Ilachandra Joshi : सुप्रसिद्ध साहित्यकार इलाचंद्र जोशी का जीवन परिचय और साहित्यिक रचनाएँ 

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Ilachandra Joshi Ka Jivan Parichay

Ilachandra Joshi Ka Jivan Parichay : इलाचंद्र जोशी आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार एवं संपादक थे। उन्हें हिंदी में मनोवैज्ञानिक उपन्यासों का आरंभकर्ता भी माना जाता हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी इलाचंद्र जोशी ने हिंदी की अनेक विधाओं में अपनी लेखनी चलाकर साहित्य को समृद्ध किया है। ‘संन्यासी’ और ‘जहाज का पंछी’ उनकी कालजयी रचना मानी जाती हैं। वहीं, उनकी अन्य प्रमुख कृतियाँ हैं-  ‘पर्दे की रानी’, ‘प्रेत और छाया’, ‘मुक्तिपथ’ (उपन्यास) ‘धूपरेखा’, ‘दीवाली और होली’, ‘रोमांटिक छाया’ (कहानी-संग्रह) ‘साहित्य सर्जना’, ‘शरतचंद्र-व्यक्ति और कलाकार’, ‘रवींद्रनाथ ठाकुर’ (समालोचना तथा निबंध) आदि। 

इलाचंद्र जोशी को हिंदी साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा ‘ऋतुचक्र’ उपन्यास पर ‘प्रेमचंद पुरस्कार’, ‘विशिष्ट पुरस्कार’ सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका हैं। बता दें कि इलाचंद्र जोशी की कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET और UPSC परीक्षा में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी इलाचंद्र जोशी का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। 

आइए अब इस लेख में  सुप्रसिद्ध साहित्यकार इलाचंद्र जोशी का जीवन परिचय (Ilachandra Joshi Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नाम इलाचंद्र जोशी (Ilachandra Joshi) 
जन्म 13 दिसंबर, 1902
जन्म स्थान अल्मोड़ा, उत्तराखंड 
पिता का नाम चंद्रबल्लभ जोशी
माता का नाम लीलावती जोशी 
पत्नी का नाम हरिप्रिया 
साहित्य काल आधुनिक काल 
कार्य क्षेत्र साहित्य और संपादन 
भाषा हिंदी 
मुख्य रचनाएँ संन्यासी, पर्दे की रानी, प्रेत और छाया, जहाज का पंछी (उपन्यास) खँडहर की आत्माएँ, डायरी के नीरस पृष्ठ (कहानी-संग्रह) साहित्य चिंतन, शरतचंद्र-व्यक्ति और कलाकार (समालोचना तथा निबंध)
संपादन चाँद, सुधा, कोलकाता समाचार, विश्वचाणी, सम्मेलन-पत्रिका व संगम आदि। 
पुरस्कार एवं सम्मान प्रेमचंद पुरस्कार, विशिष्ट पुरस्कार, साहित्य वाचस्पति की उपाधि (1979)
निधन 14 दिसंबर, 1982 इलाहाबाद 

उतराखंड के अल्मोड़ा जिले में हुआ था जन्म – Ilachandra Joshi Ka Jivan Parichay

समादृत साहित्यकार इलाचंद्र जोशी का जन्म 13 दिसंबर, 1902 को उत्तराखड़ के अल्मोड़ा जिले में एक प्रतिष्ठित मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। इलाचंद्र जी के पिता ‘चंद्रबल्लभ जोशी’ वन विभाग में प्रधान मुख्य वन संरक्षक के निजी सचिव एवं एक प्रसिद्ध संगीतज्ञ थे। वहीं उनकी माता का नाम ‘लीलावती जोशी’ था। जबकि उनके बड़े भाई ‘हेमचंद्र जोशी’ एक प्रख्यात भाषाशास्त्री विद्वान थे। बताया जाता है कि हाईस्कूल जाने के दौरान इलाचंद्र जी ने हिंदी और अंग्रेजी साहित्य को पढ़ना शुरू कर दिया था। उनके पिताजी ने अपने अध्ययन के लिए अल्मोड़ा में एक निजी पुस्तकालय खुलवाया था। जिसमें देशी-विदेशी साहित्य की बहुत सी श्रेष्ठ पुस्तकें उपलब्ध थी। इलाचंद्र जी ने भी इस सुविधा का लाभ उठाया। परिणाम स्वरूप उन्हें संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी साहित्य से विशेष लगाव हो गया और तीनों में उन्होंने आधिकारिक ज्ञान प्राप्त किया। 

