Vijaydan Detha Ka Jivan Parichay: समादृत साहित्यकार विजयदान देथा का जीवन परिचय

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Vijaydan Detha Ka Jivan Parichay

Vijaydan Detha Ka Jivan Parichay: विजयदान देथा आधुनिक भारतीय कथा-साहित्य के एक सर्वथा मौलिक और अनूठे हस्ताक्षर हैं। बता दें कि भारतीय भाषाओं के रचनाकारों के बीच उन्हें प्रेमपूर्वक ‘बिज्जी’ कहकर पुकारा जाता है। विजयदान देथा ने साहित्य की अनेक विधाओं में अनुपम रचनाओं का सृजन किया हैं। उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन में लगभग 800 से अधिक लघु कथाएँ लिखी हैं। वहीं ‘बातां री फुलवाड़ी’ (भाग-10) पर उन्हें वर्ष 1974 में राजस्थानी भाषा का प्रथम साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसके साथ ही वर्ष 2007 में उन्हें साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा गया। 

विजयदान देथा की लोकप्रिय कहानी ‘दुविधा’ पर वर्ष 1973 में बॉलीवुड के दिग्गज फिल्म निर्देशक ‘मणि कौल’ ने एक कथा फिल्म बनाई थी। तदंतर उनकी कहानियां अनुवाद के माध्यम से भारतीय भाषाओं में पहुंची और उन्हें एक विलक्षण कथाकार के रूप में पहचाना जाने लगा। इस ब्लॉग में प्रख्यात साहित्यकार विजयदान देथा का जीवन परिचय (Vijaydan Detha Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में बताया गया है। 

नाम विजयदान देथा (Vijaydan Detha)
उपनाम ‘बिज्जी’ (Bijji)
जन्म 01 सितंबर, 1926 
जन्म स्थान बोरुंदा ग्राम, जोधपुर जिला, राजस्थान 
शिक्षा बी.ए.
पितामह का नाम जुगतीदान देथा 
पिता का नाम सबलदान देथा 
पत्नी का नाम शायर कुंवर 
कार्य क्षेत्र लेखन और संपादन 
विधाएँ कहानी, लोक साहित्य, बाल कथाएँ व उपन्यास  
भाषा राजस्थानी, हिंदी 
पुरस्कार एवं सम्मान पद्म श्री (2007) साहित्य अकादमी पुरस्कार(1974),भारतीय भाषा परिषद अवॉर्ड (1992) के.के बिड़ला फाउंडेशन, नाहर पुरस्कार व दीपचंद जैन साहित्य पुरस्कार आदि। 
निधन 10 नवंबर, 2013 राजस्थान 
जीवनकाल 87 वर्ष 

राजस्थान के जोधपुर जिले में हुआ था जन्म – Vijaydan Detha Ka Jivan Parichay

प्रतिष्ठित साहित्यकार विजयदान देथा (Vijaydan Detha) का जन्म 01 सितंबर, 1926 को राजस्थान के जोधपुर जिले के बोरुंदा नामक गांव में हुआ था। इनके पितामह का नाम ‘जुगतीदान देथा’ था जो राजस्थानी की डिंगल काव्य धारा के विख्यात कवि थे। वहीं पिता ‘सबलदान देथा’ (Sabaldan Detha) भी पुश्तैनी चारणी काव्य-परंपरा के रचना-कौशल में निपुण थे। 

स्कूली शिक्षा के दौरान हुआ साहित्य के क्षेत्र में पर्दापण 

विजयदान देथा की आरंभिक शिक्षा पाली जिले के जैतारण कस्बे की प्राथमिक शाला से शुरू हुई। फिर उच्च प्राथमिक की पढ़ाई करने उन्हें बाड़मेर जाना पड़ा। बताया जाता है कि छठी कक्षा में एक कविता की रचना कर उन्होंने अपने लेखकीय जीवन की शुरुआत की थी। तदुपरांत जोधपुर के जसवंत कॉलेज में उच्च शिक्षा के दौरान वर्ष 1947 में उनका ‘उषा’ नामक प्रथम काव्य-संग्रह प्रकाशित हुआ। 

