‘ब्राह्मण’ पत्रिका के संस्थापक प्रताप नारायण मिश्र का जीवन परिचय – Pratap Narayan Mishra Ka Jivan Parichay

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प्रताप नारायण मिश्र का जीवन परिचय

प्रताप नारायण मिश्र का जीवन परिचय: प्रताप नारायण मिश्र ‘भारतेंदु युग’ के प्रतिष्ठित कवि, गद्यकार और ‘ब्राह्मण’ पत्रिका के संस्थापक थे। प्रताप नारायण मिश्र ने ओजस्वी पत्रिका ‘ब्राह्मण’ का संपादन करके हिंदी पत्रिकारिता, भाषा एवं साहित्य के इतिहास में एक नए युग का आरंभ किया था। वे भारतेंदुकालीन साहित्यकारों में ही नहीं बल्कि पत्रकारों में भी अपना श्रेष्ठ स्थान रखते थे। आधुनिक हिंदी साहित्य की अनेक विधाओं को अपनी लेखनी से समृद्ध करने के साथ ही उन्होंने विख्यात साहित्यकार ‘बंकिमचंद्र चटर्जी’ और ‘ईश्वरचंद्र विद्यासागर’ सहित कई बांग्ला रचनाओं का हिंदी में अनुवाद किया है। 

क्या आप जानते हैं कि प्रताप नारायण मिश्र एक नाटककार और अभिनेता भी थे। उन्होंने स्वयंभारतेन्दु हरिश्चंद्र’ के कई नाटकों में अभिनय किया था। इसके साथ ही उन्होंने वर्ष 1883 में ‘भारत मनोरंजन’ क्लब की स्थापना की थीं। बता दें कि उनकी गद्य और पद्य रचनाओं को बीए और एमए के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी  प्रताप नारायण मिश्र का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। 

आइए अब हम ‘ब्राह्मण’ पत्रिका के संस्थापक प्रताप नारायण मिश्र का जीवन परिचय (Pratap Narayan Mishra Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नाम प्रताप नारायण मिश्र (Pratap Narayan Mishra)
जन्म 24 सितंबर, 1856 
जन्म स्थान बैजेगांव, उन्नाव जिला, उत्तर प्रदेश  
शिक्षा स्वाध्याय
पेशा कवि, गद्यकार, प्रकाशक और संपादक 
भाषा हिंदी 
साहित्य काल आधुनिक काल (भारतेंदु युग)
विधाएँ कविता, निबंध, कहानी, नाटक, अनुवाद, संपादन 
संस्थापक ‘ब्राह्मण’ (मासिक पत्रिका)
निधन 06 जुलाई, 1894 

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में हुआ था जन्म – Pratap Narayan Mishra Ka Jivan Parichay 

‘भारतेंदु युग’ के प्रतिष्ठित कवि, गद्यकार और संपादक प्रताप नारायण मिश्र का जन्म 24 सितंबर, 1856 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में बैसवाड़ा जनपद के एक गांव बैजेगांव में हुआ था। इनके पिता का नाम ‘संकटा प्रसाद मिश्र’ था जो पेशे से ज्योतिष विद्या का काम किया करते थे। बताया जाता है कि इनकी प्रारंभिक शिक्षा रामगंज मिशन स्कूल से शुरू हुई किंतु पढ़ाई में इनका मन नहीं लगा और बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी। इसके उपरांत उन्होंने स्वाध्याय के बल पर ही हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, फारसी और संस्कृत आदि भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया। इन भाषाओं के अतिरिक्त वे अवधी और ब्रजभाषा के भी पूर्ण जानकार थे। 

‘ब्राह्मण’ पत्रिका के संस्थापक 

प्रताप नारायण मिश्र ने 15 मार्च 1883 को अपने कुछ घनिष्ठ मित्रों के सहयोग से ‘ब्राह्मण’ मासिक पत्रिका का प्रकाशन किया था। यह एक साहित्यिक समाचार पत्र था, जिसमें समाज के सभी वर्ग के शिक्षित लेखक व चिंतक  लिखा करते थे। वहीं ब्राह्मण पत्रिका में हिंदी के मूर्धन्य लेखक और साहित्यकार लिखा करते थे। इनमें उनके गुरु ‘भारतेंदु हरिश्चंद’ के अलावा ‘बाबू राधाकृष्ण दास’, ‘अयोध्या सिंह उपाध्याय’, ‘काशीनाथ खत्री’, ‘श्रीधर पाठक’ और राधाचरण गोस्वामी का नाम प्रमुख हैं। बता दें कि ‘ब्राह्मण’ में समालोचना शीर्षक से पुस्तकों की समीक्षा भी छपती थी जिसके लिए एक अलग स्तम्भ रहता था। इस पत्रिका के प्रकाशन की लगभग पांच-छः वर्ष की अवधि साहित्य साधना और समाज सेवा की दृष्टि से उनके जीवन का ‘स्वर्णिम काल’ माना जाता है। 

