‘आधुनिक कन्नड़ साहित्य के जनक’ मास्ति वेंकटेश अय्यंगार का जीवन परिचय और साहित्यिक योगदान

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Masti Venkatesha Iyengar Biography In Hindi

मास्ति वेंकटेश अय्यंगार आधुनिक कन्नड़ साहित्य के सुप्रसिद्ध कथाकार, उपन्यासकार, नाटककार, अनुवादक और आलोचक थे। उन्होंने साहित्य की कई विधाओं में अनुपम कृतियों का सृजन किया है। कन्नड़ साहित्य में विशेष योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’, ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ तथा मैसूर विश्वविद्यालय द्वारा ‘डी.लिट.’ की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।

बता दें कि मास्ति वेंकटेश अय्यंगार की कुछ रचनाएँ विद्यालय स्तर के अलावा बी.ए. और एम.ए. के पाठ्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती हैं। उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं और अनेक शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की है। कन्नड़ साहित्य से संबंधित परीक्षाओं जैसे UGC-NET में शामिल अभ्यर्थियों के लिए भी मास्ति वेंकटेश अय्यंगार का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन आवश्यक माना जाता है।

मूल नाम मास्ति वेंकटेश अय्यंगार (Masti Venkatesha Iyengar)
अन्य नाम ‘श्रीनिवास’ और ‘मास्ति जी’ 
जन्म 6 जून, 1891 
जन्म स्थान हुंगेनहल्ली गांव,कोलार जिला, कर्नाटक 
शिक्षा एम.ए. (मद्रास विश्वविद्यालय)
पेशा कवि, कथाकार, लेखक, अनुवादक, संपादक 
भाषा कन्नड़, तमिल 
विधाएँ उपन्यास, कहानी, नाटक, कविता, समीक्षा, जीवनी
पुरस्कार एवं सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार 
निधन 6 जून, 1986

कर्नाटक के कोलार जिले में हुआ था जन्म

सुप्रसिद्ध साहित्यकार मास्ति वेंकटेश अय्यंगार का जन्म 6 जून, 1891 को कर्नाटक के कोलार जिले के हुंगेनहल्ली नामक गांव में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, किंतु बताया जाता है कि उन्होंने वर्ष 1914 में मद्रास विश्वविद्यालय से एम.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। वे बचपन से ही मेधावी छात्र थे, जिसका प्रमाण उन्होंने मैसूर राज्य की सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करके दिया।

साहित्य सृजन और संपादन 

इसके बाद मास्ति वेंकटेश अय्यंगार कई उच्च सरकारी पदों पर कार्यरत रहकर वर्ष 1944 में सेवानिवृत्त हुए। बताया जाता है कि स्कूली शिक्षा के दौरान ही उनका साहित्य के क्षेत्र में पदार्पण हो गया था। वे नौकरी के साथ-साथ साहित्य-सृजन भी करते रहे। मूलतः तमिल भाषी होने के बावजूद उन्होंने साहित्य-लेखन के लिए कन्नड़ भाषा को प्रमुखता से अपनाया। उन्होंने साहित्य की अनेक विधाओं में लेखन करने के अतिरिक्त 25 वर्षों तक ‘जीवन’ पत्रिका का संपादन भी किया।

मास्ति वेंकटेश अय्यंगार की साहित्यिक रचनाएँ

मास्ति वेंकटेश अय्यंगार का लेखन नाम ‘श्रीनिवास’ था, किंतु वे समस्त कर्नाटक में ‘मास्ति’ नाम से अधिक प्रसिद्ध हुए। उन्होंने कहानी, उपन्यास, कविता, नाटक, समीक्षा और जीवनी जैसी विविध साहित्यिक विधाओं में लेखन किया। इसके साथ ही उन्होंने कुछ प्रतिष्ठित पत्रिकाओं का संपादन भी किया।

