Sharad Joshi Biography in Hindi: शरद जोशी आधुनिक हिंदी साहित्य के सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार माने जाते हैं। उन्होंने व्यंग्य लेख, उपन्यास, नाटक के अतिरिक्त हास्य-व्यंग्यपूर्ण धारावाहिकों और फिल्मों के लिए पटकथाएं और संवाद लिखे हैं। वहीं, हिंदी व्यंग्य को ख्याति दिलाने वाले व्यंगकारों में वे अपना उच्च स्थान रखते हैं। इसके अलावा उन्होंने नई दुनिया, कादम्बरी, ज्ञानोदय और नवभारत टाइम्स जैसे अखबारों व पत्रिकाओं के लिए नियमित रूप से लेखन कार्य किया। बता दें कि हिंदी साहित्य में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें वर्ष 1990 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान “पद्मश्री” से नवाजा गया था। इस वर्ष 21 मई को उनकी 93वीं वर्षगांठ है।
आपको बता दें कि शरद जोशी की कई व्यंग्य रचनाओं को विद्यालय के अलावा बीए और एमए के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी शरद जोशी का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है।
आइए अब प्रख्यात व्यंगकार शरद जोशी का जीवन परिचय (Sharad Joshi Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | शरद जोशी (Sharad Joshi) |
जन्म | 21 मई, 1931 |
जन्म स्थान | उज्जैन, मध्य प्रदेश |
पिता का नाम | श्रीनिवास जोशी |
माता का नाम | शांती जोशी |
पत्नी का नाम | इरफाना सिद्दीकी |
शिक्षा | स्नातक |
पेशा | लेखक, पटकथा लेखक, व्यंग्यकार |
विधाएँ | व्यंग्य, नाटक, उपन्यास, कॉलम लेखन |
भाषा | हिंदी |
साहित्य काल | आधुनिक काल |
पुरस्कार एवं सम्मान | पद्मश्री, चकल्लस पुरस्कार, काका हाथरसी सम्मान |
निधन | 05 सितंबर 1991, मुंबई |
This Blog Includes:
- मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुआ था जन्म – Sharad Joshi Ka Jivan Parichay
- शिक्षा और लेखन कार्य
- व्यंग्य लेखन में बनाई अपनी पहचान
- वैवाहिक जीवन
- फिल्मों और धारवाहिकों के लिए किया लेखन कार्य
- संपादन कार्य
- शरद जोशी की रचनाएँ – Sharad Joshi Ki Rachnaye
- पुरस्कार एवं सम्मान
- मुंबई में हुआ निधन
- पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
- FAQs
मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुआ था जन्म – Sharad Joshi Ka Jivan Parichay
सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार शरद जोशी का जन्म 21 मई, 1931 को मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘श्रीनिवास जोशी’ था जो कि पेशे से डिपो प्रबंधक के पद पर कार्यरत थे। उनकी माता का नाम ‘शांती जोशी’ था जो कि एक गृहणी थी। नौकरी के दौरान उनके पिता का स्थानांतरण कई स्थानों पर हुआ था जिसके कारण उनका बचपन मध्य प्रदेश के कई स्थानों पर बीता।
शिक्षा और लेखन कार्य
बताया जाता है कि शरद जोशी की प्रारंभिक शिक्षा उज्जैन में हुई थी। इसके बाद उन्होंने दौलतगंज मिडिल हाई स्कूल की परीक्षा पास करने के उपरांत इंदौर के शासकीय होल्कर विज्ञान महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। बता दें कि अपने अध्ययन के दौरान ही उनका साहित्य के क्षेत्र में पर्दापण हो गया था। शुरुआत में वे कहानियाँ लिखते थे लेकिन बाद में पूरी तरह व्यंग्य लेखन ही करने लगे।
व्यंग्य लेखन में बनाई अपनी पहचान
सन् 1950 के दशक में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत समाचार पत्रों और रेडियो में बतौर लेखक के रूप में की थी। इसके बाद वे कुछ समय तक मध्य प्रदेश सरकार के सूचना एवं प्रकाशन विभाग में कार्यरत रहे। लेकिन कुछ समय बाद ही उन्होंने यहाँ से इस्तीफा दे दिया और लेखन को ही आजीविका के रूप में अपना लिया। जो उनके जीवन के अंत तक जारी रहा। उन्होंने अपनी हास्य विनोद वाली व्यंग्य शैली से देश में घटित सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक कुरीतियों और तात्कालिक विसंगतियों का सजीव चित्रण किया था। वहीं, उनके व्यंग्य पाठकों द्वारा सराहे जाते थे।
