Uprashtrapati Election Process: उपराष्ट्रपति का निर्वाचन कैसे होता है?

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उपराष्ट्रपति का निर्वाचन कैसे होता है

Uprashtrapati Election Process: वर्तनाम में भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ हैं। बताना चाहेंगे भारत के संवैधानिक प्रावधान के अनुसार निर्वाचन आयोग उपराष्ट्रपति के पद हेतु निर्वाचन संचालित करता है। वहीं संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत, भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचन का अधिवीक्षण, निदेशन तथा नियंत्रण निर्वाचन आयोग में निहित होता है। भारत के उपराष्ट्रपति पद के निर्वाचन के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 54 से 68 राष्ट्रपतीय और उपराष्ट्रपतीय निर्वाचन अधिनियम, 1952 एवं राष्ट्रपतीय और उपराष्ट्रपतीय निर्वाचन नियम, 1974 क़ानूनी व्यवस्था निर्मित करते हैं। जबकि निर्वाचन आयोग द्वारा अनुपूरक अनुदेश तथा निर्देश जारी किए जाते हैं। 

वहीं पदमुक्त होने वाले उपराष्ट्रपति की पदावधि की समाप्ति से पूर्व उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संचालित करने के लिए संवैधानिक जनादेश होता है ताकि पदमुक्त होने वाले पदधारी की पदावधि की समाप्ति तारीख के अगले दिन नव निर्वाचित उपराष्ट्रपति अपना पद ग्रहण कर सके। उपराष्ट्रपति राज्यों की परिषद (राज्यसभा) का पदेन अध्यक्ष होता है और उसके पास कोई अन्य लाभ का पद नहीं होता है।

बता दें कि UPSC परीक्षा समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव (Uprashtrapati Election Process) से संबंधित प्रश्न अकसर पूछे जाते हैं। इसलिए इस लेख में उपराष्ट्रपति का निर्वाचन कैसे होता है? के बारे में बताया गया है। 

उपराष्ट्रपति का निर्वाचन कैसे होता है?

उपराष्ट्रपति का निर्वाचन केवल संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सदस्यों द्वारा ही किया जाता है। उपराष्ट्रपति के निर्वाचन में दोनों सदनों के नामनिर्दिष्ट निर्वाचक के रूप में भाग लेने के पात्र होते हैं। वहीं दोनों सदनों के नामनिर्दिष्ट सदस्यों को उपराष्ट्रपति निर्वाचन में मतदान करने का भी अधिकार होता है। इस मामले में, प्रत्येक वोट का मूल्य 1 होता है। ध्यान दें कि उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचकगण द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है और ऐसे निर्वाचन में मतदान गुप्त होता है।

वहीं अगले उपराष्ट्रपति का निर्वाचन निवर्तमान उपराष्ट्रपति की पदावधि की समाप्ति के 60 दिनों के भीतर किया जाना होता है। उपराष्ट्रपति निर्वाचनों को संचालित करने के लिए सामान्यत: नियुक्त निर्वाचन अधिकारी चक्रानुक्रम में संसद के किसी भी सदन का महासचिव होता है। वहीं निर्वाचित होने के लिए अर्हित तथा उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचन के लिए खड़े होने वाले किसी भी व्यक्ति को कम से कम 20 संसद सदस्यों द्वारा प्रस्तावक के रूप में और कम से कम 20 संसद सदस्यों द्वारा समर्थक के रूप में नामित किया जाना अपेक्षित है।

बताना चाहेंगे उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचन चाहने वाले अभ्यर्थी को 15,000/- रू. की जमानत राशि जमा करनी होती है। अभ्यार्थी की ओर से दायर नामांकन पत्रों की संख्या चाहे कितनी भी हो, उसे सिर्फ यही राशि जमा करानी होती है। इसके साथ ही कोई भी अभ्यर्थी विनिर्दिष्ट समय के भीतर निर्वाचन अधिकारी को विहित प्रपत्र में लिखित सूचना देकर अपनी अभ्यर्थिता वापस ले सकता है। 

इसके उपरांत निर्वाचन कराए जाने और मतों की गणना कराए जाने के बाद, निर्वाचन अधिकारी निर्वाचन का परिणाम घोषित करता है। उसके पश्चात्, वह केंद्र सरकार (विधि और न्याय मंत्रालय) तथा भारत के निर्वाचन आयोग को इस परिणाम की जानकारी देता है और केंद्र सरकार राजपत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित व्यक्ति का नाम प्रकाशित कराती है।

उपराष्ट्रपतीय निर्वाचन के लिए पात्रता 

उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित होने वाले कैंडिडेट के लिए पात्रता शर्तें निम्नलिखित हैं:-

  • भारत का नागरिक होना चाहिए। 
  • 35 वर्ष की आयु पूर्ण होनी चाहिए। 
  • लोकसभा सदस्य के रूप में निर्वाचन के लिए योग्य होना चाहिए। 
  • केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकरण या किसी अन्य सार्वजनिक प्राधिकरण में किसी लाभ का पद धारण कर रहा व्यक्ति उपराष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए योग्य नहीं है। 

FAQs 

भारत के उपराष्ट्रपति कौन है?

वर्तमान में भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ हैं।

भारत के उपराष्ट्रपति का निर्वाचन कौन करता है?

भारत के उपराष्ट्रपति का निर्वाचन समानुपातिक प्रतिनिधित्व के तहत एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के द्वारा किया जाता है।

भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?

राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनाव नियम, 1974 के नियम 8 के अनुसार, चुनाव के लिए मतदान संसद भवन में होगा।

उपराष्ट्रपति का कार्यकाल कितना होता है?

उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्षों का होता है। वर्षों की यह अवधि उपराष्ट्रपति पद अभिग्रहण करने की तारीख से आरंभ होती है। 

उपराष्ट्रपति को शपथ कौन दिलाता है?

भारत के राष्ट्रपति द्वारा उपराष्ट्रपति को शपथ दिलाई जाती है।

उपराष्ट्रपति कौन होता है?

भारत में राष्ट्रपति के बाद उपराष्ट्रपति का पद कार्यकारिणी में दूसरा सबसे बड़ा पद होता है। भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा के अध्यक्ष के तौर पर विधायी कार्यों में भी हिस्सा लेता है।

आशा है कि आपको इस लेख में उपराष्ट्रपति का निर्वाचन कैसे होता है? (Uprashtrapati Election Process) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही सामान्य ज्ञान और ट्रेंडिंग इवेंट्स से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।  

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