Indian Constitution: भारतीय संविधान, सिर्फ नियमों और कानूनों का एक संग्रह नहीं है, बल्कि एक ऐसा दर्पण है जो भारतीय समाज की आकांक्षाओं, मूल्यों और आदर्शों को प्रतिबिंबित करता है, समाज को किस प्रकार से संचालित करना है, नियम कानूनों को किस प्रकार से लागू करना है, इसके बारे में संविधान में विस्तार से बताया गया है। इस ब्लॉग में आपको भारतीय संविधान के प्रमुख कार्य क्या है? (What are the main functions of the constitution) के बारे में बताया गया है।
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संविधान के प्रमुख कार्य
संविधान के प्रमुख कार्य यहाँ दिए गए हैं;-
सरकार की संरचना और शक्तियों का निर्धारण
- संविधान सरकार के विभिन्न अंगों, जैसे कि
- विधायिका (संसद),
- कार्यपालिका (राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री परिषद),
- और न्यायपालिका (सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय), की संरचना, शक्तियों और कार्यों को परिभाषित करता है।
- यह केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शक्तियों के वितरण को भी स्पष्ट करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि प्रत्येक स्तर की सरकार अपने अधिकार क्षेत्र में काम करे।
- यह सरकार के विभिन्न अंगों के बीच संतुलन स्थापित करता है, जिससे किसी एक अंग की निरंकुशता को रोका जा सके।
मौलिक अधिकारों की रक्षा
- संविधान नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करता है, जो उनकी स्वतंत्रता, समानता और गरिमा की रक्षा करते हैं।
- ये अधिकार न्यायसंगत हैं, जिसका अर्थ है कि यदि इनका उल्लंघन होता है, तो नागरिक अदालत में जा सकते हैं।
- मौलिक अधिकार में समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार और संवैधानिक उपचारों का अधिकार शामिल हैं।
- यह अधिकार नागरिकों को राज्य और अन्य व्यक्तियों के मनमाने कार्यों से बचाते हैं।
राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत
- संविधान राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों को निर्धारित करता है, जो सरकार को सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।
- ये सिद्धांत कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण हैं, और सरकार को नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रेरित करते हैं।
- हालांकि, ये सिद्धांत न्यायसंगत नहीं हैं, जिसका अर्थ है कि यदि सरकार इनका पालन नहीं करती है, तो नागरिक अदालत में नहीं जा सकते।
लोकतंत्र की स्थापना
- संविधान एक लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना करता है, जिसमें नागरिकों को अपने प्रतिनिधियों को चुनने और सरकार में भाग लेने का अधिकार होता है।
- यह सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव, कानून का शासन, और प्रेस की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों को स्थापित करता है।
- यह सुनिश्चित करता है कि सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह हो और उनकी इच्छाओं के अनुसार काम करे।
राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा देना
- संविधान भारत को एक संघीय गणराज्य के रूप में स्थापित करता है, जो विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों को एक साथ लाता है।
- यह राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रावधानों को शामिल करता है, जैसे कि एकल नागरिकता, एक एकीकृत न्यायपालिका, और अखिल भारतीय सेवाएं।
- यह सुनिश्चित करता है कि देश की विविधता को बनाए रखते हुए राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया जाए।
सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देना
- संविधान सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रावधानों को शामिल करता है, जैसे कि राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत और मौलिक कर्तव्य।
- यह समाज के कमजोर वर्गों, जैसे कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और महिलाओं, के लिए विशेष प्रावधान करता है।
- यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिकों को समान अवसर मिले और वे गरिमापूर्ण जीवन जी सकें।
कानून का शासन स्थापित करना
- संविधान कानून के शासन को स्थापित करता है, जिसका अर्थ है कि सभी नागरिक कानून के समक्ष समान हैं और कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।
- यह सुनिश्चित करता है कि सरकार मनमाने ढंग से काम न करे और सभी नागरिकों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करे।
सांस्कृतिक और भाषाई विविधता का सम्मान करना
- संविधान भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता का सम्मान करता है और सभी नागरिकों को अपनी संस्कृति और भाषा को बनाए रखने का अधिकार देता है।
- यह सुनिश्चित करता है कि देश की विविधता को संरक्षित करते हुए राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया जाए।
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भारतीय संविधान की विशेषताएं
भारतीय संविधान एक बहुआयामी दस्तावेज है, जो देश की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक संरचना को आकार देता है। यह सिर्फ नियमों और कानूनों का एक संग्रह नहीं है, बल्कि एक ऐसा दर्पण है जो भारतीय समाज की आकांक्षाओं, मूल्यों और आदर्शों को प्रतिबिंबित करता है। संविधान देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने, लोकतंत्र को मजबूत करने, और सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय संविधान की विशेषताएं कुछ इस प्रकार है:-
