सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन क्या होता है?

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सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन (विषय संयोजन) का मतलब उन सब्जेक्ट्स से है, जिन्हें स्टूडेंट्स एकेडमिक सेशन की शुरुआत में कोर्स की अवधि में अध्ययन करने के लिए चुनते हैं। स्कूल, काॅलेज या फिर यूनिवर्सिटीज हों, स्टूडेंट्स को एक ही समय में कई सब्जेक्ट्स पढ़ने की अनुमति मिलती है। एडमिशन के समय स्टूडेंट्स को ध्यान से सब्जेक्ट सेलेक्ट करने चाहिए, जिनसे उन्हें आगे परेशानी न हो। इस ब्लाॅग subject combination in hindi में सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन क्या होता है के बारे में विस्तृत जानेंगे।

सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन का क्या मतलब है?

सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन उन सब्जेक्ट्स के सेट को रेफर करता है, जिन्हें स्टूडेंट्स को स्टडी करने की आवश्यकता होती है। इसमें अनिवार्य और वैकल्पिक (कंपल्सरी और ऑप्शनल) सब्जेक्ट्स शामिल हैं। एक बच्चे के कक्षा 6 में प्रवेश करने के बाद subject combination अस्तित्व में आता है और उनके स्कूल की पढ़ाई के दौरान जारी रहता है।

उपलब्ध विकल्पों में से सब्जेक्ट्स का चयन करने से स्टूडेंट्स को उनकी रुचि के अनुरूप कोर्स की स्टडी करने में मदद मिलती है। मेन सब्जेक्ट पूरी कक्षा के लिए समान रहते हैं, जबकि ऑप्शनल सब्जेक्ट्स स्टूडेंट्स की इच्छा के अनुसार बदलते रहते हैं। 

किसी भी कोर्स को चुनने से पहले कई सब्जेक्ट्स स्टूडेंट्स के लिए अनिवार्य होते हैं, जबकि ऑप्शनल सब्जेक्ट्स को ऐच्छिक (इलेक्टिव) के रूप में रखा जाता है। किसी भी कोर्स का हर सब्जेक्ट महत्वपूर्ण होता है, लेकिन सही सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन कई जाॅब्स में अहम भूमिका निभाता है। आईएएस, पीसीएस, बैंक, एसएससी और टीचर की जॉब्स आदि के लिए सही सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन बहुत ही जरूरी होता है।

सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन क्यों चुनें?

किसी भी सब्जेक्ट को चुनने या फिर सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन subject combination क्यों चुनना चाहिए, इसमें पहला कदम अपनी ताकत और उन सब्जेक्ट्स को जानना होगा, जिनमें आपकी रुचि हो। अगर आप अपनी स्ट्रीम से हटकर अलग कुछ सब्जेक्ट्स को पढ़ना चाहते हैं तो आपके लिए सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन जरूरी है।

एक स्टूडेंट के लिए अपने करियर की योजनाओं और अपने सब्जेक्ट्स के लिए जागरूक होना महत्वपूर्ण है। कई बार स्टूडेंट्स अपनी स्ट्रीम से जुड़े सब्जेक्ट्स के साथ ही एडिशनल सब्जेक्ट्स पढ़ना चाहते हैं तो उनके लिए भी सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन आवश्यक है। कई बार आप 10वींं और 12वीं के बाद अपनी स्ट्रीम से हटकर कोर्सेज का चुनाव करते हैं, वहां पर भी आपकी पीछे की पढ़ाई में सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन महत्वपूर्ण हो जाता है। 

किसी भी कोर्स में प्रवेश के लिए अलग-अलग मानदंड हैं। यदि आप साइंस के कोर्सेज देखें तो केमेस्ट्री, फिजिक्स और मैथ जरूरी है। हालांकि, मेडिकल की फील्ड में जाने के लिए केमेस्ट्री, फिजिक्स और बाॅयोलाजी आवश्यक है, अब यहां पर मैथ हट जाएगी। यहीं पर सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन का काॅंसेप्ट समझा जा सकता है। 

भारता के अलावा अन्य देशों की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स अपने सब्जेक्ट्स को सही से देख लें, क्योंकि यह भारतीय यूनिवर्सिटीज की आवश्यकताओं से अलग हो सकते हैं। 

सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन कैसे चुनें?

सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन का चयन कैसे करें जो आपके लिए लाभदायक हो। सबसे पहले आपको यह जानना चाहिए कि आपकी स्ट्रीम कौन सी है और आपको किस फील्ड में आगे बढ़ना है।

सब्जेक्ट्स का चयन करते समय अपनी रुचि और क्षमता पर विशेष ध्यान दें। सब्जेक्ट्स का चयन करते समय अपने पैरेंट्स, टीचर और अन्य लोगों की सलाह ले सकते हैं। हालांकि सभी लोग अपनी अलग-अलग राय दे सकते हैं, इसलिए अलग-अलग सलाह मिलने पर कंफ्यूज न हों और अपनी क्षमता का आंकलन कर आगे बढ़ें।

शुरुआती पढ़ाई के बाद या फिर 8वीं के बाद अपने लक्ष्य के आधार पर स्ट्रीम चुनें और उसी के अनुसार आगे बढ़ें। वर्तमान में तीन स्ट्रीम में से कोई एक स्ट्रीम चुनकर और उसके सब्जेक्ट्स के साथ स्टडी कर स्टूडेंट्स अपना करियर बनाने का सपना देखते हैं, नीचे subject combination in hindi प्वाइंट्स में बताएंगे-

10वीं के लिए सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन

10वीं के लिए सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन (subject combination) का मतलब है कि 10वीं के लिए एक सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन उन सब्जेक्ट्स के सेट को रेफर करता है जो स्टूडेंट्स को मैट्रिक परीक्षा देकर अपने 10वीं का सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए स्टडी करने की आवश्यकता होती है। इनमें कंपलशरी और ऑप्शनल दोनों तरह के विषय सब्जेक्ट्स शामिल होते हैं।

उदाहरण के लिए देखें तो ICSE स्टूडेंट्स के पास ग्रुप II में साइंस, मैथ, इकोनाॅमिक्स आदि में से किसी भी 1 सब्जेक्ट्स के साथ ग्रुप III में होम साइंस, फैशन डिजाइनिंग, कंप्यूटर आदि में से कोई भी दो सब्जेक्ट्स चुन सकते हैं। हालांकि ग्रुप I में इंग्लिश, सेंकड लैंग्वेज, जियोग्राॅफी और हिस्ट्री अनिवार्य हैं। 

स्कूल यह तय कर सकता है कि आ ICSE कोर्स में ऑप्शनल सब्जेक्ट्स की पसंद के आधार पर चनें। स्टेट बोर्ड और सीबीएसई कोर्स में सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन लैंग्वेज, मैथ और सोशल स्टडी शामिल हो सकते हैं। साइंस सब्जेक्ट्स काॅम्बिनेशन हम नीचे देख सकते हैं- 

  • बाॅटनी, जूलाॅजी, केमेस्ट्री
  • बाॅटनी, जूलाॅजी, जियोग्राॅफी
  • बाॅटनी, जूलाॅजी, सेरीकल्चर (Sericulture)
  • केमेस्ट्री, फिजिक्स, मैथ
  • फिजिक्स, केमेस्ट्री, जियोग्राॅफी
  • फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलाॅजी

12वीं के लिए सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन

12वीं के स्टूडेंट्स के लिए subject combination की बात करें तो 10वीं में आपकी स्टडी के अंत के  साथ शुरू होता है। स्टूडेंट्स के लिए 12वीं में स्टडी की योजना बनाते समय अपनी क्षमता और करियर बनाने के विकल्प पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि 12वीं के बाद आपको ग्रेजुएशन और अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज में एडमिशन लेना होता है।

साइंस के स्टूडेंट्स के लिए सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन के कुछ महत्वपूर्ण ऑप्शनल सब्जेक्ट्स- फिजिकल एजुकेशन, होम साइंस, फैशन स्टडीज, पब्लिक स्पीकिंग, एकेडमिक राइटिंग, कंप्यूटर एप्लीकेशन, मल्टीमीडिया एंड वेब टेक्नोलॉजीज, फॉरेन लैंग्वेज, पर्सनल फाइनेंस और फोटोग्राफी आदि हैं।