साहित्यिक रचनाएं एवं संपादन कार्य

औपचारिक शिक्षा में विशेष रूचि न होने के कारण इलाचंद्र जोशी की शिक्षा मैट्रिक तक ही हुई। इसके बाद वह अल्मोड़ा से कलकत्ता चले गए। तब उनकी आयु मात्र 19 वर्ष थी। यहाँ उनका शुरूआती जीवन संघर्षमय रहा। बाद में उन्होंने एक मासिक पत्र ‘विश्वमित्र’ नाम से निकाला। इससे उनकी प्रसिद्धि होने लगी। वर्ष 1921 के आसपास इलाचंद्र जी की मुलाकात बांग्ला के श्रेष्ठ उपन्यासकार ‘शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय’ से हुई। इसके बाद उनके साथ उनका घनिष्ठ आत्मीय संबंध स्थापित हो गया। शरतचन्द्र के साहित्यिक विचारों का प्रभाव भी उनपर हुआ। 

इलाचंद्र जोशी का साहित्य के क्षेत्र में पर्दापण कथा साहित्य से हुआ। उनकी अधिकांश कहानियाँ आत्मचरित शैली में लिखी गई थी। उन्होंने अपना प्रथम उपन्यास ‘घृणामयी’ वर्ष 1927 में लिखा था जो वर्ष 1929 में ‘लज्जा’ नाम से प्रकाशित हुआ। वर्ष 1932 में वह अपने बड़े भाई हेमचंद्र के साथ मिलकर ‘विश्ववाणी’ पत्रिका का संपादन करने लगे। इन्हीं दिनों उन्होंने ‘संन्यासी’ उपन्यास लिखना शुरू किया था। मनोविज्ञान की यह उनकी सर्वोत्तम कृति मानी जाती है। 

इलाचंद्र जोशी ने इस दौरान साहित्य सृजन और संपादन के साथ-साथ ‘आल इंडिया रेडियो’ में प्रोड्यूसर के पद पर भी कार्य किया। बाद में वह लखनऊ से प्रकाशित होने वाले एक मासिक पत्र ‘सुधा’ में सहायक संपादक के रूप में कार्य करने लगे। ‘चाँद’, ‘कोलकाता समाचार’, ‘विश्वचाणी’, ‘संगम’, ‘धर्मयुद्ध’ और ‘साहित्यकार’ जैसी पत्रिकाओं के संपादन से भी वह जुड़े रहे। 

इलाचंद्र जोशी की प्रमुख रचनाएं – Ilachandra Joshi Ki Rachnaye

इलाचंद्र जोशी ने हिंदी साहित्य की अनेक विधाओं में अपनी लेखनी चलाकर अनुपम कृतियों का सृजन किया हैं। यहाँ इलाचंद्र जोशी (Ilachandra Joshi Ka Jivan Parichay) की संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं के बारे में बताया गया हैं:-

इलाचंद्र जोशी के उपन्यास – Ilachandra Joshi Ke Upanyas 

  • लज्जा
  • संन्यासी
  • पर्दे की रानी
  • प्रेत और छाया
  • निर्वासित
  • मुक्तिपथ
  • सुबह के भूले
  • जिप्सी
  • जहाज़ का पंछी
  • भूत का भविष्य
  • ऋतुचक्र

