Savitribai Phule Ka Jivan Parichay: सावित्रीबाई फुले का नाम भारत की प्रथम नारीवादियों में गिना जाता है। वह देश की पहली महिला शिक्षिका थीं। उन्होंने अपने पति समाजसेवी महात्मा ज्योतिबा फुले (Jyotirao Phule) के साथ मिलकर वर्ष 1848 में बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की थी। इस स्कूल में सावित्रीबाई फुले प्रधानाध्यापिका भी थीं। इसके साथ ही सावित्रीबाई फुले को आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत भी माना जाता है। बता दें कि हर वर्ष भारत में 03 जनवरी को सावित्रीबाई फुले की जयंती (Savitribai Phule Jayanti 2025) मनाई जाती है। इस ब्लॉग में सावित्रीबाई फुले का जीवन परिचय (Savitribai Phule Ka Jivan Parichay) और उनके कार्यों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
नाम | सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) |
जन्म | 03 जनवरी, 1831 |
जन्म स्थान | नायगांव, सतारा जिला, महाराष्ट्र |
पिता का नाम | खन्दोजी नैवेसे पाटिल (Khandoji Navse Patil) |
माता का नाम | लक्ष्मीबाई (LaxmiBai) |
पति का नाम | महात्मा ज्योतिबा फुले (Jyotirao Phule) |
संतान | यशवंत फुले |
उल्लेखनीय कार्य | विद्यालय की स्थापना (पुणे), टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम, अहमदनगर |
निधन | 10 मार्च, 1897 पुणे, महाराष्ट्र |
जीवनकाल | 66 वर्ष |
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सावित्रीबाई फुले की जीवनी – Savitribai Phule Ka Jivan Parichay
सावित्रीबाई फुले का जन्म 03 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित नायगांव नामक छोटे से गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम ‘खंडोजी नैवेसे पाटिल’ और माता का नाम ‘लक्ष्मीबाई’ था। महज 9 वर्ष की अल्प आयु में सावित्रीबाई फुले का विवाह ‘ज्योतिबा फुले’ (Jyotirao Phule) से हुआ था, उस समय ज्योतिबा फुले भी महज 13 वर्ष के थे। अपने विवाह के समय, सावित्रीबाई फुले के पास कोई औपचारिक शिक्षा नहीं थी। वहीं ज्योतिबा फुले उस समय तीसरी कक्षा में पढ़ते थे।
भारत की पहली महिला शिक्षिका बनीं
सावित्रीबाई फुले ने अपने पति ज्योतिबा फुले से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने 17 वर्ष की आयु में अपने पति महात्मा ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर वर्ष 1848 में महाराष्ट्र के पुणे में बालिकाओं के लिए एक स्कूल खोला, जो लड़कियों के लिए देश का पहला स्कूल माना जाता है। फिर वर्ष 1951 के आसपास उन्होंने लड़कियों के लिए दूसरा स्कूल खोला। इसके साथ ही उन्होंने स्त्रियों के अधिकारों, अशिक्षा, छुआछूत, सतीप्रथा व बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई।
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सावित्रीबाई फुले का निधन
सावित्रीबाई फुले ने अपना संपूर्ण जीवन समाज सुधार और स्त्री शिक्षा के लिए समर्पित कर दिया था। वहीं सावित्रीबाई फुले की मृत्यु 10 मार्च, 1897 को प्लेग के मरीजों की देखभाल करने के दौरान हुई थी। किंतु आज भी उन्हें उनके संघर्ष और योगदान के लिए याद किया जाता है।
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सावित्रीबाई फुले के अनमोल विचार – Savitribai Phule Quotes in Hindi
यहाँ सावित्रीबाई फुले का जीवन परिचय (Savitribai Phule Ka Jivan Parichay) के साथ ही उनके कुछ अनमोल विचारों के बारे में बताया गया हैं:-
- किसी समाज या देश की प्रगति तब तक संभव नहीं जब तक कि वहां कि महिलाएं शिक्षित ना हों।
- शिक्षा हर महिला की मुक्ति की कुंजी है।
- बेटी के विवाह से पूर्व उसे शिक्षित बनाओ ताकि वह अच्छे-बुरे में फर्क कर सके।
- जितना अधिक आप जानते हैं, आपके डरने की संभावना उतनी ही कम होगी।
- स्वाभिमान से जीने के लिए पढ़ाई करो, पाठशाला ही मनुष्य का सच्चा गहना है।
- एक सशक्त और शिक्षित स्त्री सभ्य समाज का निर्माण कर सकती है। इसलिए तुम्हारा भी शिक्षा का अधिकार होना चाहिए। कब तक तुम गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी रहोगी, उठो और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करो।
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पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ भारत की प्रथम महिला टीचर सावित्रीबाई फुले का जीवन परिचय (Savitribai Phule Ka Jivan Parichay) के साथ ही हिंदी साहित्य के अन्य साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही है। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के नयागांव में हुआ था।
सावित्रीबाई फुले के पति का नाम महात्मा ज्योतिबा फुले था।
बता दें कि सावित्रीबाई फुले ने 3 जनवरी 1848 में पुणे में अपने पति के साथ मिलकर विद्यालय की स्थापना की थी।
सावित्रीबाई फुले का प्लेग की बीमारी के कारण 10 मार्च 1897 को निधन हो गया था।
सावित्रीबाई फुले और उनके पति, समाज सुधारक ज्योतिराव फुले ने वर्ष 1848 में पुणे शहर में लड़कियों के लिए एक स्कूल शुरू किया और वह इसकी पहली शिक्षिका बनीं।
सावित्री बाई फुले ने अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर लड़कियों के लिए लगभग 18 स्कूल खोले थे।
आशा है कि आपको भारत की पहली महिला टीचर सावित्रीबाई फुले का जीवन परिचय (Savitribai Phule Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।