Sevaram Yatri Ka Jivan Parichay: सेवा राम यात्री (से. रा. यात्री) आधुनिक हिंदी साहित्य के विख्यात कहानीकार, उपन्यासकार, व्यंग्यकार और संपादक माने जाते हैं। उन्होंने साहित्य जगत में मुख्यत गद्य विधा को अपनी लेखनी से समृद्ध किया है। वहीं साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें ‘उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान’ द्वारा कई बार सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें ‘साहित्य भूषण’ और ‘महात्मा गांधी साहित्य सम्मान’ से भी नवाजा जा चुका हैं।
बता दें कि सेवा राम यात्री की कई रचनाओं को विद्यालय के अलावा बीए और एमए के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं।
इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी सेवा राम यात्री का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब हम सुप्रसिद्ध साहित्यकार सेवा राम यात्री का जीवन परिचय (Sevaram Yatri Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | सेवा राम यात्री (से. रा. यात्री) |
जन्म | 10 जुलाई, 1932 |
जन्म स्थान | मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश |
शिक्षा | एम.ए, हिंदी साहित्य |
पेशा | लेखक, कहानीकार, उपन्यासकार, संपादक |
विधाएँ | उपन्यास, कहानी, व्यंग्य, संस्मरण |
भाषा | हिंदी |
साहित्य काल | आधुनिक काल |
पुरस्कार एवं सम्मान | साहित्य सम्मान, महात्मा गांधी साहित्य सम्मान |
निधन | 17 नवंबर, 2023 गाजियाबाद |
This Blog Includes:
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हुआ था जन्म
सुप्रसिद्ध साहित्यकार और संपादक सेवा राम यात्री (से. रा. यात्री) का जन्म 10 जुलाई, 1932 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हुआ था। बता दें कि उनके माता-पिता और प्रारंभिक जीवन के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। बताया जाता है कि उन्होंने ‘आगरा विश्वविद्यालय’ से राजनीति विज्ञान और हिंदी साहित्य में एमए किया था।
अध्यापन कार्य से की करियर की शुरुआत
उच्च शिक्षा के उपरांत सेवा राम यात्री शिक्षा के क्षेत्र में जुड़ गए। उन्होंने पहले मध्य प्रदेश के ‘नरसिंहपुर कॉलेज’ में अध्यापन किया। इसके बाद वे गाजियाबाद के ‘एमएमएच कॉलेज’ में अध्यापन कार्य करने लगे। फिर उन्होंने खुर्जा सहित कई शहरों के कॉलेजों में हिंदी प्रवक्ता के पद पर अध्यापन कार्य किया। वे महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा से राइटर-इन-रेजीडेंस के पद से सेवानिवृत होने के बाद पूर्ण रूप से साहित्य सृजन में जुट गए।
सेवा राम यात्री की रचनाएँ – Sevaram Yatri Ki Rachnaye
सेवा राम यात्री ने वर्ष 1971 में ‘दूसरे चेहरे’ नामक कहानी-संग्रह से अपनी साहित्यिक यात्रा शुरू की थी। जो कई दशकों तक अनवरत जारी रही। उन्होंने हिंदी साहित्य में उपन्यास, कहानी, संस्मरण और व्यंग्य विधा को अपनी लेखनी से समृद्ध किया। साथ ही कई पत्रिकाओं और कथा मासिक का संपादन किया। यहाँ सेवा राम यात्री का जीवन परिचय (Sevaram Yatri Ka Jivan Parichay) के साथ ही उनकी संपूर्ण रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-
उपन्यास
- दराजों में बंद दस्तावेज
- लौटते हुए
- कई अंधेरों के पार
- अपरिचित शेष
- चाँदनी के आर-पार
- टूटते दायरे
- बीच की दरार
- चादर के बाहर
- सुबह की तलाश
- प्यासी नदी
- घर न घाट
- भटका मेघ
- आकाशचारी
- आखिरी पड़ाव
- आत्मदाह
- बावजूद
- अंतहीन
- प्रथम परिचय
- जली रस्सी
- युद्ध अविराम
- दिशाहारा
- बेदखल अतीत
- एक जिंदगी और
- अनदेखे पुल
- कलंदर
- सुरंग के बाहर
कहानी-संग्रह
- केवल पिता
- अकर्मक क्रिया
- धरातल
- टापू पर अकेले
- दूसरे चेहरे
- अलग-अलग स्वीकार
- काल विदूषक
- सिलसिला
- खंडित संवाद
- नया संबंध
- भूख तथा अन्य कहानियाँ
- अभयदान
- पुल टूटते हुए
- विरोधी स्वर
- ख़ारिज और बेदखल
- परजीवी
व्यंग्य-संग्रह
- किस्सा एक खरगोश का
- दुनिया मेरे आगे
संस्मरण
- लौटना एक वाकिफ उम्र का
संपादन
- वर्तमान साहित्य मासिक पत्रिका
- विस्थापित (कथा-संग्रह)
पुरस्कार एवं सम्मान
सेवा राम यात्री (Sevaram Yatri Ka Jivan Parichay) को आधुनिक हिंदी साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- साहित्य सम्मान
- महात्मा गांधी साहित्य सम्मान
- साहित्य श्री
91 वर्ष की आयु में हुआ निधन
सेवा राम यात्री ने लगभग 5 दशकों तक हिंदी साहित्य में अनुपम कृतियों का सृजन किया था। किंतु लंबी बीमारी के कारण उनका 17 नवंबर, 2023 को 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बता दें कि उनके देहावसान से एक दिन पहले ही दीपशिखा संस्थान द्वारा उन्हें ‘दीपशिखा’ सम्मान से अलंकृत करने की घोषणा की थी। लेकिन इससे पहले ही उनका स्वर्गवास हो गया। लेकिन आज भी वे साहित्य जगत में अपनी लोकप्रिय कृतियों के लिए जाने जाते हैं।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ सुप्रसिद्ध साहित्यकार सेवा राम यात्री का जीवन परिचय (Sevaram Yatri Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
उनका पूरा नाम सेवा राम यात्री है।
सेवा राम यात्री का जन्म 10 जुलाई, 1932 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हुआ था।
उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान और हिंदी साहित्य में एम.ए किया था।
यह सेवा राम यात्री का लोकप्रिय कहानी संग्रह है।
उनका 17 नवंबर, 2023 को 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।
आशा है कि आपको सुप्रसिद्ध साहित्यकार सेवा राम यात्री का जीवन परिचय (Sevaram Yatri Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।