12वीं के लिए सबसे अच्छा काॅम्बिनेशन क्या है, और इसे चुनने का निर्णय लेने के लिए प्रत्येक स्ट्रीम के मेन सब्जेक्ट्स नीचे दिए गए हैं-

सब्जेक्ट काॅम्बिनेशनसाइंसकाॅमर्सह्यूमैनिटीज
सब्जेक्ट काॅम्बिनेशनइंग्लिशइंग्लिश इंग्लिश
सब्जेक्ट काॅम्बिनेशनफिजिक्सअकाउंटेसीपाॅलिटिकल साइंस या जियोग्राॅफी
सब्जेक्ट काॅम्बिनेशनकेमेस्ट्रीबिजनेस स्टडीहिस्ट्री या साइकोलाॅजी
सब्जेक्ट काॅम्बिनेशनमैथ- बाॅयोलाॅजी- इकोनाॅमिक्सइकोनाॅमिक्सइकोनाॅमिक्स या सोशियोलाॅजी

ग्रेजुएशन के लिए सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन

कोई भी स्टूडेंट्स जब 10वीं और 12वींं पास कर लेता है तो उसे ग्रेजुएशन में एडमिशन लेने के लिए सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन का विशेष ध्यान रखना होता है। क्योंकि यहां से न सिर्फ आप ग्रेजुएशन के लिए एलिजिबिल हैं, बल्कि अपनी स्ट्रीम के अनुसार डिप्लोमा और प्रोफेशनल डिग्री कोर्सेज भी कर सकते हैं।

ग्रेजुएशन लेवल पर स्कूल लेवल की तुलना में सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन अधिक विविध (diverse) है। कई कोर्स स्टूडेंट्स को ऑप्शनल सब्जेक्ट्स प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें अपनी रुचि में विशेषज्ञता हासिल करने का मौका मिलता है। 

उदाहरण के तौर पर देखें तो एक बीएससी का स्टूडेंट दर्शनशास्त्र (फिलॉसफी) फैकल्टी द्वारा प्रस्तावित सब्जेक्ट ले सकता है या बीकाॅम का स्टूडेंट फाइन आर्ट्स कोर्सेज कर सकता है। कॉलेज लेवर पर ऑप्शनल सब्जेक्ट्स या फिर सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन में हम नीचे दिए गए सब्जेक्ट चुन सकते हैं- 

ग्रेजुएशन में कुछ अन्य कोर्सेज के लिए सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन इस प्रकार है-

  • बाॅटनी,जूलाॅजी, सेरीकल्चर, EVS, कम्युनिकेशन, इंग्लिश, हिंदी, उर्दू, पंजाबी
  • केमेस्ट्री, बाॅटनी, बाॅयोटेक्नोलाॅजी, EVS, कम्युनिकेशन, इंग्लिश, हिंदी, उर्दू, पंजाबी
  • केमेस्ट्री, बाॅटनी, जियोग्राॅफी, EVS, कम्युनिकेशन, इंग्लिश, हिंदी, उर्दू, पंजाबी
  • केमेस्ट्री, जूलाॅजी, बाॅयोटेक्नोलाॅजी, EVS, कम्युनिकेशन, इंग्लिश, हिंदी, उर्दू, पंजाबी
  • केमेस्ट्री, बाॅटनी, जूलाॅजी, EVS, कम्युनिकेशन, इंग्लिश, हिंदी, उर्दू, पंजाबी

मास्टर्स के लिए सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन

मास्टर्स के लिए सब्जेक्ट काॅंम्बिनेशन आपकी पीछे की स्ट्रीम पर निर्भर करता है या कह सकते हैं आपने ग्रेजुएशन किस स्ट्रीम से किया है। मास्टर डिग्री सबसे अलग शैक्षणिक योग्यता है, जिसे आप जाॅब्स और कंपनियों में काम करने के साथ भी कर सकते हैं।  

MSc, MA, FFA से लेकर MPhil, MRS तक के स्टूडेंट्स के लिए subject combination in hindi प्वाइंट्स में बताया गया है-

  • फिल्म स्टडीज
  • एक्टिंग
  • राइटिंग
  • शास्त्रीय नृत्य
  • प्लंबिंग
  • इलेक्ट्रॉनिक्स
  • वुडवर्क
  • पेंटिंग 

