Balkrishna Sharma Naveen: प्रख्यात साहित्यकार एवं पत्रकार बालकृष्ण शर्मा नवीन का जीवन परिचय

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बालकृष्ण शर्मा नवीन का जीवन परिचय

Balkrishna Sharma Naveen Ka Jeevan Parichay: बालकृष्ण शर्मा नवीन आधुनिक हिंदी साहित्य के द्विवेदीयुगीन कवि, गद्यकार और प्रख्यात पत्रकार थे। ‘नवीन’ जी ने साहित्य में अनुपम कृतियों का सृजन करने के साथ ही भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया था। जिस कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था। उन्होंने ‘प्रताप’ और ‘प्रभा’ जैसे प्रतिष्ठित पत्रों का संपादन किया था। वहीं ‘अपलक’, ‘कुमकुम’, ‘क्वासि’, ‘रश्मिरेखा’, ‘विनोबा स्तवन’ और ‘उर्मिला’ बालकृष्ण शर्मा नवीन के लोकप्रिय काव्य-संग्रह हैं। साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 1960 में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया था। 

आपको बता दें कि बालकृष्ण शर्मा नवीन (Balkrishna Sharma Naveen) और उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET और UPSC में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी बालकृष्ण शर्मा नवीन का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। 

आइए अब इस लेख में सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं पत्रकार बालकृष्ण शर्मा नवीन का जीवन परिचय (Balkrishna Sharma Naveen Ka Jeevan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नाम बालकृष्ण शर्मा नवीन (Balkrishna Sharma Naveen)
उपनाम ‘नवीन’
जन्म 08 दिसंबर, 1897 
जन्म स्थान शाजापुर जिला, मध्य प्रदेश  
पिता का नाम जमनादास शर्मा 
माता का नाम राधाबाई 
शिक्षा स्नातक 
कार्य क्षेत्र कवि, गद्यकार, राजनीतिज्ञ व पत्रकार
भाषा ब्रजभाषा, खड़ीबोली, संस्कृत
विधा कविता, गद्य साहित्य 
मुख्य रचनाएँ अपलक, कुमकुम, क्वासि, रश्मिरेखा, विनोबा स्तवन और उर्मिला आदि। 
संपादन प्रताप, प्रभा (पत्र)
पुरस्कार एवं सम्मान पद्म भूषण (1960) 
निधन 29 अप्रैल, 1960

मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में हुआ था जन्म – Balkrishna Sharma Naveen Ka Jeevan Parichay

हिंदी साहित्य में प्रगतिशील लेखन के मूर्धन्य कवि पंडित बालकृष्ण शर्मा नवीन का जन्म 08 दिसंबर, 1897 को मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में हुआ था। इनके पिता का नाम ‘जमनादास शर्मा’ और माता का नाम ‘राधाबाई’ था। वर्ष 1917 में स्कूली शिक्षा पूरी कर ‘नवीन’ जी गणेशशंकर विद्यार्थी के कानपुर आश्रम में रहकर स्नातक की पढ़ाई करने गए थे। वहीं अपने अध्ययन काल में ही वह युगीन साहित्यिक वातावरण और राष्ट्रीय आंदोलन की हलचलों में पर्याप्त रुचि लेने लगे थे। इसी दौरान वह ‘लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, ‘श्रीमती एनी बेसेंट’ और ‘गणेशशंकर विद्यार्थीके संपर्क में आए। वहीं कांगेस के अधिवेशन में भी उन्होंने विधिवत भाग लिया था। 

इसके साथ ही वह कानपुर से गणेशशंकर विद्यार्थी के संपादन में प्रकाशित होने वाली पत्रिका ‘प्रताप’ का भी नियमित रूप से अध्ययन करते थे। इस बीच वह प्रतिष्ठित साहित्यकारमाखनलाल चतुर्वेदी’ औरमैथिलीशरण गुप्त’ के संपर्क में आए। 

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में लिया भाग 

वर्ष 1920 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में जब संपूर्ण राष्ट्र में सत्याग्रह आंदोलन शुरू हुआ तब बालकृष्ण शर्मा नवीन ने भी अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी और सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए। वर्ष 1921 से 1945 के बीच उन्हें छह बार जेल भी जाना पड़ा। किंतु जीवनपर्यंत राजनीति से उनका नाता बना रहा। वहीं ब्रिटिश हुकूमत से स्वतंत्रता मिलने के बाद उन्होंने पहली लोकसभा (1952-1957) में कानपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और 1957 से अपनी मृत्यु तक वे राज्यसभा के सदस्य रहे। वर्ष 1955 में उन्हें ‘राजभाषा आयोग’ का सदस्य भी नियुक्त किया गया था।

पत्रकार 

माना जाता है कि वर्ष 1917 में गणेशशंकर विद्यार्थी के संपर्क में आने के बाद बालकृष्ण शर्मा नवीन की व्यवस्थित लेखन की शुरुआत हुई थी। इस दौरान उनकी संबद्धता गणेशशंकर विद्यार्थी द्वारा प्रकाशित ‘प्रताप’ पत्र से हुई जिसके बाद  ‘प्रताप’ से उनका संबंध अंत तक बना रहा। वर्ष 1921 से 1923 के बीच उन्होंने हिंदी की राष्ट्रीय काव्य धारा को आगे बढ़ाने वाली पत्रिका ‘प्रभा’ का संपादन किया। वहीं वर्ष 1931 में गणेशशंकर विद्यार्थी की मृत्यु के पश्चात उन्होंने ही ‘प्रताप’ के प्रधान संपादक का उत्तरदायित्व सँभाला। इन पत्रों में लिखी गई उनकी संपादकीय टिप्पणियाँ अपनी निर्भीकता, खरेपन और कठोर शैली के लिए स्मरणीय हैं। 

