Motilal Nehru Biography in Hindi: मोतीलाल नेहरू आजादी से पूर्व देश के सबसे प्रतिष्ठित वकील, स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री ‘पंडित जवाहरलाल नेहरू’ के पिता थे। बता दें कि मोतीलाल नेहरू ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ (INC) में नरमदल के शीर्ष नेताओं में से एक थे। ‘राष्ट्रपिता’ महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित होकर उन्होंने अपनी वकालत छोड़ दी थी और स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए थे।
क्या आप जानते हैं कि नेहरू परिवार कश्मीर का रहने वाला था, लेकिन अठारहवीं शताब्दी की शुरुआत में वे दिल्ली आकर बस गए लेकिन उनका स्थायी निवास स्थान इलाहाबाद रहा। वर्तमान समय में नेहरू-गांधी परिवार की यादें उनके निवास स्थान स्वराज और आनंद भवन पर संजोकर रखी गई है। आइए अब हम प्रख्यात वकील और राजनीतिज्ञ पंडित मोतीलाल नेहरू का जीवन परिचय (Motilal Nehru Biography in Hindi) और उनकी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | मोतीलाल नेहरू (Motilal Nehru) |
जन्म | 6 मई, 1861 |
जन्म स्थान | आगरा, उत्तर प्रदेश |
पिता का नाम | गंगाधर नेहरू |
माता का नाम | जियोरानी |
पत्नी का नाम | स्वरूप रानी |
संतान | जवाहरलाल नेहरू, विजयलक्ष्मी पंडित, कृष्ण नेहरू हुथीसिंह |
शिक्षा | लॉ |
पेशा | वकील, एक्टिविस्ट, राजनीतिज्ञ, स्वतंत्रता सेनानी |
निधन | 6 फरवरी, 1931 |
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आगरा में हुआ था जन्म – Motilal Nehru Biography in Hindi
प्रख्यात वकील और राजनीतिज्ञ पंडित मोतीलाल नेहरू का जन्म 6 मई, 1861 को उत्तर प्रदेश के आगरा में एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके दादा लक्ष्मी नारायण नेहरू, दिल्ली के मुगल दरबार में ईस्ट इंडिया कंपनी के पहले वकील थे और उनके पिता, गंगाधर नेहरू, वर्ष 1857 में दिल्ली में एक पुलिस अधिकारी थे। उनकी माता का नाम ‘जियोरानी’ था।
अल्प आयु में ही पिता के असामयिक निधन के बाद उनका बचपन खेतड़ी, राजस्थान में बीता। जहाँ उनके बड़े भाई ‘नंदलाल’ दीवान थे। लेकिन 1870 में उनके बड़े भाई ने खेतड़ी छोड़ दी और वकील के रूप में योग्यता प्राप्त करने के बाद आगरा में कानून का अभ्यास करना शुरू कर दिया। किंतु जब उच्च न्यायालय को इलाहाबाद स्थानांतरित कर दिया गया, तो मोतीलाल नेहरू भी उनके साथ चले गए।
वकालत की परीक्षा में किया टॉप
मोतीलाल नेहरू ने कानपुर से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की और इलाहाबाद के ‘मुइर सेंट्रल कॉलेज’ में दाखिला लिया। अपने अध्ययन के दौरान उन्होंने वकील बनने का निर्णय लिया और वर्ष 1883 में वकालत की परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल किया। इसके पश्चात उन्होंने कानपुर में वकालत शुरू कर दी। लेकिन तीन वर्ष बाद वे इलाहाबाद चले गए जहां उच्च न्यायलय में उनके भाई नंदलाल एक प्रतिष्ठित वकील थे।
किंतु दुर्भाग्यवश वर्ष 1887 में 42 वर्ष की आयु में 42 साल की आयु में उनका निधन हो गया। जिसके बाद परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। इस समय उनकी आयु मात्र 25 वर्ष की थी। वहीं, जैसे-जैसे वे वकालत के पेशे में आगे बढ़े उनका जीवन स्तर उठाता चला गया। इसके साथ ही उनपर पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव भी पड़ता जा रहा था।
मोतीलाल नेहरू का वैवाहिक जीवन
मोतीलाल नेहरू का विवाह ‘स्वरूप रानी कौल’ से हुआ था जिसके बाद उन्हें 14 नवंबर, 1889 को पुत्र की प्राप्त हुई, जो भारत के पहले प्रधानमंत्री ‘पंडित जवाहर लाल नेहरू’ बने। उनकी दो बेटियां भी थीं ‘विजयलक्ष्मी पंडित’ और ‘कृष्णा हथीसिंग’।
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स्वतंत्रता संग्राम में लिया भाग
मोतीलाल नेहरू ने वर्ष 1888 के इलाहाबाद अधिवेशन ने भाग लिया था। इसके बाद वर्ष 1907 में उन्होंने इलाहाबाद में नरम दल राजनीतिज्ञों के एक प्रांतीय सम्म्मेलन की अध्यक्षता की थी। वर्ष 1919 में अमृतसर, ‘जलियांवाला बाग नरसंहार’ के बाद वे भी पूर्ण रूप से स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। वे शुरूआती भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ने वाले नेताओं में से एक थे।
05 फरवरी 1919 को पंडित मोतीलाल नेहरू ने ‘द इंडिपेंडेंट’ नामक एक नया दैनिक समाचारपत्र शुरू किया था जो ‘भारत के लिए होम रूल’ का समर्थक था। बताया जाता है कि वे एकमात्र ऐसे अग्रणी नेता थे जिन्होंने सितंबर 1920 में कांग्रेस के विशेष अधिवेशन में ‘अहसयोग आंदोलन’ का समर्थन किया था। बता दें कि उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के कारण कई बार जेल भी जाना पड़ा था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने ‘महात्मा गांधी’ के ‘नमक सत्याग्रह’ का समर्थन करने के लिए गुजरात की यात्रा की थी। वे कांग्रेस के कई अहम पदों पर रहे थे और उन्होंने दो बार यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी।
मोतीलाल नेहरू का निधन
मोतीलाल नेहरू को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के कारण कई बार जेल भी जाना पड़ा था जिससे वे स्वास्थ्य संबंधी रोगों से ग्रसित हो गए थे। जिसके कारण भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इस महान स्वतंत्रता सेनानी का 06 फरवरी 1931 को निधन हो गया।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ मोतीलाल नेहरू का जीवन परिचय (Motilal Nehru Biography in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
उनका जन्म 6 मई, 1861 को उत्तर प्रदेश के आगरा में एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
उनके पिता का नाम ‘जियोरानी’ और पिता का नाम ‘गंगाधर नेहरू’ था।
मोतीलाल नेहरू ने दो शादियाँ की थी।
05 फरवरी 1919 को उन्होंने ‘द इंडिपेंडेंट’ नामक एक दैनिक समाचारपत्र शुरू किया था
06 फरवरी 1931 को 69 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था।
मोतीलाल नेहरू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नेता, एक प्रसिद्ध वकील और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख सदस्य थे। वे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता थे।
मोतीलाल नेहरू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इलाहाबाद और आगरा से प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड में कानून की शिक्षा ली और एक प्रतिष्ठित वकील बने।
आशा है कि आपको मोतीलाल नेहरू का जीवन परिचय (Motilal Nehru Biography in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।