प्रताप नारायण मिश्र की रचनाएँ – Pratap Narayan Mishra Ki Rachnaye

प्रताप नारायण मिश्र ने आधुनिक हिंदी साहित्य की कई विधाओं में श्रेष्ठ कृतियों का सृजन किया था। वे मुखयतः एक निबंधकार, कवि और पत्रकार के रूप में विख्यात थे। माना जाता है कि उन्होंने समसायिक विषयों पर लगभग 300 से अधिक निबंध लिखे थे। इसके अलावा उन्होंने बंगला से अनेक मौलिक ग्रथ अनुदित किए थे। यहाँ प्रताप नारायण मिश्र का जीवन परिचय (Pratap Narayan Mishra Ka Jivan Parichay) के साथ ही उनकी संपूर्ण रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:

काव्य-कृतियाँ 

  • प्रेम पुष्पांजलि 
  • मन की लहर
  • लोकोक्तिशतक
  • कानपुर महात्मय
  • दीवाने बरहमन
  • शोकाश्रु
  • बेगारी विलाप
  • प्रताप लहरी
  • तृप्यंताम्
  • दंगल खंड
  • ब्रेडला स्वागत
  • तारापात पचीसी

निबंध-संग्रह

  •  प्रतापनारायण ग्रंथावली (खंड-1)

कहानी संग्रह 

  • सती चरित 

नाटक 

  • कलि कौतुक 
  • दूध का दूध और पानी का पानी 
  • कलिप्रवेश
  • हठी हम्मीर 
  • जुआरी खुआरी 

 अनुवाद 

  • राधारानी 
  • कपाल कुंडला 
  • अमर सिंह 
  • नीतिरत्नावली 
  • कथामाला 
  • सेनवंश का इतिहास 
  • सूबे बंगाल का भूगोल  
  • वर्णपरिचय
  • शिशुविज्ञान 
  • राजसिंह राधारानी 
  • युगलांगुलीय
  • अमरसिंह 
  • इंदिरा 
  • देवी चौधरानी 

संपादन 

  • ब्राह्मण 
  • दैनिक हिंदोस्थान 

38 वर्ष की आयु में हुआ निधन 

प्रताप नारायण मिश्र ने दशकों तक हिंदी साहित्य को अपनी लेखनी से समृद्ध किया था। वहीं अपनी पत्रिका के माध्यम से क्रांतिकारी सैनानियों में ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध चेतना जगाई थी। लेकिन अल्प आयु में ही विभिन्न रोगों से पीड़ित होने के कारण उनका 06 जुलाई 1894 को निधन हो गया था। किंतु आज भी वे अपनी कृतियों और पत्रकारिता में दिए अतुलनीय योगदान के लिए जाने जाते हैं। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ ‘ब्राह्मण’ पत्रिका के संस्थापक प्रताप नारायण मिश्र का जीवन परिचय (Pratap Narayan Mishra Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतपी सी महालनोबिसआर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
मैथिलीशरण गुप्तअशोक वाजपेयीजाबिर हुसैन
विष्णु खरे उमाशंकर जोशी आलोक धन्वा 
घनानंद अयोध्या सिंह उपाध्यायबिहारी 
शिवपूजन सहायअमीर खुसरोमधु कांकरिया 
घनश्यामदास बिड़लाकेदारनाथ अग्रवालशकील बदायूंनी
मधुसूदन दासमहापंडित राहुल सांकृत्यायनभुवनेश्वर 
सत्यजित रेशिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’ भगवती चरण वर्मा
मोतीलाल नेहरू कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ श्री अरबिंदो 

FAQs 

प्रताप नारायण मिश्र का जन्म कब और कहां हुआ था?

उनका जन्म 24 सितंबर, 1856 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में बैसवाड़ा जनपद के एक गांव बैजेगांव में हुआ था। 

प्रताप नारायण मिश्र के पिता का नाम क्या था?

उनके पिता का नाम ‘संकटा प्रसाद मिश्र’ था। 

प्रताप नारायण मिश्र किस युग के लेखक हैं?

वे ‘भारतेंदु युग’ के प्रतिष्ठित लेखक हैं। 

प्रताप नारायण मिश्र की प्रमुख रचनाएं कौनसी हैं?

‘कलि कौतुक’ (नाटक) व ‘प्रताप लहरी’ (काव्य) उनकी प्रमुख रचनाएँ मानी जाती हैं। 

प्रताप नारायण मिश्र के नाटक कौन से हैं?

कलि कौतुक, दूध का दूध और पानी का पानी, कलिप्रवेश और हठी हम्मीर उनके प्रमुख नाटक माने जाते हैं। 

प्रताप नारायण मिश्र ने किस पत्रिका का संपादन किया था?

उन्होंने ‘ब्राह्मण’ मासिक पत्रिका का संपादन किया था। 

प्रताप नारायण मिश्र का निधन कब हुआ था?

38 वर्ष की आयु में उनका 06 जुलाई, 1894 को निधन हो गया था। 

आशा है कि आपको ‘ब्राह्मण’ पत्रिका के संस्थापक प्रताप नारायण मिश्र का जीवन परिचय (Pratap Narayan Mishra Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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