उनकी प्रमुख साहित्यिक रचनाओं में – 15 कहानी-संग्रह, 3 ऐतिहासिक उपन्यास, 17 कविता-संग्रह, 18 नाटक, 18 निबंध-संग्रह व आलोचनात्मक ग्रंथ, 9 संपादित ग्रंथ तथा अंग्रेज़ी भाषा में 15 पुस्तकें सम्मिलित हैं। उनकी अनेक रचनाओं का भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद भी किया जा चुका है। नीचे उनकी समग्र साहित्यिक कृतियों की सूची दी जा रही है:-

काव्य-संग्रह 

  • मलर 
  • मूकन मक्कलु 
  • मानवी  
  • संक्रान्ति  
  • बिन्नह 
  • गौडर मल्ली 
  • नवरात्रि 
  • अरुण 
  • श्रीरामपट्टाभिषेक

नाटक 

  • अनारकली  
  • काकन कोटे 
  • पुरंदरदास  
  • भट्टर मगलु
  • शांता  
  • सावित्री  
  • मंजुला
  • यशोधरा 

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उपन्यास 

  • सुबण्णा  
  • शेषम्मा
  • चेन्नबसवनायक  
  • चिक्क वीरराजेन्द्र  

आत्मकथा

  • भाव (तीन भागों में)

अनुवाद

  • चंडमारूत 
  • द्वादषरात्री
  • लियर महाराजा 

संपादन

  • जीवन (मासिक) पत्रिका

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पुरस्कार एवं सम्मान 

मास्ति वेंकटेश अय्यंगार को आधुनिक कन्नड़ साहित्य में विशेष योगदान हेतु विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा अनेक पुरस्कार और सम्मान प्रदान किए गए हैं। ये इस प्रकार हैं:-

  • साहित्य अकादमी पुरस्कार 1969 
  • मास्ति वेंकटेश अय्यंगार वर्ष 1971 में साहित्य अकादेमी के फेलो रहे। इसके साथ ही वे कन्नड़ साहित्य सम्मेलन और कन्नड़ साहित्य परिषद के अध्यक्ष भी रहे।
  • ज्ञानपीठ पुरस्कार – वर्ष 1983

95 वर्ष की आयु में हुआ निधन 

मास्ति वेंकटेश अय्यंगार ने आधुनिक कन्नड़ साहित्य में कई दशकों तक अनुपम कृतियों का सृजन किया। किंतु यह एक दुर्लभ संयोग ही हो सकता है कि उनका अपने जन्मदिन के दिन ही 95 वर्ष की आयु में 6 जून, 1986 को बेंगलुरु में निधन हो गया। आज भी वे अपनी कालजयी रचनाओं के लिए स्मरण किए जाते हैं।

FAQs 

मास्ति वेंकटेश अय्यंगार का जन्म कहाँ हुआ था?

उनका जन्म 6 जून, 1891 को कर्नाटक के कोलार जिले में हुंगेनहल्ली नामक गांव  में हुआ था। 

मास्ति वेंकटेश अय्यंगार ने कहाँ से उच्च शिक्षा प्राप्त की थी?

उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से एम.ए की डिग्री हासिल की थी। 

मास्ति वेंकटेश अय्यंगार के अन्य नाम क्या है?

उनका काव्य-नाम ‘श्रीनिवास’ था किंतु साहित्य जगत में वे मास्ति नाम से विख्यात हुए। 

मास्ति वेंकटेश अय्यंगार को ज्ञानपीठ पुरस्कार कब मिला था?

वर्ष 1983 में उन्हें कन्नड़ साहित्य में विशेष योगदान देने के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 

मास्ति वेंकटेश अय्यंगार का निधन कब हुआ था। 

उनका निधन 6 जून, 1986 को 95 वर्ष की आयु में बेंगलुरु में हुआ था।

आशा है कि आपको कन्नड़ साहित्य के स्तंभ मास्ति वेंकटेश अय्यंगार का जीवन परिचय पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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