Mamta Kaliya Ka Jivan Parichay: ममता कालिया आधुनिक हिंदी साहित्य में साठोत्तरी महिला कहानीकारों में अपना प्रमुख स्थान रखती हैं। उन्होंने कविता, कहानी, उपन्यास, संस्मरण, नाटक, यात्रा वृतांत और निबंधों से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है। बता दें कि वे हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं की रचनाकार हैं। एक प्रतिष्ठित कहानीकार, उपन्यासकार होने के साथ ही उन्होंने भारत के कई विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य किया है। वहीं अनेक कहानी संकलनों का संपादन के अलावा वे लगभग 05 वर्षों तक ‘महात्मा गाँधी हिंदी अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय’, वर्धा की इंग्लिश पत्रिका ‘भ्पदकप’ की संपादक रही हैं।
ममता कालिया को साहित्य और शिक्षा में अपना विशेष योगदान देने के लिए ‘साहित्य भूषण सम्मान’, ‘यशपाल कथा सम्मान’ और के.के. बिड़ला न्यास का ‘व्यास सम्मान’ आदि से सम्मानित किया जा चुका हैं। बता दें कि ममता कालिया की कई रचनाओं को विद्यालय के अलावा बीए और एमए के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं।
इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी ममता कालिया का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब हम प्रसिद्ध कथाकार और लेखिका ममता कालिया का जीवन परिचय (Mamta Kaliya Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | ममता कालिया (Mamta Kaliya) |
जन्म | 2 नवंबर, 1940 |
जन्म स्थान | वृंदावन, उत्तर प्रदेश |
पिता का नाम | विद्याभूषण अग्रवाल |
शिक्षा | एम.ए अंग्रेजी (दिल्ली विश्वविद्यालय) |
पेशा | प्राध्यापिका, लेखिका, कथाकार |
भाषा | हिंदी, अंग्रेजी |
विधाएँ | उपन्यास, कहानी, कविता, नाटक, यात्रा वृतांत, संस्मरण |
पति का नाम | रवींद्र कालिया |
साहित्य काल | साठोत्तरी कहानी (आधुनिक काल) |
पुरस्कार एवं सम्मान | ‘साहित्य भूषण सम्मान’, ‘यशपाल कथा सम्मान’, ‘कहानी सम्मान’, ‘रचना पुरस्कार’ आदि। |
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वृंदावन शहर में हुआ था जन्म
ममता कालिया का जन्म 02 नवंबर, 1940 को उत्तर प्रदेश के वृंदावन शहर में एक संपन्न परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम विद्याभूषण अग्रवाल था जो आकाशवाणी में कार्यरत थे और अंग्रेजी व हिंदी साहित्य के विद्वान थे। बताया जाता है कि उनकी शिक्षा मुंबई, पूना, नागपुर, इंदौर और दिल्ली जैसे शहरों में हुई थी। उन्होंने ‘दिल्ली विश्वविद्यालय’ से अंग्रेजी साहित्य में एम.ए की डिग्री प्राप्त की। बता दें कि कॉलेज में अध्ययन के दौरान उनका साहित्य के क्षेत्र में पर्दापण हो गया था। उन्होंने बी.ए में पढ़ते कविता लिखना शुरू कर दिया था।
प्राध्यापिका के रूप में की करियर की शुरुआत
एम.ए की पढ़ाई करने के बाद वे वर्ष 1963-65 के बीच ‘दौलत राम कॉलेज’, दिल्ली विश्वविद्यालय में अंग्रेजी की प्रध्यापिका रहीं। फिर उन्होंने 1966-70 तक ‘एसएनडीटी महिला विश्व विद्यालय’, मुंबई में अध्यापन कार्य किया। इसके बाद वे वर्ष 1973-2001 तक महिला सेवा सदन डिग्री कॉलेज, इलाहाबाद में प्रिंसिपल रहीं। फिर वे वर्ष 2003 से 2006 तक ‘भारतीय भाषा परिषद’, कलकत्ता की निदेशक रहीं। वर्तमान में वे स्वतंत्र लेखन कर रही हैं।
वैवाहिक जीवन
ममता कालिया का विवाह हिंदी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार ‘रवींद्र कालिया’ से हुआ था। इनके दो बच्चे हैं अनिरुद्ध और प्रबुद्ध।
ममता कालिया की रचनाएँ – Mamta Kaliya Ki Rachnaye
ममता कालिया ने आधुनिक हिंदी साहित्य की सभी विधाओं में अपनी लेखनी चलाई हैं और हिंदी साहित्य का समृद्ध किया है। यहाँ ममता कालिया का जीवन परिचय (Mamta Kaliya Ka Jivan Parichay) के साथ ही उनकी संपूर्ण रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-
उपन्यास
- बेघर
- नरक दर नरक
- तीन लघु उपन्यास
- दौड़
- दुक्खम-सुक्खम
- सपनों की होम डिलिवरी
- कल्चर-वल्चर
- एक पति के नोट्स
- प्रेम कहानी
- लड़कियाँ
कहानी-संग्रह
- छुटकारा
- सीट नंबर छह
- उसका यौवन
- एक अदद औरत
- जाँच अभी जारी है
- निर्मोही
- मुखौटा
- बोलने वाली औरत
- थोड़ा सा प्रगतिशील
- ख़ुशक़िस्मत
- पच्चीस साल की लड़की
- थिएटर रोड के कौवे
कविता-संग्रह
- खाँटी घरेलू औरत
- पचास कविताएँं
- कितने प्रश्न करूँ
संस्मरण
- कल परसों के बरसों
- कितने शहरों में कितनी बार।
निबंध-संग्रह
- भविष्य का स्त्राी विमर्श
- स्त्राी विमर्श का यथार्थ
पुरस्कार एवं सम्मान
ममता कालिया (Mamta Kaliya Ka Jivan Parichay) को आधुनिक हिंदी साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- साहित्य भूषण सम्मान
- यशपाल कथा सम्मान
- राम मनोहर लोहिया सम्मान (उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा)
- वनमाली सम्मान
- वाग्देवि सम्मान
- रचना पुरस्कार
- कहानी सम्मान
- सीता स्मृति सम्मान
- कमलेश्वर स्मृति सम्मान
- के.के.बिड़ला न्यास का व्यास सम्मान
- साप्ताहिक हिंदुस्तान का श्रेष्ठ कहानी पुरस्कार
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ प्रसिद्ध कथाकार और लेखिका ममता कालिया का जीवन परिचय (Mamta Kaliya Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
उनका जन्म 02 नवंबर, 1940 को उत्तर प्रदेश के वृंदावन शहर में हुआ था।
उनके पति का नाम रवींद्र कालिया है।
यह ममता कालिया का लोकप्रिय उपन्यास है इसका प्रकाशन वर्ष 2011 में हुआ था।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एम.ए की डिग्री प्राप्त की थी।
यह ममता कालिया की बहुचर्चित रचना है।
आशा है कि आपको प्रसिद्ध कथाकार और लेखिका ममता कालिया का जीवन परिचय (Mamta Kaliya Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।