Odisha Foundation Day 2023: कैसे और क्यों हुई उत्कल दिवस की शुरुआत?

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utkal divas

हर साल ओडिशा में 1 अप्रैल के दिन उत्कल दिवस- odisha foundation day मनाया जाता है। इसे ओडिशा दिवस के नाम से भी जाना जाता है। 1936 में 1 अप्रैल के दिन भाषा के आधार पर एक राज्य के तौर पर उत्कल प्रांत का गठन हुआ था। भाषा के आधार पर गठित यह देश का पहला राज्य था। इसे अंग्रेज़ी में ओरिशा (ओडिशा) कहा जाता था। इसकी स्थापना का जश्न मनने के लिए उत्कल दिवस यानि odisha foundation day मनाया जाता है। 

उत्कल दिवस कब मनाया जाता है?

उत्कल दिवस जिसे ओडिशा डे (odisha foundation day) के नाम से भी जाना जाता है, हर साल 1 अप्रैल के दिन मनाया जाता है। इस साल 1 अप्रैल 2023 के दिन ओडिशा अपना 88वां स्थापना दिवस मनाएगा। 

उत्कल दिवस क्यों मनाया जाता है?

उत्कल दिवस ओडिशा राज्य की एक अलग राजनीतिक पहचान हासिल करने के दिवस के रूप में मनाया जाता है। निवासियों के बीच एकता की भावना को प्रोत्साहन देना utkal divas मानाने का एक बड़ा कारण है। इसके साथ ही odisha foundation day ओडिशा राज्य के संघर्ष की याद को बरकरार रखने में अहम योगदान देता है। 

उत्कल दिवस 2023 थीम 

इस साल 2023 में utkal divas यानि odisha foundation day की थीम है – “उड़िया संस्कृति और विरासत की विरासत का जश्न”। यह थीम ओडिशा की विशाल संस्कृति और परम्पराओं पर प्रकाश डालती है। इस साल ओडिशा दिवस की थीम ओडिया भाषा, संस्कृति, कला, नृत्य और साहित्य के बारे में जागरूकता फ़ैलाने और प्रोत्साहन करने का काम करती है। वास्तुकला, मूर्तिकला, विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में ओडिशा के योगदान को रेखांकित करना इस थीम का उद्देश्य है। इसके अंतर्गत तरह- तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। ऐसे समारोहों के माध्यम से ओडिशा राज्य की अद्बुध संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने का मंच दिया जाएगा।  

ओडिशा का इतिहास 

ओडिशा राज्य 1 अप्रैल 1936 को एक स्वतंत्र प्रांत के रूप में अस्तित्व में आया। आजादी से पहले ब्रिटिश शासन के अंतर्गत ओडिशा बंगाल प्रेसीडेंसी का एक हिस्सा था। तीन सदियों के लंबे संघर्ष के बाद 1 अप्रैल 1936 को राज्य बंगाल और बिहार प्रांत से अलग हो गया था। तब से 1 अप्रैल को ओडिशा स्थापना दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। क्योंकि इस दिन मद्रास प्रेसीडेंसी के कुछ हिस्सों को अलग-अलग राज्यों में विभाजित कर दिया गया था।

आज़ादी के बाद ओडिशा और आस- पास की रियासतों ने नई नवेली भारत सरकार को अपनी सत्ता सौंप दी थी। ओडिशा राज्य की एक अलग ब्रिटिश भारत प्रांत के रूप में स्थापना की गई थी। इसको याद करते हुए और साथ ही सभी नागरिकों में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए odisha foundtion day – utkal divas का आयोजन किया जाता है। प्राचीनकाल में, ओडिशा कलिंग साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था। अशोक द्वारा इसे 250 ईसा पूर्व में जीत लिया गया था। तबसे लगभग एक सदी तक यहाँ मौर्य वंश का शासन रहा। 

ओडिशा की संस्कृति और इतिहास बहुत समृद्ध है। महाभारत में इसका कई बार उल्लेख मिलता है। प्राचीन इतिहास में इसका अलग- अलग नामों जैसे कलिंग, उत्कल, उद्र, तोशाली और कोसल से उल्लेख मिलता है। 

ओडिशा राज्य वर्तमान 

ओडिशा राज्य में वर्तमान में 30 ज़िले हैं। क्षेत्रफल के अनुसार यह देश का 8वां और जनसँख्या के अनुसार 11वां सबसे बड़ा राज्य है। आदिवासियों की जनसंख्या के मामले में ओडिशा भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। 1135 से लेकर 1948 तक कटक ओडिशा राज्य की राजधानी रही। इसके बाद भुवनेश्वर ओडिशा की राजधानी बनी। भारतीय संसद द्वारा 9 नवंबर 2010 को उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा रख दिया गया। ओडिशा को भगवान जगन्नाथ की भूमि भी कहा जाता है। 

यह था उत्कल दिवस पर हमारा ब्लॉग। ऐसे ही अन्य महत्त्वपूर्ण दिवसों पर जानकरी के लिए बने रहिए हमारी वेबसाइट के साथ।

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