वैवाहिक जीवन
शरद जोशी का विवाह ‘इरफाना सिद्दीकी’ के साथ हुआ था। जो कि एक लेखिका, रेडियो कलाकार और थिएटर आर्टिस्ट थी। इन दोनों की बेटी का नाम ‘नेहा शरद’ है।
फिल्मों और धारवाहिकों के लिए किया लेखन कार्य
साहित्य की कई विधाओं में अपनी लेखनी चलाने के साथ ही उन्होंने फिल्मों और धारवाहिकों के लिए पटकथाएं और संवाद लिखे थे। इनमें ‘यह जो है ज़िन्दगी’, ‘विक्रम और बेताल’, ‘सिंहासन बत्तीसी’, ‘वाह जनाब’, ‘दाने अनार के’ और ‘यह दुनिया ग़ज़ब की’ धारवाहिकों की पटकथाएं शामिल हैं। क्या आप जानते हैं कि दूरदर्शन के लोकप्रिय धारावाहिक ‘मालगुडी डेज़’ (Malgudi Days) के हिंदी संवाद भी उन्होंने ही लिखे थे।
वहीं सिनेमा जगत के लिए उन्होंने ‘क्षितिज’, ‘गोधूलि’, ‘उत्सव’, ‘चोरनी’, ‘साँच को आँच नहीं’, ‘उड़ान’ और ‘दिल है कि मानता नहीं’ जैसी फिल्मों के संवाद भी लिखे।
संपादन कार्य
शरद जोशी ने ‘नई दुनिया’, ‘ज्ञानोदय’, ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’, ‘नवभारत टाइम्स’ जैसे अखबारों के लिए भी नियमित रूप से लेखन कार्य किया था। बताया जाता है कि इंदौर के ‘नई दुनिया’ अखबार में ‘परिक्रमा’ कॉलम से उनकी प्रसिद्धि और लेखक के रूप में पहचान बनी थी। वहीं नवभारत टाइम्स में उनका कॉलम ‘प्रतिदिन’ काफी लोकप्रिय रहा था जो लगातर सात वर्षों तक प्रकाशित हुआ था।
शरद जोशी की रचनाएँ – Sharad Joshi Ki Rachnaye
शरद जोशी आधुनिक हिंदी साहित्य जगत में व्यंग्यकार के रूप में विख्यात हैं। उन्होंने मुख्यत गद्य विधा में अपनी लेखनी चलाई हैं। यहाँ शरद जोशी का जीवन परिचय (Sharad Joshi Ka Jivan Parichay) के साथ ही उनकी संपूर्ण रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-
व्यंग्य रचनाएँ
- मुद्रिका रहस्य
- हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे
- झरता नीम शाश्वत थीम
- जादू की सरकार
- पिछले दिनों
- राग भोपाली
- किसी बहाने
- जीप पर सवार इल्लियां
- रहा किनारे बैठ
- दूसरी सतह
- प्रतिदिन’ (3 खण्ड)
- यत्र-तत्र-सर्वत्र
- नावक के तीर
- नदी में खड़ा कवि
- घाव करे गंभीर
- मेरी श्रेष्ठ व्यंग रचनाएं
व्यंग्य नाटक
- अंधों का हाथी
- एक था गधा उर्फ अलादाद खां
उपन्यास
- मैं, मैं और केवल मैं
पुरस्कार एवं सम्मान
शरद जोशी (Sharad Joshi Ka Jivan Parichay) को आधुनिक हिंदी साहित्य में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- पद्म श्री
- चकल्लस पुरस्कार
- काका हाथरसी सम्मान
मुंबई में हुआ निधन
शरद जोशी ने हिंदी साहित्य में जगत में कई दशकों तक अनुपम व्यंग्य कृतियों का सृजन किया था। किंतु 5 सितंबर, 1991 60 वर्ष की आयु में उनका मुंबई ने निधन हो गया। लेकिन आज भी वे साहित्य संसार में अपनी लोकप्रिय रचनाओं के लिए जाने जाते हैं।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ प्रख्यात व्यंगकार शरद जोशी का जीवन परिचय (Sharad Joshi Biography in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
उनका जन्म 21 मई, 1931 को मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में हुआ था।
उनकी पत्नी का नाम ‘इरफाना सिद्दीकी’ था।
उनकी मुख्य विधा व्यंग्य है।
उन्हें वर्ष 1990 में भारत सरकार द्वारा ‘पद्मश्री’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
उनका निधन 05 सितंबर 1991को मुंबई में हुआ था।
जीप पर सवार इंडिया, शरद जोशी की लोकप्रिय व्यंग्य रचना है।
वर्ष 1990 में शरद जोशी को भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित ‘पद्म श्री’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
आशा है कि आपको प्रख्यात व्यंगकार शरद जोशी का जीवन परिचय (Sharad Joshi Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।