साहित्य सृजन एवं संपादन 

विजयदान देथा ने अपनी लेखन यात्रा हिंदी से शुरू की थी। प्रारंभ में उन्होंने जोधपुर से प्रकाशित होने वाले ज्वाला साप्ताहिक में ‘घनश्याम पर्दा गिराओ’, ‘दोजख की सैर’ व ‘हम सभी मानव हैं’, कॉलम लंबे समय तक नियमित रूप से लिखे। फिर अनेक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन और सह-लेखन करते हुए उन्होंने वर्ष 1959 में हिंदी के स्थान पर राजस्थानी में लिखने का निर्णय लिया। इसके बाद उन्होंने बातां री फुलवाड़ी के 14 भागों का सृजन किया। कथा-साहित्य के अलावा विजयदान देथा ने संपादन, संग्रहण और पाठ-शोधन में अपना अतुलनीय योगदान दिया है। उनके द्वारा संपादित ‘परंपरा’ (राजस्थानी त्रैमासिक) के तीन विशिष्ठ अंक ‘लोकगीत’, ‘गोरा हट जा’ तथा ‘जेठवे रा सोरठा’ राजस्थानी साहित्य की विशिष्ठ कृतियाँ हैं। 

‘रूपायन संस्थान’ की स्थापना की 

विजयदान देथा ने वर्ष 1960 में प्रख्यात लोककलाविद ‘कोमल कोठारी’ (Komal Kothari) के साथ ‘रूपायन संस्थान’ (Rupayan Sansthan) नाम से लोक संस्कृति केंद्र की स्थापना की। यह राजस्थानी भाषा की समृद्धि को सामने लाने के लिए लोकगीतों, लोकवाद्यों व लोक कथाओं को एकत्रित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। 

कहानियों पर बन चुकी हैं फिल्म

विजयदान देथा द्वारा रचित कई कहानियों पर फिल्मकारों ने फिल्म बनाई हैं। फिल्म निर्देशक ‘मणि कौल’ के अलावा ‘श्याम बेनेगल’ और ‘प्रकाश झा’ ने भी उनकी कहानियों पर फिल्में बनाई हैं। इसके साथ ही उनकी दर्जनों कहानियों पर देश विदेश के विभिन्न शहरों में नाट्य मंचन हुए हैं। बता दें कि सुप्रसिद्ध नाट्य निर्देशक हबीब तनवीर द्वारा निर्देशित उनकी कहानी पर आधारित नाटक चरणदास चोर (Charandas Chor) को देश-विदेश में बहुत पसंद किया गया है। 

विजयदान देथा की रचनाएँ – Vijaydan Detha Ki Rachnaye

विजयदान देथा ने साहित्य की अनेक विधाओं में अनुपम कृतियों का सृजन किया हैं। अभी तक उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें कहानी-संग्रह, उपन्यास व बाल कथाएं शामिल हैं। यहाँ विजयदान देथा का जीवन परिचय (Vijaydan Detha Ka Jivan Parichay) के साथ ही उनकी संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं के बारे में बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:- 

विजयदान देथा की किताबें 

  • बातां री फुलवारी – 14 भाग 
  • अनोखा पेड़ – बाल कथाएं 
  • दुविधा व अन्य कहानियां 
  • उलझन
  • लाजवंती – 2001  
  • चौदराइन की चतुराई 
  • कब्बूरानी – बाल कथाएं 
  • उजाले के मुसाहिब 
  • अंतराल – 1998 
  • महामिलन – उपन्यास 
  • प्रिय मृणाल 
  • मेरौ दरद न जाने कोय 
  • प्रतिशोध – उपन्यास 