बीएड के लिए सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन 

बीएड के लिए स्टूडेंट्स सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन के काफी विकल्प देखते हैं, क्योंकि बीएड करने से स्टूडेंट्स के लिए टीचिंग की फील्ड में स्कोप बढ़ जाता है। बीएड में आप अपने मेन सब्जेक्ट्स में फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ, बायोलाॅजी, हिंदी, इंग्लिश आदि में किसी का चुनाव कर सकते हैं। बीएड में subject combination in hindi की लिस्ट नीचे दी गई है-

  • साइंस + लैंग्वेज
  • फिजिकल साइंस + मैथ
  • कंप्यूटर एजुकेशन + मैथ
  • कंप्यूटर एजुकेशन + लैंग्वेज
  • काॅमर्स + इकोनाॅमिक्स
  • सोशल स्टडी + लैंग्वेज
  • इकोनाॅमिक्स + मैथ
  • फाइन आर्ट्स + लैंग्वेज
  • बायोलाॅजी + केमेस्ट्री, मैथ, जियोग्राॅफी, फिजिक्स, कंप्यूटर साइंस या जूलाॅजी 
  • केमेस्ट्री + बायोलाॅजी, जियोग्राॅफी, जूलाॅजी, मैथ, फिजिक्स या कंप्यूटर साइंस
  • जियोग्राॅफी + जूलाॅजी, मैथ, केमेस्ट्री, फिजिक्स, बायोलाॅजी या कंप्यूटर साइंस
  • जूलाॅजी +जियोग्राॅफी, मैथ, फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलाॅजी या कंप्यूटर साइंस
  • मैथ + बायोलाॅजी, केमेस्ट्री, कंप्यूटर साइंस, जियोग्राॅफी, जूलाॅजी, फिजिक्स या मैथ
  • फिजिक्स + बायोलाॅजी, केमेस्ट्री, कंप्यूटर साइंस, जूलाॅजी, मैथ या जियोग्राॅफी
  • कंप्यूटर साइंस + मैथ, फिजिक्स, जियोग्राॅफी, जूलाॅजी, बायोलाॅजी या केमेस्ट्री

FAQs

सब्जेक्ट को हिंदी में क्या कहते हैं?

उत्तर- सब्जेक्ट को हिंदी में विषय बोला जाता है।

9वीं में कौन सी स्ट्रीम चुन सकते हैं?

उत्तर- 9वीं में स्ट्रीम चुनना केवल आप पर निर्भर करता है, आप अपनी क्षमता का आंंकलन कर साइंंस, काॅमर्स या आर्ट्स स्ट्रीम चुन सकते हैं।

टीचर बनने के लिए बीए में कौन से सब्जेक्ट्स ले सकते हैं?

उत्तर- टीचिंंग की फील्ड में जाने के लिए हिंदी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य, संस्कृत साहित्य, अर्थशास्त्र, जियोग्राॅफी, पाॅलिटिकल साइंस आदि सब्जेक्ट्स ले सकते हैं।

काॅमर्स में कौन-कौन से सब्जेक्ट्स होते हैं?

उत्तर- काॅमर्स में 11वीं और 12वीं में 5 सब्जेक्ट्स कंपल्सरी होते हैं। अकाउंटसी, बिजनेस स्टडीज, इकोनाॅमिक्स, मैथ और इंग्लिश। 

बीएड में सबसे अच्छा सब्जेक्ट कौन सा है?

उत्तर- किसी भी कोर्स में कई सब्जेक्ट्स होते हैं और कोई आपकी रुचि के अनुसार कोई भी सब्जेक्ट अच्छा हो सकता है। बीएड में सबसे अच्छा सब्जेक्ट पाॅलिटिकल साइंस माना जाता है।

आशा है कि आपको subject combination in hindi ब्लॉग के द्वारा सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन क्या है के बारे में जानने और अपने सब्जेक्ट्स चुनने में मदद मिली होगी। यदि आपको यह ब्लॉग पसंद आया है, तो इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करें। ऐसे ही अन्य रोचक, ज्ञानवर्धक और आकर्षक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu Hindi Blogs के साथ बने रहें।

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