बालकृष्ण शर्मा नवीन की प्रमुख रचनाएँ –  Balkrishna Sharma Naveen Ki Rachnaye

बालकृष्ण शर्मा नवीन जी ने हिंदी साहित्य की अनेक विधाओं में अपनी लेखनी चलाकर साहित्य का समृद्ध करने का कार्य किया था। आधुनिक हिंदी कविता के विकास में उनका स्थान अविस्मरणीय है। उनकी कविताओं में भक्ति-भावना, राष्ट्र-प्रेम तथा विद्रोह का स्वर मुख्य रूप से सामने आया है। ‘नवीन’ जी ने ब्रजभाषा के प्रभाव से युक्त खड़ी बोली हिंदी में काव्य रचना की हैं। यहाँ बालकृष्ण शर्मा नवीन का जीवन परिचय के साथ ही उनकी प्रमुख रचनाओं के बारे में बताया गया है :-

काव्य-संग्रह  

  • कुमकुम 
  • अपलक
  • रश्मिरेखा 
  • क्वासि
  • विनोबा स्तवन 
  • उर्मिला
  • हम विषपायी जन्म के 
  • प्राणार्पण 

यह भी पढ़ें – बालकृष्ण शर्मा नवीन की कविताएं

‘पद्म भूषण’ से किया गया सम्मानित 

बालकृष्ण शर्मा नवीन जी को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 1960 में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1989 में भारतीय डाक द्वारा उनके सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया गया था।

62 वर्ष की आयु में हुआ था निधन 

बालकृष्ण शर्मा नवीन जी का 29 अप्रैल, 1960 को 62 वर्ष की आयु में निधन हुआ था। किंतु अपनी लोकप्रिय रचनाओं के लिए वह आज ही साहित्य जगत में जाने जाते हैं। 

FAQs

बालकृष्ण शर्मा नवीन का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

पंडित बालकृष्ण शर्मा नवीन का जन्म 08 दिसंबर, 1897 को मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में हुआ था। 

बालकृष्ण शर्मा का उपनाम क्या है?

बाल कृष्ण शर्मा, जिन्हें ‘नवीन’ उपनाम से जाना जाता है। 

प्राणार्पण किसकी रचना है?

प्राणार्पण, बालकृष्ण शर्मा नवीन का प्रमुख काव्य-संग्रह है। 

रश्मिरेखा किसकी रचना है?

रश्मिरेखा, हिंदी साहित्य में प्रगतिशील लेखन के अग्रणी कवि बालकृष्ण शर्मा नवीन की रचना हैं। 

बालकृष्ण शर्मा नवीन को 1960 में कौन से राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया था?

साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 1960 में उन्हें देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया था।  

बालकृष्ण शर्मा नवीन का प्रथम काव्य संग्रह कौन सा है?

बालकृष्ण शर्मा नवीन का प्रथम काव्य संग्रह ‘कुंकुम’ है जिसका प्रकाशन वर्ष 1936 में हुआ था। 

विनोबा स्तवन किसकी रचना है?

यह बालकृष्ण शर्मा नवीन का लोकप्रिय काव्य-संग्रह है। 

बालकृष्ण शर्मा नवीन के माता-पिता का नाम क्या था?

बालकृष्ण शर्मा नवीन की माता का नाम ‘राधाबाई’ और पिता का नाम ‘जमनादास शर्मा’ था।

बालकृष्ण शर्मा नवीन का निधन कब हुआ था?

बालकृष्ण शर्मा नवीन जी का 29 अप्रैल, 1960 को 62 वर्ष की आयु में निधन हुआ था। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ हिंदी के समादृत साहित्यकार एवं पत्रकार बालकृष्ण शर्मा नवीन का जीवन परिचय (Balkrishna Sharma Naveen Ka Jeevan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
मैथिलीशरण गुप्तअशोक वाजपेयीजाबिर हुसैन
विष्णु खरे उमाशंकर जोशी आलोक धन्वा 
घनानंद अयोध्या सिंह उपाध्यायबिहारी 
शिवपूजन सहायअमीर खुसरोमधु कांकरिया 
घनश्यामदास बिड़लाकेदारनाथ अग्रवालशकील बदायूंनी
मधुसूदन दासमहापंडित राहुल सांकृत्यायनभुवनेश्वर 
सत्यजित रेशिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’ भगवती चरण वर्मा
मोतीलाल नेहरू कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ श्री अरबिंदो 
अमर गोस्वामीशमशेर बहादुर सिंहरस्किन बॉन्ड 
राजेंद्र यादव गोपालराम गहमरी राजी सेठ
गजानन माधव मुक्तिबोधसेवा राम यात्री ममता कालिया 
शरद जोशीकमला दासमृणाल पांडे
विद्यापति पदुमलाल पुन्नालाल बख्शीश्रीकांत वर्मा 
यतींद्र मिश्ररामविलास शर्मामास्ति वेंकटेश अय्यंगार
शैलेश मटियानीरहीमस्वयं प्रकाश 

आशा है कि आपको इस लेख में सुप्रसिद्ध साहित्यकार बालकृष्ण शर्मा नवीन का जीवन परिचय (Balkrishna Sharma Naveen Ka Jeevan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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