विश्वनाथ त्रिपाठी (Vishwanath Tripathi) हिंदी साहित्य के सुप्रसिद्ध आलोचक और साहित्यकार हैं। उन्होंने साहित्य की पद्य और गद्य विधाओं में अनुपम कृतियों का सृजन किया है। इसके साथ ही संपादन के क्षेत्र में भी उन्होंने अहम योगदान दिया है। वहीं शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें ‘मूर्तिदेवी सम्मान’, ‘व्यास सम्मान’,‘सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार’, ‘शलाका सम्मान’, ‘भारत भारती पुरस्कार’ और ‘गोकुलचन्द्र शुक्ल आलोचना पुरस्कार’ आदि से सम्मानित किया जा चुका हैं।
बता दें कि ‘बिस्कोहर की माटी’ (नंगातलाई का गांव) आत्मकथा का एक अंश व कुछ अन्य रचनाओं को विद्यालय के अलावा बीए और एमए के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं।
इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए विश्वनाथ त्रिपाठी का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब हम समादृत आलोचक और साहित्यकार विश्वनाथ त्रिपाठी (Vishwanath Tripathi) का जीवन परिचय और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | विश्वनाथ त्रिपाठी (Vishwanath Tripathi) |
जन्म | 16 फरवरी, 1931 |
जन्म स्थान | बिस्कोहर गाँव, जिला बस्ती (अब सिद्धार्थ नगर), उत्तर प्रदेश |
शिक्षा | पीएचडी, पंजाब विश्वविद्यालय |
पेशा | प्राध्यापक, साहित्यकार, संपादक, आलोचक |
भाषा | हिंदी |
साहित्य काल | आधुनिक काल |
विधाएँ | कविता, आलोचना, संस्मरण, आत्मकथा |
पुरस्कार एवं सम्मान | ‘मूर्तिदेवी सम्मान’, ‘व्यास सम्मान’,‘सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार’, ‘शलाका सम्मान’, ‘भारत भारती पुरस्कार’ आदि |
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उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में हुआ जन्म
प्रतिष्ठित साहित्यकार और आलोचक विश्वनाथ त्रिपाठी (Vishwanath Tripathi) का जन्म 16 फरवरी, 1931 को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले (वर्तमान सिद्धार्थ नगर) में बिस्कोहर नामक गाँव में हुआ था। बताया जाता है कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई थी। इसके उपरांत बलरामपुर कस्बे से आगे की पढ़ाई की। फिर वे उच्च अध्यन्न के लिए पहले कानपुर और बाद में वाराणसी (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) गए। बता दें कि उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की थी।
प्राध्यापक के रूप में की करियर की शुरुआत
माना जाता है कि शिक्षा के उपरांत उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के ‘राजधानी कॉलेज’ में अध्यापन कार्य किया था। फिर वे दिल्ली विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में अध्यापन कार्य करने लगे। अध्यापन के साथ ही उनका साहित्य के क्षेत्र में पर्दापण हो गया था। वे शुरुआत में काव्य रचनाएँ करते थे किंतु बाद में आलोचना और इतिहास संबंधी ग्रंथों का सृजन करने लगे। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय से सेवानिवृत होकर वे पूर्ण रूप से साहित्य सृजन में जुट गए।
साहित्य सृजन और संपादन
विश्वनाथ त्रिपाठी ने आरंभ में हिंदी साहित्य के विख्यात आलोचक और साहित्यकार ‘आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी’ के साथ अद्दहमाण (अब्दुल रहमान) के अपभ्रंश काव्य ‘संदेश रासक’ का संपादन किया था। फिर उन्होंने अजित कुमार और सुप्रसिद्ध साहित्यकार रामविलास शर्मा के साथ काव्य पुस्तकें संपादित की। बता दें कि उनकी पुस्तक ‘हिंदी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास साहित्य’ बहुत लोकप्रिय पुस्तक है जिसे हर एक साहित्य के विधार्थी ने पढ़ा होगा। उनकी ‘व्योमकेश दरवेश’ नामक पुस्तक उनके गुरु आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी पर केंद्रित है।
विश्वनाथ त्रिपाठी की साहित्यिक रचनाएँ – Vishwanath Tripathi Ki Rachnaye
विश्वनाथ त्रिपाठी ने साहित्य की अनेक विधाओं में अनुपम कृतियों का सृजन किया हैं। अभी तक उनकी 20 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें काव्य संग्रह, आलोचनात्मक ग्रंथ, संस्मरण व आत्मकथा शामिल हैं। यहाँ विश्वनाथ त्रिपाठी का जीवन परिचय (Vishwanath Tripathi Ka Jivan Parichay) के साथ ही उनकी संपूर्ण रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-
आलोचना व इतिहास संबंधी पुस्तकें
- प्रारंभिक अवधी
- हिंदी आलोचना
- हिंदी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास
- लोकवादी तुलसीदास
- मीरा का देश के इस दौर में काव्य
- देश के इस दौर में (हरिशंकर परसाई केंद्रित)
- पेड़ का हाथ
कविता-संग्रह
- जैसा कह सका
स्मृति-आख्यान
- नंगातलाई का गाँव
- बिसनाथ का बलरामपुर
संस्मरण
- गुरुजी की खेती-बारी
- व्योमकेश दरवेश (आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का पुण्य स्मरण)
पुरस्कार एवं सम्मान
विश्वनाथ त्रिपाठी (Vishwanath Tripathi Ka Jivan Parichay) को आधुनिक हिंदी साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- मूर्तिदेवी सम्मान
- भारत भारती पुरस्कार
- गोकुलचन्द्र शुक्ल आलोचना पुरस्कार
- व्यास सम्मान
- आकाशदीप सम्मान
- सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार
- शलाका सम्मान
- राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान
- राजकमल प्रकाशन सृजनात्मक गद्य सम्मान
- शमशेर सम्मान
- डॉ. रामविलास शर्मा सम्मान
- हिंदी अकादमी का ‘साहित्यकार सम्मान’
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ समादृत आलोचक और साहित्यकार विश्वनाथ त्रिपाठी का जीवन परिचय (Vishwanath Tripathi Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
उनका जन्म 16 फरवरी, 1931 को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले (वर्तमान सिद्धार्थ नगर) में बिस्कोहर नामक गाँव में हुआ था।
उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की थी।
यह विश्वनाथ त्रिपाठी की प्रमुख पुस्तकों में से एक है।
नंगातलाई का गाँव, बिसनाथ का बलरामपुर, व्योमकेश दरवेश और हिंदी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास उनकी प्रमुख रचनाएँ मानी जाती हैं।
यह विश्वनाथ त्रिपाठी की प्रसिद्ध रचना है।
आशा है कि आपको समादृत आलोचक और साहित्यकार विश्वनाथ त्रिपाठी का जीवन परिचय (Vishwanath Tripathi Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।