क्या आप जानते हैं महान अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन भारत के उन चुनिंदा व्यक्तियों में से एक हैं जिन्हें ‘नोबेल पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका हैं। अमर्त्य सेन को कल्याणकारी अर्थव्यवस्था का जनक माना जाता हैं। वह एक अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ, एक मानववादी, लेखक और फिलॉस्फर भी हैं। इन्होंने अपने जीवन में लोगों की प्रगति और विकास के लिए लोकतंत्र, स्त्री-पुरुष असमानता, गरीबी और सामाजिक मुद्दों जैसे गंभीर विषयों पर कई पुस्तकें भी लिखी हैं। वर्ष 1999 में प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को उनके लोक कल्याणकारी कार्यों के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” से भी नवाज़ा गया था। आइए अब हम Amartya Sen Biography in Hindi में उनके जीवन और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | अमर्त्य सेन |
जन्म | 3 नवंबर 1933 |
जन्म स्थान | शांति निकेतन, कोलकता |
शिक्षा | PhD |
पेशा | अर्थशास्त्री, लेखक |
पिता का नाम | आशुतोष सेन |
माता का नाम | अमिता सेन |
प्रकाशित किताब | गरीबी और अकाल, आर्थिक विकास और स्वातंत्र्य, आर्थिक विषमताएं, भारत विकास की दिशाएं आदि। |
सम्मान | “नोबेल पुरस्कार” (1998), “भारत रत्न” (1999), राष्ट्रीय मानवता पदक आदि। |
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अमर्त्य सेन का प्रारंभिक जीवन
अमर्त्य सेन का जन्म 3 नवंबर 1933 को शांतिनिकेतन, पश्चिम बंगाल में हुआ था। लेकिन उनका पैतृक घर ‘ढाका’ (वर्तमान बांग्लादेश की राजधानी) में रमना विश्वविद्यालय परिसर के पास था। इनके पिता का नाम आशुतोष सेन था जो ढाका विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान पढ़ाते थे और इनकी माता का नाम ‘अमिता सेन’ था। जो शांतिनिकेतन में, रवीन्द्रनाथ टैगोर के विश्व-भारती (एक स्कूल और एक कॉलेज दोनों) की छात्र रही थी। बता दें कि इनके नाना ‘क्षिति मोहन सेन’ शांतिनिकेतन में संस्कृत के साथ-साथ प्राचीन और मध्यकालीन भारतीय संस्कृति पढ़ाते थे।
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अमर्त्य सेन की शिक्षा और करियर
अमर्त्य सेन की प्रारंभिक शिक्षा शांतिनिकेतन में ही हुई इसके बाद इन्होने कलकत्ता के ‘प्रेसीडेंसी कॉलेज’ और फिर कैम्ब्रिज के ‘ट्रिनिटी कॉलेज’ में पढ़ाई की। इसके बाद इन्होने इन दोनों शहरों के विश्वविद्यालयों के साथ-साथ ‘दिल्ली विश्वविद्यालय’, ‘लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स’, ‘ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय’ और ‘हार्वर्ड विश्वविद्यालय’ में अध्यापन कार्य किया। इसके आलावा इन्होंने एम.आई.टी., स्टैनफोर्ड, बर्कले और कॉर्नेल में एक विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में पढ़ाया। क्या आप जानते हैं कि अमर्त्य सेन ‘नालंदा विश्वविधालय’ के प्रथम चांसलर भी रह चुके हैं। जो प्राचीन काल में उच्च शिक्षा का केंद्र माना जाता था।
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अमर्त्य सेन के कार्य
बता दें कि अमर्त्य सेन का ‘द्वितीय पंचवर्षीय योजना’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अमर्त्य सेन ने महालनोबिस के द्वि-विभागीय कमियों को दूर करने के लिए ‘प्रोफेसर के.एन.राज’ के साथ मिलकर चार विभागों वाला एक वैज्ञानिक मॉडल प्रस्तुत किया था जिसे ‘राज-सेन मॉडल’ के नाम से जाना जाता हैं। उनका मानना था कि शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे कार्यक्रमों को सरकार को अपनी देखरेख में करना चाहिए।
अमर्त्य सेन की प्रकाशित किताबें
भारत के महान अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने मनुष्य के लोक कल्याण के लिए लोकतंत्र, स्त्री-पुरुष असमानता, गरीबी और सामाजिक मुद्दों जैसे गंभीर विषयों पर कई पुस्तकें भी लिखी हैं। यहाँ Amartya Sen Biography in Hindi में उनकी कुछ प्रमुख किताबों के बारे में बताया गया है। जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-
किताब | प्रकाशन वर्ष |
कलेक्टिव चॉइस एंड सोशल वेलफेयर | वर्ष 1970 |
ऑन इकोनोमिक इनइक्वालिटी | वर्ष 1973 |
गरीबी और अकाल | वर्ष 1981 |
चॉइस, वेलफेयर एंड मेज़रमेंट | वर्ष 1982 |
कोमोडिटीज़ एंड केपेबिलिटीज़ | वर्ष 1985 |
ऑन एथिक्स एंड इकोनोमिक्स | वर्ष 1987 |
हंगर एंड पब्लिक एक्शन | वर्ष 1989 |
डेवलपमेंट एस फ्रीडम | वर्ष 1999 |
आर्थिक विकास और स्वतंत्रता | वर्ष 2001 |
रैशनैलिटी एंड फ्रीडम | वर्ष 2002 |
द आर्गयुमेंटेंटिव इंडियन | वर्ष 2005 |
आइडेंटिटी एंड वायलेन्स | वर्ष 2006 |
पावर्टी एंड इनक्वॉलिटी | वर्ष 2006 |
द आईडिया ऑफ़ जस्टिस | वर्ष 2009 |
द कंट्री ऑफ फर्स्ट बॉयज़ | वर्ष 2015 |
भारत और उसके विरोधाभास | वर्ष 2018 |
होम इन द वर्ल्ड: ए मेमॉयर | वर्ष 2021 |
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सम्मान और उपलब्धियां
प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को उनके लोककल्याण कार्यों के लिए भारत के साथ साथ विदेशों में भी कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका हैं। Amartya Sen Biography in Hindi में अब हम उन्हें मिले कुछ प्रमुख सम्मान और पुरस्कारों के बारे में बता रहे हैं। जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-
- वर्ष 1954 में अमर्त्य सेन को “एडम स्मिथ पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।
- वर्ष 1998 में अमर्त्य सेन को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में किए गए कार्यों की महत्ता को देखते हुए उन्हें “नोबेल पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।
- वर्ष 1999 में उनके लोक कल्याणकारी कार्यों के लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” से भी नवाज़ा गया था।
- वर्ष 2004 में ‘इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स’ द्वारा अमर्त्य सेन को ‘लाइफ टाइम अचिवमेंट पुरस्कार’ दिया गया।
- वर्ष 2011 में उन्हें नेशनल ह्यूमैनिटीज मेडल से सम्मनित किया गया।
- वर्ष 2014 में अमर्त्य सेन को NDTV ‘25 ग्रेटेस्ट ग्लोबल लिविंग लेजेंड्स इन इंडिया’ से सुशोभित किया गया।
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