Neil Armstrong : चाँद पर इंसानी कदमों के निशान छोड़ने वाले नील आर्मस्ट्रांग का जीवन परिचय

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Neil Armstrong in Hindi

Neil Armstrong in Hindi : नील आर्मस्ट्रांग एक प्रसिद्ध अमेरिकी रिसर्च पायलट और अंतरिक्ष यात्री थे। नील ने 20 जुलाई 1969 को अपोलो 11 मिशन के दौरान पहली बार चाँद पर अपना कदम रखकर इतिहास के सुनहरे पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया था। इस मिशन के सह-अंतरिक्ष यात्री के रूप में लूनर मॉड्यूल पायलट ‘एडविन ई. एल्ड्रिन जूनियर’ और कमांड मॉड्यूल पायलट ‘माइकल कोलिन्स’ भी शामिल थे। बता दें कि चाँद की सतह पर कदम रखने वाले नील आर्मस्ट्रांग ने तब कहा था कि – ‘ईगल’ (लूनर मॉड्यूल का नाम था) लैंड कर चुका है, इंसान के लिए छोटा सा कदम लेकिन मानवजाति के लिए लंबी छलांग’ है।

नील आर्मस्ट्रांग को उनकी उपलब्धियों के लिए वर्ष 1969 में यूएस प्रेसिडेंशियल ‘मेडल ऑफ फ्रीडम’ और वर्ष 1978 में ‘कांग्रेसनल स्पेस मेडल ऑफ ऑनर’ से नवाजा गया था। आपको बता दें कि इस वर्ष 05 अगस्त को नील आर्मस्ट्रांग का जन्मदिवस मनाया जाएगा। आइए अब जानते हैं नील आर्मस्ट्रांग के जीवन (Neil Armstrong in Hindi) से जुड़ी ख़ास बातें।

नाम नील आर्मस्ट्रांग (Neil Armstrong)
जन्म 5 अगस्त, 1930
जन्म स्थान ओहियो, संयुक्त राज्य अमेरिका 
पिता का नाम स्टीफन आर्मस्ट्रांग
माता का नाम वियोला आर्मस्ट्रांग
शिक्षा पर्ड्यू विश्वविद्यालय,  दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय
पेशा रिसर्च पायलट, एयरोनॉटिकल रिसर्च साइंटिस्ट व अंतरिक्ष यात्री 
स्पेस मिशन Apollo 11, Gemini 8
पुरस्कार एवं सम्मान ‘मेडल ऑफ फ्रीडम’, ‘कांग्रेसनल स्पेस मेडल ऑफ ऑनर’ 
निधन 25 अगस्त, 2012, ओहियो, संयुक्त राज्य अमेरिका

अमेरिका के ओहियो में हुआ था जन्म – Neil Armstrong in Hindi

प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग (Neil Armstrong) का जन्म 5 अगस्त, 1930 को संयुक्त राज्य अमेरिका के ओहियो में वापाकोनेटा नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम ‘स्टीफन आर्मस्ट्रांग’ जबकि माता का नाम ‘वियोला आर्मस्ट्रांग’ था। बताया जाता है कि ‘यूएससी विटर्बी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग’ से प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंनेपर्ड्यू यूनिवर्सिटीसे एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में विज्ञान स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद दक्षिणी कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की। 

1962 में अंतरिक्ष कार्यक्रम में हुए शामिल

नील आर्मस्ट्रांग ने वर्ष 1949 से 1952 तक नौसैनिक एविएटर के रूप में कार्य किया था। इसके बाद वह वर्ष 1955 में लुईस फ़्लाइट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के ‘नेशनल एडवाइजरी कमेटी फॉर एरोनॉटिक्स’ (NACA) में शामिल हो गए था। फिर उन्होंने अगले कुछ वर्ष NACA के हाई स्पीड फ्लाइट स्टेशन में बतौर एयरोनॉटिकल रिसर्च साइंटिस्ट के रूप में कार्य किया था। फिर उन्होंने ‘नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (NASA) के लिए एक इंजीनियर, रिसर्च पायलट और अंतरिक्ष यात्री के रूप में काम किया था। वर्ष 1962 में वह अंतरिक्ष कार्यक्रम में शामिल हुए था। आपको बता दें कि वे NASA मिशन में चुने गए नौ अंतरिक्ष यात्रियों में से एक थे।

