Bankim Chandra Chatterjee : राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के रचयिता बंकिम चंद्र चटर्जी का जीवन परिचय और रचनाएं 

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Bankim Chandra Chatterjee in Hindi

Bankim Chandra Chatterjee in Hindi : बंकिम चंद्र चटर्जी भारत के महान उपन्यासकारों और कवियों में से एक थे। वर्ष 1874 में उनके द्वारा लिखा गया एक अमर गीत ‘वंदे मातरम’ (Vande Mataram) न केवल भारतीय स्वाधीनता संग्राम का मुख्य उद्घोष बना बल्कि आज देश का राष्ट्रगीत भी है। क्या आप जानते हैं कि यह गीत बाद में उनके वर्ष 1882 में आए उपन्यास ‘आनंदमठ’ में भी शामिल किया गया था। हालांकि आजाद भारत में 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के अध्यक्ष और भारत के पहले राष्ट्रपति ‘राजेंद्र प्रसाद ने वंदे मातरम को राष्ट्रगीत का दर्जा दिए जाने की घोषणा की थी।  

बंकिम चंद्र चटर्जी ने साहित्य सृजन के साथ ही वर्ष 1872 में एक मासिक साहित्यिक पत्रिका, ‘बंगदर्शन’ (Bangadarshan) की भी शुरुआत की थी। वहीं उनके प्रमुख उपन्यासों में ‘राजमोहन्स वाइफ’ (अंग्रेजी),  ‘कपालकुंडला’, ‘देवी चौधुरानी’, ‘मृणालिनी’, ‘आनंदमठ’ और ‘दुर्गेशनंदिनी’ शामिल हैं। उनकी रचनाओं के अनेक भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं तथा उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। इसके साथ ही UGC/NET समेत कई प्रतियोगी परीक्षाओं में उनसे संबंधित प्रश्न अकसर पूछे जाते हैं। 

आइए अब इस लेख में अमर गीत वंदे मातरम के रचयिता बंकिम चंद्र चटर्जी का जीवन परिचय (Bankim Chandra Chatterjee in Hindi) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नाम बंकिम चंद्र चटर्जी (Bankim Chandra Chatterjee) 
जन्म 26 जून, 1838
जन्म स्थान पश्चिम बंगाल (तत्कालीन ब्रिटिश भारत)
शिक्षा बी.ए. (प्रेसीडेंसी कॉलेज), कलकत्ता विश्वविद्यालय
पिता का नाम यादव चंद्र चट्टोपाध्याय
माता का नाम दुर्गादेबी चट्टोपाध्याय
पत्नी का नाम मोहिनी देवी 
कर्म-क्षेत्र  साहित्य 
भाषा संस्कृत, बांग्ला, अंग्रेजी व हिंदी 
मुख्य रचनाएँ ‘कपालकुंडला’, ‘देवी चौधुरानी’, ‘मृणालिनी’, ‘आनंदमठ’ व ‘दुर्गेशनंदिनी’ आदि। 
विशेष योगदानराष्‍ट्रीय गीत  ‘वंदे मातरम’ के रचयिता
निधन 8 अप्रैल, 1894 कोलकाता 

ब्रिटिश भारत में हुआ था जन्म – Bankim Chandra Chatterjee in Hindi

बंकिम चंद्र चटर्जी का जन्म 26 जून 1838 को तत्कालीन ब्रिटिश भारत के पश्चिम बंगाल में 24 परगना जिले के कांठलपाड़ा गांव में एक समृद्ध बंगाली परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम ‘यादव चंद्र चट्टोपाध्याय’ और माता का नाम ‘दुर्गादेबी चट्टोपाध्याय’ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हुगली कॉलेजिएट स्कूल से प्राप्त की थी। ये वो समय था जब ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के खिलाफ एक मज़बूत विद्रोह हो रहा था किंतु उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा जारी रखी और वर्ष 1857 में प्रेसीडेंसी कॉलेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय से बी.ए की परीक्षा पास की। 

उसी वर्ष कलकत्ता के उपराज्यपाल ने उन्हें डिप्टी कलेक्टर पद पर नियुक्त कर दिया। बताया जाता है कि वह बत्तीस वर्षों तक सरकारी सेवा में कार्यरत रहे और वर्ष 1891 में सेवानिवृत्त हुए।

‘राजमोहन्स वाइफ’ थी प्रथम प्रकाशित रचना

बंकिम चंद्र चटर्जी को बंगला साहित्य को जनमानस तक पहुंचाने वाला पहला साहित्यकार भी माना जाता है। उनकी वर्ष 1964 में प्रथम अंग्रेजी में प्रकाशित रचना ‘राजमोहन्स वाइफ’ थी। जबकि उनका प्रथम बांग्ला उपन्यास ‘दुर्गेशनंदिनी’ वर्ष 1965 में प्रकाशित हुआ था, तब वे महज 27 साल के थे। इसके बाद उन्होंने अपने जीवनकाल में कई अनुपम कृतियों का सृजन किया था। 

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‘बंगदर्शन’ मासिक साहित्यिक पत्रिका की शुरुआत 

बंकिम चंद्र चटर्जी ने साहित्य सृजन के साथ ही वर्ष 1872 में एक मासिक साहित्यिक पत्रिका, ‘बंगदर्शन’ की भी शुरुआत की थी। किंतु वर्ष 1880 के दशक के अंत में इस पत्रिका का प्रकाशन बंद हो गया। लेकिन कुछ वर्षों के बाद ‘रवींद्रनाथ टैगोर के संपादक बनने के बाद इस पत्रिका को फिर से शुरू किया गया। इस पत्रिका ने वर्ष 1905 में हुए बंगाल विभाजन (Partition of Bengal) के दौरान जनमानस के विरोध और असंतोष की आवाज को एक आधार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वहीं ‘रवींद्रनाथ टैगोर’ द्वारा रचित गीत अमार सोनार बांग्ला (Amar Shonar Bangla) जो बाद बांग्लादेश का राष्ट्रगान बना, तब पहली बार ‘बंगदर्शन’ में प्रकाशित हुआ था।

