अमरकांत हिंदी कथा साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकारों में से एक माने जाते हैं। ‘साहित्य अकादमी’ और वर्ष 2009 में ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित कथाकार अमरकांत, मुंशी प्रेमचंद के बाद यथार्थवादी धारा के प्रमुख कहानीकार हैं। हिंदी साहित्य जगत में उन्हें भारत का ‘मैक्सिम गोर्की’ भी कहा जाता है। इस लेख में अमरकांत का जीवन परिचय और उनकी साहित्यिक उपलब्धियां के बारे में बताया गया है।
| नाम | अमरकांत |
| मूल नाम | श्रीराम वर्मा |
| जन्म तिथि | 1 जुलाई 1925 |
| पिता का नाम | सीताराम वर्मा |
| माता का नाम | अनंती देवी |
| पत्नी का नाम | गिरिजा देवी |
| पुत्र का नाम | अरुणवर्धन और अरविंद |
| पुत्री का नाम | संध्या |
| साहित्यक सम्मान | साहित्य अकादमी पुरस्कार, ज्ञानपीठ पुरस्कार, व्यास सम्मान |
| मृत्यु | 17 फरवरी 2014 |
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अमरकांत का जीवन और साहित्यिक सफर
अमरकांत का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगारा गांव में 1 जुलाई 1925 को हुआ था। उनके पिता का नाम सीताराम वर्मा और माता का नाम अनंती देवी था। बताया जाता है कि उनका वास्तविक नाम ‘श्रीराम वर्मा’ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव बलिया में ही हुई थी।
यह वह दौर था जब पूरे भारत में ब्रिटिश हुकूमत से आज़ादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम चल रहा था। इसी दौरान उनका संपर्क स्वतंत्रता आंदोलन के सेनानियों से हुआ। बचपन से ही उन्हें साहित्य सृजन में गहरी रुचि थी और किशोरावस्था से उन्होंने कहानी-लेखन प्रारंभ कर दिया था।
इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, सन 1942 के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में भाग लेने के कारण उनकी आगे की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई। आधुनिक भारत के निर्माता पंडित जवाहरलाल नेहरू उनके प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। इसके बाद वे स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए।
अमरकांत का साहित्यिक जीवन
कथाकार अमरकांत ने अपने साहित्यिक जीवन की शुरुआत पत्रकारिता से की थी। सबसे पहले उन्होंने आगरा से प्रकाशित होने वाले दैनिक पत्र ‘सैनिक’ के संपादकीय विभाग में कार्य करना शुरू किया। यहीं वे ‘प्रगतिशील लेखक संघ’ से भी जुड़े।
अमरकांत हिंदी कथा साहित्य में कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद के बाद यथार्थवादी धारा के प्रमुख कहानीकार माने जाते थे। उन्होंने अपनी कहानियों में ग्रामीण और शहरी जीवन का सजीव चित्रण किया है। वे मुख्यतः मध्यवर्ग के जीवन की वास्तविकता और विसंगतियों को व्यक्त करने वाले कहानीकार माने जाते थे।
हिंदी साहित्य जगत में उनको भारत के ‘मैक्सिम गोर्की’ के नाम से भी जाना जाता था। यह नाम हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध लेखक ‘यशपाल’ जी ने उन्हें दिया था। अमरकांत का निधन 17 फरवरी, 2014 को इलाहाबाद में हुआ था।
जानिए अमरकांत की साहित्यिक रचनाएँ
नीचे उनकी प्रमुख साहित्यिक कृतियों की सूची दी गई है:-
कहानी-संग्रह
- जिंदगी और जोंक
- देश के लोग
- मौत का नगर
- मित्र-मिलन
- कुहासा
- तूफ़ान
- कला प्रेमी
- एक धनि व्यक्ति का बयान
- सुख और दुःख का साथ
- जांच और बच्चे
- औरत का क्रोध
- दस प्रतिनिधि कहानियां
- अमरकांत की संपूर्ण कहानियां (दो खंडों में)।
उपन्यास
- सूखा पत्ता
- ग्राम सेविका
- काले उजले दिन
- सुखजीवी
- बीच की दीवार
- इन्हीं हथियारों से
- पराई दाल का पंछी
- कंटीली राह में फूल
- सुन्नर पांडे की पतोह
- आकाश पंछी
- विदा की रात
- लहरें।
संस्मरण
- कुछ यादें, कुछ बातें
- दोस्ती
बाल साहित्य
- नेउर भाई
- वानर सेना
- खूंटा में दाल है
- सुग्गी चाची का गाँव
- झगरू लाल का फैसला
- एक स्त्री का सफर
- मंगरी
- सच्चा दोस्त
- बाबू का फैसला
- दो हिम्मती बच्चे
अमरकांत की साहित्यिक विशेषताएँ
अमरकांत की साहित्यिक विशेषताएं नीचे बिंदुवार दी गई हैं:-
- कथाकार अमरकांत मुंशी प्रेमचंद के बाद यथार्थवादी धारा के प्रमुख कहानीकार थे।
- इनकी कहानियों में ग्रामीण और शहरी जीवन का सजीव चित्रण देखने को मिलता हैं।
- अमरकांत ने अपनी कहानियों में मुख्य रूप से मध्य वर्ग और निर्धन तबके के जीवन की विसंगतियों व वास्तविकता वर्णन प्रस्तुत किया है।
- समाज में फैली अमानवीयता, ह्रदयहीनता, भ्र्ष्टाचार और पाखंड को इन्होंने अपनी कहानियों का मुख्य विषय बनाया हैं।
यह भी पढ़ें: कवयित्री और कथाकार अनामिका का जीवन परिचय
अमरकांत की प्रमुख साहित्यिक उपलब्धियाँ
अमरकांत की प्रमुख साहित्यिक उपलब्धियां इस प्रकार हैं:-
- साहित्य अकादमी सम्मान – 2007
- ज्ञानपीठ पुरस्कार – 2009
- व्यास सम्मान – 2010
- सोवियतलैंड नेहरू पुरस्कार
- उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार
- मैथलीशरण गुप्त पुरस्कार
- जन संस्कृति सम्मान
- यशपाल पुरस्कार
- मध्य प्रदेश राज्य का ‘अमरकांत कीर्ति’ सम्मान
FAQs
अमरकांत का जन्म 1 जुलाई 1925 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगारा गांव में हुआ था।
अमरकांत के पिता का नाम सीताराम वर्मा और माता का नाम अनंती देवी था।
‘इन्हीं हथियारों से’ उपन्यास के लिए अमरकांत को वर्ष 2007 में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
जिंदगी और जोंक अमरकांत की लोकप्रिय कहानी है।
आशा है आपको प्रख्यात साहित्यकार अमरकांत का जीवन परिचय पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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