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जब चाँद पर रखा पहला कदम 

नील आर्मस्ट्रांग, नासा के मानवयुक्त मून लैंडिंग मिशन अपोलो 11 के स्पेसक्राफ्ट कमांडर थे। वह 16 जुलाई, 1969 को अपने दो सह-अंतरिक्ष यात्रियों लूनर मॉड्यूल पायलट ‘एडविन ई. एल्ड्रिन जूनियर’ और कमांड मॉड्यूल पायलट ‘माइकल कोलिन्स’ के साथ अपोलो 11 मिशन के लिए रवाना हुए। 20 जुलाई 1969 को उनके दल ने  चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की और उन्होंने चाँद पर कदम रखकर इतिहास रच दिया। ये पहली बार था जब किसी मनुष्य ने चाँद पर कदम रखा था। बताया जाता है कि नील आर्मस्ट्रांग के बाद ‘एडविन ई. एल्ड्रिन जूनियर’ चाँद पर कदम रखने वाले दूसरे अंतरिक्ष यात्री थे। उन दोनों ने मिलकर परीक्षण के लिए ‘मून डस्ट’ (Moon Dust) सहित अन्य साम्रगी इकट्ठा की और पृथ्वी पर वापस लौट आए। 

अध्यापन कार्य की शुरुआत 

नील आर्मस्ट्रांग अपोलो 11 मिशन के बाद लगभग दो वर्षों तक नासा में रहे। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1971 में नासा से इस्तीफ़ा देकर शैक्षणिक कार्यों में जुट गए। उन्होंने वर्ष 1971 से 1979 तक सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी, ओहियो में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफ़ेसर के रूप में कार्य किया। 1980 में उन्होंने शिक्षण कार्य भी छोड़ दिया। 

ओहियो में ली अंतिम सांस 

नील आर्मस्ट्रांग का 25 अगस्त 2012 को 82 की आयु में निधन अमेरिका के ओहियो में हो गया था। लेकिन अंतरिक्ष और विज्ञान में दिए उनके योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता है। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग का जीवन परिचय (Neil Armstrong in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
मैथिलीशरण गुप्तअशोक वाजपेयीजाबिर हुसैन
विष्णु खरे उमाशंकर जोशी आलोक धन्वा 
घनानंद अयोध्या सिंह उपाध्यायबिहारी 
शिवपूजन सहायअमीर खुसरोमधु कांकरिया 
घनश्यामदास बिड़लाकेदारनाथ अग्रवालशकील बदायूंनी
मधुसूदन दासमहापंडित राहुल सांकृत्यायनभुवनेश्वर 
सत्यजित रेशिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’ भगवती चरण वर्मा
मोतीलाल नेहरू कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ श्री अरबिंदो 
अमर गोस्वामीशमशेर बहादुर सिंहरस्किन बॉन्ड 
राजेंद्र यादव गोपालराम गहमरी राजी सेठ
गजानन माधव मुक्तिबोधसेवा राम यात्री ममता कालिया 
शरद जोशीकमला दासमृणाल पांडे
विद्यापति पदुमलाल पुन्नालाल बख्शीश्रीकांत वर्मा 
यतींद्र मिश्ररामविलास शर्मामास्ति वेंकटेश अय्यंगार
शैलेश मटियानीरहीमस्वयं प्रकाश 

FAQs 

चंद्रमा पर मानव भेजने वाला दुनिया का पहला देश कौन सा है?

चंद्रमा पर मानव भेजने वाला दुनिया का पहला देश अमेरिका है। 

मनुष्य को चंद्रमा पर किस देश ने उतारा?

अमेरिका ने अपोलो मिशन 11 में मनुष्य को चंद्रमा पर उतारा था।

नील आर्मस्ट्रांग चंद्रमा पर कब गए थे?

20 जुलाई, 1969 को नील आर्मस्ट्रांग ने चंद्रमा पर पहली बार कदम रखा था। 

नील आर्मस्ट्रांग कहां के थे?

नील आर्मस्ट्रांग संयुक्त राज्य अमेरिका में ओहियो के निवासी थे। 

नील आर्मस्ट्रांग की मृत्यु कब हुई थी?

हृदय संबंधी रोग के कारण 25 अगस्त 2012 को 82 की आयु में उनका निधन हो गया था।

आशा है कि आपको प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री और चाँद पर पहली बार कदम रखने वाले नील आर्मस्ट्रांग का जीवन परिचय (Neil Armstrong in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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