बंकिम चंद्र चटर्जी की प्रमुख रचनाएं – Bankim Chandra Chatterjee Ki Rachnaye

बंकिम चंद्र चटर्जी ने बंगला साहित्य को अमूल्य रचनाएँ दी हैं। वर्ष 1874 में उनका लिखा गीत ‘वंदे मातरम’ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणास्रोत और मुख्य उद्घोष बन गया था। जो बाद में आजाद भारत का राष्ट्रगीत बना। उन्होंने उपन्यास सहित धर्म, इतिहास और समसामायिक मुद्दों पर आधारित कई निबंध भी लिखे थे। जबकि उनकी कविताएं ‘ललिता ओ मानस’ (Lalita O Manas) नामक संग्रह में प्रकाशित हुई है। यहाँ बंकिम चंद्र चटर्जी की प्रमुख रचनाओं (Bankim Chandra Chatterjee in Hindi) के बारे में बताया गया हैं:-

उपन्यास 

उपन्यास प्रकाशन 
राजमोहन्स वाइफ (अंग्रेजी)1964 
दुर्गेशनंदिनी1865
कपालकुंडला1866
विषवृक्ष 1873
आनंदमठ1882 
देवी चौधरानी1884 
सीताराम1886

काव्य-संग्रह 

  • ललिता ओ मानस – (Lalita O Manas) 

कोलकाता में हुआ था निधन 

बंकिम चंद्र चटर्जी की साहित्यिक रचनाओं को भारत की लगभग सभी भाषाओं में अनुवाद किया गया हैं। बता दें कि बांग्ला में सिर्फ ‘बंकिम चंद्र चटर्जी’, ‘रवींद्रनाथ टैगोर’ और ‘शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय’ को यह गौरव हासिल है कि उनकी रचनाएं हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं में आज भी चाव से पढ़ी जाती है। बंकिम चंद्र चटर्जी का 8 अप्रैल, 1894 को 55 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। किंतु आज भी वे अपनी लोकप्रिय रचनाओं के लिए साहित्य जगत में जाने जाते हैं।  भारत सरकार द्वारा वर्ष 1969 में उनकी स्मृति में एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया गया था। 

Image Source – Wikipedia बंकिम चंद्र चटर्जी की स्मृति में वर्ष 1969 में भारत सरकार द्वारा जारी एक डाक टिकट

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पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ बांग्ला के सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं कवि बंकिम चंद्र चटर्जी का जीवन परिचय (Bankim Chandra Chatterjee in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
मैथिलीशरण गुप्तअशोक वाजपेयीजाबिर हुसैन
विष्णु खरे उमाशंकर जोशी आलोक धन्वा 
घनानंद अयोध्या सिंह उपाध्यायबिहारी 
शिवपूजन सहायअमीर खुसरोमधु कांकरिया 
घनश्यामदास बिड़लाकेदारनाथ अग्रवालशकील बदायूंनी
मधुसूदन दासमहापंडित राहुल सांकृत्यायनभुवनेश्वर 
सत्यजित रेशिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’ भगवती चरण वर्मा
मोतीलाल नेहरू कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ श्री अरबिंदो 
अमर गोस्वामीशमशेर बहादुर सिंहरस्किन बॉन्ड 
राजेंद्र यादव गोपालराम गहमरी राजी सेठ
गजानन माधव मुक्तिबोधसेवा राम यात्री ममता कालिया 
शरद जोशीकमला दासमृणाल पांडे
विद्यापति पदुमलाल पुन्नालाल बख्शीश्रीकांत वर्मा 
यतींद्र मिश्ररामविलास शर्मामास्ति वेंकटेश अय्यंगार
शैलेश मटियानीरहीमस्वयं प्रकाश 

FAQs 

बंकिम चंद्र चटर्जी का जन्म कब हुआ था?

बंकिम चंद्र चटर्जी का जन्म 26 जून, 1838 को तत्कालीन ब्रिटिश भारत के पश्चिम बंगाल में 24 परगना जिले के कांठलपाड़ा गांव में हुआ था। 

बंकिम चंद्र चटर्जी की पत्नी का नाम क्या था?

उनकी पत्नी का नाम ‘मोहिनी देवी’ था।  

बंकिम चंद्र चटर्जी ने किसकी रचना की थी?

बंकिम चंद्र चटर्जी ने वर्ष 1874 में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ (Vande Mataram) की रचना की थी। 

बंकिम चंद्र का पहला उपन्यास कौन सा था?

किम चंद्र का पहला उपन्यास ‘राजमोहन्स वाइफ’ (अंग्रेजी) था जिसका प्रकाशन वर्ष 1964 में हुआ था। 

बंकिम चंद्र चटर्जी का अंतिम उपन्यास कौनसा था?

वर्ष 1886 में प्रकाशित ‘सीताराम’ उनका अंतिम उपन्यास था। 

बंकिम चंद्र चटर्जी की मृत्यु कब हुई थी?

बंकिम चंद्र चटर्जी का 8 अप्रैल, 1894 को 55 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। 

आशा है कि आपको बांग्ला के सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं कवि बंकिम चंद्र चटर्जी का जीवन परिचय (Bankim Chandra Chatterjee in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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