कहानी

  • धूपरेखा
  • दीवाली और होली
  • रोमांटिक छाया
  • आहुति
  • खँडहर की आत्माएँ’
  • डायरी के नीरस पृष्ठ
  • कँटीले फूल लजीले काँटे

समालोचना तथा निबंध 

  • साहित्य सर्जना
  • विवेचना
  • विश्लेषण
  • साहित्य चिंतन
  • शरतचन्द्र-व्यक्ति और कलाकार
  • रवीन्द्रनाथ ठाकुर
  • देखा-परखा

पुरस्कार एवं सम्मान

इलाचंद्र जोशी (Ilachandra Joshi Ka Jivan Parichay) को हिंदी साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना उल्लेखनीय योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं :-

  • उत्तर प्रदेश शासन द्वारा ‘ऋतुचक्र’ उपन्यास पर इलाचंद्र जोशी को ‘प्रेमचंद पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। 
  • उत्तर प्रदेश शासन द्वारा ‘विशिष्ट पुरस्कार’ प्राप्त हुआ। 
  • सन् 1979 में उन्हें ‘साहित्य वाचस्पति’ की उपाधि से अलंकृत किया गया था।

प्रयागराज में हुआ था निधन 

इलाचंद्र जोशी का गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण 14 दिसंबर, 1982 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में निधन हुआ था। किंतु अपनी बहुचर्चित रचनाओं के लिए वह आज भी जाने जाते हैं। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ सुपरिचित साहित्यकार इलाचंद्र जोशी का जीवन परिचय (Ilachandra Joshi Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
मैथिलीशरण गुप्तअशोक वाजपेयीजाबिर हुसैन
विष्णु खरे उमाशंकर जोशी आलोक धन्वा 
घनानंद अयोध्या सिंह उपाध्यायबिहारी 
शिवपूजन सहायअमीर खुसरोमधु कांकरिया 
घनश्यामदास बिड़लाकेदारनाथ अग्रवालशकील बदायूंनी
मधुसूदन दासमहापंडित राहुल सांकृत्यायनभुवनेश्वर 
सत्यजित रेशिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’ भगवती चरण वर्मा
मोतीलाल नेहरू कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ श्री अरबिंदो 
अमर गोस्वामीशमशेर बहादुर सिंहरस्किन बॉन्ड 
राजेंद्र यादव गोपालराम गहमरी राजी सेठ
गजानन माधव मुक्तिबोधसेवा राम यात्री ममता कालिया 
शरद जोशीकमला दासमृणाल पांडे
विद्यापति पदुमलाल पुन्नालाल बख्शीश्रीकांत वर्मा 
यतींद्र मिश्ररामविलास शर्मामास्ति वेंकटेश अय्यंगार
शैलेश मटियानीरहीमस्वयं प्रकाश 

FAQs 

इलाचंद्र जोशी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

इलाचंद्र जोशी का जन्म 13 दिसंबर, 1902 को उत्तराखड़ के अल्मोड़ा जिले में हुआ था। 

इलाचंद्र जोशी के माता-पिता का नाम क्या था?

इलाचंद्र जोशी की माता का नाम ‘लीलावती जोशी’ जबकि पिता का नाम ‘चंद्रबल्लभ जोशी’ था। 

संन्यासी किसका उपन्यास है?

संन्यासी, इलाचंद्र जोशी का लोकप्रिय उपन्यास है। 

जहाज का पंछी किसकी कृति है?

जहाज़ का पंछी के लेखक इलाचंद्र जोशी हैं।

इलाचंद्र जोशी की मृत्यु कब हुई थी?

इलाचंद्र जोशी का 14 दिसंबर, 1982 को 79 वर्ष की आयु में निधन हुआ था।  

आशा है कि आपको विख्यात साहित्यकार इलाचंद्र जोशी का जीवन परिचय (Ilachandra Joshi Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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