिए प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत लाया गया था, जिससे इसकी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनी।
- चंद्रप्रभा नेशनल पार्क ट्रेकिंग और जंगल सफारी और प्राकृतिक दृश्यावलोकन के लिए यह एक लोकप्रिय स्थल है।
चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान के बारे में
चंद्रप्रभा नेशनल पार्क को चंद्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य नाम से भी जाना जाता है। यह राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है। यह एक खूबसूरत पिकनिक स्पॉट है। यह उद्यान घने जंगलों और राजदरी और देवदारी जैसे सुंदर झरनों से भरा हुआ है। चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान और इसकी सुंदरता हर साल हजारों की संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं।
चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश में तीर्थ नगरी वाराणसी से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चंद्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य में जाकर आप कई तरह के जंगली जानवर देख सकते हैं। चंद्रप्रभा नेशनल पार्क मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में आता है।
यह बफर जोन इस उद्यान को मानव अतिक्रमण और औद्योगिक विस्तार के दबाव से बचाने का कार्य करता है। यह उद्यान इस क्षेत्र के जीवों के लिए एक प्राकृतिक आवास अभयारण्य है। इस क्षेत्र में विंध्याचल पर्वतमाला में घास के मैदान, गुफाएँ और झरने इसकी सुंदरता को और अधिक बढ़ा देते हैं। साल 1970 तक यहां शहर सक्रिय रूप से देखे जाते थे लेकिन वर्तमान में इनकी संख्या लगभग समाप्त हो चुकी है।
चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास
यह काशी वन्य जीव प्रभाग का भी एक हिस्सा है। साल 1957 में मानव अतिक्रमण और औद्योगिक विस्तार और जनसंख्या में वृद्धि के कारण वन्य जीवों पर दबाव से निपटने के लिए 9600 हेक्टेयर क्षेत्र को वन क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया था।
बाद में इसे चंद्र प्रभा वन्य जीव अभ्यारण्य के नाम से विकसित किया गया था। इस भूमि के अलावा काशी वन प्रभाग कोर क्षेत्र के अंतर्गत 66000 हेक्टेयर का अतिरिक्त बफर क्षेत्र वन भूमि के रूप में अलग रखा गया था।
चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान एशियाई शेरों की लगातार घटती आबादी को कम करने के लिए शेरों के संरक्षण को भी बढ़ावा दिया गया था। साल 1970 तक यहां शहर सक्रिय रूप से देखे जाते थे लेकिन वर्तमान में इनकी संख्या लगभग समाप्त हो चुकी है।
चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान में वनस्पति और जीव
चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में चंदौली में स्थित है। यहां सुंदर पिकनिक स्पॉट, घने जंगलों और राजदरी और देवदरी जैसे सुंदर झरनें हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान हर साल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान में आकर पर्यटक विभिन्न प्रकार के जंगली जानवर देख सकते हैं। यहां के प्रमुख जानवरों में ब्लैक डक, चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली सूअर, साही और चिंकारा आदि शामिल हैं। चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान की सरीसृप प्रजातियों में घड़ियाल और अजगर शामिल है।
चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान में प्रमुख रूप से उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन पाए जाते हैं। यहाँ की प्रमुख वनस्पतियाँ साल, महुआ, तेन्दू, सागौन, आंवला, बेल, बेर और बांस आदि है। इन पेड़ों के साथ-साथ यहाँ कई प्रकार की झाड़ियाँ, लताएँ और औषधीय पौधे भी पाए जाते हैं।
चंद्रप्रभा नेशनल पार्क के प्रमुख आकर्षण
चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान के प्रमुख आकर्षण इस प्रकार हैं:
- चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान में घने जंगलों के बीच स्थित राजदरी जलप्रपात एक खूबसूरत जलप्रपात पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण है।
- यहां देवदरी जलप्रपात है को चट्टानों से गिरता शांत और मनमोहक झरना है, यह वातावरण में प्राकृतिक छटा बिखेरता है।
- चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान में घना और शांत जंगल ट्रेकिंग और प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श स्थान है।
- चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान जैव विविधता से भरपूर है यह क्षेत्र तेंदुआ, चीतल, सांभर, नीलगाय और अनेक पक्षियों का निवास स्थान है।
- साल 1979 के समय में यह राष्ट्रीय टाइगर संरक्षण कार्यक्रम का हिस्सा रहा है।
- चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों को मोर, बाज, उल्लू, तीतर, मैना जैसे अनेक पक्षियों को देखने का अवसर मिलता है।
- उद्यान का नाम चंद्रप्रभा नदी से रखा गया है यह नदी उद्यान के प्राकृतिक सौंदर्य को और बढ़ाती है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में छोटे जानवरों और सरीसृपों की विविधता देखी जा सकती है। यहां साही, लोमड़ी, खरगोश, साँप आदि देखे जा सकते हैं।
FAQs
चंद्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य, जिसे चंद्रप्रभा के नाम से भी जाना जाता है, मध्य भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के चन्दौली जिले में स्थित है। चंद्र प्रभा वन्यजीव के अभयारण्य भारत के ऐतिहासिक शहर वाराणसी से लगभग 70 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
चंद्रप्रभा नेशनल पार्क भारत के उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में स्थित सघन वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है। इस अभयारण्य की स्थापना 1957 में की गई थी और यह 78 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें विविध परिदृश्य, शांत नदियाँ, सुंदर झरने और घने जंगल हैं।
इसमें विभिन्न वन्यजीव प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें बाघ, तेंदुए, सुस्त भालू, सांभर हिरण, भौंकने वाले हिरण और भारतीय जंगली सूअर जैसे स्तनधारी शामिल हैं । यह अभयारण्य अपनी पक्षी विविधता के लिए भी जाना जाता है, जिसमें 150 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ हैं, जिनमें मोर, हॉर्नबिल, तोता और चील शामिल हैं।
नहीं, मुख्य पार्क क्षेत्रों में जाने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है, हालांकि कुछ आकर्षणों के लिए नाममात्र शुल्क हो सकता है।
चंद्रप्रभा में कई तरह के जंगली जानवर पाए जाते हैं। इनमें काले हिरण, चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली सूअर, साही और चिंकारा शामिल हैं। सरीसृप प्रजातियों में अजगर शामिल हैं। यह पार्क पक्षियों को देखने वालों के लिए स्वर्ग है, क्योंकि यहां करीब 150 प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं।
वन्यजीव अभयारण्य मई 1957 में स्थापित किया गया था। एशियाई शेरों को 1958 में चंद्र प्रभा में लाया गया था। शुरुआत में यह अभ्यास सफल रहा,1969 तक शेरों की संख्या तीन से बढ़कर ग्यारह हो गई थी लेकिन समय के साथ यहां शेरों की संख्या घट गई।
वन्य जीव अभ्यारण और राष्ट्रीय उद्यानों का संरक्षण लक्ष्य व्यापक होता है। इनका उद्देश्य परिदृश्य, वनस्पति, जीव और भूवैज्ञानिक विशेषताओं सहित संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करना है। पूरे क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने पर जोर दिया जाता है।
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उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको चंद्रप्रभा राष्ट्रीय उद्यान (Chandraprabha Rashtriya Udyan) की जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही UPSC से जुड़े ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।