पुरस्कार एवं सम्मान

विजयदान देथा (Vijaydan Detha Ka Jivan Parichay) को भारतीय साहित्य और कला के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • पद्म श्री – 2007 
  • राजस्थानी साहित्य अकादमी पुरस्कार – 1974 
  • भारतीय भाषा परिषद अवॉर्ड – 1992 
  • के.के बिड़ला फाउंडेशन, 
  • नाहर पुरस्कार 
  • दीपचंद जैन साहित्य पुरस्कार 
  • द ग्रेट सन ऑफ राजस्थान 
  • दूरदर्शन व आकाशवाणी ने विजयदान देथा को इमेरिटस फेलोशिप देकर सम्मानित किया है। 
  • भारतीय ज्ञानपीठ ने राजस्थान के प्रेमख्यानों पर कथात्मक लेखन करने के लिए श्री देथा को एक वर्षीय फेलोशिप प्रदान की थी। 
  • राजस्थानी साहित्य अकादमी की महत्तर सदस्यता। 

87 वर्ष की आयु में हुआ था निधन 

विजयदान देथा का 10 नवंबर, 2013 को 87 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने के कारण निधन हुआ था। किंतु आज भी वे अपनी लोकप्रिय रचनाओं के लिए जाने जाते हैं।  

FAQs 

विजयदान देथा का जन्म कहाँ हुआ था?

विजयदान देथा का जन्म 01 सितंबर, 1926 को राजस्थान के जोधपुर जिले के बोरुंदा नामक गांव में हुआ था।

उजाले के मुसाहिब किसकी रचना है?

उजाले के मुसाहिब, विजयदान देथा की लोकप्रिय रचना है। 

विजयदान देथा की पुस्तक दुविधा पर कौन सी फिल्म का निर्माण हो चुका है?

विजयदान देथा की पुस्तक ‘दुविधा’ पर ‘पहेली’ फिल्म बनाई गई है।

विजयदान देथा ने किस संस्थान की स्थापना की थी?

विजयदान देथा ने वर्ष 1960 में प्रख्यात लोककलाविद ‘कोमल कोठारी’ के साथ ‘रूपायन संस्थान’ नाम से लोक संस्कृति केंद्र की स्थापना की थी। 

विजयदान देथा की मृत्यु कब हुई थी?

विजयदान देथा का 10 नवंबर, 2013 को 87 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने के कारण निधन हुआ था। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ समादृत साहित्यकार विजयदान देथा का जीवन परिचय (Vijaydan Detha Biography in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों के जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
मैथिलीशरण गुप्तअशोक वाजपेयीजाबिर हुसैन
विष्णु खरे उमाशंकर जोशी आलोक धन्वा 
घनानंद अयोध्या सिंह उपाध्यायबिहारी 
शिवपूजन सहायअमीर खुसरोमधु कांकरिया 
घनश्यामदास बिड़लाकेदारनाथ अग्रवालशकील बदायूंनी
मधुसूदन दासमहापंडित राहुल सांकृत्यायनभुवनेश्वर 
सत्यजित रेशिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’ भगवती चरण वर्मा
मोतीलाल नेहरू कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ श्री अरबिंदो 
अमर गोस्वामीशमशेर बहादुर सिंहरस्किन बॉन्ड 
राजेंद्र यादव गोपालराम गहमरी राजी सेठ
गजानन माधव मुक्तिबोधसेवा राम यात्री ममता कालिया 
शरद जोशीकमला दासमृणाल पांडे
विद्यापति पदुमलाल पुन्नालाल बख्शीश्रीकांत वर्मा 
यतींद्र मिश्ररामविलास शर्मामास्ति वेंकटेश अय्यंगार
शैलेश मटियानीरहीमस्वयं प्रकाश 

आशा है कि आपको प्रख्यात साहित्यकार विजयदान देथा का जीवन परिचय (Vijaydan Detha Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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