- सबसे लंबा लिखित संविधान
- विभिन्न स्रोतों से लिया गया संविधान
- कठोरता और लचीलेपन का मिश्रण
- एकात्मकता के साथ संघीय प्रणाली
- संसदीय शासन प्रणाली
- मौलिक अधिकार
- राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत
- मौलिक कर्तव्य
- धर्मनिरपेक्षता
- स्वतंत्र न्यायपालिका
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संविधान की भूमिका और महत्व
भारतीय संविधान, न केवल भारत गणराज्य का सर्वोच्च कानून है, बल्कि यह एक जीवंत दस्तावेज भी है जो देश की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक संरचना को आकार देता है। यह सिर्फ नियमों और कानूनों का एक संग्रह नहीं है, बल्कि एक ऐसा दर्पण है जो भारतीय समाज की आकांक्षाओं, मूल्यों और आदर्शों को प्रतिबिंबित करता है। संविधान किसी भी देश के लिए एक मूलभूत दस्तावेज होता है, जो उसकी शासन प्रणाली को परिभाषित करता है।
यह सरकार के विभिन्न अंगों की शक्तियों और कार्यों को निर्धारित करता है, नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट करता है, और एक न्यायपूर्ण और समतामूलक समाज की स्थापना के लिए मार्ग प्रशस्त करता है। भारतीय संविधान भी इसी प्रकार की भूमिका निभाता है। यह देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने, लोकतंत्र को मजबूत करने, और सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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संविधान के प्रकार
कानून और सिद्धांतों का समूह जो देश की नीव है। जो देश में शासन का काम करती है। बताना चाहेंगे भारतीय संविधान को दो भागों में बांटा गया है। पहला लिखित और दूसरा अलिखित।
लिखित संविधान: लिखित संविधान को दस्तावेज़ में सावधानी से लिखा गया है और संभाल के रखा गया गया है। एक लिखित संविधान वह होता है जिसे एक व्यवस्थित और सुसंगठित प्रारूप में लिपिबद्ध और संकलित किया जाता है। इन संविधानों की रचना एक क्रमिक और विधिवत प्रक्रिया के तहत होती है, और भविष्य में किए जाने वाले किसी भी संशोधन को लगभग तत्काल ही इसमें शामिल कर लिया जाता है। यद्यपि लिखित संविधान सामान्यतः नम्य होते हैं, तथापि कुछ अवसरों पर उनमें अनम्यता भी पाई जा सकती है। ऐसे संविधानों में, संविधान को सर्वोच्च स्थान प्राप्त होता है, और संवैधानिक सर्वोच्चता को सुनिश्चित करने के लिए न्यायपालिका अपेक्षाकृत अधिक शक्तिशाली होती है।
अलिखित संविधान: अलिखित संविधान में कोई भी कानून लिखित रूप में नहीं होता वह बस किसी किताब में होने के कारण दस्तावेजीकृति होते हैं। अलिखित संविधान, संरचनात्मक रूप से संहिताबद्ध न होने के बावजूद, समय के साथ नए कानूनों और दिशानिर्देशों को स्वीकार करते हुए विकसित होता रहता है। यह कठोरता और लचीलेपन का मिश्रण प्रदर्शित करता है। ऐसे संविधान वाले राष्ट्रों में, विधायिका सर्वोच्च शक्ति रखती है, जबकि न्यायपालिका के अधिकार अपेक्षाकृत सीमित होते हैं। मैग्ना कार्टा को प्रारंभिक अलिखित संवैधानिक दस्तावेजों में से एक माना जाता है।
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संविधान का उद्देश्य
संविधान का मुख्य उद्देश्य समाज को सक्षम बनाना, आकांक्षाओं को पूरा करना, नागरिकों को आर्थिक न्याय दिलाना,देश को सक्षम बनाना, न्यायपूर्ण समाज में अच्छी परिस्थिति निर्मित करना है। वहीं भारतीय संविधान एक समतावादी सामाजिक व्यवस्था स्थापित करने की परिकल्पना करता है, जो गणराज्य के सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय देता है। संविधान का उद्देश्य समाज में निर्णय लेने और देने का अधिकार निर्धारित करना, मौलिक नियमों का समूह बनाना और नागरिकों पर क्या लागू करना है कि अनुमति देना है।
FAQs
भारतीय संविधान के प्रमुख कार्य हैं कार्यकारी और न्यायिक अंगों को बांधना। संविधान सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करता है और स्वतंत्र न्यायपालिका को संविधान का उल्लंघन करने वाले कानूनों या सरकारी कार्यों को अमान्य करने का अधिकार देता है।
संविधान के प्रमुख उद्देश्य हैं, न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, राष्ट्र की एकता और अखंडता, संप्रभुता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, गणतंत्र।
संविधान का दूसरा कार्य तय करना है कि समाज में निर्णय लेने की शक्ति किसके पास होगी।
संविधान का लक्ष्य कल्याणकारी राज्य सृजित करना है।
संविधान राष्ट्र की राजनीतिक व्यवस्था का बुनियादी ढाँचा निर्धारित करता है।
भारतीय संविधान 22 भागों में विभाजित हैं तथा इसमें 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ हैं।
डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता माना जाता है।
भारतीय संविधान के मुख्य उद्देश्यों में संप्रभुता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और गणतंत्र शामिल हैं।
आशा है कि आपको इस लेख में भारतीय संविधान के प्रमुख कार्य क्या है? (What are the main functions of the constitution) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही UPSC और सामान्य ज्ञान से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।